Scenes from the time of destruction(01)-The time of destruction and your role”

विनाश के समय के दृश्य(01)-विनाश का समय और आपकी भूमिका”

( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

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विनाश के समय के दृश्य(01)-विनाश का समय और आपकी भूमिका”

विनाश का समय और आपकी भूमिका

 “विनाश का समय: पाँचों तत्वों काविकराल रूप और ब्राह्मणआत्माओं की जिम्मेदारी!”

प्रकृति और विकारों का अंतिम प्रहार प्रिय दिव्य आत्माओं,

विनाश के अंतिम समय में पाँचों तत्व अपना विकराल रूप धारण  करेंगे। एक ओर प्रकृति प्रलयकारी रूप में  होगी,  तो दूसरी ओर पाँचों विकार अपने

अंतिम प्रहार में होंगे। हर आत्मा  अपने  संस्कारों के अनुसार विभिन्न प्रतिक्रियाएँ देगी

🔹 तमोगुणी आत्माएँ भय और क्रोध से भरकर प्रतिक्रिया देंगी।

🔹 भक्त आत्माएँ अपने-अपने इष्ट को पुकारेंगी।                    

🔹 पुराने संस्कार पुनः उभरकर आत्माओं की परीक्षा लेंगे

– कोई कर्मभोग के रूप में सामने आएंगे,

– कोई पुराने कर्मबंधन के रूप में,

– कोई व्यर्थ संकल्पों और संशयों के रूप में,

– और कोई आलस्य एवं अलबेलेपन के रूप में।

 दुनिया में चारों ओर हलचल और हाहाकार

इस समय चारों ओर भय और दुःख का सागर उमड़ेगा।

 1 राजनीतिक सत्ता अस्थिर हो जाएगी।

2 धार्मिक सत्ता संघर्षों में उलझजाएगी।

3 विज्ञान सत्ता अपने हथियारों के प्रहार से संसार को और अशांत बना देगी।

4 आर्थिक और बाहुबल अपनी शक्ति को बचाने में लगे रहेंगे।

जिन्होंने जीवनभर सुख की खोज की, वे उस समय सबसे अधिक दुःख अनुभव करेंगे। सुख की एक झलक भी दुर्लभ हो जाएगी, और संसार में केवल अंधकार छा जाएगा।

ब्राह्मण आत्माओं की भूमिका:

लाइटहाउस और माइटहाउस बनें

ऐसे समय में केवल एक ही सहारा होगाबाप और बाप के बच्चे।

🔥 समस्त विश्व के अंधकार में सिर्फ एक ही लाइटहाउस चमकेगावह ब्राह्मण आत्माओं का संगठन होगा।

🔥 आपकी स्थिति, आपकी शक्तियाँ, और आपकी योगयुक्त वृत्ति ही दुनिया को सहारा देगी।अभी से अभ्यास करें, क्योंकि वही संजीवनी बनेगा

विनाश के समय वही आत्माएँ विश्व को शक्ति और शांति दे सकेंगी, जो अभी से लाइट और माइट का अभ्यास कर रही हैं।

  संकल्पों की स्थिरता

अचल और अडोल स्थिति

सर्व विकारों से मुक्त और निर्भय स्थिति

निःस्वार्थ प्रेम और रहम की भावना

 यही विशेषताएँ आपको उस समय मानवता के लिए परम प्रकाश बना देंगी।

अब तैयारी का समय है!

विनाश के दृश्य देखकर घबराने की आवश्यकता नहीं।

अपने संकल्पों को स्थिर करें और विश्व परिवर्तन के लिए तैयार रहें!

लाइटहाउस और माइटहाउस बनने की शक्ति को जागृत करें!

 याद रखें, आपका वर्तमान ही भविष्य के दृश्य को निर्धारित करेगा।

तो, “सतत् स्मृति में रहो, शक्तिशाली बनो और विश्व परिवर्तन के निमित्त बनो!” विनाश के समय पांचों तत्वों का विकराल रूप होगा। एक तरफ प्रकृति का विकराल रूप, दूसरी तरफ पांचों ही विकारों का अन्त होने के कारण अति विकराल रूप होगा। सभी अपना लास्ट वार अजमाने वाले होंगे। सर्व आत्माओं के भिन्न-भिन्न रूप होंगे। तमोगुणी आत्माओं का वार होगा, भक्त आत्माओं की भिन्न-भिन्न पुकार होगी, साथ-साथ पुराने संस्कार अपना चांस लेंगे। किसी के पास कर्मभोग के रूप में आयेंगे, किसी के पास कर्म सम्बन्ध के बन्धन के रूप में आयेंगे, किसी के पास व्यर्थ संकल्प के रूप में तो किसी के पास अलबेलेपन और आलस्य के रूप में आयेंगे। चारों ओर हलचल का वातावरण होगा। राज्य सत्ता, धर्म सत्ता, विज्ञान सत्ता और अनेक प्रकार के बाहुबल सदा अपनी सत्ताओ की हलचल में होंगे। चारों ओर और भी ज्यादा दुःख का हाहाकार बढ़ेगा। जितने ज्यादा सुख के साधन है उतना अधिक दुःख का अनुभव करेंगे। सुख की जरा-सी झलक भी नहीं दिखाई देगी। ऐसे टाइम पर सिर्फ एक ही बाप और बाप के बच्चों का सहारा उन्हों को दिखाई देगा। सारे देश में अंधकार के बीच एक ही लाइट हाउस दिखाई देगा। तो ऐसे समय पर लाइट-माइट देने के अभ्यासी आत्मायें चाहिए।

“विनाश का समय और आपकी भूमिका”

🔥 पाँचों तत्वों का विकराल रूप और ब्राह्मण आत्माओं की जिम्मेदारी 🔥

❓ प्रश्न 1: विनाश के समय पाँचों तत्वों का कैसा रूप होगा?

उत्तर: विनाश के समय पाँचों तत्व (धरती, जल, अग्नि, वायु, आकाश) अपना प्रलयंकारी रूप धारण करेंगे।

  • पृथ्वी में भूकंप और दरारें आएँगी।

  • जल प्रलय के रूप में सबकुछ बहा ले जाएगा।

  • अग्नि चारों ओर विनाश फैलाएगी।

  • वायु तूफानों और चक्रवातों से अराजकता बढ़ाएगी।

  • आकाश में अंधकार और भय का वातावरण रहेगा।

❓ प्रश्न 2: इस समय आत्माओं की क्या प्रतिक्रिया होगी?

उत्तर:
हर आत्मा अपने संस्कारों के अनुसार प्रतिक्रिया देगी:

  • तमोगुणी आत्माएँ भय, क्रोध और हिंसा में फंस जाएँगी।

  • भक्त आत्माएँ अपने-अपने इष्ट को पुकारेंगी।

  • पुराने संस्कार उभरकर परीक्षा लेंगे—कर्मभोग, पुराने बंधन, व्यर्थ संकल्प और आलस्य के रूप में।

❓ प्रश्न 3: इस समय दुनिया में क्या हलचल होगी?

उत्तर:
1️⃣ राजनीतिक सत्ता अस्थिर हो जाएगी।
2️⃣ धार्मिक सत्ता संघर्षों में उलझ जाएगी।
3️⃣ विज्ञान सत्ता अपने हथियारों से विनाश बढ़ाएगी।
4️⃣ आर्थिक और बाहुबल अपनी शक्ति को बचाने में लगे रहेंगे।

जिन्होंने जीवनभर सुख की खोज की, वे सबसे अधिक दुःख अनुभव करेंगे। संसार में सिर्फ अंधकार और हाहाकार रहेगा।

❓ प्रश्न 4: ब्राह्मण आत्माओं की भूमिका क्या होगी?

उत्तर:
🔥 इस समय ब्राह्मण आत्माएँ लाइटहाउस और माइटहाउस बनकर संसार को सहारा देंगी।
🔥 उनकी शक्ति, स्थिति और योगयुक्त वृत्ति ही दुनिया को शक्ति देगी।
🔥 विनाश के समय उन्हीं आत्माओं का सहारा होगा, जो अभी से संकल्पों की स्थिरता, अचल-अडोल स्थिति और सर्वविकारों से मुक्त स्थिति का अभ्यास कर रही हैं।

❓ प्रश्न 5: ब्राह्मण आत्माओं को अभी से क्या अभ्यास करना चाहिए?

उत्तर:
संकल्पों की स्थिरता
अचल और अडोल स्थिति
सर्व विकारों से मुक्त और निर्भयता
निःस्वार्थ प्रेम और रहम की भावना

❓ प्रश्न 6: विनाश के दृश्यों को देखकर क्या करना चाहिए?

उत्तर:
डरना नहीं, घबराना नहीं।
स्मृति में रहना, शक्तिशाली बनना और विश्व परिवर्तन के निमित्त बनना।
सभी आत्माओं को शक्ति और शांति का दान देना।
लाइटहाउस और माइटहाउस की स्थिति में स्थित रहकर सभी को संजीवनी देना।याद रखें:
🌟 आपका वर्तमान ही भविष्य के दृश्यों को निर्धारित करेगा।
🌟 सतत् स्मृति में रहो, शक्तिशाली बनो और विश्व परिवर्तन के निमित्त बनो! 🚀🔥

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