परमात्मा के अवतरण की रीति का सत्य रहस्यस्वयं शिव बताते हैं
( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)
“परमात्मा कैसे आते हैं? गीता और मुरली से जानिए परमात्मा के अवतरण का वैज्ञानिक रहस्य |
1. परमात्मा का अवतरण – सर्व धर्मों का मुख्य प्रश्न
प्रारंभिक सवाल:
“परमात्मा कब और कैसे आते हैं?”
हर धर्म की अपनी व्याख्या है – कोई चमत्कार से आने की बात करता है, कोई दूत या अवतार के रूप में।
Murli (24 फरवरी 2025):
“बच्चे, मैं स्वयं आता हूँ जब धर्म की अत्यधिक हानि होती है। मैं एक साधारण शरीर में प्रवेश करता हूँ, किसी के गर्भ से जन्म नहीं लेता।”
उदाहरण:
जैसे डॉक्टर खुद बताए कि वह कैसे ऑपरेशन करता है – वैसे ही परमात्मा स्वयं बताते हैं कि वह कैसे अवतरित होते हैं।
2. केवल परमात्मा ही बता सकते हैं – अपना अवतरण
मुख्य बात:
क्योंकि परमात्मा निराकार हैं – इसलिए उनका आगमन किसी मनुष्य की कल्पना नहीं, केवल ईश्वर की वाणी से जाना जा सकता है।
Murli (15 जनवरी 2025):
“मैं ही आकर बताता हूँ – मैं कैसे आता हूँ, कहाँ आता हूँ और क्यों आता हूँ। यह रहस्य और कोई नहीं जान सकता।”
उदाहरण:
जैसे कलाकार का स्टाइल वही जानता है, वैसे ही परमात्मा का “entry style” भी वही जानते हैं।
3. गीता – ईश्वर द्वारा बोला गया एकमात्र ग्रंथ
मुख्य तथ्य:
सभी शास्त्र मनुष्यों द्वारा लिखे गए हैं।
पर गीता – स्वयं परमात्मा के वचनों का संकलन है।
Murli (1 जुलाई 2025):
“गीता भगवान के महा-वाक्यों से संकलित है, इसलिए वह सभी शास्त्रों की रानी है।”
उदाहरण:
जैसे हस्ताक्षर वाला Contract ही मान्य होता है, वैसे गीता – ईश्वर की वाणी के कारण प्रामाणिक है।
4. परमात्मा अवतरित होते हैं – ब्रह्मा के साधारण तन में
मुख्य रहस्य:
ईश्वर न तो देवी-देवता के रूप में आते हैं, न किसी चमत्कार से।
वे “ब्रह्मा” के तन में प्रवेश करते हैं – यह है ईश्वर के अवतरण की विधि।
Murli (22 नवम्बर 2024):
“मैं इस तन में आता हूँ, जिसे तुम ब्रह्मा कहते हो। यह मेरा रथ है।”
उदाहरण:
जैसे कोई किराए के मकान में रहकर सेवा करता है, वैसे परमात्मा ब्रह्मा के तन का उपयोग करते हैं।
5. परमात्मा का उद्देश्य – धर्म की पुनः स्थापना
अवतरण का कारण:
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जब धर्म क्षीण हो जाता है
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जब आत्माएं अंधकार, पीड़ा और माया के बंधन में होती हैं
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तब परमात्मा ज्ञान देकर उन्हें मोक्षमार्ग पर लाते हैं
Murli (6 दिसम्बर 2024):
“जब दुख ही दुख होता है, तो मैं आकर ज्ञान का सूर्य बन छाया देता हूँ। सत्य धर्म की स्थापना करता हूँ।”
उदाहरण:
जैसे सूर्य अंधकार को मिटाता है, वैसे परमात्मा अज्ञान का अंधकार मिटाते हैं।
6. अवतार और पुनर्जन्म में अंतर – शिव क्यों “अजन्मा” हैं?
मुख्य सत्य:
मनुष्य आत्माएँ जन्म-मरण में आती हैं,
पर परमात्मा शिव –
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कभी जन्म नहीं लेते
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न किसी माता-पिता से जन्म लेते हैं
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न ही देहधारी बनते हैं
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वे केवल “अवतरित” होते हैं
Murli (14 अप्रैल 2025):
“मैं जन्म नहीं लेता, केवल अवतरित होता हूँ। न तो मेरा माँ है, न पिता। मैं स्वयं परमधाम से आता हूँ।”
उदाहरण:
जैसे सूर्य को कोई जन्म नहीं देता – वह प्रकृति में स्वतः आता है।
वैसे ही शिव – स्वयं-प्रकाश स्वरूप हैं।
निष्कर्ष (Conclusion):
परमात्मा का अवतरण कोई दंतकथा नहीं,
बल्कि स्वयं उनके मुख से बोला गया सत्य ज्ञान है।
वे ब्रह्मा के तन में प्रवेश करके मुरली द्वारा आत्माओं को सच्चा ज्ञान देते हैं।
गीता ही वह शास्त्र है जिसमें स्वयं परमात्मा शिव अपना परिचय देते हैं – पर दुर्भाग्य से उसमें उनका नाम हटा दिया गया।
अब समय है – सत्य को पहचानने का, परमात्मा को जानने का, और उनके मार्ग पर चलने का।
प्रश्न 1: परमात्मा कब और कैसे आते हैं?
उत्तर:Murli (24 फरवरी 2025) में स्वयं परमात्मा शिव कहते हैं:
“जब धर्म की अत्यधिक हानि होती है, तब मैं स्वयं आता हूँ। किसी के गर्भ से जन्म नहीं लेता, बल्कि एक साधारण शरीर में प्रवेश करता हूँ।”
उदाहरण:
जैसे डॉक्टर स्वयं बताता है कि वह कैसे ऑपरेशन करता है, वैसे ही परमात्मा स्वयं अवतरण की विधि बताते हैं।
प्रश्न 2: क्या मनुष्य या धर्मगुरु परमात्मा के आने की विधि बता सकते हैं?
उत्तर:नहीं। Murli (15 जनवरी 2025):
“मैं ही आकर बताता हूँ कि मैं कैसे, कहाँ और क्यों आता हूँ। यह रहस्य और कोई नहीं जान सकता।”
उदाहरण:
जैसे कलाकार का स्टाइल वही जानता है, वैसे ही परमात्मा का अवतरण स्टाइल भी वही जानते हैं।
प्रश्न 3: गीता को ‘भगवद्गीता’ क्यों कहा जाता है?
उत्तर:क्योंकि यह एकमात्र ग्रंथ है जो स्वयं ईश्वर के वचनों का संकलन है।
Murli (1 जुलाई 2025):
“गीता भगवान के महा-वाक्यों से संकलित है, इसलिए वह सभी शास्त्रों की रानी है।”
उदाहरण:
जैसे केवल हस्ताक्षर वाला Contract वैध होता है, वैसे गीता – केवल परमात्मा की वाणी के कारण प्रामाणिक है।
प्रश्न 4: क्या परमात्मा चमत्कार से आते हैं या देवी-देवता के रूप में?
उत्तर:नहीं। Murli (22 नवम्बर 2024):
“मैं इस तन में आता हूँ, जिसे तुम ब्रह्मा कहते हो। यह मेरा रथ है।”
उदाहरण:
जैसे कोई किराए के मकान में रहकर सेवा करता है, वैसे ही परमात्मा ब्रह्मा के तन का उपयोग करते हैं।
प्रश्न 5: परमात्मा किस उद्देश्य से अवतरित होते हैं?
उत्तर:Murli (6 दिसम्बर 2024):
“जब दुख ही दुख होता है, तो मैं आकर ज्ञान का सूर्य बन छाया देता हूँ। सत्य धर्म की स्थापना करता हूँ।”
मुख्य उद्देश्य:
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धर्म की पुनः स्थापना
-
आत्माओं को अज्ञान से मुक्त करना
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मुक्ति और जीवनमुक्ति का मार्ग देना
उदाहरण:
जैसे सूर्य अंधकार हटाता है, वैसे परमात्मा अज्ञान का अंधकार मिटाते हैं।
प्रश्न 6: अवतरण और जन्म में क्या अंतर है? क्या शिव परमात्मा जन्म लेते हैं?
उत्तर:नहीं। Murli (14 अप्रैल 2025):
“मैं जन्म नहीं लेता, केवल अवतरित होता हूँ। न तो मेरा माँ है, न पिता। मैं स्वयं परमधाम से आता हूँ।”
उदाहरण:
जैसे सूर्य को कोई जन्म नहीं देता – वह स्वयं आता है।
वैसे ही परमात्मा शिव – स्वयं-प्रकाश स्वरूप हैं, “अजन्मा” हैं।
(Disclaimer):
इस वीडियो में प्रस्तुत ज्ञान ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में स्वयं परमात्मा शिव द्वारा मुरली में दिए गए महावाक्यों पर आधारित है।
इसका उद्देश्य किसी भी धर्म, गुरु, संस्था या परंपरा की आलोचना नहीं है, बल्कि परमात्मा के अवतरण के वास्तविक रहस्य को स्पष्ट करना है – जैसा कि वह स्वयं बताते हैं।
हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं और यह प्रस्तुति केवल आध्यात्मिक जागृति और आत्म-उन्नति हेतु बनाई गई है।परमात्मा कैसे आते हैं, परमात्मा का अवतरण, शिवबाबा ब्रह्मा में आते हैं, गीता का रहस्य, भगवद्गीता की सच्चाई, ब्रह्माकुमारीज मुरली ज्ञान, परमात्मा और अवतार, शिव परमात्मा कौन है, अवतरण और जन्म का अंतर, परमात्मा के वचन, गीता भगवान ने नहीं कही, ईश्वर का आगमन, ब्रह्माकुमारी मुरली, अवतार का विज्ञान, आध्यात्मिक ज्ञान मुरली, गीता में शिवबाबा, धर्म की स्थापना, ज्ञान सूर्य शिव, परमात्मा का रहस्य,
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