When and how will the flame of destruction occur (11)- World transformation through the flame of creation

विनाश ज्वाला कबऔर कैसे होगी(11)-स्थापना की ज्वाला से विश्व परिवर्तन

( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

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स्थापना की ज्वाला से विश्व परिवर्तन!

“स्थापना की गति तेज़ करो – नई दुनिया स्वयं प्रकट होगी!”

परिवर्तन स्थापना के आधार पर होगा!

⚡ यह दुःखदायी दुनिया तभी समाप्त होगी, जब सुख-शांति से भरपूर नई दुनिया कीस्थापना पूर्ण होगी!

🔔 सभी आत्माओं को इस बात का इंतज़ार है कि स्थापना के निमित्त बने हुए ब्राह्मण आत्माएं इस कार्य को कब सम्पन्न करेंगी?

आपका लक्ष्य – स्थापना, न कि विनाश पर ध्यान!

❓ आप अपने कार्य में मग्न हैं या विनाश पर नज़र रखते हैं?

🔥 याद रखें – स्थापना करने वाले ही विनाश की ज्वाला को प्रज्जवलित करने के निमित्त हैं,

न कि विनाश करने वाले स्थापना करने वालों की ज्वाला को तीव्र करने के निमित्त हैं!   

जब स्थापना की ज्वाला तेज़ होगी, तब विनाश की ज्वाला भी अपने चरम पर पहुँचेगी। इसलिए अपने पुरुषार्थ की गति बढ़ाओ!

 अब संकल्प करो “स्थापना कार्य सम्पन्न करना ही है!”

✅ अब संकल्प लो कि हमारी स्थापना पूर्ण होगी, तब ही विनाश की प्रक्रिया भी सम्पन्न होगी।      

🌍 नई दुनिया हमारा इंतज़ार कर रही है – अब समय आ गया है, उस श्रेष्ठ दुनिया को साकार करने का!

स्थापना की ज्वाला से विश्व परिवर्तन!

“स्थापना की गति तेज़ करो – नई दुनिया स्वयं प्रकट होगी!”

प्रश्नोत्तर (Questions & Answers) पर स्थापना और विश्व परिवर्तन

प्रश्न 1: विश्व परिवर्तन का मुख्य आधार क्या है – स्थापना या विनाश?
उत्तर: विश्व परिवर्तन का मुख्य आधार स्थापना है। जब नई दुनिया की स्थापना पूर्ण होगी, तब पुरानी दुनिया का विनाश स्वतः ही हो जाएगा।

प्रश्न 2: ब्राह्मण आत्माओं की सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी क्या है?
उत्तर: ब्राह्मण आत्माओं की सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नई दुनिया की स्थापना को सम्पन्न करना है। उन्हें विनाश के चिंतन में नहीं, बल्कि स्वयं की स्थिति को ऊँचा उठाकर श्रेष्ठ युग के निर्माण में योगदान देना चाहिए।

प्रश्न 3: क्या हमें विनाश की तिथि पर ध्यान देना चाहिए?
उत्तर: नहीं, हमें विनाश की तिथि पर ध्यान नहीं देना चाहिए। हमें अपने पुरुषार्थ की गति को तीव्र कर स्थापना को सम्पन्न करने पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि जब स्थापना पूरी होगी, तब विनाश की प्रक्रिया स्वतः तीव्र हो जाएगी।

प्रश्न 4: क्या विनाश की ज्वाला पहले उठेगी या स्थापना की ज्वाला?
उत्तर: पहले स्थापना की ज्वाला उठेगी। जब ब्राह्मण आत्माएँ संकल्प करके आत्मिक स्थिति को उच्च बनाएंगी और अपना कर्तव्य पूर्ण करेंगी, तभी विनाश की प्रक्रिया आरंभ होगी।

प्रश्न 5: सभी आत्माएँ किसका इंतज़ार कर रही हैं?
उत्तर: सभी आत्माएँ नई दुनिया की स्थापना के पूर्ण होने की प्रतीक्षा कर रही हैं। जब ब्राह्मण आत्माएँ अपने संकल्प को सिद्ध कर लेंगी, तब परिवर्तन सुनिश्चित होगा।

प्रश्न 6: इस समय हमें कौन सा संकल्प लेना चाहिए?
उत्तर: इस समय हमें यह दृढ़ संकल्प लेना चाहिए –
“स्थापना कार्य को सम्पूर्ण करना ही है!”
जब यह संकल्प पूर्ण होगा, तो सत्ययुग की श्रेष्ठ दुनिया प्रकट होगी और पुरानी दुनिया अपने अंतिम चरण में पहुँच जाएगी।

प्रश्न 7: नई दुनिया की प्रतीक्षा करनी है या उसे साकार करना है?
उत्तर: नई दुनिया की प्रतीक्षा नहीं करनी है, बल्कि स्वयं को नई दुनिया के लायक बनाना है। जब हम सम्पूर्ण और सशक्त बनेंगे, तब स्वर्णिम युग का अवतरण स्वतः ही हो जाएगा।

🚀 अब समय आ गया है – अपने पुरुषार्थ की गति को तीव्र करने का, आत्मिक स्थिति को ऊँचा उठाने का और नई दुनिया की स्थापना को साकार करने का! 🌍✨

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