विनाश: सर्व आत्माओं के कल्याण का माध्यम!
प्रश्न और उत्तर
प्रश्न 1: विनाश को सर्व आत्माओं के कल्याण का माध्यम क्यों कहा जाता है?
उत्तर: विनाश केवल एक विध्वंसक घटना नहीं है, बल्कि यह आत्माओं की अंतिम कामना को पूर्ण करने का साधन है। इसके माध्यम से सभी आत्माएँ अपने दुखों और अशांति से मुक्त होकर परमधाम की यात्रा कर सकती हैं।
प्रश्न 2: विनाश की प्रक्रिया को तीव्र करने के लिए क्या आवश्यक है?
उत्तर: विनाश की प्रक्रिया हमारी संकल्प और साधना की तीव्रता पर निर्भर करती है। जितना गहन संकल्प होगा कि “सभी आत्माओं का कल्याण हो और हम अपने घर लौटें”, उतना ही यह प्रक्रिया तीव्र होगी।
प्रश्न 3: क्या विनाश केवल नकारात्मक घटना है?
उत्तर: नहीं, विनाश एक आध्यात्मिक परिवर्तन की प्रक्रिया है। यह पुरानी दुनिया के अंत और एक नई, पवित्र दुनिया के आरंभ का माध्यम है, जिससे सर्व आत्माओं का कल्याण संभव हो सके।
प्रश्न 4: विनाश और आत्मिक साधना में क्या संबंध है?
उत्तर: विनाश की गति आत्माओं की साधना से जुड़ी है। जब आत्माएँ अपनी स्मृति और संकल्प को परमात्मा से जोड़ती हैं, तो उनकी ऊर्जा विनाश की ज्वाला को प्रज्वलित कर देती है, जिससे दुनिया परिवर्तन की ओर बढ़ती है।
प्रश्न 5: आत्माओं की अंतिम कामना क्या होती है?
उत्तर: सभी आत्माओं की अंतिम कामना है—दुःख, अशांति, और भय से मुक्त होकर अपने सच्चे घर परमधाम लौटना। विनाश इस इच्छा को पूर्ण करने का माध्यम है।
प्रश्न 6: विनाश की ज्वाला कैसे प्रज्वलित होगी?
उत्तर: जब आत्माएँ तीव्र स्मृति और संकल्प में स्थित होंगी कि “अब सभी आत्माओं का कल्याण हो और हम अपने घर लौटें”, तब यह आध्यात्मिक ज्वाला अपने चरम पर पहुंचेगी और विनाश की प्रक्रिया तेज होगी।
प्रश्न 7: नई दुनिया का साक्षात्कार कब होगा?
उत्तर: जब पुरानी दुनिया की समाप्ति होगी और आत्माएँ अपनी पवित्र अवस्था को प्राप्त करेंगी, तब नई दुनिया का साक्षात्कार होगा। यह परिवर्तन आत्माओं की शुद्धि और परमात्मा की शक्ति द्वारा संभव होगा।
प्रश्न 8: हमें इस समय कौन सा संकल्प लेना चाहिए?
उत्तर: हमें यह संकल्प लेना चाहिए—”सर्व आत्माओं का कल्याण हो और अब हम अपने घर (परमधाम) लौटें!” इस संकल्प से ही विनाश की गति तीव्र होगी और कल्याण का कार्य सम्पन्न होगा।
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