लगाव और स्वभाव की पूँछ जलाओ, तब लंका जलेगी! 🔥
सिर्फ एक सेकंड में विश्व परिवर्तन संभव! क्या आप तैयार हैं?
❓ प्रश्न और उत्तर
1️⃣ प्रश्न: पुरानी लंका (पुरानी दुनिया) को जलाने के लिए क्या आवश्यक है?
🔹 उत्तर: जब तक स्वभाव और लगाव की पूँछ में आग नहीं लगती, तब तक इस पुरानी दुनिया (लंका) को आग नहीं लग सकती। जैसे हनुमान ने लंका जलाने से पहले अपनी पूँछ में आग लगाई थी, वैसे ही जब महावीर आत्माओं में लगन की अग्नि जलेगी, तब यह पुरानी सृष्टि स्वतः समाप्त हो जाएगी।
2️⃣ प्रश्न: महावीरों की शक्ति और विनाशकारी शक्तियों में क्या अंतर है?
🔹 उत्तर:
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विनाशकारी शक्तियाँ ऐसी इन्वेन्शन कर रही हैं, जिससे विनाश सहज और तीव्र गति से हो सके।
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जबकि महावीर आत्माएँ साइलेन्स शक्ति के इन्वेन्टर बनकर ऐसा अलौकिक प्लेन तैयार करती हैं, जिससे सिर्फ एक सेकंड में परिवर्तन संभव हो सके—
🔥 नज़र से निहाल!
🔥 दुःखी से सुखी!
🔥 निर्बल से बलवान!
🔥 अशांत से शांत!
3️⃣ प्रश्न: क्या सिर्फ एक सेकंड में विश्व परिवर्तन संभव है?
🔹 उत्तर: हाँ! यदि महावीर आत्माएँ अपने संकल्पों की शक्ति को परम अवस्था तक पहुँचाएँ, तो विश्व परिवर्तन सिर्फ एक सेकंड में संभव हो सकता है। जब संकल्प की शक्ति पराकाष्ठा तक पहुँच जाती है, तो परिवर्तन सहज और तीव्रगति से होता है।
4️⃣ प्रश्न: कौन-सी “रिफाइंड इन्वेन्शन” आवश्यक है ताकि आत्माएँ मुक्ति और जीवनमुक्ति का अनुभव कर सकें?
🔹 उत्तर:
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ऐसा अलौकिक साइलेन्स का प्लेन, जिससे आत्माएँ सहज रूप से मुक्ति और जीवनमुक्ति का अनुभव कर सकें।
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विश्व परिवर्तन तीव्र गति से हो और आत्माएँ सहज ही दिव्यता का अनुभव कर सकें।
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यह परिवर्तन सिर्फ एक सेकंड में संभव हो!
5️⃣ प्रश्न: हम अपनी संकल्प शक्ति को कैसे परम अवस्था तक पहुँचा सकते हैं?
🔹 उत्तर:
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लगाव और स्वभाव की पूँछ को जलाना आवश्यक है।
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स्व-परिवर्तन से ही विश्व-परिवर्तन संभव है।
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संपूर्ण निश्चय और समर्पण से आत्मा की शक्ति जागृत होगी।
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योग और संकल्पों की अग्नि से अविनाशी ऊर्जा उत्पन्न होगी, जिससे पुरानी सृष्टि समाप्त हो जाएगी और नई सृष्टि की स्थापना होगी।
🚀 अब समय आ गया है कि हम अपने संकल्पों की शक्ति को जागृत करें और एक सेकंड की शक्ति से विश्व परिवर्तन करें! 🔥
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