(01)Angelic state:-When the soul experiences the point of light beyond the body.

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(प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

फरिश्ता स्थिति:-(01)फरिश्ता स्थिति:-जब आत्मा शरीर से परे बिंदु ज्योति का अनुभव करती है।

फरिश्ता स्थिति के मुख्य गुण

1. देह से परे अनुभव

Murli Note – अव्यक्त मुरली 19 जनवरी 1969

“फरिश्ता आत्मा खुद को शरीर से नहीं बल्कि बिंदु-ज्योति आत्मा के रूप में अनुभव करती है।”

उदाहरण: जैसे कोई पायलट हवाई जहाज़ उड़ाते समय ज़मीन से अलग हो जाता है, वैसे ही फरिश्ता आत्मा भी देह-अभिमान की ज़मीन से ऊपर उठकर हल्कापन अनुभव करती है।


2. डबल लाइट स्थिति

Murli Note – अव्यक्त मुरली 2 फ़रवरी 1975

“फरिश्ता मतलब डबल लाइट – तन भी मेरा नहीं और मन का बोझ भी मेरा नहीं।”

उदाहरण: जैसे गुब्बारा हल्का होकर आकाश में उड़ता है, लेकिन अगर उसमें पत्थर बाँध दो तो नीचे गिर जाएगा। वैसे ही आत्मा जब “मेरेपन” का बोझ छोड़ देती है, तो डबल लाइट होकर उड़ने लगती है।


3. देह के संबंधों से न्यारा

Murli Note – अव्यक्त मुरली 5 मार्च 1979

“फरिश्ता कभी भी देह और देह के संबंधों की खिंचाव में नहीं आता।”

उदाहरण: जैसे कमल का फूल गंदे पानी में रहते हुए भी अछूता रहता है, वैसे ही फरिश्ता आत्मा परिवार और संबंधों में रहते हुए भी न्यारा और प्यारा रहती है।


4. सदा प्रसन्नता और खुशी का स्रोत

Murli Note – साकार मुरली 14 जून 1967

“फरिश्ता आत्मा का चेहरा और वाणी सदा खुशी से ददीप्यमान होती है।”

उदाहरण: जैसे सूर्य बादलों के बीच छुपने पर भी रोशनी देता है, वैसे ही फरिश्ता आत्मा परिस्थितियों के बादल आने पर भी खुशी की रोशनी फैलाती रहती है।


5. वाइब्रेशन से सेवा

Murli Note – अव्यक्त मुरली 21 जनवरी 1970

“फरिश्ता आत्मा जहां जाती है, वहां शांति और शक्ति का अनुभव होता है।”

उदाहरण: जैसे अगरबत्ती से स्वतः सुगंध फैलती है, वैसे ही फरिश्ता आत्मा के वाइब्रेशन से स्वतः शांति और शक्ति का अनुभव होता है।


 निष्कर्ष

संगमयुग पर बाबा हमें फरिश्ता बनने की पढ़ाई पढ़ा रहे हैं।
जब आत्मा:

  • देह से परे अनुभव करती है,

  • डबल लाइट रहती है,

  • देह के संबंधों से न्यारी रहती है,

  • सदा खुशी का स्रोत बनती है,

  • और वाइब्रेशन से सेवा करती है –

तभी वह सच्चे अर्थों में फरिश्ता आत्मा कहलाती है। यही स्थिति हमें भविष्य में देवी-देवताओं का ताज पहनाती है।


 पांच मुख्य पॉइंट

  1. देह से परे का अनुभव।

  2. डबल लाइट स्थिति।

  3. देह के संबंधों से डिटैच।

  4. सदा प्रसन्नता और खुशी का स्रोत।

  5. वाइब्रेशन से सेवा।

  6. प्रश्न 1:फरिश्ता आत्मा का पहला गुण क्या है?

    उत्तर:
    फरिश्ता आत्मा का पहला गुण है देह से परे अनुभव करना
    बाबा कहते हैं –
    “फरिश्ता आत्मा खुद को शरीर से नहीं बल्कि बिंदु-ज्योति आत्मा के रूप में अनुभव करती है।” (अव्यक्त मुरली 19 जनवरी 1969)

    उदाहरण:
    जैसे कोई पायलट हवाई जहाज़ उड़ाते समय ज़मीन से अलग हो जाता है, वैसे ही फरिश्ता आत्मा भी देह-अभिमान की ज़मीन से ऊपर उठकर हल्कापन अनुभव करती है।


     प्रश्न 2:डबल लाइट स्थिति का क्या अर्थ है?

    उत्तर:फरिश्ता आत्मा तन और मन दोनों का बोझ छोड़कर डबल लाइट रहती है।
    “फरिश्ता मतलब डबल लाइट – तन भी मेरा नहीं और मन का बोझ भी मेरा नहीं।” (अव्यक्त मुरली 2 फ़रवरी 1975)

    उदाहरण:
    जैसे गुब्बारा हल्का होकर उड़ता है, लेकिन उसमें पत्थर बाँध दो तो नीचे गिर जाता है। उसी प्रकार आत्मा जब “मेरेपन” का बोझ छोड़ देती है तो डबल लाइट होकर उड़ने लगती है।


     प्रश्न 3:फरिश्ता आत्मा देह के संबंधों को कैसे देखती है?

    उत्तर:
    फरिश्ता आत्मा कभी भी देह और देह के संबंधों की खिंचाव में नहीं आती।
    “फरिश्ता कभी भी देह और देह के संबंधों की खिंचाव में नहीं आता।” (अव्यक्त मुरली 5 मार्च 1979)

    उदाहरण:
    जैसे कमल का फूल गंदे पानी में रहते हुए भी अछूता रहता है, वैसे ही फरिश्ता आत्मा परिवार में रहते हुए भी न्यारी और प्यारी रहती है।


     प्रश्न 4:फरिश्ता आत्मा सदा खुशी का स्रोत क्यों कहलाती है?

    उत्तर:क्योंकि उसका चेहरा और वाणी हमेशा खुशी से चमकते रहते हैं।
    “फरिश्ता आत्मा का चेहरा और वाणी सदा खुशी से ददीप्यमान होती है।” (साकार मुरली 14 जून 1967)

    उदाहरण:
    जैसे सूर्य बादलों के बीच छुपने पर भी रोशनी देता है, वैसे ही फरिश्ता आत्मा परिस्थितियों के बादल आने पर भी खुशी की रोशनी फैलाती रहती है।


     प्रश्न 5:फरिश्ता आत्मा सेवा कैसे करती है?

    उत्तर:फरिश्ता आत्मा अपनी वाइब्रेशन से ही शांति और शक्ति का अनुभव कराती है।
    “फरिश्ता आत्मा जहां जाती है, वहां शांति और शक्ति का अनुभव होता है।” (अव्यक्त मुरली 21 जनवरी 1970)

    उदाहरण:
    जैसे अगरबत्ती से स्वतः सुगंध फैलती है, वैसे ही फरिश्ता आत्मा से स्वतः शांति और शक्ति के वाइब्रेशन फैलते हैं।


     निष्कर्ष

    सच्ची फरिश्ता स्थिति वही है जब आत्मा:

    1. देह से परे अनुभव करती है।

    2. डबल लाइट रहती है।

    3. देह के संबंधों से न्यारी रहती है।

    4. सदा खुशी का स्रोत बनती है।

    5. वाइब्रेशन से सेवा करती है।

     यही फरिश्ता स्थिति हमें भविष्य में देवी-देवताओं का ताज पहनाती है।

  7. Disclaimer (डिस्क्लेमर):Disclaimer: यह वीडियो केवल आध्यात्मिक अध्ययन और प्रेरणा के उद्देश्य से है। इसमें साझा की गई सामग्री ब्रह्माकुमारीज़ मुरली बिंदुओं, अनुभवों और आध्यात्मिक ज्ञान पर आधारित है। इसका किसी भी धर्म, पंथ या व्यक्ति से कोई विरोध नहीं है।                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                              फरिश्ता स्थिति, ब्रह्माकुमारी ज्ञान, अव्यक्त मुरली, साकार मुरली, फरिश्ता आत्मा, आत्मा का अनुभव, देह से परे अनुभव, डबल लाइट स्थिति, न्यारे और प्यारे बनो, बाबा कहते बच्चे, आत्मा और परमात्मा, बिंदु ज्योति आत्मा, Murli notes, संगमयुग, आत्मिक शक्ति, पवित्रता और खुशी, वाइब्रेशन से सेवा, आध्यात्मिक ज्ञान, ब्रह्माकुमारी मुरली, शिवबाबा की मुरली,

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