(02)”What are ghosts? Spirits, energy, and the mystery of fear.”

भूत ,प्रेत:-(02)”प्रेत क्या होते हैं? आत्मा, ऊर्जा और डर का रहस्य।

(प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

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शांति प्रेत क्या होते हैं? आत्मा, ऊर्जा और डर का रहस्य।

प्रेत और भूत में फर्क क्या है?

अक्सर लोग भूत और प्रेत को एक ही समझ लेते हैं। लेकिन ब्रह्मा कुमारी ज्ञान में इन दोनों के बीच स्पष्ट अंतर बताया गया है।

भूत कौन होता है?
भूत वे हैं जो शरीर छोड़ने के बाद भी देह या स्थान से आसक्ति में रहते हैं।
भूत = देह या किसी स्थान से जुड़ा हुआ आसक्त मन।

प्रेत कौन होता है?
प्रेत वे आत्माएं हैं जो अपने नकारात्मक संस्कारों या गहन विकारों की जंजीरों में फंस जाती हैं।
अर्थात, नकारात्मक संस्कारों में बंधी हुई आत्मा = प्रेत।

उदाहरण:
जैसे कोई व्यक्ति मृत्यु के बाद अपने घर के प्रति आसक्त रहे तो वह भूत कहलाता है।
और जो आत्मा क्रोध, प्रतिशोध या वासना की भावना में अटकी रहे, वह प्रेत कही जाती है।


क्या प्रेत सिर्फ रात में दिखाई देते हैं?

लोगों की धारणा है कि प्रेत केवल रात में दिखाई देते हैं।
लेकिन ज्ञान कहता है – ऊर्जा का समय कभी समाप्त नहीं होता। ऊर्जा का कोई समय नहीं होता।

रात में अंधकार अधिक होने से मन भयभीत हो जाता है और वही डर प्रेत जैसी अनुभूति पैदा कर देता है।

मुरली (3 सितंबर 2021):
“अंधकार में मन के संकल्प बढ़ जाते हैं। ज्ञान का दीप जलाओ तो कोई भी नकारात्मक शक्ति टिक नहीं सकती।”

उदाहरण:
जैसे बिजली बंद होते ही बच्चा अपनी ही परछाई से डर जाए – वह प्रेत नहीं, सिर्फ मन का भ्रम है।


प्रेत आत्मा क्या होती है – क्या यह कोई जीव है या सिर्फ ऊर्जा?

जब आत्मा देह छोड़ने के बाद भी अपने विचारों और भावनाओं में उलझी रहती है तो वह स्थिर नहीं हो पाती।
मुरली कहती है – “यदि शरीर छोड़ने के बाद भी मन में विकार है, तो आत्मा शांति नहीं पाती। ज्ञान और योग से ही उन्नति कर सकती है।”

उदाहरण:
यदि किसी ने अचानक मृत्यु का अनुभव किया और उसकी आत्मा में असमाप्त भावनाएं हैं, तो वह शांति की खोज में भटकती रहती है।


प्रेत की शांति और मुक्ति कैसे होती है?

मुरली बताती है – हर आत्मा को मुक्ति का अधिकार है, लेकिन वह तब मिलती है जब उसे प्रकाश, स्मृति और ईश्वर की याद का अनुभव कराया जाए।
जब उसका कार्मिक अकाउंट बराबर हो जाता है, तब आत्मा मुक्त हो जाती है।

मुरली (4 नवंबर 2017):
“मैं आत्माओं को मुक्ति और जीवन मुक्ति देने आया हूं। तुम बच्चों का कार्य है सबको शांति का संदेश देना।”

बीके सेंटर का शांत वातावरण भी आत्मिक ऊर्जा को स्थिर करने में सहायक होता है, क्योंकि वहां परमात्मा की याद की तरंगें होती हैं।


क्या प्रेत इंसानों को नुकसान पहुंचा सकते हैं?

मुरली ज्ञान कहता है – कोई आत्मा किसी को नुकसान नहीं पहुंचा सकती, जब तक व्यक्ति स्वयं डर और नकारात्मकता में न आ जाए।

मुरली (11 सितंबर 2020):
“जिसके अंदर डर है उस पर माया का प्रभाव होता है।”

भय हमारी सुरक्षा को कमजोर करता है और बुद्धि की रोशनी मंद कर देता है। जैसे बीमारी से पहले ही डर जाएं तो रोग बढ़ जाता है – वैसे ही डर प्रेत जैसी ऊर्जाओं को आकर्षित करता है।

इसलिए बाबा सिखाते हैं – “डर को नहीं, ईश्वर को याद करो।”

Q1. प्रेत और भूत में क्या अंतर है?

उत्तर:
ब्रह्मा कुमारी ज्ञान के अनुसार –

  • भूत वह आत्मा है जो शरीर छोड़ने के बाद भी किसी स्थान, व्यक्ति या वस्तु से आसक्ति के कारण जुड़ी रहती है।
    भूत = देह या स्थान से जुड़ा आसक्त मन।

  • प्रेत वह आत्मा है जो क्रोध, वासना, प्रतिशोध या नकारात्मक संस्कारों के बंधन में फंसी हुई होती है।
    प्रेत = नकारात्मक संस्कारों में बंधी आत्मा।

उदाहरण:
जो आत्मा मृत्यु के बाद भी अपने घर को नहीं छोड़ती, वह भूत कहलाती है।
जो आत्मा क्रोध या प्रतिशोध की भावना में अटकी रहती है, वह प्रेत कहलाती है।


Q2. क्या प्रेत सिर्फ रात में दिखाई देते हैं?

उत्तर:
नहीं। ऊर्जा का कोई समय नहीं होता। लेकिन रात का अंधकार मन में डर को बढ़ा देता है और वही डर प्रेत जैसी अनुभूति पैदा करता है।

मुरली (3 सितंबर 2021):
“अंधकार में मन के संकल्प बढ़ जाते हैं। ज्ञान का दीप जलाओ तो कोई भी नकारात्मक शक्ति टिक नहीं सकती।”

उदाहरण:
बिजली जाने पर बच्चा अपनी परछाई देखकर डर जाए – वह प्रेत नहीं, बल्कि मन का भ्रम है।


Q3. प्रेत आत्मा क्या होती है – क्या यह जीव है या ऊर्जा?

उत्तर:
प्रेत कोई अलग जीव नहीं, बल्कि वही आत्मा है जो देह छोड़ने के बाद भी अपने अधूरे संकल्प, दुख या विकारों से मुक्त नहीं हो पाती।
यह एक अस्थिर ऊर्जा अवस्था (Restless Energy State) है।

मुरली:
“यदि शरीर छोड़ने के बाद भी मन में विकार है, तो आत्मा शांति नहीं पाती। ज्ञान और योग से ही उन्नति कर सकती है।”


Q4. प्रेत आत्मा को शांति या मुक्ति कैसे मिलती है?

उत्तर:
जब आत्मा को

  • ईश्वर की याद (योग),

  • प्रकाशमय संकल्प,

  • शुभ भावना और दुआएं मिलती हैं,
    तब उसका कार्मिक खाता संतुलित होने लगता है और आत्मा मुक्त होती है।

मुरली (4 नवंबर 2017):
“मैं आत्माओं को मुक्ति और जीवन मुक्ति देने आया हूं। तुम बच्चों का कार्य है सबको शांति का संदेश देना।”

बीके सेंटर जैसे स्थानों का शांत वातावरण भी ऐसी आत्माओं को स्थिर और शांत करने में मदद करता है।


Q5. क्या प्रेत इंसानों को नुकसान पहुंचा सकते हैं?

उत्तर:
मुरली ज्ञान कहता है – कोई आत्मा किसी को हानि नहीं पहुंचा सकती जब तक व्यक्ति स्वयं भय, कमजोर संकल्प या नकारात्मक सोच में न चला जाए।

मुरली (11 सितंबर 2020):
“जिसके अंदर डर है उस पर माया का प्रभाव होता है।”

उदाहरण:
जैसे बीमारी से पहले ही डर जाएं तो रोग बढ़ जाता है, उसी तरह भय हमारी रक्षा शक्ति को कम कर देता है और प्रेत जैसी ऊर्जाएं प्रभाव डालती हैं।

इसलिए संदेश:
“डर को नहीं, ईश्वर को याद करो।”


Q6. प्रेत वास्तव में होते हैं या यह सिर्फ मन का भ्रम है?

उत्तर:
प्रेत कोई बाहरी डरावनी शक्ति नहीं बल्कि अपूर्ण चेतना (Incomplete Consciousness) या बेचैन आत्मिक अवस्था है।
यदि मन स्थिर, पवित्र और ईश्वरयुक्त हो तो कोई भी नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव नहीं डाल सकती।

डिस्क्लेमर (Disclaimer): यह वीडियो ब्रह्माकुमारी ज्ञान और आध्यात्मिक शिक्षाओं पर आधारित है। इसमें दिए गए विचार वैज्ञानिक नहीं हैं, बल्कि आध्यात्मिक दृष्टिकोण से समझाए गए हैं। कृपया इसे व्यक्तिगत अनुभव और ज्ञान के विस्तार के लिए देखें। इस वीडियो में हम जानेंगे:

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