(03) सहज राज योग द्वारा निर्णय करने की शक्ति ?
( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)
निर्णय लेने की शक्ति: राजयोग से मिलने वाली दूसरी शक्ति | Eight Powers Series – Part 2″
राजयोग और अष्ट शक्तियाँ
राजयोग से हमें ईश्वर द्वारा दी गई आठ शक्तियाँ प्राप्त होती हैं।
ये शक्तियाँ आत्मा को जीवन के संग्राम में विजयी बनाती हैं।
हमने कल समझा था — परखने की शक्ति,
और आज हम जानेंगे — निर्णय करने की शक्ति।
1. जीवन: निर्णयों की श्रृंखला
हर दिन, हर क्षण — हम निर्णय लेते रहते हैं:
-
क्या खाना है,
-
क्या बोलना है,
-
कहाँ जाना है,
-
किन संगों में रहना है।
यदि निर्णय गलत होंगे, तो कर्म भी गलत होंगे, और परिणाम भी।
मुरली संकेत:
“बच्चे, हर कदम सोच-समझकर चलो।
तुम्हारे निर्णय ही भविष्य की बुनियाद हैं।”
— साकार मुरली
2. निर्णय शक्ति कैसे बनती है?
निर्णय शक्ति चार तत्त्वों से बनती है:
(i) सोच:
यह हमारी वृत्तियों, दृष्टिकोण और संस्कारों से बनती है।
(ii) समझ:
ईश्वर से प्राप्त ज्ञान — जिससे आत्मा को सत्य और असत्य का भेद मिलता है।
(iii) परख:
सोच और समझ के आधार पर मूल्यांकन की शक्ति।
(iv) हिम्मत:
जब हम ठान लेते हैं – “अब मुझे यही करना है।”
उदाहरण:किसी ने बताया कि “राजयोग करना चाहिए।”
हमने सोचा → ज्ञान से समझा → परखा → और फिर हिम्मत से निर्णय लिया।
3. राजयोग से निर्णय शक्ति क्यों बढ़ती है?
राजयोग आत्मा को परमात्मा से जोड़ता है।
परमात्मा से आत्मा को मिलती है:
-
स्पष्टता
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शांति
-
सत्य
-
दिव्य मत
उदाहरण:
जैसे मोबाइल का GPS रास्ता बताता है —
वैसे ही बाबा की याद योगी आत्मा को यथार्थ दिशा देती है।
मुरली संकेत:
“बाबा की याद से बुद्धि तीव्र हो जाती है।”
— साकार मुरली
4. श्रेष्ठ निर्णय किन बातों पर निर्भर है?
-
संपूर्ण जानकारी
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शांत चित्त
-
निर्मल बुद्धि
-
ईश्वरीय स्मृति
-
स्वार्थ रहित दृष्टिकोण
उदाहरण:
अगर कोई निर्णय गुस्से या जल्दबाजी में लिया गया — तो परिणाम हानिकारक हो सकता है।
मुरली संकेत:
“हर कदम से पहले रुको, सोचो, बाबा की मत लो – यही सफलता की कुंजी है।”
— अव्यक्त मुरली
5. गलत निर्णय क्यों होते हैं?
-
जब आत्मा कमजोर होती है
-
जब बुद्धि विकारों से प्रभावित होती है
-
जब मन अशांत और भ्रमित होता है
उदाहरण:
जैसे धुएँ से ढकी आँखें कुछ स्पष्ट नहीं देख पातीं —
वैसे ही क्रोध, मोह और वासना निर्णय की दृष्टि को धुंधला बना देते हैं।
मुरली संकेत:
“अशुद्ध मन-बुद्धि से सही निर्णय नहीं हो सकता।
योग से बुद्धि को पावन बनाओ।”
— साकार मुरली
6. निर्णय शक्ति जागृत कैसे करें?
-
नियमित योग अभ्यास
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मुरली से श्रीमत लेना
-
हर निर्णय से पहले 3 सेकंड ठहराव
-
अतीत की गलतियों से सीख
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हर कदम पर आत्म-जांच
उदाहरण:
कोई आलोचना करे तो तुरंत प्रतिक्रिया न दें।
पहले 3 सेकंड बाबा को याद करें — फिर बोलें।
शब्द गरिमा से निकलेंगे, न कि क्रोध से।
मुरली संकेत:
“बच्चे, अब तुम मास्टर त्रिकालदर्शी हो।
हर कदम से पहले सोचो — क्या यह त्रिकालदर्शी दृष्टि से सही है?”
— अव्यक्त मुरली
7. श्रेष्ठ निर्णय के परिणाम
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आत्म-संतोष
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दूसरे आत्माओं का विश्वास
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कर्म बंधन से मुक्ति
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भविष्य की सफलता
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आत्मबल और गौरव
मुरली संकेत:
“तुम्हारे निर्णय ही तुम्हारे भाग्य का निर्माण करते हैं।
एक-एक कदम राजाओं जैसा चलो।”
— साकार मुरली
8.निर्णय शक्ति = देवता बनने की योग्यता
हर आत्मा के जीवन में ऐसे क्षण आते हैं जब उसे महत्वपूर्ण निर्णय लेने होते हैं।
सहज राजयोग आत्मा को सशक्त बनाता है।
निर्मल बुद्धि से आत्मा सच्चे निर्णय लेती है, जो जीवन को सफल बनाते हैं।
मुरली संकेत:
“सही समय पर सही निर्णय लेना ही तपस्वी आत्मा की पहचान है।
हर कदम श्रीमत पर हो — तभी तुम विश्व का भाग्य रच सकोगे।”
— अव्यक्त मुरली
अंतिम प्रेरणा:
🙏 हर निर्णय से पहले बाबा को याद करें।
3 सेकंड का ठहराव आपको भ्रम से निकालकर सत्य मार्ग पर ले जाएगा।
ओम् शांति।
निर्णय लेने की शक्ति: राजयोग से मिलने वाली दूसरी शक्ति | Eight Powers Series – Part 2
प्रश्न–उत्तर शैली में प्रस्तुति | Rajyog & Eight Powers Series (Ep-2)
प्रश्न 1: निर्णय शक्ति क्या है और यह जीवन में क्यों आवश्यक है?
उत्तर:निर्णय शक्ति वह आंतरिक शक्ति है जिससे आत्मा हर परिस्थिति में सही और गलत का चुनाव करती है। जीवन अनेक निर्णयों की श्रृंखला है — भोजन, व्यवहार, संगति, कर्म — हर क्षण हमें निर्णय लेना होता है। यदि निर्णय गलत होंगे, तो कर्म भी गलत होंगे और उनका फल भी दुखदायक होगा।
Murli Point:
“बच्चे, हर कदम सोच-समझकर चलो। तुम्हारे निर्णय ही भविष्य की बुनियाद हैं।” — साकार मुरली
प्रश्न 2: निर्णय शक्ति कैसे बनती है?
उत्तर:निर्णय शक्ति चार तत्त्वों से मिलकर बनती है:
-
सोच – हमारी वृत्तियों और संस्कारों से बनती है।
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समझ – ईश्वरीय ज्ञान से प्राप्त सत्य-असत्य की पहचान।
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परख – विचारों और ज्ञान के आधार पर सही मूल्यांकन।
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हिम्मत – निर्णय को लागू करने का साहस।
उदाहरण:“राजयोग करना चाहिए” — इस सुझाव पर आत्मा सोचती है, ज्ञान से समझती है, परखती है और अंत में हिम्मत से निर्णय लेती है।
प्रश्न 3: राजयोग से निर्णय शक्ति कैसे बढ़ती है?
उत्तर:राजयोग आत्मा को परमात्मा से जोड़ता है, जिससे आत्मा को मिलती है:
-
शांति
-
स्पष्टता
-
सत्य की पहचान
-
दिव्य मत
यह दिव्य कनेक्शन आत्मा को जैसे GPS की तरह सही दिशा देता है।
Murli Point:
“बाबा की याद से बुद्धि तीव्र हो जाती है।” — साकार मुरली
प्रश्न 4: श्रेष्ठ निर्णय किन बातों पर निर्भर करता है?
उत्तर:
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पूरी जानकारी होना
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शांत और निर्मल मन
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ईश्वरीय स्मृति
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स्वार्थ से मुक्त दृष्टिकोण
उदाहरण:अगर कोई निर्णय गुस्से या जल्दबाजी में लिया गया हो — तो वह अक्सर हानिकारक होता है।
Murli Point:
“हर कदम से पहले रुको, सोचो, बाबा की मत लो – यही सफलता की कुंजी है।” — अव्यक्त मुरली
प्रश्न 5: गलत निर्णय क्यों होते हैं?
उत्तर:
-
जब आत्मा कमजोर होती है
-
जब बुद्धि विकारों से प्रभावित होती है
-
जब मन अशांत और भ्रमित होता है
उदाहरण:जैसे धुएं से ढकी आंखें ठीक से नहीं देख सकतीं, वैसे ही क्रोध, मोह और लोभ सही निर्णय की दृष्टि को धुंधला बना देते हैं।
Murli Point:
“अशुद्ध मन-बुद्धि से सही निर्णय नहीं हो सकता। योग से बुद्धि को पावन बनाओ।” — साकार मुरली
प्रश्न 6: निर्णय शक्ति को जागृत कैसे करें?
उत्तर:
-
नियमित योग अभ्यास
-
मुरली से श्रीमत लेना
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हर निर्णय से पहले 3 सेकंड का ठहराव
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आत्म-जांच और पुरानी भूलों से सीख
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हर कदम से पहले “बाबा की याद” में रहना
उदाहरण:जब कोई आलोचना करे — तुरंत प्रतिक्रिया न दें। पहले 3 सेकंड रुकेँ, बाबा को याद करें, फिर बोलेँ।
Murli Point:
“बच्चे, अब तुम मास्टर त्रिकालदर्शी हो। हर कदम से पहले सोचो — क्या यह त्रिकालदर्शी दृष्टि से सही है?” — अव्यक्त मुरली
प्रश्न 7: श्रेष्ठ निर्णय के परिणाम क्या होते हैं?
उत्तर:
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आत्म-संतोष
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दूसरों का विश्वास
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कर्म बंधन से मुक्ति
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भविष्य की सफलता
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आत्मबल और आत्म-गौरव
Murli Point:
“तुम्हारे निर्णय ही तुम्हारे भाग्य का निर्माण करते हैं। एक-एक कदम राजाओं जैसा चलो।” — साकार मुरली
प्रश्न 8: निर्णय शक्ति से देवता बनने की योग्यता कैसे बनती है?
उत्तर:सहज राजयोग आत्मा को इतनी निर्मल बुद्धि प्रदान करता है कि वह हर कठिन परिस्थिति में भी सत्य निर्णय ले सके। यही योग्यता ही आत्मा को देवता बनाती है — त्रिकालदर्शी, पावन, निडर।
Murli Point:
“सही समय पर सही निर्णय लेना ही तपस्वी आत्मा की पहचान है। हर कदम श्रीमत पर हो — तभी तुम विश्व का भाग्य रच सकोगे।” — अव्यक्त मुरली
अंतिम प्रेरणा:
हर निर्णय से पहले 3 सेकंड Baba को याद करें।
यह छोटी सी रुचि आपको बड़ी गलती से बचा सकती है और जीवन को श्रेष्ठता की ओर ले जा सकती है।
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