(03) When and how is Shri Krishna born?

(03) श्री कृष्ण का जन्म कब और कैसे होता है?

( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

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आज हम एक बहुत सुंदर और रहस्य से भरी बात समझेंगे –
सत्ययुग में श्रीकृष्ण का जन्म कैसे होता है? और स्वर्ग की स्थापना कैसे होती है?

पर उससे पहले, आइए थोड़ी बेसिक जानकारी ले लें।
अभी तक हम सबने सुना –
नर से नारायण, नारी से लक्ष्मी बनना है”
परंतु आज बाबा ने कहा –
बच्चे, तुम्हारा लक्ष्य कृष्ण बनना है।”
क्योंकि सत्ययुग में सबसे पहला राजकुमार कौन है?
श्रीकृष्ण

🎨 कल्प वृक्ष का चित्र देखिए।
आप देखेंगे —
ब्रह्मा बाबा तपस्या कर रहे हैं।
जब ब्रह्मा बाबा संपूर्ण बनते हैं, तो
ब्रह्मा विष्णु श्रीकृष्ण का परिवर्तन होता है।
संपूर्ण बनने का अर्थ?
चार अलंकार धारण करना —
शंख, चक्र, गदा और कमल।
इन्हीं से हम बनेंगे सत्ययुग के देवी-देवता।

🌸 जब ये चारों अलंकार संपूर्ण होते हैं,
तो ब्रह्मा बाबा श्रीकृष्ण के रूप में जन्म लेते हैं।
मतलब, स्वयं ब्रह्मा बाबा ही सत्ययुग में
श्रीकृष्ण बनकर अवतरित होते हैं।

🔥 विनाश के बाद जब सत्ययुग आता है,
तो सबसे पहले ब्रह्मा बाबा
श्रीकृष्ण रूप में जन्म लेते हैं।
और धीरे-धीरे बाकी आत्माएँ भी
पवित्रता से जन्म लेकर देवता बनती हैं।

❤️ एक और महत्वपूर्ण बात —
जो आत्माएँ संगमयुग में
ब्रह्मा कुमार-कुमारी बन
100% पवित्र बनी,
वही आत्माएँ सत्ययुग में
राधा, कृष्ण और देवता बनती हैं।
कोई भी बाहर से नहीं आता।

🎵 और इसलिए श्रीकृष्ण को
भगवानुवाच” कहना ग़लत है।
भगवान तो परमपिता शिव है,
जो हमें सिखाते हैं —
कैसे हम श्रीकृष्ण बनें।
श्रीकृष्ण खुद भी भगवान नहीं,
बल्कि परमपिता की बनाई
संपूर्ण आत्मा हैं।

🍎 सत्ययुग का जीवन अत्यंत सरल होगा।
बिल्डिंग, रोटियाँ, फैशन —
इन सबकी जरूरत नहीं।
पवित्र वातावरण, फल-फूल से
संतुष्ट जीवन होगा।
हर आत्मा स्वाभाविक रूप से
एक परिवार की तरह मिलेगी,
जहाँ कोई विकार, कोई तनाव नहीं।

🌸 श्रीकृष्ण स्वयं सबसे पहले जन्म लेंगे,
इसलिए प्रथम राजकुमार कहलाएंगे।
उनके बाद राधा और बाकी देवताएँ।
सभी स्वाभाविक रूप से
एक-दूसरे को पहचानेंगे।

तो प्यारे भाई-बहनों,
आज बाबा ने हमें स्पष्ट किया कि —
तुम्हारा लक्ष्य श्रीकृष्ण बनना है।
और श्रीकृष्ण वही बनेंगे जो
चारों अलंकारों में सम्पूर्ण बनेंगे।

🎯 अब आप बताइए
क्या आप भी
संपूर्ण बनने और
श्रीकृष्ण बनने के लिए तैयार हैं?

👇
अगर हाँ, तो कमेंट में लिखिए —
“मैं कृष्ण बनूंगा।”
और इस वीडियो को अपने सभी
BK भाई-बहनों के साथ जरूर शेयर करें।

सत्ययुग में श्रीकृष्ण का जन्म कैसे होता है? और स्वर्ग की स्थापना कैसे होती है?

प्रश्न एवं उत्तर

प्रश्न 1: सत्ययुग में सबसे पहला राजकुमार कौन होता है?
उत्तर: सत्ययुग में सबसे पहला राजकुमार श्रीकृष्ण होते हैं। वे ही स्वर्ग के प्रथम राजकुमार होते हैं, और उनका जन्म सबसे पहले होता है।

प्रश्न 2: “नर से नारायण, नारी से लक्ष्मी” का अर्थ क्या है?
उत्तर: इसका अर्थ है कि इस संगमयुग में हम राजयोग द्वारा स्वयं को पवित्र बनाते हैं और कर्मों की शुद्धि द्वारा श्रीकृष्ण और श्रीलक्ष्मी जैसे दिव्य स्वरूप धारण करने योग्य बनते हैं।

प्रश्न 3: ब्रह्मा बाबा श्रीकृष्ण कैसे बनते हैं?
उत्तर: जब ब्रह्मा बाबा अपनी तपस्या द्वारा संपूर्ण बनते हैं, तो ब्रह्मा → विष्णु → श्रीकृष्ण का परिवर्तन होता है। वे चारों अलंकार (शंख, चक्र, गदा, कमल) धारण करके अपने संस्कारों को पूरी तरह दिव्य बना लेते हैं, जिससे सत्ययुग में वे श्रीकृष्ण बनकर जन्म लेते हैं।

प्रश्न 4: सत्ययुग में कौन-कौन जन्म लेता है?
उत्तर: सत्ययुग में वही आत्माएँ जन्म लेती हैं, जो संगमयुग में ब्रह्मा कुमार-कुमारी बनकर 100% पवित्र बनीं। वे ही राधा, कृष्ण और बाकी देवी-देवता बनती हैं।

प्रश्न 5: विनाश के बाद सत्ययुग कैसे आता है?
उत्तर: संगमयुग में जब आत्माएँ योगबल से शुद्ध और संपूर्ण बन जाती हैं, तब विनाश के पश्चात एक नई सृष्टि की स्थापना होती है। इस नई सृष्टि में सत्ययुग की शुरुआत होती है, और सबसे पहले श्रीकृष्ण जन्म लेते हैं।

प्रश्न 6: क्या श्रीकृष्ण भगवान हैं?
उत्तर: नहीं, श्रीकृष्ण भगवान नहीं हैं। भगवान केवल परमपिता परमात्मा शिव हैं, जो संगमयुग में हमें सिखाते हैं कि हम श्रीकृष्ण जैसे दिव्य और संपूर्ण बनें। श्रीकृष्ण स्वयं परमात्मा की बनाई हुई संपूर्ण आत्मा हैं।

प्रश्न 7: सत्ययुग में जीवन कैसा होता है?
उत्तर: सत्ययुग का जीवन बहुत ही सरल और पवित्र होता है। वहाँ विकार, तनाव, भय आदि कुछ भी नहीं होता। आत्माएँ स्वाभाविक रूप से संतुष्ट होती हैं, प्राकृतिक भोजन और पवित्रता से युक्त जीवन जीती हैं। वहाँ न कोई ऊँच-नीच का भाव होता है और न ही कोई कृत्रिम आवश्यकताएँ।

प्रश्न 8: कौन-कौन सत्ययुग में राधा और कृष्ण बनते हैं?
उत्तर: जो आत्माएँ संगमयुग में ब्रह्मा कुमार-कुमारी बनकर 100% पवित्रता का पालन करती हैं, वे ही सत्ययुग में राधा, कृष्ण और अन्य देवी-देवता बनती हैं। कोई भी आत्मा बाहर से नहीं आती, बल्कि संगमयुग की पवित्र आत्माएँ ही सत्ययुग के नवनिर्मित स्वर्ग में जन्म लेती हैं।

प्रश्न 9: श्रीकृष्ण सबसे पहले जन्म क्यों लेते हैं?
उत्तर: क्योंकि ब्रह्मा बाबा ही अपनी तपस्या और योगबल से संपूर्ण बनकर सत्ययुग में श्रीकृष्ण के रूप में जन्म लेते हैं। वे ही पहले राजकुमार होते हैं, और फिर राधा तथा अन्य आत्माएँ जन्म लेती हैं।

प्रश्न 10: हमें इस ज्ञान से क्या सीख मिलती है?
उत्तर: हमें सीख मिलती है कि हमारा लक्ष्य श्रीकृष्ण बनना है। इसके लिए हमें चारों अलंकार (शंख, चक्र, गदा, कमल) धारण कर स्वयं को संपूर्ण बनाना होगा और परमात्मा शिव से योगबल प्राप्त कर सत्ययुग के उपयुक्त आत्मा बनना होगा।

प्रश्न 11: हम सत्ययुग में जन्म लेने के लिए क्या कर सकते हैं?
उत्तर: हमें परमात्मा शिव द्वारा दिए गए ज्ञान को समझकर, राजयोग का अभ्यास करके और 100% पवित्रता अपनाकर स्वयं को सत्ययुग के योग्य बनाना चाहिए। यही हमारी आत्मा के लिए सबसे श्रेष्ठ साधना है।

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