दीपावली का असली अर्थ-:(05)पांच बातें जो इस दिवाली आपकी जिंदगी बदल सकती है।
(प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)
अध्याय: दिवाली का असली अर्थ
पाँच आध्यात्मिक बातें जो इस दिवाली आपकी जिंदगी बदल सकती हैं
दिवाली केवल घर सजाने, मिठाई बांटने या दीप जलाने का पर्व नहीं है।
सच्चा अर्थ है — अपने भीतर के अंधकार को मिटाकर आत्मा में प्रकाश जगाना।
1. अंदर की सफाई – मन का घर साफ करो
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जैसे हम घर की सफाई करते हैं, वैसे ही मन के घर से नकारात्मक विचारों की धूल हटाएँ।
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क्रोध, ईर्ष्या, शिकायत – ये मन की गंदगी हैं।
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मन की सफाई से वर्तमान, भूत और भविष्य सब सुधरते हैं।
उदाहरण:
अगर कमरे में अंधेरा और धूल जमी हो, तो दीपक जलाने से पहले सफाई जरूरी है।
वैसे ही जब मन साफ होगा तभी ईश्वर का प्रकाश भीतर चमकेगा।
मुरली नोट:
Avyakt Murli – 18 अक्टूबर 2024
“बच्चे, पहले मन की सफाई करो। तब सभी शिव बाबा का प्रकाश टिकेगा।”
संदेश:
मन की सफाई परमात्मा की श्रीमत पर चलकर ही संभव है।
2. कृतज्ञता – आभार व्यक्त करो
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दिवाली पर ईश्वर और अपने प्रियजनों का धन्यवाद करें।
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कृतज्ञता से मन हल्का होता है और आत्मा में खुशी का प्रकाश फैलता है।
उदाहरण:
जैसे दीपक तेल से जलता है, वैसे ही आत्मा आभार से उज्जवल रहती है।
मुरली नोट:
Avyakt Murli – 20 अक्टूबर 2023
“बच्चे, हर क्षण यह अनुभव करो कि बाप ने तुम्हें कितना ऊंच भाग्य दिया है। आभारी बच्चे हैं, निरंतर हर्षित रहते हैं।”
संदेश:
कृतज्ञता जीवन में सुख और प्रकाश बढ़ाती है।
3. क्षमा – संबंधों का दीप जलाओ
-
खुद को और दूसरों को क्षमा करो।
-
भूल जाओ, मन में रंजिश न रखो।
उदाहरण:
यदि किसी ने गलती की, तो उसे क्षमा करके मुक्त हो जाओ।
क्रोध और शिकायत रखने से मन का प्रकाश बुझ जाता है।
मुरली नोट:
Avyakt Murli – 22 अक्टूबर 2022
“बच्चे, जो क्षमाशील है वही शांति दूत है। क्षमा करने से आत्मा में दिव्यता आती है।”
संदेश:
क्षमा रिश्तों को उजाला देती है और आत्मा को शांति।
4. परिवार से जुड़ाव – प्रेम का प्रकाश फैलाओ
-
दिवाली का असली आनंद तब है जब परिवार में एकता, स्नेह और सहयोग का दीप जलता है।
उदाहरण:
जैसे सैकड़ों दीपक साथ जलते हैं तो अंधेरा मिट जाता है, वैसे ही परिवार के मन एक हो जाएँ तो घर में स्वर्ग उतर आता है।
मुरली नोट:
Avyakt Murli – 21 अक्टूबर 2021
“बच्चे, एक दूसरे से मधुरता रखो। स्नेह और सहयोग से ही दिव्य लोक की नींव पड़ती है।”
संदेश:
परिवारिक प्रेम और सहयोग जीवन में दिव्यता लाता है।
5. आत्म ज्योति – शिव से योग लगाओ
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सभी बाहरी दीप तब तक अधूरे हैं जब तक आत्मा का दीप नहीं जलता।
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शिव बाबा से योग लगाकर ही आत्मा का दीपक प्रज्वलित होता है।
उदाहरण:
बाहर का दिया कुछ देर जलता है, लेकिन आत्म दीप अमर होता है।
मुरली नोट:
Avyakt Murli – 23 अक्टूबर 1986
“सच्ची दिवाली वही है जब आत्मा में स्मृति का दीप सदैव प्रज्वलित रहता है।”
संदेश:
आत्म दीप अमर होता है, शिव बाबा की याद से यह हमेशा जलता रहता है।
निष्कर्ष – इस दिवाली अपनी पांच ज्योतियां जगाओ
-
सफाई – मन की गंदगी हटाओ।
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कृतज्ञता – आभार व्यक्त करो।
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क्षमा – रिश्तों में उजाला फैलाओ।
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प्रेम – परिवार और समाज में स्नेह बढ़ाओ।
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योग – आत्मा का दीप जलाओ, शिव से संबंध बनाओ।
ये पांच बातें आपके जीवन में सच्चा स्वर्णिम प्रकाश लाती हैं।
स्लोगन:
“सच्ची दिवाली वही है जिसमें आत्मा का प्रकाश जगमगाए,
और हर दिल में शांति का दीप जल जाए।”
दिवाली का असली अर्थ
पाँच आध्यात्मिक बातें जो इस दिवाली आपकी जिंदगी बदल सकती हैं
प्रश्न 1: दिवाली का सच्चा अर्थ क्या है?
उत्तर:
दिवाली केवल घर सजाने, मिठाई बांटने या दीप जलाने का पर्व नहीं है।
सच्चा अर्थ है — अपने भीतर के अंधकार को मिटाकर आत्मा में प्रकाश जगाना।
प्रश्न 2: अंदर की सफाई क्यों जरूरी है और इसे कैसे करें?
उत्तर:
-
जैसे हम घर की सफाई करते हैं, वैसे ही मन के घर से नकारात्मक विचारों की धूल हटाएँ।
-
क्रोध, ईर्ष्या, शिकायत – ये मन की गंदगी हैं।
-
मन की सफाई से वर्तमान, भूत और भविष्य सब सुधरते हैं।
उदाहरण:
अगर कमरे में अंधेरा और धूल जमी हो, तो दीपक जलाने से पहले सफाई जरूरी है।
वैसे ही जब मन साफ होगा तभी ईश्वर का प्रकाश भीतर चमकेगा।
मुरली नोट:
Avyakt Murli – 18 अक्टूबर 2024
“बच्चे, पहले मन की सफाई करो। तब सभी शिव बाबा का प्रकाश टिकेगा।”
संदेश:
मन की सफाई परमात्मा की श्रीमत पर चलकर ही संभव है।
प्रश्न 3: दिवाली पर कृतज्ञता का महत्व क्या है?
उत्तर:
-
ईश्वर और अपने प्रियजनों का धन्यवाद करें।
-
कृतज्ञता से मन हल्का होता है और आत्मा में खुशी का प्रकाश फैलता है।
उदाहरण:
जैसे दीपक तेल से जलता है, वैसे ही आत्मा आभार से उज्जवल रहती है।
मुरली नोट:
Avyakt Murli – 20 अक्टूबर 2023
“बच्चे, हर क्षण यह अनुभव करो कि बाप ने तुम्हें कितना ऊंच भाग्य दिया है। आभारी बच्चे हैं, निरंतर हर्षित रहते हैं।”
संदेश:
कृतज्ञता जीवन में सुख और प्रकाश बढ़ाती है।
प्रश्न 4: क्षमा का महत्व और इसे कैसे अपनाएँ?
उत्तर:
-
खुद को और दूसरों को क्षमा करो।
-
भूल जाओ, मन में रंजिश न रखो।
उदाहरण:
यदि किसी ने गलती की, तो उसे क्षमा करके मुक्त हो जाओ।
क्रोध और शिकायत रखने से मन का प्रकाश बुझ जाता है।
मुरली नोट:
Avyakt Murli – 22 अक्टूबर 2022
“बच्चे, जो क्षमाशील है वही शांति दूत है। क्षमा करने से आत्मा में दिव्यता आती है।”
संदेश:
क्षमा रिश्तों को उजाला देती है और आत्मा को शांति।
प्रश्न 5: परिवार से जुड़ाव का दिवाली में क्या महत्व है?
उत्तर:
-
दिवाली का असली आनंद तब है जब परिवार में एकता, स्नेह और सहयोग का दीप जलता है।
उदाहरण:
जैसे सैकड़ों दीपक साथ जलते हैं तो अंधेरा मिट जाता है, वैसे ही परिवार के मन एक हो जाएँ तो घर में स्वर्ग उतर आता है।
मुरली नोट:
Avyakt Murli – 21 अक्टूबर 2021
“बच्चे, एक दूसरे से मधुरता रखो। स्नेह और सहयोग से ही दिव्य लोक की नींव पड़ती है।”
संदेश:
परिवारिक प्रेम और सहयोग जीवन में दिव्यता लाता है।
प्रश्न 6: आत्म ज्योति कैसे जागृत करें?
उत्तर:
-
सभी बाहरी दीप तब तक अधूरे हैं जब तक आत्मा का दीप नहीं जलता।
-
शिव बाबा से योग लगाकर ही आत्मा का दीपक प्रज्वलित होता है।
उदाहरण:
बाहर का दिया कुछ देर जलता है, लेकिन आत्म दीप अमर होता है।
मुरली नोट:
Avyakt Murli – 23 अक्टूबर 1986
“सच्ची दिवाली वही है जब आत्मा में स्मृति का दीप सदैव प्रज्वलित रहता है।”
संदेश:
आत्म दीप अमर होता है, शिव बाबा की याद से यह हमेशा जलता रहता है।
निष्कर्ष: इस दिवाली अपनी पांच ज्योतियां जगाओ
-
सफाई – मन की गंदगी हटाओ।
-
कृतज्ञता – आभार व्यक्त करो।
-
क्षमा – रिश्तों में उजाला फैलाओ।
-
प्रेम – परिवार और समाज में स्नेह बढ़ाओ।
-
योग – आत्मा का दीप जलाओ, शिव से संबंध बनाओ।
ये पांच बातें आपके जीवन में सच्चा स्वर्णिम प्रकाश लाती हैं।
स्लोगन:
“सच्ची दिवाली वही है जिसमें आत्मा का प्रकाश जगमगाए, और हर दिल में शांति का दीप जल जाए।”
Disclaimer:
यह वीडियो आध्यात्मिक शिक्षाओं और ब्रह्माकुमारीज़ के अव्यक्त एवं साकार मुरली ज्ञान पर आधारित है। यहाँ साझा की गई जानकारी आध्यात्मिक मार्गदर्शन के लिए है। व्यक्तिगत निर्णय लेने से पहले सद्गुरु या आध्यात्मिक मार्गदर्शक की सलाह लेना उचित है।
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