(07)Fasting Autophagy occurs in which cells?

दिव्य स्वास्थय/(07)उपवास Autophagy किन कोशिकाओं में होती है?

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“रक्षाबंधन का असली अर्थ | आध्यात्मिक राखी | आत्मा और परमात्मा का पवित्र बंधन | 


स्पीच: रक्षाबंधन – आत्मा की रक्षा का पर्व (with Headings)


1. परिचय: रक्षाबंधन केवल एक पर्व नहीं

नमस्कार सभी को,
रक्षाबंधन को हम वर्षों से धागे, मिठाई और भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक के रूप में मनाते आए हैं।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है — क्या यह सिर्फ एक रस्म है? या इसके पीछे कोई गहरा आत्मिक संदेश छुपा है?


2. रक्षाबंधन = एक आध्यात्मिक प्रतिज्ञा

राखी एक साधारण धागा नहीं, बल्कि आत्मा और परमात्मा के बीच की एक पवित्र प्रतिज्ञा है।
यह पर्व हमें याद दिलाता है कि:

“मैं आत्मा हूँ। अब मैं पवित्र जीवन जीने का संकल्प करता हूँ।”


3. भाई की रक्षा या आत्मा की रक्षा?

बहन तीन साल के भाई को राखी क्यों बांधती है?
क्योंकि यह रक्षा केवल शरीर की नहीं, आत्मा की होती है — विकारों से, बुराइयों से।
यह पर्व हमें काम, क्रोध, लोभ, मोह जैसे दोषों से बचने की प्रेरणा देता है।


4. रक्षा सूत्र का आत्मिक अर्थ

रक्षा सूत्र हमें यह वचन दिलवाता है:

“अब मैं पवित्रता के मार्ग पर चलूंगा/चलूंगी।”
यह बंधन एक आत्मिक कवच है — जो हमें पवित्र, शांत और सच्चे मार्ग की ओर ले जाता है।


5. मुरली वचन से पुष्टि

13 अगस्त 1986 की मुरली में स्पष्ट कहा गया:

“जो राखी का बंधन निभाएगा, वह नर्क से छूटकर स्वर्ग का अधिकारी बनेगा — धागे से नहीं, परमात्मा की राय पर चलकर।”


6. निष्कर्ष: राखी = जीवन मुक्ति की शुरुआत

रक्षाबंधन केवल मिठाई और धागे का त्यौहार नहीं है।
यह है —
आत्मा की रक्षा का पर्व
परमात्मा से जुड़ने का संकल्प
जीवन को विकारों से मुक्त करने की शुरुआत

इस बार राखी पर केवल रस्म न निभाएं —
एक पवित्र जीवन का संकल्प लें।

“रक्षाबंधन का असली अर्थ | आध्यात्मिक राखी | आत्मा और परमात्मा का पवित्र बंधन |


प्रश्नोत्तर (Q&A) – रक्षाबंधन: आत्मा की रक्षा का पर्व


Q1. क्या रक्षाबंधन केवल एक पारंपरिक पर्व है?

उत्तर:नहीं। रक्षाबंधन केवल एक पारंपरिक या पारिवारिक पर्व नहीं है, बल्कि यह आत्मा और परमात्मा के बीच पवित्र जीवन का एक आध्यात्मिक संकल्प है।


Q2. राखी का असली अर्थ क्या है?

उत्तर:राखी एक साधारण धागा नहीं है। यह आत्मा की पवित्रता की प्रतिज्ञा है — एक आत्मिक वचन कि हम अब विकारों से रक्षा करेंगे और सात्विक जीवन जीएंगे।


Q3. बहन छोटे भाई को राखी क्यों बांधती है? क्या वह उसकी रक्षा कर सकता है?

उत्तर:यह प्रतीकात्मक है। यह दिखाता है कि रक्षा केवल शारीरिक नहीं, आत्मिक भी होती है। यह पर्व आत्मा की रक्षा — यानी काम, क्रोध, लोभ, मोह जैसे विकारों से रक्षा — का संकल्प है।


Q4. रक्षा सूत्र क्या संदेश देता है?

उत्तर:रक्षा सूत्र हमें यह वचन दिलवाता है:

“अब मैं पवित्रता के मार्ग पर चलूंगा/चलूंगी।”
यह हमें आत्मिक रूप से सशक्त और स्थिर बनाता है।


Q5. मुरली वचन में रक्षाबंधन को कैसे समझाया गया है?

उत्तर:13 अगस्त 1986 की मुरली में कहा गया:

“जो राखी का बंधन निभाएगा, वह नर्क से छूटकर स्वर्ग का अधिकारी बनेगा — धागे से नहीं, परमात्मा की राय पर चलकर।”


Q6. रक्षाबंधन हमें कौन-कौन से आध्यात्मिक मूल्य सिखाता है?

उत्तर:

  • आत्मा की पवित्रता

  • विकारों से मुक्ति

  • परमात्मा से जुड़ने का संकल्प

  • पवित्र और सात्विक जीवन की शुरुआत


Q7. इस बार रक्षाबंधन को हम कैसे विशेष बना सकते हैं?

उत्तर:इस बार राखी को केवल एक रस्म न बनाएं।
एक आत्मिक व्रत लें —

“मैं आत्मा हूँ, अब पवित्रता से जीऊंगा और परमात्मा की राय पर चलूंगा।”

Disclaimer

यह वीडियो केवल आध्यात्मिक प्रेरणा और सामान्य स्वास्थ्य जानकारी के लिए है। इसमें दी गई सामग्री किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह (Medical Advice) का विकल्प नहीं है। किसी भी उपवास, आहार परिवर्तन या स्वास्थ्य-संबंधी कदम उठाने से पहले, कृपया अपने योग्य चिकित्सक या स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श करें।
इस वीडियो में वर्णित मुरली वाक्यांश ब्रह्मा कुमारीज़ की आधिकारिक मुरली पर आधारित हैं और केवल ज्ञान-विस्तार के उद्देश्य से प्रस्तुत किए गए हैं।

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