(08)Fulfill the bond of Rakshabandhan and get freedom in life

(08)रक्षाबंधन का बंधन निभाओ, जीवनमुक्ति पाओ

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रक्षाबंधन — एक ऐसा पर्व जिसे हर साल प्रेम और उत्साह से मनाया जाता है। पर क्या यह केवल भाई-बहन का त्यौहार है?
या इसके पीछे छिपा है एक आध्यात्मिक रक्षा-सूत्र?


1. रक्षाबंधन – एक गूढ़ आध्यात्मिक पर्व

हमने सदियों से रक्षाबंधन को भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक माना है।
परंतु ब्रह्मा कुमारीज़ ज्ञान से यह स्पष्ट होता है कि —
यह पर्व आत्मा की रक्षा और मुक्ति का पर्व है।


 2. मुरली संकेत: “पवित्रता का रक्षा-सूत्र”

Murli: 3 August 2025:

“बच्चे, तुम सच्चे ब्राह्मण जो यह पवित्रता का रक्षा-सूत्र बांधते हो, वही आत्माएँ देवी बनने की पात्र हैं। यह रक्षा-बंधन तुम्हें यम से भी मुक्त करता है।”

मतलब:

  • यह केवल धागा नहीं, बल्कि संकल्प है आत्मा की रक्षा का

  • पवित्रता का व्रत लेने से आत्मा यमराज (मृत्यु) के भय से मुक्त हो जाती है


 3. राखी – रस्म नहीं, आत्मा का संकल्प

आज राखी गिफ्ट, मिठाई और सजावट में सीमित हो गई है।
लेकिन…
अगर आत्मा यह संकल्प ले —
“मैं अब विकारों से स्वयं की रक्षा करूँगा”
तो वही बन जाता है जीवन का वास्तविक रक्षा-सूत्र


 4. इतिहास के दृष्टिकोण से – इन्द्र व यम की कहानी

इन्द्राणी ने इन्द्र को रक्षा-सूत्र बांधा था – युद्ध में विजय के लिए
यमराज ने यमुना से रक्षा-सूत्र बंधवाया — और कहा:

“जो यह रक्षा-सूत्र बंधवाएगा, वो यमलोक से मुक्त हो जाएगा।”

प्रतीकात्मक अर्थ:

पात्र प्रतीक
यमराज मृत्यु, कर्म का फल
यमुना पवित्रता, आत्मिक प्रेम
रक्षासूत्र संकल्प: अब विकारों में नहीं जाऊँगा

 5. गुप्त संदेश: आत्मा की विजय

Murli: 31 July 2025:

“इस संगम युग में आप अनन्य देवी बच्चे ही विकारों पर विजय प्राप्त कर बैकुंठ की लाटरी पाते हो।”

वास्तविक रक्षाबंधन का अर्थ है:

  • आत्मा का परमात्मा से रक्षा-संकल्प

  • काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार पर विजय


 6. आत्मा का यम-मुक्त बनना

जैसे यमराज ने यमुना से बंधकर मृत्यु-मुक्ति दी,
वैसे ही —
परमात्मा शिव बाबा से रक्षा-सूत्र बांधने वाली आत्मा:

  • विकारों से मुक्त होती है (जीवनमुक्ति)

  • मृत्यु के भय से मुक्त होती है (मुक्ति)


 7. प्रेरणात्मक उदाहरण

1. एक बहन की प्रतिज्ञा:
“बाबा, अब मैं क्रोध नहीं करूंगी।”
 दो महीने में ही ऑफिस की परिस्थिति बदल गई।

2. ब्रह्मा बाबा का जीवन:
बाबा ने स्वयं पवित्रता का संकल्प लिया, और ब्राह्मणों को राखी बाँधी —

“बच्चे, विकारों से रक्षा करना ही सच्चा रक्षाबंधन है।”


 8. कल्प की कहानी – ये पर्व कब शुरू हुआ?

  • सतयुग में आत्मा निर्विकारी थी

  • द्वापर में विकारी बनी

  • संगमयुग पर शिव बाबा ने ज्ञान दिया:

Murli: 3 August 2025:

“यह रक्षा-सूत्र आत्मा को विषय विकारों से बचाता है। यह बंधन तुम्हें जन्म-जन्मांतर के दुखों से भी मुक्त कर देता है।”


 9. रक्षा-सूत्र = आत्मा की सुरक्षा

यह पर्व है:

  • विषय-विकारों से सुरक्षा का संकल्प

  • योगबल द्वारा आत्मा को शक्ति देना

  • “विष-तोड़क पर्व” और “पुण्य प्रदायक पर्व”


 10. परिणाम: मुक्ति और जीवनमुक्ति

Murli: 3 August 2025:

“जो सच्चे दिल से यह पवित्रता का रक्षा-सूत्र बाँधते हैं, उन्हें यम के बन्धन से भी मुक्ति मिलती है।”

मुक्ति = शरीर से परे आत्मा की आज़ादी
जीवनमुक्ति = कर्म करते हुए भी शांत आत्मा


 निष्कर्ष: रक्षा-सूत्र = परमात्म-स्मृति का बंधन

  • यह केवल धागा नहीं…

  • यह है परमात्मा की याद में दृढ़ आत्मिक संकल्प

  • पवित्रता और स्वराज्य का यज्ञ-सूत्र

“रक्षाबंधन का रहस्य: रक्षा-सूत्र केवल धागा नहीं, आत्मा की परम यात्रा का संकल्प | 


Q1: क्या रक्षाबंधन केवल भाई-बहन का त्यौहार है?

A1:नहीं।
ब्रह्माकुमारी ज्ञान अनुसार, रक्षाबंधन आत्मा और परमात्मा के बीच पवित्रता का रक्षा-सूत्र है। यह पर्व आत्मा को विकारों से रक्षा करने और मुक्ति पाने की स्मृति दिलाता है।

Murli – 3 Aug 2025:
“यह रक्षा-सूत्र आत्मा को विषय विकारों से बचाता है। यह बंधन तुम्हें यम से भी मुक्त करता है।”


Q2: मुरली अनुसार ‘रक्षा-सूत्र’ क्या है?

A2:बाबा कहते हैं कि पवित्रता ही असली रक्षा-सूत्र है।
जब आत्मा यह संकल्प करती है — “अब मैं विकारों से स्वयं की रक्षा करूँगा,”
तो वही रक्षा-सूत्र आत्मा को यमराज (मृत्यु) और दुखों से मुक्ति दिलाता है।


Q3: रक्षाबंधन का इतिहासिक और आध्यात्मिक संबंध क्या है?

A3:इन्द्राणी ने इन्द्र को रक्षा-सूत्र बाँधा — विजय के लिए
यमराज ने यमुना से रक्षा-सूत्र बंधवाया — मृत्यु-मुक्ति के लिए

 प्रतीकात्मक अर्थ:

पात्र प्रतीक
यमराज मृत्यु और कर्म-बंधन
यमुना आत्मिक पवित्रता
रक्षासूत्र आत्मा का संकल्प – विकारों से रक्षा

Q4: ब्रह्माकुमारियों के अनुसार राखी बाँधने का असली अर्थ क्या है?

A4:राखी का अर्थ है:
“मैं आत्मा अब काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार से स्वयं की रक्षा करूँगा।”
यह रक्षा-संकल्प जब परमात्मा की याद में लिया जाता है, तो आत्मा को शक्तिशाली बना देता है।


Q5: मुरली अनुसार सच्चा रक्षाबंधन किसे कहा जाता है?

A5:Murli – 31 July 2025:
“बच्चे, विकारों से रक्षा करना ही सच्चा रक्षाबंधन है।”

जो आत्मा संगमयुग पर शिव बाबा से रक्षा-सूत्र बँधवाती है, वही देवी बनने की पात्र बनती है।


Q6: रक्षाबंधन का आत्मा के मुक्ति से क्या संबंध है?

A6:जैसे यम ने यमुना से रक्षा-सूत्र बंधवाया और मृत्यु से मुक्ति दी —
वैसे ही शिव बाबा से रक्षा-सूत्र बँधवाने वाली आत्मा को
जीवनमुक्ति (विकार-मुक्त अवस्था)
और
मुक्ति (मृत्यु के भय से मुक्ति)
प्राप्त होती है।


Q7: क्या कोई उदाहरण है जिन्होंने रक्षा-सूत्र का फल पाया?

A7:एक बहन ने संकल्प लिया — “अब मैं क्रोध नहीं करूँगी।”
2 माह में ही ऑफिस में सम्मान और शांति की स्थिति बनी।

ब्रह्मा बाबा ने स्वयं पवित्रता का रक्षा-सूत्र बाँधा और
हजारों आत्माओं को विकारों से रक्षा करने की प्रेरणा दी।


Q8: क्या यह पर्व नया है या कल्प-परंपरा से चला आ रहा है?

A8:बाबा कहते हैं —
यह रक्षा-सूत्र कल्प-कल्प से संगमयुग पर परमात्मा बांधते हैं।
यह वही स्मृति है जो सतयुग की निर्विकारी अवस्था का आधार बनती है।

Murli – 3 August 2025:
“यह बंधन जन्म-जन्मांतर के दुखों से भी मुक्त कर देता है।”


Q9: रक्षा-सूत्र क्या केवल धागा है?

A9:नहीं। यह एक दृढ़ आत्मिक संकल्प है, जो परमात्मा शिव की स्मृति में लिया जाता है।
यह धागा शरीर के लिए नहीं, बल्कि संकल्प आत्मा की रक्षा के लिए है।


Q10: रक्षाबंधन का अंतिम संदेश क्या है?

A10:रक्षासूत्र = पवित्रता + परमात्म स्मृति + आत्म-संयम
जो आत्मा यह रक्षा-संकल्प लेती है, वही बनती है
विकारों पर विजयी,
मुक्त और जीवनमुक्त,
देवी पद की अधिकारी।

Disclaimer:
यह वीडियो पवित्र आध्यात्मिक उद्देश्य के लिए बनाया गया है, जिसमें ब्रह्माकुमारीज़ की शिक्षाओं और मुरली वचनों पर आधारित व्याख्या प्रस्तुत की गई है।
यह किसी भी धार्मिक परंपरा, ग्रंथ या व्यक्ति विशेष की आलोचना नहीं करता, बल्कि आध्यात्मिक अर्थ की स्पष्टता हेतु है।
Murli excerpts are taken with respect from the official Brahma Kumaris teachings as per affidavit (13 June 2025 by BK Karuna).

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