(08)The Raas of Shri Krishna and the Gopas and Gopis happens only at Sangam. Why and how?

(08) श्री कृष्ण और गोप- गोपियों की रास केवल संगम पर होती हैl क्यों और कैसे?

( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

YouTube player

“श्रीकृष्ण और गोपियों की रास सिर्फ संगम युग पर ही क्यों होती है?”

एकदम सरल भाषा में, वीडियो के लिए तैयार फॉर्मेट में:

“आपने कई बार सुना होगा — श्रीकृष्ण और गोपियों की रास!
पर क्या आपने कभी सोचा — ये रास होता कहां है?
क्या रास सतयुग में होता है? नहीं।
क्या रास द्वापर या त्रेता में होता है? नहीं।
फिर रास होता है — केवल संगम युग पर!

आज हम इसी रहस्य को जानेंगे —
‘श्रीकृष्ण और गोपियों की रास सिर्फ संगम पर क्यों होती है?’


🌸 1- कृष्ण का जन्म संगम पर क्यों होता है? |दृश्य: ब्रह्मा → श्री कृष्ण रूपांतरण

🗣️”बाबा ने मुरली में साफ कहा —
श्रीकृष्ण का जन्म सतयुग में नहीं, संगम युग पर होता है।क्यों?
क्योंकि सतयुग की शुरुआत होती है लक्ष्मी-नारायण से।
और श्रीकृष्ण वही है जो बाद में लक्ष्मी-नारायण बनते हैं।
इसलिए श्रीकृष्ण संगम युग पर जन्म लेते हैं, न कि सतयुग में।”


🌟 2-पतित दुनिया में पवित्र आत्मा का जन्म कैसे? |

दृश्य: आग की लपटें, कलियुग का अंत + कृष्ण का जन्म]

“अब सवाल आता है —
जब चारों ओर पतित दुनिया है, तब श्रीकृष्ण कैसे जन्म ले सकते हैं?
बाबा ने कहा —
उस समय श्रीकृष्ण की आत्मा जन्म तो लेती है,
पर उसे रिसीव करने वाले मां-बाप एडवांस स्टेज की आत्माएँ होती हैं।
वो आत्माएँ ही श्रीकृष्ण को जन्म देती हैं —
विनाश से पहले, संगम युग में!
और ये जन्म ‘शुद्ध’ नहीं, पर ‘धारणायुक्त और पवित्रता से भरा’ होता है।”


🌀3-राधे-कृष्ण बनना है हमारा लक्ष्य |

🗣️दृश्य: कृष्ण-राधा का लक्ष्मी-नारायण में रूपांतर]

“बाबा ने 3 मार्च 2020 की मुरली में कहा —
तुम्हारा लक्ष्य है — राधे-कृष्ण बनना!
पहले श्रीकृष्ण का जन्म होता है,
फिर कुछ समय बाद वे लक्ष्मी-नारायण बनते हैं।
इसलिए कृष्ण की महिमा सबसे अधिक है —
क्योंकि वही सबसे पहले-पहले आते हैं।”


 4 – संगम युग: दो युगों का मिलन |दृश्य: गंगा-यमुना संगम का प्रतीक

🗣️”अब समझें — संगम क्या है?
संगम का मतलब होता है — दो युगों का मिलन।
जैसे प्रयागराज में गंगा और यमुना मिलती हैं,
वैसे ही संगम युग में
एक ओर कलियुग, दूसरी ओर सतयुग बह रहा होता है।
जब तक दोनों साथ-साथ बहते हैं, वो समय ही संगम युग कहलाता है।”


💃 5 – रास: केवल संगम पर क्यों? |

दृश्य: चमकती गोपियों के साथ दिव्य रास मंडल]

🗣️”अब सबसे खास बात — रास संगम युग पर ही क्यों होता है?

रास का अर्थ है — दिव्य मिलन, गुणों की समानता, ताल से ताल मिलाना।
यह कोई शारीरिक नृत्य नहीं —
बल्कि यह है आत्मा का परमात्मा के साथ योग,
और गोप-गोपियों का दिव्य संग।

बाबा ने 30 सितंबर 1975 की मुरली में कहा —
‘यह संगम युग का अलौकिक रास है।’
इसमें 3 विशेषताएं होती हैं:

1️⃣ रात में दिन —दुनिया अंधकार में है, पर ये आत्माएँ जाग चुकी हैं।
इनके जीवन में सतोप्रधानता का सूरज निकल चुका है।

2️⃣ जागती ज्योत
ये आत्माएँ एक क्षण भी माया में नहीं जातीं।
हर पल 100% पवित्र, संपूर्ण, माया-मुक्त।

3️⃣ संस्कार मिलन
इनके संस्कार मिले हुए हैं।
इसलिए ताल से ताल मिलता है।
यही रास का वास्तविक अर्थ है —
दिव्यता का नृत्य, संग का सर्कल।


🌈  6 – श्रीकृष्ण का एक साल योगनिद्रा | दृश्य: कृष्ण की आत्मा परमधाम की ओर चढ़ती हुई, चमकती हुई, लौटती हुई

🗣️”अब समझते हैं —
जब विनाश होगा, तो श्रीकृष्ण की आत्मा भी एक साल के लिए परमधाम जाएगी।
बाबा ने 5 जनवरी 1969 की मुरली में बताया —
कुछ आत्माएँ पूरे 5000 वर्ष नहीं, 4999 वर्ष इस धरती पर रहती हैं।
और जो परमधाम जाती हैं, वो एक साल के लिए योगनिद्रा में रहती हैं
— फिर लौटती हैं, और सतयुग का पहला-पहला बच्चा बनती हैं।””तो अब समझ आया ना —
क्यों श्रीकृष्ण और गोपियों की रास सिर्फ संगम युग पर होती है?
क्योंकि यही समय है —
जब आत्माएँ पवित्रता, पूर्णता, और दिव्यता को प्राप्त करती हैं।
यही रास है —
अंतिम योग, अंतिम संग, और सच्चा संगम।

📌 और इस महान संगम रास का हिस्सा बनना है —
तो बनिए बाबा के रियल गोप-गोपी।
ज्ञान लो, धारणा करो, और बाबा के साथ निरंतर रास रचाओ।”

🌸 Q1: श्रीकृष्ण का जन्म संगम युग पर क्यों होता है?

🖼️ : ब्रह्मा → श्रीकृष्ण का रूपांतरण

Answer:क्योंकि सतयुग की शुरुआत होती है लक्ष्मी-नारायण से।
और श्रीकृष्ण वही आत्मा है जो आगे चलकर लक्ष्मी-नारायण बनती है।
इसलिए श्रीकृष्ण का असली जन्म संगम युग पर होता है, न कि सतयुग में।
: मुरली वाणी — “श्रीकृष्ण संगम पर जन्म लेता है”)


🔥 Q2: जब चारों ओर पतित दुनिया है, तो पवित्र आत्मा कैसे जन्म ले सकती है?

🖼️ l: आग की लपटें, कलियुग का अंत, श्रीकृष्ण का दिव्य प्रकट होना

Answer:उस समय श्रीकृष्ण की आत्मा एडवांस स्टेज की आत्माओं के माध्यम से जन्म लेती है।
वे माता-पिता पवित्र, योगयुक्त, उच्च आत्माएँ होती हैं।
ये जन्म शरीर भले शुद्ध न हो, पर आत्मा धारणायुक्त और पवित्रता से भरी होती है।
इसलिए उसका जन्म दिव्य कहलाता है — संगम युग में, विनाश से पहले।


💫 Q3: क्या राधे-कृष्ण बनना हमारा लक्ष्य है?

🖼️ l: राधे-कृष्ण → लक्ष्मी-नारायण का दिव्य परिवर्तन

Answer:बिलकुल!
बाबा ने 3 मार्च 2020 की मुरली में कहा —
“तुम्हारा लक्ष्य है राधे-कृष्ण बनना।”
पहले श्रीकृष्ण का जन्म होता है, फिर वह लक्ष्मी-नारायण बनते हैं।
इसलिए कृष्ण की आत्मा सबसे पहले आती है —
इसलिए उसकी महिमा सबसे अधिक है।


🌊 Q4: संगम युग किसे कहते हैं? और ये कब होता है?

🖼️ : प्रयागराज संगम (गंगा-यमुना मिलन), ब्रह्मा बाबा की याद में तपस्या

Answer:संगम युग यानी दो युगों का मिलन — कलियुग और सतयुग
जैसे गंगा-यमुना संगम होता है, वैसे ही
जब कलियुग समाप्त हो रहा होता है और सतयुग शुरू होने वाला होता है,
वो बीच का दिव्य काल संगम युग कहलाता है।
यही वो समय है जब परमात्मा धरती पर आते हैं।


💃 Q5: रास संगम युग पर ही क्यों होता है?

🖼️ : श्रीकृष्ण रास मंडल में, गोपियाँ चमकती हुई, दिव्यता से भरी हुई

Answer:क्योंकि रास का असली अर्थ है — आत्मा और परमात्मा का दिव्य मिलन।
यह कोई शारीरिक नृत्य नहीं,
बल्कि ये है:

  • 100% पवित्रता

  • पूर्ण ज्ञान की स्थिति

  • संस्कारों का मिलन

  • बाबा ने 30 सितंबर 1975 की मुरली में कहा —

“यह संगम युग का अलौकिक रास है।”
जहाँ आत्माएँ दिन में रहते हुए भी जाग्रत हैं, माया से मुक्त हैं और
बिलकुल एक जैसे दिव्य संस्कारों में स्थिर हैं।
यही रास है — योग, समानता और दिव्यता का उत्सव।


🌈 Q6: श्रीकृष्ण की आत्मा एक साल योगनिद्रा में क्यों जाती है?

🖼️ : आत्मा का परमधाम की ओर चढ़ना, फिर पृथ्वी पर लौटना

Answer:-बाबा ने 5 जनवरी 1969 की मुरली में कहा —
कुछ आत्माएँ 5000 साल नहीं, 4999 साल धरती पर रहती हैं।
जब विनाश होता है,तो श्रीकृष्ण की आत्मा एक साल के लिए परमधाम में योगनिद्रा में चली जाती है।
फिर वह आत्मा वापस लौटती है और
सतयुग का पहला-पहला बच्चा बनती है।


🌟 Q7: क्या हम भी रास मंडल का हिस्सा बन सकते हैं?

🖼️ : साधारण आत्मा → ज्ञान युक्त → गोपी स्वरूप में परिवर्तन

Answer:बिलकुल!
बाबा कहते हैं —
जो आत्मा निरंतर योग में रहती है,
ज्ञान को जीवन में लाती है,
100% पवित्रता में स्थित रहती है —
वही आत्मा सच्ची गोपी है।
जो संगम युग पर बाबा के साथ रियल रास करती है —
परमात्मा के साथ योग और सेवा का नृत्य।

“तो अब समझ आया ना —
क्यों श्रीकृष्ण और गोपियों की रास सिर्फ संगम युग पर होती है?
क्योंकि यही समय है —
जब आत्माएँ पवित्र, दिव्य और परमात्मा से जुड़ जाती हैं।

📌 तो अगर आपको इस रास का हिस्सा बनना है —
तो बाबा के सच्चे गोप-गोपी बनो।
ज्ञान लो, योग में रहो, और सेवा करो।
यही है रियल रास।

श्रीकृष्ण रास, गोपियों की रास, संगम युग रास, राधे कृष्ण संगम, ब्रह्माकुमारी ज्ञान, बाबा की मुरली, श्रीकृष्ण जन्म, सतयुग की शुरुआत, लक्ष्मी नारायण, रास का रहस्य, आत्मा परमात्मा मिलन, दिव्य रास मंडल, संगम युग का सत्य, रियल रास क्या है, ब्रह्मा से कृष्ण, कृष्ण की आत्मा, योगनिद्रा श्रीकृष्ण, परमधाम वापसी, संगम युग महिमा, माया मुक्त आत्मा, सतोप्रधान आत्मा, ज्ञान युक्त जीवन, ब्रह्माकुमारिस शिक्षाएँ, बीके मुरली बिंदु, आध्यात्मिक कृष्ण, संगम युग रहस्य, संगमयुग रास, दिव्य कृष्ण गोपियाँ, बीके वीडियो सामग्री, बीके शॉर्ट्स विषय,

Shri Krishna Raas, Raas of Gopis, Sangam Yug Raas, Radhe Krishna Sangam, Brahma Kumaris Gyan, Baba Ki Murli, Shri Krishna Janma, Beginning of Satyug, Lakshmi Narayan, Raas Raas, Soul God Meeting, Divine Raas Mandal, Truth of Sangam Yug, What is Real Raas, Brahma to Krishna, Soul of Krishna, Yoganidra Shri Krishna, Return to Paramdham, Confluence Age Glory, Maya Free Soul, Satpradhan Soul, Knowledgeable Life, Brahma Kumaris Teachings, BK Murli Bindu, Spiritual Krishna, Confluence Age Mystery, Confluence Age Raas, Divine Krishna Gopis, BK Video Content, BK Shorts Topics,