Dussehra(11)The true hope of Ramrajya. Dussehra, Diwali and the awakening of the soul

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दशहरा(11)रामराज की सच्ची आशा।दशहरा दीपावली और आत्मा का जागरण

अध्याय 11 – रामराज की सच्ची आशा


1. दशहरा और दीपावली का असली अर्थ

भारतवासी सदियों से राम राज्य की कल्पना करते आए हैं।
महात्मा गांधी ने भी कहा था – “मेरा सपना है कि भारत में फिर से राम राज्य स्थापित हो।”

पर प्रश्न उठता है – वह रामराज्य कब और कैसे आएगा?

दीपावली का संदेश

  • दीपावली का असली अर्थ है आत्मा रूपी दीपक को जगाना।

  • जब आत्मा ज्ञान और योग से प्रकाशित होती है, तभी असली दीपावली आती है।

दशहरे का रहस्य

  • पहले माया रूपी रावण का विनाश होना चाहिए।

  • तभी आत्मा उज्ज्वल बनेगी और सच्चा रामराज्य आएगा।


2. असली रावण कौन?

आज लोग रावण के 10 सिर वाले पुतले को जलाते हैं।
लेकिन असली रावण हमारे अंदर बैठा है।

रावण के दस सिर

  • पुरुष में पाँच विकार – काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार

  • स्त्री में भी पाँच विकार।

  • यही असली दुश्मन हैं।

कविता में कहा गया है –
“ये और नहीं नर नारी में दस भूत भरे,
लाख जलाए दिन पर दिन यह पुतला बढ़ता ही जाता।”


3. रामराज्य की प्राप्ति

राम राज्य तभी आएगा जब –

  1. हर आत्मा विकारों पर विजय प्राप्त कर ले।

  2. या फिर आत्मा परमधाम (शांतिधाम) चली जाए।

 जब आत्मा रावण रूपी विकारों पर विजय पा लेती है, तभी असली राम राज्य की शुरुआत होती है।

उदाहरण – गांधी जी का सपना

गांधी जी ने रामराज्य की कल्पना की थी:

  • जहां अहिंसा हो।

  • जहां सुख-शांति हो।

  • जहां अन्याय और दुख का नामोनिशान न हो।

पर यह तभी संभव है जब हम आत्मा रूपी सीता को रावण की कैद से मुक्त कराएँ और निराकार शिव, असली राम की शरण लें।


4. Murli प्रमाण

साकार मुरली – 2 अक्टूबर 1975

“राम राज्य भारत में तब था जब सब पावन थे।
अब फिर से वही राज्य स्थापन करने आया हूं।
दशहरा और दीपावली आत्मा के पावन बनने की यादगार है।”

अव्यक्त मुरली – 18 अक्टूबर 1980

“दुख, विकार और अपवित्रता का अंत ही राम राज्य का आरंभ है।
विजय दशमी माया पर विजय का यादगार है।
दीपमाला आत्मा के उज्ज्वल जीवन की यादगार है।”


5. निष्कर्ष

  • दशहरा = विकारों पर विजय।

  • दीपावली = आत्मा में ज्ञान का दीपक जलाना।

 जब आत्मा विकारमुक्त होगी, तभी भारत में सच्चा राम राज्य स्थापित होगा।


 समापन वाक्य

आज दशहरे और दीपावली के अवसर पर हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि –
“मैं आत्मा अपने अंदर के रावण को जलाकर,
ज्ञान का दीप जलाऊँगा और रामराज्य की सच्ची स्थापना करूँगा।”

प्रश्न 1: दशहरा और दीपावली का असली अर्थ क्या है?

उत्तर:

  • दीपावली का असली अर्थ है आत्मा रूपी दीपक को जगाना।

  • जब आत्मा ज्ञान और योग से प्रकाशित होती है, तभी असली दीपावली आती है।

  • दशहरे का संदेश है कि पहले माया रूपी रावण का विनाश होना चाहिए।
     जब रावण का अंत होगा, तभी आत्मा उज्ज्वल बनेगी और सच्चा रामराज्य आएगा।


 प्रश्न 2: असली रावण कौन है?

उत्तर:

  • लोग बाहर रावण के पुतले जलाते हैं, पर असली रावण हमारे अंदर बैठा है।

  • उसके दस सिर विकारों के प्रतीक हैं:

    • पुरुष में पाँच विकार – काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार।

    • स्त्री में भी पाँच विकार।

  • यही असली दुश्मन हैं जिन्हें जलाना आवश्यक है।

कविता में कहा गया है –
“ये और नहीं नर नारी में दस भूत भरे,
लाख जलाए दिन पर दिन यह पुतला बढ़ता ही जाता।”


 प्रश्न 3: रामराज्य कब और कैसे प्राप्त होगा?

उत्तर:

  • रामराज्य तभी आएगा जब हर आत्मा विकारों पर विजय प्राप्त करेगी या फिर परमधाम लौट जाएगी।

  • जब आत्मा रावण रूपी विकारों पर विजय पा लेती है, तभी असली रामराज्य की शुरुआत होती है।

उदाहरण – गांधी जी का सपना:
गांधी जी ने ऐसा रामराज्य कल्पना किया था:

  • जहां अहिंसा हो,

  • हर व्यक्ति सुख-शांति से रहे,

  • अन्याय और दुख का नामोनिशान न हो।

 यह तभी संभव है जब आत्मा रूपी सीता को रावण की कैद से मुक्त करके निराकार शिव, असली राम की शरण ली जाए।


 प्रश्न 4: मुरली में रामराज्य और दशहरा-दीपावली के बारे में क्या कहा गया है?

उत्तर:

साकार मुरली – 2 अक्टूबर 1975

“राम राज्य भारत में तब था जब सब पावन थे।
अब फिर से वही राज्य स्थापन करने आया हूं।
दशहरा और दीपावली आत्मा के पावन बनने की यादगार है।”

अव्यक्त मुरली – 18 अक्टूबर 1980

“दुख, विकार और अपवित्रता का अंत ही राम राज्य का आरंभ है।
विजय दशमी माया पर विजय का यादगार है।
दीपमाला आत्मा के उज्ज्वल जीवन की यादगार है।”


 प्रश्न 5: दशहरा और दीपावली हमें कौन-सा संकल्प दिलाते हैं?

उत्तर:

  • दशहरा = विकारों पर विजय का प्रतीक।

  • दीपावली = आत्मा में ज्ञान का दीपक जगाने की यादगार।
     जब आत्मा विकारमुक्त होगी, तभी भारत में सच्चा रामराज्य स्थापित होगा।

 समापन संकल्प:
“मैं आत्मा अपने अंदर के रावण को जलाकर,
ज्ञान का दीप जलाऊँगा और रामराज्य की सच्ची स्थापना करूँगा।

Disclaimer:डिस्क्लेमर यह वीडियो केवल आध्यात्मिक शिक्षा और आत्म जागृति के उद्देश्य से बनाया गया है। इसका मकसद किसी भी धर्म, संप्रदाय या परंपरा की आलोचना करना नहीं है। यह ज्ञान ब्रह्माकुमारीज मुरली शिक्षाओं और आध्यात्मिक दृष्टिकोण पर आधारित है।

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