(05)Lotus-like angel – how to remain untouchable while living in the world?

फरिश्ता स्थिति:-(05)कमल समान फरिश्ता – संसार में रहते हुए भी अछूत कैसे रहे?

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( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

प्रस्तावना

प्यारे भाई-बहनों,
बाबा हमें रोज़ याद दिलाते हैं – “तुम आत्माएँ संसार में रहते हुए भी अछूती और डिटैच रहो।”
जैसे कमल का फूल जल में रहते हुए भी जल से अछूता रहता है, वैसे ही हमें भी संसार में रहकर उसकी खिंचाव-शक्ति से परे रहना है।


 कमल का रहस्य (साकार मुरली 18 जुलाई 1969)

कमल का फूल जल में खिलता है।
जल ही उसका आधार है, परंतु जल उसे छू नहीं सकता।

  • कमल परिवार सहित जल में रहता है, पर जल उसे बाँध नहीं पाता।

  • पानी की बूंद यदि कमल के पत्ते पर गिरे तो टिकती नहीं, तुरंत गिर जाती है।

  • यदि कमल जल में न रहे तो जीवित नहीं रहेगा, पर जल में रहकर भी जल से अछूता रहता है।

 यही हमारी सिद्धि होनी चाहिए – संसार में रहते हुए भी उसके मोह और खिंचाव से अछूते रहना।


 फरिश्ता सिद्धि – डिटैच पर लवफुल

(अव्यक्त मुरली 15 मार्च 1970)
बाबा कहते हैं –
“संसार में रहते हुए यदि डिटैच और लवफुल सिद्धि हो, तो वही कमल समान फरिश्ता है।”

  • जिसको परमात्मा से ही सच्चा प्यार होगा, वही फरिश्ता बनता है।

  • सूर्य सबको प्रकाश देता है, पर किसी एक से चिपकता नहीं।

  • वैसे ही फरिश्ता आत्मा सबको प्यार देती है, पर किसी के मोह में नहीं आती।

उदाहरण: ब्रह्मा बाबा ने सबको प्यार दिया, पर मोह में नहीं आए।


 फरिश्ता आत्मा की उड़ान

(अव्यक्त मुरली 12 मई 1977)
फरिश्ता आत्मा न तो देह की ओर खिंचती है, न देह के संबंधों में बंधती है।

  • जैसे पक्षी डाल पर बैठा है, पर डाल से बंधा नहीं।

  • हवा आई तो उड़ जाएगा।

  • वैसे ही आत्मा परिवार और जिम्मेदारियों में रहते हुए भी उनसे बंधी नहीं रहती।


 बेहद का अनुभव

(साकार मुरली 9 सितंबर 1968)
कमल समान स्थिति वही है – जो बेहद का अनुभव करती है।

  • न किसी आकर्षण में आती है।

  • न किसी का बोझ महसूस करती है।

उदाहरण: पायलट हवाई जहाज में रहते हुए भी धरती से बंधा नहीं, बल्कि आकाश का अनुभव करता है।
वैसे ही फरिश्ता आत्मा संसार में रहते हुए भी बेहद की लाइफ और माइट का अनुभव करती है।


 निष्कर्ष

प्यारे भाई-बहनों,
फरिश्ता सिद्धि का रहस्य यही है –
“संसार में रहकर भी संसार से अछूते रहना।”

कमल का फूल हमारा प्रतीक है।

  • संसार में रहना है, पर मोह और खिंचाव से मुक्त रहना है।

  • दुनिया की कोई भी चीज हमें खींच न सके।

 यही स्थिति हमें भविष्य में देवता बनाती है।
 यही बाबा का सच्चा आदेश है।

फरिश्ता सिद्धि प्रश्नोत्तर

प्रस्तावना

प्रश्न: बाबा हमें रोज़ किस बात की याद दिलाते हैं?
उत्तर: बाबा हमें रोज़ याद दिलाते हैं – “तुम आत्माएँ संसार में रहते हुए भी अछूती और डिटैच रहो।” जैसे कमल का फूल जल में रहकर भी जल से अछूता रहता है, वैसे ही हमें संसार में रहते हुए उसकी खिंचाव-शक्ति से परे रहना है।


 कमल का रहस्य (साकार मुरली 18 जुलाई 1969)

प्रश्न 1: कमल का फूल संसार में रहकर अछूतेपन का क्या उदाहरण देता है?
उत्तर: कमल जल में खिलता है और जल ही उसका आधार है, पर जल उसे छू नहीं सकता। पानी की बूंद भी यदि उसके पत्ते पर गिरे तो टिकती नहीं, तुरंत गिर जाती है।

प्रश्न 2: हमें कमल से क्या सीखना चाहिए?
उत्तर: हमें सीखना चाहिए कि संसार में रहना ज़रूरी है, पर मोह और खिंचाव से अछूते रहना चाहिए। यही सच्ची सिद्धि है।


 फरिश्ता सिद्धि – डिटैच पर लवफुल (अव्यक्त मुरली 15 मार्च 1970)

प्रश्न 3: फरिश्ता आत्मा का सच्चा लक्षण क्या है?
उत्तर: संसार में रहते हुए भी डिटैच और लवफुल रहना ही फरिश्ता आत्मा का लक्षण है।

प्रश्न 4: सच्चा प्यार किससे होना चाहिए?
उत्तर: सच्चा प्यार केवल परमात्मा से होना चाहिए। वही आत्मा को फरिश्ता बनाता है।

प्रश्न 5: डिटैच और लवफुल आत्मा का उदाहरण क्या है?
उत्तर: जैसे सूर्य सबको प्रकाश देता है पर किसी एक से चिपकता नहीं। वैसे ही फरिश्ता आत्मा सबको प्यार देती है, पर मोह में नहीं फँसती। ब्रह्मा बाबा ने भी यही जीवन जिया।


 फरिश्ता आत्मा की उड़ान (अव्यक्त मुरली 12 मई 1977)

प्रश्न 6: फरिश्ता आत्मा किससे बंधी नहीं रहती?
उत्तर: फरिश्ता आत्मा न तो देह की ओर खिंचती है और न ही देह के संबंधों में बंधती है।

प्रश्न 7: इस स्थिति को किस उदाहरण से समझा जा सकता है?
उत्तर: जैसे पक्षी डाल पर बैठा है, पर डाल से बंधा नहीं। हवा आई तो उड़ जाएगा। वैसे ही आत्मा परिवार और जिम्मेदारियों में रहते हुए भी उनसे बंधी नहीं रहती।


 बेहद का अनुभव (साकार मुरली 9 सितंबर 1968)

प्रश्न 8: कमल समान स्थिति किसे कहा जाता है?
उत्तर: कमल समान स्थिति वही है जो बेहद का अनुभव करती है, न किसी आकर्षण में आती है और न किसी बोझ को महसूस करती है।

प्रश्न 9: बेहद के अनुभव को कौन-सा उदाहरण समझाता है?
उत्तर: जैसे पायलट हवाई जहाज में रहते हुए भी धरती से बंधा नहीं रहता, बल्कि आकाश का अनुभव करता है। वैसे ही फरिश्ता आत्मा संसार में रहते हुए भी बेहद की लाइफ और माइट का अनुभव करती है।


 निष्कर्ष

प्रश्न 10: फरिश्ता सिद्धि का असली रहस्य क्या है?
उत्तर: संसार में रहकर भी संसार से अछूते रहना ही फरिश्ता सिद्धि का रहस्य है।

प्रश्न 11: कमल का फूल हमें कौन-सा संदेश देता है?
उत्तर: संसार में रहना है, पर मोह और खिंचाव से मुक्त रहना है। दुनिया की कोई भी चीज हमें खींच न सके। यही स्थिति हमें देवत्व की ओर ले जाती है और यही बाबा का सच्चा आदेश है।

Disclaimer (डिस्क्लेमर):यह वीडियो ब्रह्माकुमारियों की मुरली और ईश्वरीय ज्ञान पर आधारित है। इसका उद्देश्य केवल आत्मिक जागृति, सकारात्मक जीवनशैली और आध्यात्मिक प्रेरणा देना है। यह किसी भी धर्म, सम्प्रदाय या परम्परा की आलोचना हेतु नहीं है।

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