(प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)
करवा चौथ (17पति दूर हो तो क्या करवा चौथ का असर कम हो जाता है?
प्रस्तावना: बाहरी व्रत या आंतरिक उपवास?
करवा चौथ केवल चाँद देखकर व्रत खोलने का दिन नहीं है — यह आत्मा की शक्ति, पवित्र भावना और परमात्मा से योग का दिन है।
बहुत-सी महिलाएँ पूछती हैं —
“अगर मेरे पति विदेश में हैं, तो क्या मेरे व्रत का असर उन तक पहुँचता है?”
उत्तर है — हाँ, क्योंकि व्रत का बल मन और संकल्प में निहित होता है, शरीर की निकटता में नहीं।
💫 1. दूरी शरीर की होती है, आत्मा की नहीं
साकार मुरली: 24 अक्टूबर 2018
👉 शिव बाबा कहते हैं — “बच्चे, जहाँ याद सच्ची है, वहाँ दूरी नहीं मानी जाती।”
उदाहरण:
जैसे मोबाइल सिग्नल हजारों किलोमीटर दूर जाकर भी जुड़ जाता है,
वैसे ही मन की तरंगें आत्मा तक सीधे पहुँचती हैं।
सच्चा व्रत मन की एकाग्रता और पवित्र भावना से बनता है।
भावार्थ:
भले ही शरीर दूर हों, पर यदि आत्माएँ सच्चे योग में जुड़ी हों, तो दूरी मिट जाती है।
🪷 2. व्रत की सच्ची शक्ति — विचारों की तरंगें
साकार मुरली: 21 अक्टूबर 1985
👉 “बच्चे, शुभ भावना और शुभ कामना से दूर बैठे को भी शक्ति पहुँचती है।”
उदाहरण:
जैसे माँ दूर रहकर भी बेटे के लिए दुआ करती है और उसका असर बेटे के जीवन में दिखता है,
वैसे ही पतिव्रता आत्मा ईश्वर-स्मृति में बैठकर पति को शक्ति और संरक्षण देती है।
संदेश:
व्रत की सच्ची शक्ति विचारों की शुद्धता और ईश्वर-स्मृति से निकलती है।
🌹 3. सच्चा करवा चौथ — आत्मा और परमात्मा का मिलन
साकार मुरली: 25 अक्टूबर 2018
👉 “बच्चे, याद का बल चमत्कार करता है। यह दूर बैठे को भी शक्ति देता है।”
उदाहरण:
यदि भारत में पत्नी शिव बाबा की याद में पति के कल्याण का संकल्प रखती है,
और पति विदेश में कठिन परिस्थिति में है,
तो ईश्वर-स्मृति की शक्ति अदृश्य रूप से उसकी रक्षा करती है।
भावार्थ:
सच्चा सुहाग वह नहीं जो केवल शरीर से जुड़ा हो,
बल्कि वह है जो आत्मा को परमात्मा से जोड़ दे —
वही है सच्चा करवा चौथ।
🔥 4. भावनात्मक दूरी बनाम आत्मिक निकटता
साकार मुरली: 23 अक्टूबर 1989
👉 “जहाँ आत्मा की स्मृति है, वहाँ परमात्मा का संग स्वतः हो जाता है।”
उदाहरण:
जैसे एक दीपक दूसरे दीपक को दूर से भी प्रकाश दे सकता है,
वैसे ही एक आत्मा के शुद्ध विचार दूसरी आत्मा के जीवन में उजाला भर सकते हैं।
संदेश:
आत्मिक प्रेम और स्मृति की शक्ति हर दूरी को मिटा देती है।
💖 5. योग में रहो — कोई भी दूर नहीं
साकार मुरली: 20 अक्टूबर 2016
👉 “बच्चे, याद में रहो तो कोई भी दूर नहीं रहता, क्योंकि मैं स्वयं तुम्हारे साथ हूँ।”
उदाहरण:
एक बहन विदेश में रहकर भी शिव बाबा की याद में करवा चौथ रखती है।
वह भारत में बैठी बहन से भी अधिक शक्तिशाली अनुभव कर सकती है,
क्योंकि उसका संबंध परमात्मा से है — जो सर्वशक्तिमान है।
भावार्थ:
जहाँ स्मृति में परमात्मा है, वहाँ दूरी नहीं — केवल अनुभव की निकटता होती है।
🌼 6. दृष्टिकोण और उसका प्रभाव
बाहरी दृष्टि:
पति पास हो तो व्रत पूर्ण समझा जाता है।
आध्यात्मिक दृष्टि:
पति दूर हो, पर पत्नी की स्मृति शुद्ध हो — तब व्रत सार्थक है।
परमात्म दृष्टि:
जब आत्मा परमात्मा से जुड़ती है,
तो उसके शुभ संकल्प दूसरों के जीवन में कल्याणकारी बन जाते हैं।
साकार मुरली: 18 अक्टूबर 1981
👉 “बच्चे, परमात्मा से जुड़ी आत्मा का हर संकल्प कल्याणकारी बन जाता है।”
🌙 समापन संदेश: दूरी में भी शक्ति है
प्रिय आत्माओं,
करवा चौथ केवल पति के दीर्घायु के लिए नहीं,
बल्कि आत्मा की पवित्र भावना, प्रेम और योगबल का प्रतीक है।
चाहे पति विदेश में हों या यात्रा पर,
यदि आपका मन परमात्मा से जुड़ा है,
तो आपका व्रत उनके जीवन में दिव्यता और सुरक्षा की तरंगें भेजता है।
जहाँ प्रेम सच्चा है, वहाँ दूरी कोई बाधा नहीं बनती।
इस बार करवा चौथ मनाएँ —
🌺 स्मृति के योग में,
🌺 आत्मा की एकता में,
🌺 और परमात्म शक्ति के सान्निध्य में।