भूत ,प्रेत:-(29)“शाकिनी का रहस्य — भय नहीं — ज्ञान से खोलिए आत्मिक सुरक्षा के द्वार।
(प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)
भूमिका — शाकिनी क्या है?
आज का विषय है — शाकिनी का रहस्य।
जैसे पहले हमने “डाकिनी का रहस्य” समझा था,
वैसे ही आज हम “शाकिनी” के अर्थ, प्रतीक और उसके आध्यात्मिक समाधान को समझेंगे।
शाकिनी भय की नहीं, बल्कि जागृति की प्रतीक है।
शास्त्रों में इसे एक रहस्यमय शक्ति के रूप में बताया गया है
जो भय, मोह या माया के रूप में मनुष्य की बुद्धि को प्रभावित करती है।
परंतु वास्तविक अर्थ में शाकिनी कोई स्त्री रूप नहीं —
बल्कि विकारों की सूक्ष्म ऊर्जा है,
जो आत्मा को अस्थिर करती है।
🔥 मुरली संदर्भ (10 नवंबर 2019):
“माया भी बहुत रूप बदलती है — कभी प्रेम का, कभी भय का।
पर ज्ञान का प्रकाश ही माया को दूर कर सकता है।”
🌪️ उदाहरण:
कभी-कभी बिना कारण भय, गुस्सा या ईर्ष्या हो जाती है —
यह शाकिनी माया की अदृश्य शक्ति का प्रभाव है।
“माया” का अर्थ है — अज्ञानता।
और जहाँ ज्ञान का प्रकाश नहीं, वहाँ नेगेटिव ऊर्जा सक्रिय होती है।
🧠 शाकिनी मनुष्य को कैसे प्रभावित करती है?
जब आत्मा देह-अभिमान में आती है,
तो विकारों की शक्ति प्रवेश करती है।
शाकिनी वही सूक्ष्म ऊर्जा है
जो विचारों को विकृत करती है।
पहले विचार दूषित होते हैं,
फिर धीरे-धीरे कर्म, वाणी और संस्कार भी उसी प्रभाव में आ जाते हैं।
🕯️ मुरली संदर्भ (6 अगस्त 2021):
“जब बुद्धि का ताला माया लगाती है,
तो ज्ञान सुनकर भी असर नहीं होता।”
🌩️ उदाहरण:
जो व्यक्ति बार-बार नकारात्मक सोच में डूबा रहता है,
वह वास्तव में “शाकिनी” की ऊर्जा के प्रभाव में होता है।
🧘♀️ शाकिनी से आत्मिक सुरक्षा के उपाय
1. योग की शक्ति — परमात्मा से संबंध
जब आत्मा परमात्मा से संबंध जोड़ती है,
तो माया की कोई शक्ति पास नहीं आ सकती।
2. सकारात्मक संकल्प
हर सुबह स्मृति रखो —
🕊️ “मैं शांति का स्वरूप हूं, मुझ पर कोई प्रभाव नहीं।”
3. संगति का ध्यान
जैसी संगति, वैसी स्थिति।
अशुद्ध संगति से मन की शक्ति कम होती है।
✨ मुरली संदर्भ (12 मार्च 2020):
“मेरे बच्चों को श्राप नहीं लगता,
क्योंकि वो मेरे साथ योग में रहते हैं।”
शिव बाबा कहते हैं —
“योग ही बच्चों का कवच है।”
जो बाबा की श्रीमत पर चलते हैं,
उन पर न कोई श्राप, न शाकिनी का प्रभाव टिक सकता है।
🌞 उदाहरण — सूर्य और कीट
जैसे सूर्य की किरणों में कीट नहीं टिकते,
वैसे ही योग की किरणों में नकारात्मक शक्तियाँ नहीं ठहर सकतीं।
जब प्रकाश घटता है — नमी, धुंध या अंधकार बढ़ता है,
तभी कीट-पतंगे जन्म लेते हैं।
वैसे ही जब आत्मिक जागृति घटती है,
तो माया की शाकिनी अपना प्रभाव दिखाती है।
🔮 क्या शाकिनी आज भी सक्रिय है?
हाँ, आज भी यह ऊर्जात्मक रूप में सक्रिय है,
जब मनुष्य की चेतना नीचे गिरती है।
पर अब संगम युग में शिव बाबा स्वयं आए हैं
आत्माओं को इन सूक्ष्म बंधनों से मुक्त करने।
🌼 मुरली संदर्भ (18 अक्टूबर 2022):
“माया अब अपने आखिरी रूप में है।
जो योग में रहते हैं, वो उसके किसी जाल में नहीं आते।”
⚖️ शाकिनी और डाकिनी में अंतर
| पहलू | डाकिनी | शाकिनी |
|---|---|---|
| प्रभाव | इच्छाओं व देह आकर्षण से बांधती है | विचारों को विकृत करती है |
| प्रतीक | बाहरी आसक्ति | आंतरिक नकारात्मक सोच |
| परिणाम | इंद्रिय सुख में फँसना | आत्मिक शांति का अभाव |
| समाधान | योग और विवेक | ज्ञान और आत्म-स्मृति |
🪔 मुरली संदर्भ (21 फरवरी 2018):
“ज्ञान रूप दीप जलाओ तो अंधकार का नामोनिशान नहीं रहेगा।”
🌻 निष्कर्ष — भय नहीं, जागृति आवश्यक है
शाकिनी कोई भयानक आत्मा नहीं,
बल्कि आत्मा की शक्ति-परीक्षा है।
जब हम आत्म-जागरूकता में रहते हैं,
तो कोई नकारात्मक शक्ति हम तक नहीं पहुंच सकती।
डाकिनी हमें बाहरी आकर्षणों में फँसाती है,
जबकि शाकिनी अंदर की नकारात्मकता से।
दोनों से मुक्ति का एक ही उपाय है —
“बाबा की याद और श्रीमत पर चलना।”
सारांश बिंदु
-
शाकिनी भय की नहीं, जागृति की प्रतीक है।
-
विकृत विचार ही माया की ऊर्जा को जन्म देते हैं।
-
योग और ज्ञान से आत्मा का कवच बनता है।
-
बाबा की याद ही शुद्धिकरण की सबसे बड़ी किरण है।
-
भय नहीं — आत्म-जागृति ही सच्ची सुरक्षा है।
-
प्रश्न 1: “शाकिनी” शब्द का वास्तविक अर्थ क्या है?
उत्तर:
शाकिनी कोई स्त्री रूप या भूत-प्रेत नहीं है,
बल्कि यह विकारों की सूक्ष्म ऊर्जा है जो आत्मा को अस्थिर करती है।
यह भय का नहीं, बल्कि आत्मिक जागृति का प्रतीक है।🔹 मुरली 10 नवंबर 2019:
“माया भी बहुत रूप बदलती है — कभी प्रेम का, कभी भय का।
पर ज्ञान का प्रकाश ही माया को दूर कर सकता है।”
प्रश्न 2: शास्त्रों में शाकिनी को किस रूप में बताया गया है?
उत्तर:
शास्त्रों में शाकिनी को एक रहस्यमय शक्ति के रूप में बताया गया है
जो भय, मोह या माया के रूप में मनुष्य की बुद्धि को प्रभावित करती है।
यह मन और बुद्धि को भ्रमित करके आत्मा को उसकी शांति से दूर करती है।
प्रश्न 3: शाकिनी मनुष्य को कैसे प्रभावित करती है?
उत्तर:
जब आत्मा देह-अभिमान में आती है,
तो विकारों की शक्ति प्रवेश करती है।
पहले विचार दूषित होते हैं,
फिर धीरे-धीरे वाणी, कर्म और संस्कार दूषित हो जाते हैं।🔹 मुरली 6 अगस्त 2021:
“जब बुद्धि का ताला माया लगाती है,
तो ज्ञान सुनकर भी असर नहीं होता।”
प्रश्न 4: क्या शाकिनी वास्तव में डराने वाली शक्ति है?
उत्तर:
नहीं, शाकिनी कोई डराने वाली शक्ति नहीं।
यह आत्मा की अंतरिक स्थिति की परीक्षा है।
यह तभी सक्रिय होती है जब आत्मा ज्ञान से दूर और अज्ञान के अंधकार में होती है।
प्रश्न 5: “माया” और “शाकिनी” का क्या संबंध है?
उत्तर:
शाकिनी वास्तव में माया की ही सूक्ष्म ऊर्जा है।
माया अर्थात अज्ञानता और विकृति।
जहाँ ज्ञान का प्रकाश नहीं, वहाँ यह नेगेटिव ऊर्जा सक्रिय हो जाती है।
प्रश्न 6: शाकिनी से आत्मिक या मानसिक सुरक्षा के उपाय क्या हैं?
उत्तर:
-
योग की शक्ति: परमात्मा से संबंध जोड़ने पर माया पास नहीं आ सकती।
-
सकारात्मक संकल्प: “मैं शांति का स्वरूप हूं, मुझ पर कोई प्रभाव नहीं।”
-
संगति का ध्यान: जैसी संगति, वैसी स्थिति —
अशुद्ध संगति मन की शक्ति को घटाती है।
🔹 मुरली 12 मार्च 2020:
“मेरे बच्चों को श्राप नहीं लगता,
क्योंकि वो मेरे साथ योग में रहते हैं।”योग ही आत्मा का कवच है।
प्रश्न 7: शाकिनी को समझाने के लिए कोई उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
जैसे सूर्य की किरणों में कीट नहीं टिकते,
वैसे ही योग की किरणों में कोई नकारात्मक शक्ति नहीं ठहर सकती।
जब प्रकाश (ज्ञान) घटता है और धुंध (अज्ञान) बढ़ता है,
तभी नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय होती है।
प्रश्न 8: क्या शाकिनी आज भी सक्रिय है?
उत्तर:
हाँ, आज भी यह ऊर्जात्मक रूप में सक्रिय है
जब मनुष्य की चेतना नीचे गिरती है।
लेकिन संगम युग में शिव बाबा स्वयं आए हैं
आत्माओं को इन सूक्ष्म बंधनों से मुक्त करने।🔹 मुरली 18 अक्टूबर 2022:
“माया अब अपने आखिरी रूप में है।
जो योग में रहते हैं, वो उसके किसी जाल में नहीं आते।”
प्रश्न 9: शाकिनी और डाकिनी में क्या अंतर है?
पहलू डाकिनी शाकिनी प्रभाव इच्छाओं व देह आकर्षण से बांधती है विचारों को विकृत करती है प्रतीक बाहरी आसक्ति आंतरिक नकारात्मक सोच परिणाम इंद्रिय सुख में फँसना आत्मिक शांति का अभाव समाधान योग और विवेक ज्ञान और आत्म-स्मृति 🔹 मुरली 21 फरवरी 2018:
“ज्ञान रूप दीप जलाओ तो अंधकार का नामोनिशान नहीं रहेगा।”
प्रश्न 10: शाकिनी से मुक्ति कैसे मिले?
उत्तर:
भय से नहीं, बल्कि ज्ञान और योग से ही मुक्ति मिलती है।
जब हम आत्म-जागरूक रहते हैं और बाबा की श्रीमत पर चलते हैं,
तो कोई भी नकारात्मक शक्ति हमारे पास नहीं आ सकती।
निष्कर्ष:
-
शाकिनी भय की नहीं, जागृति की प्रतीक है।
-
विकृत विचार ही माया की ऊर्जा को जन्म देते हैं।
-
योग और ज्ञान से आत्मा का कवच बनता है।
-
बाबा की याद ही शुद्धिकरण की सबसे बड़ी किरण है।
-
भय नहीं — आत्म-जागृति ही सच्ची सुरक्षा है।
-
Disclaimer (डिस्क्लेमर):
यह वीडियो/अध्याय ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय ज्ञान और साकार एवं अव्यक्त मुरलियों पर आधारित आध्यात्मिक चिंतन है।
इसका उद्देश्य भय फैलाना नहीं, बल्कि ज्ञान द्वारा जागृति और आत्मिक सुरक्षा का अनुभव कराना है।
यह किसी तांत्रिक, लोककथा या अंधविश्वास पर आधारित नहीं है,
बल्कि राजयोग ज्ञान के दृष्टिकोण से माया और नकारात्मक ऊर्जाओं का आध्यात्मिक विश्लेषण है।
शाकिनी क्या है, शाकिनी का रहस्य, डाकिनी और शाकिनी में अंतर, ब्रह्माकुमारी ज्ञान, माया की शक्ति, आध्यात्मिक सुरक्षा, शिव बाबा की मुरली, संगमयुग का ज्ञान, विकारों की सूक्ष्म ऊर्जा, आत्मा और माया, योगबल, आत्म-स्मरण, आत्म-जागरण, भय नहीं जागृति, आध्यात्मिक सुरक्षा के उपाय, मुरली 10 नवम्बर 2019, मुरली 6 अगस्त 2021, मुरली 12 मार्च 2020, मुरली 18 अक्टूबर 2022, मुरली 21 फ़रवरी 2018, ज्ञान का दीपक, आध्यात्मिक पवित्रता, ब्रह्माकुमारी शिक्षाएँ, शिव बाबा मुरली, राजयोग ध्यान, आत्मा की शक्ति परीक्षा, आध्यात्मिक जागृति, माया का जाल, नकारात्मक ऊर्जा निवारण, आध्यात्मिक सुरक्षा, ब्रह्माकुमारी आध्यात्मिक ज्ञानWhat is Shakini, the secret of Shakini, the difference between Dakini and Shakini, Brahma Kumaris knowledge, the power of Maya, spiritual protection, Shiv Baba’s Murli, knowledge of the Confluence Age, the subtle energy of vices, the soul and Maya, the power of Yoga, self-remembrance, self-awakening, awakening not fear, measures for spiritual protection, Murli 10 November 2019, Murli 6 August 2021, Murli 12 March 2020, Murli 18 October 2022, Murli 21 February 2018, the lamp of knowledge, spiritual purity, Brahma Kumaris teachings, Shiv Baba Murli, Rajyog meditation, soul’s power test, spiritual awakening, the web of Maya, negative energy removal, spiritual protection, Brahma Kumaris spiritual knowledge

