(22) Why is the singing and worship of Shakti done at night on Shivratri and Navratri

(22)शक्तियों का गायन-वन्दन रात्रि कों क्य़ों होता हैं शिवरात्रि और नवरात्रि का गुप्त रहस्य

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नवरात्रि का असली रहस्य  | रात में देवी शक्ति वंदन क्यों होता है? | शिवरात्रि और नवरात्रि का गुप्त ज्ञान |


 अध्यायवार विवरण

 1. नवरात्रि का असली रहस्य

  • लोग पूछते हैं – देवी शक्तियों का वंदन हमेशा रात्रि में क्यों होता है?

  • नवरात्रि, दुर्गा पूजा, दीपक जलाना, जागरण – सब रात्रि में ही मनाए जाते हैं।
     इसका कारण सिर्फ “24 घंटे वाली रात” नहीं, बल्कि आध्यात्मिक रात्रि है।


 2. रात्रि का असली अर्थ

  • शास्त्रों में दो भाग बताए:

    • सतयुग-त्रेता = “ब्रह्मा का दिन” (ज्ञान और प्रकाश से भरा युग)

    • द्वापर-कलियुग = “ब्रह्मा की रात्रि” (अज्ञान और विकारों का अंधकार)

  • कलियुग की यह अंधेरी रात्रि = आत्माओं का ज्ञान से दूर होना


 3. अज्ञान रात्रि और परमात्मा का अवतरण

  • जब अज्ञान, विकार और शक्तिहीनता चरम पर होती है,

  • तब परमपिता परमात्मा शिव एक साधारण पवित्र वृद्ध तन (ब्रह्मा बाबा) में अवतरित होते हैं।

  • वे ज्ञान देकर आत्माओं का अंधकार मिटाते हैं।

  • ब्रह्मा के मुख से ज्ञान सुनकर आत्माएं नया आध्यात्मिक जन्म लेती हैं = यही सच्चे ब्राह्मण कहलाते हैं।

मुरली Reference:

  • 18 मार्च 1970: “अभी है ब्रह्मा की रात्रि, और ब्रह्मा का दिन आएगा जब ज्ञान का सूर्य उदय होगा।”

  • 6 मार्च 1974: “शिवरात्रि मनाते हैं क्योंकि शिव आकर ब्रह्मा द्वारा ज्ञान देते हैं और अज्ञान रात्रि का अंत करते हैं।”


 4. शिव शक्तियां कौन हैं?

  • जो माताएं और कन्याएं ब्रह्मचर्य व्रत धारण कर

    • परमात्मा से ज्ञान शक्ति, योग शक्ति, और पवित्रता शक्ति प्राप्त करती हैं,

  • वही कहलाती हैं शिव शक्तियां

  • उनकी ही स्मृति में आज भी “नवरात्रि” मनाई जाती है।

मुरली Reference:

  • 22 सितम्बर 1968: “नवरात्रि माताओं की यादगार है, जिन्होंने ब्रह्मा के माध्यम से शक्ति लेकर रावण का विनाश किया।”


 5. दीपक का प्रतीक

  • भक्तजन रात्रि में दीप जलाकर कहते हैं:

    • “हे अंबे! जैसे यह दीप अंधकार मिटा रहा है, वैसे ही हमारे जीवन से अज्ञान दूर करो।”

  • वास्तव में यह दीप परमात्मा शिव और उनकी शक्तियों की याद का प्रतीक है।

  • जिन्होंने ज्ञान का दीप जलाकर अज्ञान का अंधकार मिटाया।


 6. समापन – नवरात्रि का गूढ़ अर्थ

  • देवी वंदन रात्रि में इसलिए होता है क्योंकि हम अज्ञान की रात्रि में हैं।

  • परमात्मा शिव आकर ब्रह्मा और ब्राह्मणों के माध्यम से ज्ञान का प्रकाश और शक्ति जगाते हैं।

  • उसी की स्मृति में लोग आज भी रात्रि में देवी जागरण और दीप जलाकर शक्ति वंदन करते हैं।


 निष्कर्ष

नवरात्रि सिर्फ पूजा-पाठ नहीं है, बल्कि स्मृति है –
 जब परमात्मा आकर आत्माओं को “शक्ति” देते हैं और अज्ञान की रात्रि समाप्त कर “ज्ञान का दिन” लाते हैं।


नवरात्रि का असली रहस्य

प्रश्न 1: नवरात्रि हमेशा रात में ही क्यों मनाई जाती है?

उत्तर: नवरात्रि का संबंध सिर्फ 24 घंटे की रात से नहीं, बल्कि आध्यात्मिक अज्ञान रात्रि से है। जब द्वापर और कलियुग में आत्माएं अज्ञान, विकार और दुख के अंधकार में आ जाती हैं, तब परमात्मा शिव आकर ज्ञान का दीप जलाते हैं। देवी शक्तियों की पूजा रात में करना इसी आध्यात्मिक अंधकार की स्मृति है।


प्रश्न 2: नवरात्रि में देवी शक्तियों का वंदन क्यों किया जाता है?

उत्तर: देवी शक्तियां वास्तव में वे माताएं और कन्याएं हैं, जिन्होंने परमात्मा शिव से योगबल और पवित्रता की शक्ति लेकर रावण रूपी विकारों पर विजय पाई। उन्हीं की स्मृति में आज भी भक्तजन नवरात्रि में देवी वंदन करते हैं।


प्रश्न 3: दीपक जलाने का क्या प्रतीक है?

उत्तर: भक्तजन नवरात्रि में दीप जलाकर कहते हैं – “जैसे यह दीप अंधकार मिटा रहा है, वैसे ही देवी हमें अज्ञान से मुक्त करें।” वास्तव में यह दीप आत्मा में ज्ञान का प्रकाश और परमात्मा शिव की याद का प्रतीक है।


प्रश्न 4: शिवरात्रि और नवरात्रि में क्या संबंध है?

उत्तर: शिवरात्रि वह समय है जब परमात्मा शिव स्वयं धरती पर अवतरित होते हैं और ब्रह्मा के माध्यम से ज्ञान का प्रकाश फैलाते हैं। उसी अवतरण के बाद जो आत्माएं शक्ति लेकर रावण का विनाश करती हैं, वही स्मृति आगे चलकर “नवरात्रि” के रूप में मनाई जाती है।


प्रश्न 5: असली नवरात्रि मनाना क्या है?

उत्तर: असली नवरात्रि तब होती है जब हम आत्मा रूप में रहकर परमात्मा शिव से योग द्वारा शक्ति प्राप्त करें, विकारों पर विजय पाएं और दूसरों के जीवन में भी ज्ञान का दीप जलाएं। यही सच्चा शक्ति वंदन और देवी पूजन है।

Disclaimer

यह वीडियो केवल आध्यात्मिक दृष्टिकोण और ब्रह्माकुमारी मुरली ज्ञान पर आधारित है।
हम किसी भी धर्म, परंपरा या देवी-देवताओं की पूजा-पद्धति का विरोध नहीं करते।
यहाँ दिया गया ज्ञान केवल सच्चे रहस्य को उजागर करने और आत्मिक शक्ति प्राप्त करने हेतु है।

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