25-08-2025/Read today’s Murli in big letters, listen and contemplate

25-08-2025/आज की मुरली बड़े-बड़े अक्षरों में पढ़े सुनें और मंथन करे

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“गीता का भगवान कौन? | चैतन्य परवाने और सच्चे शमा का रहस्य | “


1. मीठे-मीठे चैतन्य परवाने

बापदादा आज चैतन्य परवानों को याद-प्यार दे रहे हैं।
हम सब परवाने हैं और परमात्मा शिव वह सच्चा शमा है।
शमा कोई बड़ी मूर्ति नहीं, बस एक बिन्दी है।
लेकिन इस बिन्दी-स्वरूप परमात्मा को लोग पहचानते नहीं हैं।

2. आत्मा और परमात्मा का असली नॉलेज

आज तक मनुष्य आत्मा और परमात्मा को सही रीति नहीं समझ पाए।
कोई नहीं जानता कि आत्मा बिन्दी है और उसी में सारा पार्ट रचा हुआ है।
बाबा आकर हम बच्चों को आत्मा का रियलाइजेशन देते हैं।
पहले हमें आत्मा-परमात्मा का ज्ञान नहीं था – इसी कारण मोह और विकार बढ़े।

3. भारत का वाइसलेस स्वरूप

भारत कभी वाइसलेस था – वहाँ विकार का नाम-निशान भी नहीं था।
आज यह विश (विष) से भरा हुआ है।
बाबा याद दिलाते हैं – 5000 वर्ष पहले हमने ही शिवालय बनाया था।
आज फिर वही शिवालय स्थापन हो रहा है।

4. परमात्मा का सच्चा भागवत

अभी का यह समय है सच्चा-सच्चा भागवत।
भक्ति मार्ग में तो पूजा-पाठ और शास्त्र बन गए।
परन्तु ज्ञान का स्रोत केवल शिव बाबा है – वही गीता का भगवान है।
मनुष्य ने श्रीकृष्ण को भगवान कह दिया, जबकि गीता का उपदेश शिव ने दिया था।

5. विनाश और स्थापना का समय

बच्चों को मालूम है – विनाश भी आना ही है।
नेचुरल कैलेमिटीज़ भी ड्रामा में नूँध हैं।
कोई कितना भी प्रयास करे, सत्यराज्य की स्थापना होकर ही रहेगी।
यह है पुरुषोत्तम संगमयुग – जिसमें हम विकर्म समाप्त कर देवता बनते हैं।

6. यात्रा में उतार-चढ़ाव

कभी हम बहुत खुशी में रहते हैं, कभी ठण्डे हो जाते हैं।
यात्रा में जैसे ऊँच-नीच होती है, वैसे ही पुरुषार्थ में भी।
लेकिन याद रखो – स्वयं भगवान हमको पढ़ा रहे हैं।
इससे बड़ा वंडर और क्या हो सकता है!

7. गीता का भगवान कौन?

बाबा बार-बार समझाते हैं –
गीता का भगवान श्रीकृष्ण नहीं है।
श्रीकृष्ण तो सर्वगुण सम्पन्न देवता है।
गीता का ज्ञानदाता है – सर्व का सद्गति दाता शिव परमात्मा।
यही मूल सत्य है जो आज खोला जा रहा है।

8. सत्यनारायण की सच्ची कथा

सत्यनारायण कोई और नहीं – वही एक परमपिता परमात्मा शिव है।
वह आकर आदि-मध्य-अन्त का पूरा ज्ञान देते हैं।
भक्ति मार्ग में इस ज्ञान का शास्त्र बनाते हैं और उसमें अगड़म-बगड़म जोड़ देते हैं।

9. आत्मा का अमर सफर

बाबा हमें पूरा ड्रामा समझाते हैं – पास्ट, प्रेज़ेंट और फ्यूचर।
आज का वर्तमान, कल पास्ट बन जाएगा, फिर वही फ्यूचर बनता है।
आत्मा 84 जन्म पूरे कर फिर देवता रूप में प्रवेश करती है।
ब्रह्मा ही विष्णु बनता है, यही गुप्त राज बाबा खोलते हैं।

10. चैतन्य देवालय की स्थापना

कुमारियों और कुमारों को विशेष जागरूक रहना चाहिए।
मंदिरों में देवी-देवताओं की जड़ प्रतिमाएँ हैं – पर यहाँ हम चैतन्य प्रतिमा हैं।
यही भारत को स्वर्ग बनाने का कार्य कर रहे हैं।

11. निष्कर्ष – याद और पुरुषार्थ

बाबा कहते हैं –
बच्चे, गीता का भगवान कौन यह याद रखो।
मुझे याद करो तो विकर्म विनाश होंगे।
याद में ही शक्ति है।
तुम सब बी.के. भाई-बहन हो – मुख वंशावली।
ज्ञान चिता पर बैठकर विकारों को जीतना है।

“गीता का भगवान कौन? | प्रश्नोत्तर द्वारा मुरली का गहरा रहस्य”


प्रश्नोत्तर (Questions & Answers)

 प्रश्न 1:बाबा हमें “चैतन्य परवाने” क्यों कहते हैं?

उत्तर:क्योंकि हम जीवित आत्माएँ उस सच्चे शमा (परमात्मा शिव) पर अपने प्रेम और पुरुषार्थ से समर्पित हैं। हम परमात्मा के ज्ञान और शक्ति से जलते हुए दीपक समान हैं।


प्रश्न 2:सच्चा शमा (दीपक जलाने वाला) कौन है?

उत्तर:सच्चा शमा परमपिता परमात्मा शिव हैं। वे बिन्दी स्वरूप हैं और आत्माओं को सच्चा मार्गदर्शन देते हैं।


प्रश्न 3:आत्मा का असली स्वरूप क्या है?

उत्तर:आत्मा एक बिन्दी है। उसी बिन्दी में संपूर्ण 84 जन्मों का रिकॉर्ड भरा हुआ है। बाबा आकर हमें आत्मा का यह रियलाइजेशन कराते हैं।


प्रश्न 4:भारत पहले कितना ऊँचा था?

उत्तर:भारत वाइसलेस (विकार-रहित) था। वहाँ विकार का नाम-निशान भी नहीं था। वही स्वर्ग था जिसे शिवालय कहा जाता है।


प्रश्न 5:गीता का सच्चा भगवान कौन है?

उत्तर:गीता का भगवान श्रीकृष्ण नहीं, बल्कि निराकार परमपिता शिव हैं। श्रीकृष्ण तो सर्वगुण सम्पन्न देवता हैं, परन्तु ज्ञानदाता एकमात्र शिव बाबा हैं।


प्रश्न 6:विनाश और स्थापना क्यों निश्चित है?

उत्तर:क्योंकि ड्रामा अनुसार रावण राज्य का अंत होना है और सत्ययुग की स्थापना जरूर होनी है। इसमें किसी की भी ताकत हस्तक्षेप नहीं कर सकती।


प्रश्न 7:बाबा हमें सबसे बड़ा ऑर्डर क्या देते हैं?

उत्तर:बाबा कहते हैं – मुझे याद करो तो विकर्म विनाश हो जाएंगे। काम जीतने वाले ही जगतजीत बनेंगे।


प्रश्न 8:सत्यनारायण की असली कथा किसकी है?

उत्तर:सत्यनारायण कोई मनुष्य नहीं, बल्कि एक ही सत्य है – परमपिता शिव। वही आकर हमें आदि-मध्य-अन्त का पूरा ज्ञान देते हैं।


प्रश्न 9:ब्रह्मा और विष्णु का राज क्या है?

उत्तर:ब्रह्मा ही 84 जन्म पूरे कर फिर विष्णुपुरी का मालिक बनता है। यही गुप्त राज है जिसे बाबा खोलकर समझाते हैं।


प्रश्न 10:अभी हमारा मुख्य पुरुषार्थ क्या है?

उत्तर:अपने को आत्मा समझकर बाप शिव को याद करना, विकारों पर विजय पाना, और विश्व का मालिक बनने के लिए श्रीमत पर चलना।

Disclaimer (डिस्क्लेमर)

इस वीडियो का उद्देश्य केवल आध्यात्मिक ज्ञान और आत्मिक उन्नति के लिए है।
यह किसी भी धर्म, पंथ, संप्रदाय या व्यक्ति विशेष की आलोचना के लिए नहीं है।
यह वीडियो ब्रह्माकुमारीज़ की शिक्षाओं और मुरली से प्रेरित है।
कृपया इसे आध्यात्मिक दृष्टिकोण से सुनें और आत्मकल्याण के मार्ग पर लागू करें।

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