(26)सर्दी-खांसी से छुटकारा: आयुर्वेद और राजयोग की अध्दुत शक्ति
“सर्दी-खांसी से छुटकारा – आयुर्वेद और राजयोग का अद्भुत प्रयोग | दिव्य स्वास्थ्य”
Speech (with Main Headings)
1. प्रस्तावना – दिव्य स्वास्थ्य का रहस्य
ओम शांति।
आज का विषय है – सर्दी और खांसी से कैसे छुटकारा पाया जाए?
आयुर्वेद के प्राकृतिक उपायों के साथ-साथ राजयोग की दिव्य शक्ति को समझेंगे।
2. सर्दी-खांसी क्यों होती है?
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यह एक सामान्य रोग है, लेकिन समय पर ध्यान न दिया जाए तो गंभीर रूप ले सकता है।
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परमात्मा सिखाते हैं – सादा और सात्विक जीवन ही सच्ची औषधि है।
3. पहला उपाय – हर्बल काढ़ा
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हल्दी और नीम – शरीर की प्रतिरोधक शक्ति (इम्यूनिटी) बढ़ाते हैं।
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तुलसी और गिलोय – वायरस और बैक्टीरिया को खत्म करते हैं।
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मुलठी – गले की खराश और खांसी में आराम देती है।
उदाहरण: सुबह-शाम गुनगुना तुलसी-गिलोय का काढ़ा पीने से जल्दी आराम मिलता है।
4. दूसरा उपाय – सेब का सिरका और शहद
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सेब का सिरका, शहद, नींबू रस और गुनगुना पानी – गले की खराश को मिटाते हैं।
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शरीर को क्षारीय बनाते हैं और रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाते हैं।
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संतरा, आंवला, मौसमी, अंगूर आदि फलों का सेवन करें – ये विटामिन सी से भरपूर हैं।
5. तीसरा उपाय – ऑर्गेनिक सब्जियों का सेवन
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अदरक – तुरंत राहत देता है।
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एलोवेरा और आंवला – श्वसन तंत्र को साफ करते हैं।
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गाजर और चुकंदर – खून को शुद्ध करते हैं।
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प्याज का रस और अजवाइन – बलगम को बाहर निकालते हैं।
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पालक – शरीर का पोषण करती है और शक्ति देती है।
6. क्या न खाएं?
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चावल, दही, छाछ, कोल्ड ड्रिंक और आइसक्रीम – ये ठंडी प्रकृति के होते हैं और बलगम बढ़ाते हैं।
7. राजयोग – दिव्य उपचार
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15 दिसंबर 2023 की मुरली: “सादा और सात्विक भोजन ही तन और मन को निरोगी रखता है।”
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22 जुलाई 2023 की मुरली: “योग बल से आत्मा में शक्ति आती है और तन के रोग कटते हैं।”
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5 फरवरी 2024 की मुरली: “मीठा बनो, सादा रहो और परमात्मा से शक्ति लो।”
8. निष्कर्ष – दिव्य जीवन, दिव्य स्वास्थ्य
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दवाइयों से अधिक असरकारी है – सात्विक आहार, प्राकृतिक उपाय और राजयोग।
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जब आत्मा परमात्मा से जुड़ती है तो तन में कोई भी रोग टिक नहीं सकता।
“सर्दी-खांसी से छुटकारा: आयुर्वेद और राजयोग के दिव्य उपाय | प्रश्नोत्तर विशेष”
Q&A Format
प्रश्न 1:सर्दी-खांसी क्यों होती है?
उत्तर:सर्दी-खांसी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने, ठंडी चीजों के सेवन, या मौसमी बदलाव से होती है। समय पर ध्यान न देने पर यह गंभीर रूप ले सकती है।
प्रश्न 2:आयुर्वेद में इसका पहला उपाय क्या है?
उत्तर:हर्बल काढ़ा सबसे प्रभावी है।
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हल्दी और नीम इम्यूनिटी बढ़ाते हैं।
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तुलसी और गिलोय वायरस व बैक्टीरिया को खत्म करते हैं।
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मुलठी गले की खराश और खांसी में आराम देती है।
प्रश्न 3:क्या सेब का सिरका भी फायदेमंद है?
उत्तर:हाँ। सेब का सिरका, शहद, नींबू रस और गुनगुना पानी मिलाकर पीने से गले की खराश मिटती है और शरीर क्षारीय बनता है।
प्रश्न 4:इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए कौन से फल खा सकते हैं?
उत्तर:संतरा, आंवला, मौसमी और अंगूर। ये विटामिन सी से भरपूर हैं और रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करते हैं।
प्रश्न 5:ऑर्गेनिक सब्जियों में क्या शामिल करें?
उत्तर:
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अदरक – तुरंत राहत देता है।
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एलोवेरा और आंवला – श्वसन तंत्र को साफ करते हैं।
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गाजर और चुकंदर – खून को शुद्ध करते हैं।
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प्याज का रस और अजवाइन – बलगम निकालते हैं।
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पालक – पोषण व शक्ति देती है।
प्रश्न 6:किन चीजों से बचना चाहिए?
उत्तर:चावल, दही, छाछ, कोल्ड ड्रिंक और आइसक्रीम – ये ठंडी प्रकृति के होते हैं और बलगम बढ़ाते हैं।
प्रश्न 7:राजयोग का इसमें क्या महत्व है?
उत्तर:मुरली में कहा गया है – “योग बल से आत्मा में शक्ति आती है और तन के रोग कटते हैं।”
जब आत्मा परमात्मा से जुड़ती है तो रोग टिक नहीं सकता।
Disclaimer
“यह वीडियो केवल सामान्य स्वास्थ्य जागरूकता और आध्यात्मिक प्रेरणा के लिए है। इसमें दी गई जानकारी आयुर्वेद, प्राकृतिक उपायों और राजयोग पर आधारित है। यह किसी चिकित्सक की सलाह का विकल्प नहीं है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए योग्य चिकित्सा विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें।”
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