(प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)
BK बेसिक कोर्स मुस्लिम भाई बहनों के लिए-3-2/अच्छे और बुरे कर्म का हिसाब कैसे रखा जाता है?
अच्छे और बुरे कर्म का हिसाब कैसे रखा जाता है?
(मुस्लिम भाई-बहनों के लिए ब्रह्मा कुमारीज का कोर्स)
भूमिका
हर धर्म यह मानता है कि इंसान का हर कर्म दर्ज होता है।
अच्छे या बुरे, हर कर्म का हिसाब बनता है और उसका फल इंसान को जरूर भोगना पड़ता है।
लेकिन सवाल यह है कि यह हिसाब-किताब कैसे रखा जाता है?
कुरान का दृष्टिकोण
कुरान शरीफ़ में स्पष्ट है –
“हम उनके कर्मों को लिखने वाले फरिश्ते भेजते हैं और कयामत के दिन उनका नाम-अमल उनके सामने खोल दिया जाएगा।”
(सूरा इस्रा 17:13-14)
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हर कर्म दर्ज होता है।
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अच्छे कर्म = सवाब (पुण्य)।
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बुरे कर्म = अजाब (सजा)।
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कयामत के दिन नाम-अमल की किताब खोली जाएगी।
ब्रह्मा कुमारी ज्ञान का दृष्टिकोण
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बीके ज्ञान कहता है कि आत्मा ही कर्म करने वाली सत्ता है।
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आत्मा के हर विचार, बोल और कर्म का रिकॉर्ड उसकी स्मृति-चिप में दर्ज होता है।
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कोई फरिश्ता या देवता अलग से नहीं लिखते, बल्कि आत्मा के भीतर ही रिकॉर्ड हो जाता है।
फल का नियम
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शुभ संकल्प = पुण्य।
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बुरे विचार, वाणी और कर्म = पाप।
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जब तक फल नहीं भोगा जाता, हिसाब मिटता नहीं।
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लेकिन योगबल से पाप जल सकता है।
मुरली का समर्थन
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साकार मुरली – 5 अक्टूबर 2025
“हर आत्मा के कर्म का रिकॉर्ड उसके साथ जुड़ा हुआ है। हिसाब से कोई छूट नहीं सकता।”-
विचार: शुभ संकल्प पुण्य जोड़ते हैं, बुरे विचार पाप।
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वाणी: मीठी वाणी पुण्य बनाती है, कठोर वाणी पाप जोड़ती है।
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कर्म: सेवा, दान पुण्य है; हिंसा, चोरी पाप हैं।
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साकार मुरली – 2 अक्टूबर 2025
“बच्चे, तुम जो भी संकल्प, बोल और कर्म करते हो, उसी का बीज बोते जाते हो और भविष्य का फल पाते हो।” -
साकार मुरली – 6 अक्टूबर 2025
“कर्म का हिसाब-किताब आत्मा के साथ है। परमात्मा को बताने की जरूरत नहीं क्योंकि आत्मा का रिकॉर्ड अपने आप खुल जाएगा।”
उदाहरण से समझें
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वीडियो कैमरा – जैसे कैमरा हर दृश्य रिकॉर्ड करता है, वैसे ही आत्मा हर विचार और कर्म को रिकॉर्ड करती है।
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बैंक अकाउंट –
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जमा = पुण्य का कर्म।
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निकासी / कर्ज = पाप का कर्म।
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अंत में बैलेंस = आत्मा का कुल हिसाब।
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निष्कर्ष
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अच्छे और बुरे कर्म का हिसाब आत्मा के भीतर ही रिकॉर्ड होता है।
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कयामत या प्रलय के समय वही हिसाब सामने खुलता है।
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अच्छे कर्म = सुख और पुण्य।
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बुरे कर्म = दुख और सजा।
इसलिए अभी से अपने विचार, वाणी और कर्म को शुद्ध बनाना आवश्यक है।
यही हमें जन्नत का अधिकारी बना सकता है।
अच्छे और बुरे कर्म का हिसाब कैसे रखा जाता है?
(मुस्लिम भाई-बहनों के लिए ब्रह्मा कुमारीज का कोर्स)
प्रश्न 1: क्या हर धर्म यह मानता है कि इंसान के कर्म दर्ज होते हैं?
उत्तर:
हाँ। हर धर्म यही कहता है कि इंसान का हर कर्म दर्ज होता है।
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अच्छे कर्म = सुख और पुण्य।
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बुरे कर्म = दुख और सजा।
हर आत्मा को अपने किए कर्मों का फल भोगना ही पड़ता है।
प्रश्न 2: कुरान शरीफ़ में कर्मों के हिसाब के बारे में क्या लिखा है?
उत्तर:
कुरान कहता है –
“हम उनके कर्मों को लिखने वाले फरिश्ते भेजते हैं और क़यामत के दिन उनका नाम-अमल उनके सामने खोल दिया जाएगा।” (सूरा इस्रा 17:13-14)
इसका अर्थ है:
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हर कर्म दर्ज होता है।
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अच्छे कर्म = सवाब (पुण्य)।
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बुरे कर्म = अज़ाब (सज़ा)।
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क़यामत के दिन आत्मा को उसका पूरा हिसाब दिखाया जाएगा।
प्रश्न 3: ब्रह्मा कुमारी ज्ञान के अनुसार कर्म कैसे दर्ज होते हैं?
उत्तर:
BK ज्ञान कहता है –
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आत्मा ही कर्म करने वाली सत्ता है।
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आत्मा के हर विचार, बोल और कर्म का रिकॉर्ड उसकी स्मृति-चिप (recording system) में दर्ज होता है।
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कोई फरिश्ता या देवता अलग से नहीं लिखते, बल्कि आत्मा का ही आंतरिक रिकॉर्ड सामने आता है।
प्रश्न 4: अच्छे और बुरे विचारों, वाणी और कर्म का असर कैसे पड़ता है?
उत्तर:
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विचार: शुभ संकल्प पुण्य जोड़ते हैं, बुरे विचार पाप जोड़ते हैं।
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वाणी: मीठी वाणी पुण्य है, कठोर वाणी पाप है।
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कर्म: सेवा और दान पुण्य है, हिंसा और चोरी पाप है।
प्रश्न 5: मुरली में कर्म के हिसाब पर क्या कहा गया है?
उत्तर (तिथि अनुसार):
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साकार मुरली – 2 अक्टूबर 2025
“बच्चे, तुम जो भी संकल्प, बोल और कर्म करते हो, उसी का बीज बोते जाते हो और भविष्य का फल पाते हो।” -
साकार मुरली – 5 अक्टूबर 2025
“हर आत्मा के कर्म का रिकॉर्ड उसके साथ जुड़ा हुआ है। हिसाब से कोई छूट नहीं सकता।” -
साकार मुरली – 6 अक्टूबर 2025
“कर्म का हिसाब-किताब आत्मा के साथ है। परमात्मा को बताने की जरूरत नहीं क्योंकि आत्मा का रिकॉर्ड अपने आप खुल जाएगा।”
प्रश्न 6: इस प्रक्रिया को उदाहरण से कैसे समझ सकते हैं?
उत्तर:
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वीडियो कैमरा – जैसे कैमरा हर दृश्य रिकॉर्ड करता है, वैसे ही आत्मा हर विचार, बोल और कर्म को रिकॉर्ड करती है।
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बैंक अकाउंट –
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जमा = पुण्य कर्म।
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निकासी / कर्ज = पाप कर्म।
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अंतिम बैलेंस = आत्मा का कुल हिसाब।
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प्रश्न 7: क्या पाप का हिसाब मिटाया जा सकता है?
उत्तर:
हाँ, लेकिन केवल योग बल से।
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योग से आत्मा के भीतर की नकारात्मक रिकॉर्डिंग मिट सकती है।
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तौबा और सुधार से पाप का असर हल्का होता है।
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अंततः परमात्मा योग ही आत्मा को शुद्ध बनाता है।
निष्कर्ष
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अच्छे और बुरे कर्म का हिसाब आत्मा के भीतर ही रिकॉर्ड होता है।
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कुरान और BK ज्ञान दोनों कहते हैं कि क़यामत / प्रलय के समय वही रिकॉर्ड खुलता है।
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अच्छे कर्म = सुख और जन्नत का अधिकारी।
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बुरे कर्म = दुख और सज़ा।
इसलिए अभी से विचार, वाणी और कर्म को शुद्ध बनाना आवश्यक है। - Disclaimer: यह वीडियो केवल आध्यात्मिक शिक्षा और ज्ञान के उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है। इसमें साझा किए गए विचार कुरान शरीफ़ और ब्रह्मा कुमारी मुरली शिक्षाओं पर आधारित हैं। इसका उद्देश्य किसी भी धर्म, पंथ, संस्था या व्यक्ति की भावनाओं को आहत करना नहीं है। हमारा मकसद है – सत्य को समझना, आत्मा को शुद्ध करना और परमात्मा से संबंध जोड़ना।
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