(35) Is Shri Krishna the Supreme God or Supreme Soul?

(35) श्री कृष्ण सर्वोच्च देवता या परमात्मा?

( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

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“क्या श्रीकृष्ण परमात्मा हैं?”सारी दुनिया श्रीकृष्ण को भगवान मानती है। लेकिन क्या वास्तव में वह परमात्मा हैं?

आज हम जानेंगे — ‘परमात्मा कौन?’ और ‘श्रीकृष्ण का वास्तविक परिचय क्या है?’


 1: श्रीकृष्ण – एक दिव्य आत्मा, लेकिन परमात्मा नहीं]

: परमात्मा खुद आकर कहते हैं –
“बच्चे, श्रीकृष्ण सतयुग का प्रथम राजकुमार है, लेकिन वह परमात्मा नहीं है।”

👉 क्योंकि जिसने जन्म लिया है, जिसने पालना ली है, वह परमात्मा कैसे हो सकता है?

परमात्मा तो है – अजन्मा।
वह किसी योनि में नहीं आता, कभी जन्म नहीं लेता।
वह है – ज्ञान का सागर, सर्वशक्तिमान।


📚  2: श्रीकृष्ण को परमात्मा क्यों नहीं कहा जा सकता?]

🗣️ : श्रीकृष्ण का जन्म हुआ, माता-पिता ने पालन-पोषण किया।
👉 वह खुद शिवलिंग की पूजा करता है।
👉 उसने भी गुरु के पास जाकर ज्ञान लिया।

तो क्या ज्ञान लेने वाला ज्ञान का सागर हो सकता है?
क्या जो कर्म करता है, फल भोगता है – वह परमात्मा हो सकता है?

श्रीकृष्ण एक महान, दिव्य आत्मा है, लेकिन वह परमात्मा नहीं, बल्कि परमात्मा का ही संपूर्ण फल प्राप्त करने वाला सतयुग का प्रथम बच्चा है।


🌀  3: गीता का ज्ञान – श्रीकृष्ण नहीं, परमात्मा ने सुनाया]

: हम सबने पढ़ा और सुना कि भगवद गीता का ज्ञान श्रीकृष्ण ने दिया।
पर सोचिए – गीता के चौथे अध्याय में लिखा है कि
“यह ज्ञान पहले सूर्य को, फिर मनु, फिर इक्ष्वाकु को दिया गया था।”

🧐 तो सवाल उठता है — श्रीकृष्ण से पहले यह ज्ञान कैसे दिया गया?

👉 इसका अर्थ है – ज्ञान श्रीकृष्ण ने नहीं, कोई और दे रहा था।
वह कोई और है – परमात्मा शिव, जो निराकार है।


⚔️  4: महाभारत युद्ध – एक मानसिक द्वंद्व का प्रतीक]

🗣️ : महाभारत युद्ध का चित्रण प्रतीकात्मक है।
अर्जुन कहता है – “मैं युद्ध नहीं करूंगा।”
वह द्वंद्व आत्मा का है – जब हम धर्म और अधर्म के बीच फंसते हैं।

परमात्मा कहते हैं – “मैं आया हूं, तुम्हारे अंदर के असुरों का नाश करने।”
काम, क्रोध, लोभ जैसे विकारों से मुक्त करने।

👉 यह युद्ध है – आत्मा के भीतर चल रही बुराइयों के विरुद्ध।


📖  5: गीता ज्ञान का वास्तविक उद्देश्य]

🗣️”परमात्मा स्वयं कहते हैं –
“मैं गीता का सच्चा ज्ञान सुनाता हूं – जिससे आत्मा 100% पावन बनती है।”

और वह ज्ञान सुनकर –
👉 पहला अर्जुन, अर्थात आत्मा जो ज्ञान को पूर्ण रूप से स्वीकार करती है –
वही आत्मा आगे चलकर बनती है – श्रीकृष्ण।

श्रीकृष्ण गीता सुनाने वाला नहीं –
गीता से बने वाला है।

🗣️: तो मित्रों, श्रीकृष्ण परमात्मा नहीं,
बल्कि परमात्मा से बने – पूर्ण पुरुषार्थी आत्मा हैं।

और परमात्मा कौन है?

👉 “परमपिता शिव”,
जो आज फिर से गीता का सच्चा ज्ञान सुना रहे हैं –
ताकि हम भी फिर से बन सकें – श्रीकृष्ण जैसे दिव्य आत्मा।

🎥 शीर्षक: क्या श्रीकृष्ण परमात्मा हैं?

सारी दुनिया श्रीकृष्ण को भगवान मानती है। लेकिन क्या वास्तव में वह परमात्मा हैं?
आज हम जानेंगे —
👉 ‘परमात्मा कौन है?
👉 और ‘श्रीकृष्ण का वास्तविक परिचय क्या है?


❓प्रश्न 1: क्या श्रीकृष्ण परमात्मा हैं?

🟢 उत्तर:नहीं, श्रीकृष्ण परमात्मा नहीं हैं।
परमात्मा स्वयं आकर कहते हैं –
“बच्चे, श्रीकृष्ण सतयुग का प्रथम राजकुमार है, लेकिन वह परमात्मा नहीं है।”

👉 कारण? क्योंकि जिसने जन्म लिया, जिसने पालना ली, वह परमात्मा नहीं हो सकता।
परमात्मा तो है अजन्मा, सर्वशक्तिमान, और ज्ञान का सागर।


❓प्रश्न 2: श्रीकृष्ण को परमात्मा क्यों नहीं कहा जा सकता?

🟢 उत्तर:👉 श्रीकृष्ण का जन्म हुआ, माता-पिता ने पालन-पोषण किया।
👉 वह शिवलिंग की पूजा करता है और गुरु से ज्ञान लेता है।
ज्ञान लेने वाला कभी ज्ञान का सागर नहीं हो सकता।

श्रीकृष्ण तो कर्म करता है, फल भोगता है –जबकि परमात्मा तो अभोगता है।

इसलिए श्रीकृष्ण परमात्मा नहीं, बल्कि परमात्मा से बना दिव्य आत्मा है –
सतयुग का प्रथम पावन बालक।


❓प्रश्न 3: क्या गीता का ज्ञान श्रीकृष्ण ने दिया था?

🟢 उत्तर:नहीं।गीता के अध्याय 4 में लिखा है –“मैंने यह ज्ञान सूर्य को, फिर मनु को, फिर इक्ष्वाकु को दिया था।”

🧐 सोचिए –
अगर ज्ञान श्रीकृष्ण ने दिया होता, तो वह खुद पहले कैसे दे सकता था?

👉 इसका स्पष्ट अर्थ है –
गीता का ज्ञान निराकार परमात्मा शिव ने दिया,
ना कि श्रीकृष्ण ने।


❓प्रश्न 4: महाभारत का युद्ध क्या सच में हुआ था?

🟢 उत्तर:महाभारत का युद्ध एक प्रतीकात्मक कथा है।
👉 अर्जुन का युद्ध न करना – आत्मा के अंदर का द्वंद्व है।
धर्म और अधर्म के बीच की लड़ाई।

परमात्मा कहते हैं –
“मैं आया हूं – तुम्हारे अंदर के असुरों को समाप्त करने।”

👉 यह युद्ध बाहरी नहीं,
बल्कि आत्मा के अंदर के काम, क्रोध, लोभ जैसे विकारों के विरुद्ध है।


❓प्रश्न 5: गीता ज्ञान का वास्तविक उद्देश्य क्या है?

🟢 उत्तर:परमात्मा स्वयं कहते हैं –
“मैं गीता का सच्चा ज्ञान सुनाता हूं – जिससे आत्मा 100% पावन बनती है।”

👉 जो आत्मा उस ज्ञान को पूरी तरह अपनाती है,
वही आत्मा आगे चलकर बनती है – श्रीकृष्ण।

इसलिए कहा जाता है –
श्रीकृष्ण गीता सुनाने वाला नहीं,
बल्कि गीता से बनने वाला है।


✨ निष्कर्ष

🔹 श्रीकृष्ण एक महान, दिव्य आत्मा हैं।
🔹 लेकिन परमात्मा नहीं
🔹 परमात्मा है – निराकार शिव, जो सभी आत्माओं का पिता है।

आज वही परमपिता शिव फिर से गीता का सच्चा ज्ञान सुना रहे हैं –
ताकि हम भी श्रीकृष्ण जैसे दिव्य आत्मा बन सकें।

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