(39) Sri Krishna is born when all the souls of Ravana sect go to the Paramdham (supreme abode)?

(39) श्रीकृष्ण का जन्म तब होता है ज़ब रावण सम्प्रदाय की सारी आत्माएं परमधाम चली जाती हैं?

( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

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श्रीकृष्ण का जन्म कब होता है? | रावण संप्रदाय और एडवांस पार्टी का संबंध |

ओम शांती भाई-बहनों! आज हम एक महत्वपूर्ण प्रश्न पर विचार करेंगे जो आपके मन में हो सकता है। बहुत से भाई-बहन हमें ये सवाल पूछते हैं कि:

“क्या श्रीकृष्ण का जन्म तब होता है जब रावण संप्रदाय की सारी आत्माएँ परमधाम चली जाती हैं, या पहले?”

हमारे पास एक बुक है “सपार्क” की, जिसमें एडवांस पार्टी के बारे में विस्तार से बताया गया है, और इसके पेज़ 48 पर यह प्रश्न उठा है। तो चलिए, इस विषय पर गहराई से विचार करते हैं और देखते हैं कि ब्रह्मा कुमारिस के ज्ञान के अनुसार श्रीकृष्ण का जन्म कब और कैसे होता है।

  1. श्रीकृष्ण का जन्म:

    जैसा कि ब्रह्मा कुमारिस के ज्ञान में बताया गया है, श्रीकृष्ण का जन्म जब होता है, तब रावण संप्रदाय का अस्तित्व नहीं होता। इसका मतलब है कि रावण संप्रदाय की सारी आत्माएँ परमधाम में चली जाती हैं। तब ही श्रीकृष्ण का जन्म होता है। श्रीकृष्ण का जन्म नए कल्प के शुरुआत में होता है, यानि संगम युग के अंदर।

    🔑 बात समझने की: जैसा देवताओं के पैर पुरानी विकारी दुनिया में नहीं पड़ सकते, वैसे ही विकारी और पतित आत्माएँ नई दुनिया में नहीं आ सकतीं। इसलिए, जो भी आत्माएँ पतित हैं, वे परमधाम में चली जाती हैं और वहाँ से फिर पवित्रता प्राप्त करती हैं।

  2. एडवांस पार्टी और ब्राह्मण: एडवांस पार्टी के आत्माएँ ब्राह्मण कहलाती हैं। चाहे वो साकार रूप में यज्ञ से हो या अव्यक्त रूप में, इन आत्माओं को ब्रह्मा बाबा द्वारा पालना दिया जाता है। ब्राह्मण शब्द से यही मतलब है, कि ये आत्माएँ नए युग की स्थापना में सहायक होती हैं।

  3. संगम युग की विशेषता:-ब्रह्मा बाबा का कार्य तब तक जारी रहता है, जब तक नई दुनिया पूरी तरह से स्थापित नहीं हो जाती। यह ब्रह्मा बाबा की पालना का कार्य है जो संगम युग के पहले हिस्से में होता है। इसके बाद, लक्ष्मी-नारायण की गद्दी पर बैठने से सूर्यवंशी संवत का आरंभ होता है।

  4. सतयुग का आगमन:-मुरली में यह बताया गया है कि श्रीकृष्ण का जन्म 25-30 साल पहले होता है। हम देखेंगे कि राधे और कृष्ण को प्रिंस और प्रिंसेस के रूप में दर्शाया गया है। लेकिन, सतयुग की शुरुआत तभी मानी जाती है जब लक्ष्मी-नारायण गद्दी पर बैठते हैं।

  5. ब्रह्मा बाबा का रूपांतरण:-जब ब्रह्मा बाबा पूरी तरह से पवित्र होते हैं, तो वे विष्णु के रूप में श्रीकृष्ण के रूप में प्रकट होते हैं। यह एक विशेष प्रक्रिया है जिसमें ब्रह्मा से विष्णु बनने का कार्य होता है।

  6. एडवांस स्टेज की आत्माएँ:-एडवांस पार्टी के आत्माएँ जो परमधाम से वापस लौटकर सतयुग में जन्म लेने के लिए तैयार होती हैं, वे धीरे-धीरे देवता बनती हैं।


निष्कर्ष: संपूर्ण ज्ञान में यह स्पष्ट है कि श्रीकृष्ण का जन्म संगम युग के दौरान होता है, जब रावण संप्रदाय की सारी आत्माएँ परमधाम चली जाती हैं। और जैसा ब्रह्मा कुमारिस के ज्ञान में बताया गया है, श्रीकृष्ण का जन्म विकारमुक्त और पवित्र आत्माओं के लिए होता है, जिन्हें ब्राह्मण कहा जाता है।अगर आपको इस बारे में और गहराई से जानना है तो आप हमारे किसी भी ब्रह्मा कुमारिस सेवा केंद्र से संपर्क कर सकते हैं।

आशा है कि यह वीडियो आपके सवाल का उत्तर देने में मददगार साबित हुआ होगा। ओम शांती!

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श्रीकृष्ण का जन्म कब होता है? | रावण संप्रदाय और एडवांस पार्टी का संबंध

Q1: श्रीकृष्ण का जन्म कब होता है? क्या यह रावण संप्रदाय के समाप्त होने के बाद होता है?

A1:श्रीकृष्ण का जन्म संगम युग के शुरुआत में होता है, जब रावण संप्रदाय की सारी आत्माएँ परमधाम चली जाती हैं। इसका मतलब है कि जब रावण संप्रदाय का अस्तित्व समाप्त हो जाता है और सभी पतित आत्माएँ परमधाम में चली जाती हैं, तब ही श्रीकृष्ण का जन्म होता है। यही वह समय होता है जब विकारमुक्त और पवित्र आत्माएँ नए युग की शुरुआत करती हैं।


Q2: रावण संप्रदाय के समाप्त होने का क्या मतलब है?

A2:रावण संप्रदाय का समाप्त होना यह दर्शाता है कि सभी पतित, विकारी आत्माएँ परमधाम चली जाती हैं। पुराने विकारी संसार से मुक्त होकर ये आत्माएँ फिर से पवित्रता प्राप्त करती हैं। जब सभी आत्माएँ परमधाम में चली जाती हैं, तब नई दुनिया के निर्माण की शुरुआत होती है, और श्रीकृष्ण का जन्म उसी समय होता है।


Q3: एडवांस पार्टी और ब्राह्मण का क्या संबंध है?

A3:एडवांस पार्टी के आत्माएँ ब्राह्मण कहलाती हैं। ये आत्माएँ नए युग की स्थापना में सहायक होती हैं। चाहे वह साकार रूप में यज्ञ के द्वारा हो या अव्यक्त रूप में, इन आत्माओं को ब्रह्मा बाबा द्वारा पालना दी जाती है। एडवांस पार्टी के आत्माएँ ब्राह्मण कहलाती हैं क्योंकि वे आगामी समय में देवता बनने की प्रक्रिया में होती हैं।


Q4: संगम युग की विशेषता क्या है?

A4:संगम युग एक विशेष युग है जिसमें ब्रह्मा बाबा का कार्य तब तक जारी रहता है जब तक नई दुनिया पूरी तरह से स्थापित नहीं हो जाती। संगम युग की शुरुआत और समापन के बीच यह वह समय होता है जब ब्रह्मा बाबा नई दुनिया की स्थापना के लिए आत्माओं की पालना करते हैं। इसके बाद, जब लक्ष्मी-नारायण गद्दी पर बैठते हैं, तो सूर्यवंशी संवत का आरंभ होता है।


Q5: श्रीकृष्ण का जन्म सतयुग में क्यों नहीं होता?

A5:श्रीकृष्ण का जन्म सतयुग में नहीं होता, क्योंकि सतयुग की शुरुआत तब मानी जाती है जब लक्ष्मी-नारायण गद्दी पर बैठते हैं। मुरली में बताया गया है कि श्रीकृष्ण का जन्म 25-30 साल पहले होता है, लेकिन सतयुग की स्थापना उसके बाद ही होती है, जब लक्ष्मी-नारायण का राज्य प्रारंभ होता है।


Q6: ब्रह्मा बाबा का रूपांतरण कैसे होता है?

A6:जब ब्रह्मा बाबा पूरी तरह से पवित्र और गुणों से संपन्न होते हैं, तो वे विष्णु के रूप में श्रीकृष्ण के रूप में प्रकट होते हैं। यह एक विशेष प्रक्रिया है, जिसमें ब्रह्मा से विष्णु बनने की प्रक्रिया होती है। यह रूपांतरण तब होता है जब वे अपनी पवित्रता और दिव्य गुणों को जीवन में धारण करते हैं।


Q7: एडवांस स्टेज की आत्माएँ किस प्रकार से देवता बनती हैं?

A7:एडवांस स्टेज की आत्माएँ, जो परमधाम से वापस लौटकर सतयुग में जन्म लेने के लिए तैयार होती हैं, वे धीरे-धीरे देवता बनने की प्रक्रिया में होती हैं। वे विशेष रूप से विष्णु चतुर्भुज के रूप में अपने गुणों और संस्कारों को धारण करती हैं, और जब वे पूरी तरह से पवित्र हो जाती हैं, तब वे लक्ष्मी-नारायण के रूप में प्रकट होती हैं।


Q8: श्रीकृष्ण का जन्म किस समय होता है और इसका क्या महत्व है?

A8:श्रीकृष्ण का जन्म संगम युग के दौरान होता है, जब रावण संप्रदाय की सारी आत्माएँ परमधाम चली जाती हैं। यह समय होता है जब पवित्र और विकारमुक्त आत्माएँ नए युग की शुरुआत करती हैं। श्रीकृष्ण का जन्म विकारमुक्त आत्माओं के लिए होता है, जिन्हें ब्राह्मण कहा जाता है, और यही वह समय होता है जब आदर्श दुनिया की स्थापना होती है।


Q9: क्या आप इस बारे में और जानना चाहते हैं?

A9:यदि आपको इस विषय पर और गहराई से जानकारी चाहिए, तो आप हमारे किसी भी ब्रह्मा कुमारिस सेवा केंद्र से संपर्क कर सकते हैं। वहां आपको और अधिक विस्तार से मार्गदर्शन मिलेगा।

निष्कर्ष:-श्रीकृष्ण का जन्म संगम युग में होता है, और यह समय होता है जब विकारी और पतित आत्माएँ परमधाम चली जाती हैं और फिर से पवित्रता प्राप्त करती हैं। यह ब्रह्मा कुमारिस के ज्ञान में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि श्रीकृष्ण का जन्म पवित्र आत्माओं के लिए होता है, जिन्हें ब्राह्मण कहा जाता है।

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