(41)Will Lord Krishna be born in 2036 or before?

(41)श्री कृष्ण का जन्म 2036 में होगा या पहले?

( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

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(भावुकता व आत्मिक शक्ति के साथ):

“भाइयों और बहनों, एक बहुत सुंदर प्रश्न आया…

जैसे ही मैंने वीडियो बनाया कि ‘श्री कृष्ण का जन्म हो चुका है’ — तो एक प्रतिक्रिया आई, ‘नहीं! कृष्ण का जन्म तो 2036 में होगा!’

तो आइए आज इस विषय पर मिलकर विचार करें — क्या श्रीकृष्ण का जन्म हो चुका है? या होगा?”

🎬, मुस्कराते हुए – बैकग्राउंड में मधुबन की हल्की झलक]

“मैं बहुत भाग्यशाली हूँ, क्योंकि मुझे 1990 में बाबा का ज्ञान प्राप्त हुआ।और मात्र दो वर्षों में मुझे बाबा का विशेष वरदान मिला — ‘डबल टीचर भव!’

जबकि भाइयों को मुरली सुनाने का अधिकार नहीं होता, मुझे बहुत जल्दी ही ये सौभाग्य मिला। हमने एक छोटी कॉलोनी में निमित्त बनकर मुरली सुनानी शुरू की।”

🎬: क्लास में बैठी बहनें, मुरली चल रही है]

“सन् 1997 की बात है — जब मैंने पहली बार मुरली क्लास में सहज भाव से यह कहा कि ‘कृष्ण का जन्म हो चुका है।’

जैसे ही मैंने ये कहा — एक बहन दौड़ती हुई बहन जी के पास गई और कहा — ‘भाई ने कहा कृष्ण जन्म ले चुका है!’बहन जी चौंक गईं — बोलीं, ‘भगवान ने जन्म ले लिया और हमें बताया ही नहीं?’

मैंने बहुत समझाया… लेकिन उन्होंने मेरी बात नहीं मानी — क्योंकि वही हमें कोर्स कराने वाली थीं।”

🎬: मुस्कराते हुए, गंभीरता से बात रखते हैं]

“लेकिन मेरा अनुभव यही कहता रहा — जब भी ऐसी मुरली आती, जिसमें कृष्ण जन्म का इशारा हो… तो भीतर से यही अनुभव होता — ‘हां, श्रीकृष्ण का जन्म हो चुका है।’

और आगे चलकर इसका प्रमाण मिला — दादी प्रकाशमणि जी से!

🎬 : दादी प्रकाशमणि की तस्वीर, शांत संगीत]

“जब दादी अव्यक्त हुईं, तो उनके सहयोग से मेरे बहुत सारे डाउट्स क्लियर हुए।इससे पहले कि मैं वो रहस्य बताऊं — मैं आपसे एक छोटा सा प्रश्न पूछना चाहता हूँ…”

🗣️ “आपको क्या लगता है — श्रीकृष्ण का जन्म कब होना चाहिए?”

सोचिए… विचार कीजिए… आत्मा से पूछिए।

🎬  (झाड़ वाला चित्र)]

“ये है वह चित्र — जो हमने अनेक बार देखा है।नीचे संगम युग — ब्रह्मा बाबा बैठे हुए हैं।जब संगम युग पूरा होता है — तो सतयुग शुरू होता है।

और सतयुग के पहले दृश्य में — युवा राधा-कृष्ण को दिखाया गया है।विवाह होता है — और तुरंत लक्ष्मी-नारायण बन जाते हैं।”

“इस चित्र में साफ़ लिखा है — ‘सत्युग का पहला राजकुमार’ — और ये पत्ता आग लगने से पहले दिखाया गया है।

तो क्या ये सतयुग है?

बाहर की दुनिया कहेगी — नहीं।

परंतु ज्ञानयुक्त बच्चे समझते हैं — संगम युग ही वह समय है, जब आत्मा पुरुषार्थ करके कमल समान पवित्र बनती है।”

📜 “हमारी एम ऑब्जेक्ट है — राधे-कृष्ण बनना।”“बाबा लक्ष्मी-नारायण नहीं कहते — राधा-कृष्ण कहते हैं।

और बाबा ने बहुत स्पष्ट कहा — ‘पूरे 5000 वर्ष राधे-कृष्ण के कहे जाएंगे।’

क्यों? क्योंकि श्रीकृष्ण सतयुग की शुरुआत से पहले ही जन्म लेते हैं — संगम युग में!

📜 “हे कृष्ण की पुरानी आत्मा…”
📜 “ब्रह्मा सो विष्णु व श्रीकृष्ण बनेगा।”“तो यह रहस्य कौन सुलझाएगा?

ब्रह्मा बाबा — जो संगम युग के अंत में संपूर्ण बनते हैं — वही श्रीकृष्ण के रूप में प्रकट होते हैं।”

🎬  सूक्ष्म लोक, ब्रह्मा बाबा, दादी गुलजार]

“शिव बाबा ने अव्यक्त वाणी में कहा — ब्रह्मा बाबा ने सभी ब्रह्मवत्सों को इमर्ज किया और कहा — ‘परिवर्तन हमारे संकल्प से होगा।’

अभी ब्रह्मा बाबा संपूर्ण नहीं बने — सेवा जारी है।18 जनवरी के बाद भी — सेवा से रिटायर नहीं हुए।जब वह संपूर्ण कर्मातीत अवस्था को प्राप्त करते हैं — तभी बनते हैं श्रीकृष्ण!

“तो भाइयों और बहनों…श्रीकृष्ण का जन्म — कोई भविष्य की बात नहीं है…

बल्कि वह एक अलौकिक, अव्यक्त, संपूर्णता की स्थिति है,जो अभी — संगम युग में — प्रकट हो रही है।

जब ब्रह्मा सो विष्णु की अवस्था प्रकट होती है —वहीं श्रीकृष्ण जन्म लेता है।”

🎥 प्रश्नोत्तर विशेष: क्या श्रीकृष्ण का जन्म हो चुका है?

🎙️ शीर्षक:“श्रीकृष्ण का जन्म: भविष्य की प्रतीक्षा या संगम का अलौकिक रहस्य?”


प्रश्न 1: कुछ लोग कहते हैं कि श्रीकृष्ण का जन्म 2036 में होगा। तो क्या आपने जो कहा ‘कृष्ण का जन्म हो चुका है’ — वह सही है?

उत्तर:जी हाँ, मैंने अनुभव किया है कि श्रीकृष्ण का जन्म हो चुका है — और यह कोई सामान्य जन्म नहीं, बल्कि अव्यक्त अवस्था में आत्मा की संपूर्णता का जन्म है।
यह कोई भविष्य की तारीख नहीं — बल्कि संगम युग की वह साक्षात स्थिति है, जब ब्रह्मा बाबा कमल पुष्प समान पवित्र बनते हैं, तब वही आत्मा श्रीकृष्ण के रूप में प्रकट होती है।


प्रश्न 2: आपने यह अनुभव सबसे पहले कब किया कि कृष्ण का जन्म हो चुका है?

उत्तर:1997 में एक मुरली क्लास के दौरान सहज भाव से मैंने कहा — “कृष्ण का जन्म हो चुका है।”
यह मेरी आंतरिक अनुभूति थी, और वो भावना आज भी उतनी ही सशक्त है।
बाद में मुझे दादी प्रकाशमणि जी के माध्यम से भी उस अनुभूति का प्रमाण और स्पष्टता मिली।


प्रश्न 3: लेकिन चित्र में तो कृष्ण को सतयुग का पहला राजकुमार बताया गया है — तो फिर वह संगम युग में कैसे जन्म ले सकता है?

उत्तर:बहुत सुंदर प्रश्न है!चित्र में दिखाया गया ‘सत्युग का पहला राजकुमार’ आग लगने से पहले का दृश्य है — अर्थात वह संगम युग का अंतिम भाग है।
बाबा ने स्पष्ट कहा है — “तुम एक पाँव कलियुग की नाव पर, एक पाँव सत्युग की नाव पर हो।”
इसका अर्थ है — सत्युग की शुरुआत, संगम युग से ही होती है।


प्रश्न 4: क्या मुरली में भी इस बात के संकेत मिलते हैं कि कृष्ण का जन्म हो चुका है?

उत्तर:हाँ — और बहुत ही स्पष्ट रूप से।
📝 9 मार्च 2020 की मुरली में बाबा कहते हैं:
“ब्रह्मा सो विष्णु व श्रीकृष्ण बनेगा।”
📝 और 3 मार्च 2020 की मुरली में:
“हमारी एम ऑब्जेक्ट राधे-कृष्ण बनना है, लक्ष्मी-नारायण नहीं।”
यह दर्शाता है कि कृष्ण की आत्मा संगम युग में ही ब्रह्मा रूप में कमल समान पवित्र बनकर प्रकट होती है।


प्रश्न 5: क्या ब्रह्मा बाबा संपूर्ण हो चुके हैं? या सेवा में अभी भी कार्यरत हैं?

उत्तर:18 जनवरी के बाद भी बाबा ने खुद मुरली में कहा —
“ब्रह्मा ने केवल कपड़ा और कमरा बदला है।”
सेवा अभी भी जारी है — संपूर्णता की ओर यात्रा चल रही है।
जब ब्रह्मा बाबा संपूर्ण कर्मातीत अवस्था में स्थित हो जाते हैं — वही है श्रीकृष्ण का सच्चा जन्म।


प्रश्न 6: तो श्रीकृष्ण का जन्म क्या वास्तव में ‘दिखने योग्य’ होगा या ‘अनुभव करने योग्य’?

उत्तर:यह जन्म न तो भौतिक आंखों से देखने योग्य है, न कैलेंडर से बांधने योग्य।
यह जन्म है — आत्मिक संपूर्णता का, ब्रह्मा से विष्णु बनने की स्थिति का।
जो आत्मा सच्चे अर्थों में “ब्रह्मा सो विष्णु व श्रीकृष्ण” की यात्रा को अनुभव करती है — वही इस दिव्य जन्म को देख और जी सकती है।


🌟 अंतिम साक्ष्य:

📜 “हे कृष्ण की पुरानी आत्मा… तुम कृष्ण थे… अब तमोप्रधान हो गए हो…”
📜 “अब तुम्हारा नाम ब्रह्मा रखा है।”
📜 “ब्रह्मा सो विष्णु व श्रीकृष्ण बनेगा।”

ये पंक्तियाँ गवाही हैं कि —
श्रीकृष्ण का जन्म किसी तिथि का नहीं, बल्कि आत्मिक स्थिति का अलौकिक उत्सव है।


🎬 अंतिम संवाद (भावुकता के साथ):

“तो भाइयों और बहनों…श्रीकृष्ण का जन्म — कोई भविष्य की कल्पना नहीं,
बल्कि वह संपूर्णता की स्थिति है — जो संगम युग में ही घटती है।

जिस दिन आत्मा ब्रह्मा से विष्णु बनी —उसी दिन श्रीकृष्ण ने जन्म लिया।और वो दिन… अब बहुत दूर नहीं।”

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