(66)गज काे ग्राह के बंधन से मुत्क करने का कर्त्तव्य
ज्ञान-सागर शिव की दिव्य शक्ति – गज मोक्ष कथा का असली आत्मिक रहस्य |
1. दिव्य कथाओं के पीछे छुपा आत्मिक रहस्य
Example:
भगवान के कार्यों को अक्सर पुराणों में अलंकारिक भाषा में वर्णित किया गया है — जैसे श्रीकृष्ण का चमत्कारी जन्म या गज मोक्ष की कथा। लेकिन अब समय है इन दिव्य कथाओं के गूढ़ रहस्य को आत्मिक दृष्टि से समझने का।
Murli 13 Feb 2001
“बाप ने हर धर्म की आत्माओं को भी कहा – तुम भी मेरे बच्चे हो। मैं ही सबका मुक्तिदाता और पतित-पावन हूँ।”
2. कथा का सार: गज और ग्राह का प्रतीकात्मक अर्थ
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गज = ज्ञानवान आत्मा
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ग्राह = माया के विकार (काम, क्रोध, लोभ…)
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सरोवर = ज्ञान का शीतल जल (राजयोग)
Example:
जिस प्रकार एक ज्ञानी आत्मा ज्ञान के सरोवर में स्नान कर रही होती है, लेकिन किसी क्षणिक कमजोरी से माया का ग्राह उसे पकड़ लेता है — उसी प्रकार गजराज भी ग्राह के बंधन में फँस गया।
Murli 10 May 2003
“ज्ञान के बिना कोई भी आत्मा माया से नहीं छूट सकती। ज्ञान और योग ही आत्मा को शक्तिशाली बनाते हैं।”
3. सहस्त्र वर्षों की लड़ाई: आत्मा और माया का अंतहीन संघर्ष
Example:
‘सहस्त्र वर्ष’ कोई गिनती नहीं, बल्कि यह दर्शाता है कि आत्मा जन्म-जन्मांतर से माया के साथ संघर्ष कर रही है। यह संघर्ष तब तक चलता है जब तक आत्मा परमात्मा को पुकार नहीं लेती।
Murli 12 Feb 1995
“तुम बच्चे हजारों वर्षों से माया से हारते आए हो, अब यह अन्तिम जन्म है — जीत का समय है।”
4. परमात्मा की स्मृति: मुक्ति का एकमात्र उपाय
Example:
जब आत्मा कहती है — “हे दीनबन्धो, रक्षा करो!” — तब यह आत्मा की सच्ची पुकार होती है। उस समय परमात्मा शिव, अव्यक्त रूप में ज्ञान का चक्र देते हैं, जिससे आत्मा को विवेक और शक्ति प्राप्त होती है।
Murli 18 March 2002
“बाप कहते हैं – बच्चे, जब माया तंग करे तो मुझे याद करो, मैं तुरन्त मदद करने आ जाऊँगा।”
5. स्वदर्शन चक्र: आत्म-स्मृति की शक्ति
Example:
विष्णु का चक्र कोई स्थूल अस्त्र नहीं है, यह तो आत्मा का “स्वदर्शन चक्र” है — जिसमें आत्मा अपने स्वरूप को जानती है और यह समझती है कि यह सृष्टि भी एक नाटक की तरह घूमती है।
Murli 25 Jan 2004
“स्वदर्शन चक्रधारी बनो। आत्मा को देखो और सृष्टि चक्र को जानो, यही तुम्हारा असली अस्त्र है माया पर जीत पाने के लिए।”
6. मोक्ष की प्रक्रिया: बाप की याद से माया पर विजय
Example:
जब आत्मा परमात्मा की स्मृति में स्थिर हो जाती है, तो वही स्मृति शक्ति बन जाती है और माया रूपी ग्राह के मुख को चीरकर आत्मा को मुक्त कर देती है। यही सच्चा गज मोक्ष है।
Murli 9 Oct 2001
“बच्चे, माया के ग्राह से बचने के लिए निरंतर बाप की याद में रहो। याद ही रक्षक है।”
7. निष्कर्ष: सत्यार्थ समझो, चमत्कार नहीं
Example:
हाथी और मगर की कहानी चमत्कार नहीं, चेतना का बोध है। हम सभी आत्माएं गज की तरह हैं और माया ग्राह बनकर हमें डसती है। लेकिन ज्ञान का शंख, स्वदर्शन चक्र और कमल समान पवित्र जीवन — यही हैं मुक्ति के वास्तविक साधन।
Murli 14 July 2005
“बाप ने आकर हर कथा के पीछे का वास्तविक रहस्य स्पष्ट किया है ताकि तुम चमत्कार नहीं, ज्ञान की सच्चाई को जानो।”
ज्ञान-सागर शिव की दिव्य शक्ति – गज मोक्ष कथा का असली आत्मिक रहस्य |
प्रश्न 1: गज मोक्ष कथा का असली आध्यात्मिक अर्थ क्या है?
उत्तर: यह कथा हाथी और मगरमच्छ की भौतिक घटना नहीं, बल्कि आत्मा और माया के बीच के संघर्ष का प्रतीक है।
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गज = ज्ञानवान आत्मा
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ग्राह = माया के विकार (काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार)
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सरोवर = राजयोग का ज्ञान-जल
Murli 13 Feb 2001:
“मैं ही सबका मुक्तिदाता और पतित-पावन हूँ।”
प्रश्न 2: कथा में ‘गज’ का क्या प्रतीक है?
उत्तर: गज एक ऐसी आत्मा का प्रतीक है जो ज्ञान में स्नान कर रही है, लेकिन माया रूपी ग्राह किसी कमजोरी का फायदा उठाकर उसे पकड़ लेता है।
Murli 10 May 2003:
“ज्ञान और योग ही आत्मा को शक्तिशाली बनाते हैं।”
प्रश्न 3: ‘सहस्त्र वर्षों की लड़ाई’ का क्या अर्थ है?
उत्तर: यह कोई भौतिक समय नहीं, बल्कि जन्म-जन्मांतर का प्रतीक है जिसमें आत्मा माया से लड़ती रहती है।
Murli 12 Feb 1995:
“अब यह अन्तिम जन्म है — जीत का समय है।”
प्रश्न 4: माया से बचने का एकमात्र उपाय क्या है?
उत्तर: परमात्मा शिव की स्मृति। जब आत्मा सच्ची पुकार लगाती है — “हे दीनबन्धो, रक्षा करो!” — तब परमात्मा अव्यक्त रूप में शक्ति प्रदान करते हैं।
Murli 18 March 2002:
“जब माया तंग करे तो मुझे याद करो, मैं तुरन्त मदद करने आ जाऊँगा।”
प्रश्न 5: विष्णु का ‘स्वदर्शन चक्र’ क्या दर्शाता है?
उत्तर: यह आत्मा का अपने स्वरूप और सृष्टि चक्र का ज्ञान है, कोई स्थूल अस्त्र नहीं।
Murli 25 Jan 2004:
“स्वदर्शन चक्रधारी बनो। आत्मा को देखो और सृष्टि चक्र को जानो।”
प्रश्न 6: असली गज मोक्ष कैसे मिलता है?
उत्तर: जब आत्मा निरंतर बाप की याद में रहती है, तो स्मृति ही शक्ति बनकर माया रूपी ग्राह को परास्त करती है।
Murli 9 Oct 2001:
“याद ही रक्षक है।”
प्रश्न 7: इस कथा से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर: हमें चमत्कारों पर नहीं, बल्कि ज्ञान की सच्चाई पर ध्यान देना चाहिए। हम सभी गज की तरह आत्माएं हैं, और माया ग्राह की तरह हमें खींचती है। मुक्ति का मार्ग — ज्ञान, योग और पवित्र जीवन।
Murli 14 July 2005:
“बाप ने आकर हर कथा के पीछे का वास्तविक रहस्य स्पष्ट किया है।”
डिस्क्लेमर:
यह वीडियो आध्यात्मिक अध्ययन और आत्मिक जागृति के उद्देश्य से बनाया गया है। इसमें वर्णित सभी मुरली उद्धरण ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय की आधिकारिक शिक्षाओं पर आधारित हैं।
यह वीडियो किसी भी धार्मिक भावना को ठेस पहुँचाने के लिए नहीं है, बल्कि कथाओं के पीछे छुपे आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक अर्थ को स्पष्ट करने के लिए है।
प्रस्तुत विचार शांति, प्रेम और आत्म-कल्याण की दिशा में प्रेरित करने हेतु साझा किए गए हैं।
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