(67)Disrobing the Gopis: Lord Krishna’s leela or the divine knowledge of Lord Shiva?

गीता का भगवान काैन है(67)गोपियों का चीर-हरण:श्रीकृष्ण की लीला या परमात्मा शिव का दिव्य ज्ञान?

YouTube player

“क्या सच में श्रीकृष्ण ने गोपियों के वस्त्र चुराए थे? | चीर-हरण का गुप्त आध्यात्मिक रहस्य | 


1. ‘चीर’ का वास्तविक अर्थ – देह नहीं, देह-अभिमान

श्रीमद्भागवत में ‘वस्त्र’ या ‘चीर’ का उल्लेख आता है, लेकिन ब्रह्माकुमारी ज्ञान बताता है कि यह देह का प्रतीक है।
गीता अध्याय 2, श्लोक 22:
“वासांसि जीर्णानि यथा विहाय…”
अर्थ – आत्मा शरीर को वस्त्र की तरह छोड़ती है।
गूढ़ अर्थ: ‘चीर-हरण’ का मतलब है देह-अभिमान का हरण


2. गोपियाँ कौन थीं? – परमात्मा की सच्ची प्रेमिकाएँ

ब्रह्माकुमारी मुरली के अनुसार गोपियाँ वे आत्माएँ हैं जिन्होंने परमात्मा को पहचाना, सत्य ज्ञान अपनाया और पवित्र जीवन का संकल्प लिया।
Murli – 18 Jan 2024 (अवयक्त वाणी):
“बाप ने तुम्हारे देह-अभिमान का चीर हरण किया है। अब तुम अशरीरी बन, सच्चे रक्षक के पास पहुँचे हो।”


3. ‘यमुना-स्नान’ और वस्त्र ले जाने का गुप्त प्रतीक

  • यमुना जल: पवित्रता की गहराई

  • स्नान: आत्मा का शुद्धिकरण

  • वस्त्र हटाना: लोक-लाज और काया-अभिमान का त्याग

Murli – 23 Oct 1989:
“बच्चे, तुम्हें लोक-लाज की नहीं, परमात्मा की आज्ञा की लाज रखनी है। तुम्हारी चीर-हरण लीला यह है कि देह-अभिमान की लाज समाप्त कर दो।”


4. आज की गलत व्याख्याओं से सावधान

आजकल कुछ लोग इस कथा को अश्लील रूप देकर भारतीय संस्कृति पर प्रश्न उठाते हैं।
सत्य:
भगवान कभी किसी की लाज भंग नहीं करते, वे तो आत्मा को विकारों से मुक्त करते हैं।
Murli – 3 May 2024:
“बाप कभी विकारी कर्म नहीं करता। वह तो विकारों से मुक्ति दिलाने आता है।”


5. चीर-हरण = आत्मिक पुनर्जन्म

जब आत्मा देह-अभिमान छोड़ती है, तभी वह अपने मूल स्वरूप “मैं आत्मा हूँ” में स्थित होती है।
उदाहरण:
जैसे बच्चा पुराने कपड़े छोड़कर नया जीवन शुरू करता है, वैसे ही आत्मा चीर-हरण के बाद नया पवित्र जीवन शुरू करती है।


6. बाबा का संदेश – चीर-हरण एक पावन यात्रा

Murli – 7 Aug 2023:
“मैं तुम्हारा रक्षक हूँ। तुम्हारा चीर-हरण करके आत्म-स्मृति देता हूँ।”
चीर-हरण का अर्थ है – आत्मा को देह के बंधन से मुक्त कर शिव बाबा की याद में पवित्र जीवन जीने का अवसर देना।


निष्कर्ष

श्रीकृष्ण का ‘गोपियों का चीर-हरण’ कोई भौतिक घटना नहीं थी। यह आत्मा के देह-अभिमान से मुक्त होकर पवित्रता की ओर कदम बढ़ाने की दिव्य लीला है।
सच्चा चीर-हरण = “मैं आत्मा हूँ, यह शरीर मेरा वस्त्र है, और मुझे शिव बाबा की याद में रहना है।”

“क्या सच में श्रीकृष्ण ने गोपियों के वस्त्र चुराए थे? | चीर-हरण का गुप्त आध्यात्मिक रहस्य | 


Q1: क्या श्रीकृष्ण सच में गोपियों के वस्त्र चुराने गए थे?

A: नहीं। श्रीमद्भागवत में ‘वस्त्र’ या ‘चीर’ का उल्लेख है, लेकिन ब्रह्माकुमारी ज्ञान के अनुसार यह शरीर का प्रतीक है। गीता अध्याय 2, श्लोक 22 कहता है – “वासांसि जीर्णानि यथा विहाय…” अर्थात आत्मा शरीर को वस्त्र की तरह त्यागती और नया धारण करती है।
इसलिए ‘चीर-हरण’ का अर्थ है — देह-अभिमान का हरण, न कि वस्त्रों का भौतिक अपमान।


Q2: ब्रह्माकुमारी ज्ञान में ‘गोपियाँ’ किसे कहा गया है?

A: गोपियाँ वे आत्माएँ हैं जिन्होंने परमात्मा को पहचाना, सत्य ज्ञान अपनाया और पवित्र जीवन का संकल्प लिया।
Murli – 18 Jan 2024: “बाप ने तुम्हारे देह-अभिमान का चीर हरण किया है। अब तुम अशरीरी बन, सच्चे रक्षक के पास पहुँचे हो।”


Q3: यमुना-स्नान और वस्त्र ले जाने का क्या गुप्त अर्थ है?

A:

  • यमुना जल = पवित्रता की गहराई

  • स्नान = आत्मा का शुद्धिकरण

  • वस्त्र हटाना = लोक-लाज और काया-अभिमान का त्याग

Murli – 23 Oct 1989: “बच्चे, तुम्हें लोक-लाज की नहीं, परमात्मा की आज्ञा की लाज रखनी है। तुम्हारी चीर-हरण लीला यह है कि देह-अभिमान की लाज समाप्त कर दो।”


Q4: आजकल लोग इस कथा को क्यों गलत समझते हैं?

A: आज कई कलाकार और लेखक इस कथा को अश्लील रूप देकर भारतीय संस्कृति पर उपहास करते हैं।
परन्तु Murli – 3 May 2024 में स्पष्ट है: “बाप कभी विकारी कर्म नहीं करता। वह तो विकारों से मुक्ति दिलाने आता है।”
भगवान का कार्य हमेशा आत्मा को पवित्र बनाना है, न कि किसी की लाज भंग करना।


Q5: ‘चीर-हरण’ को आत्मिक पुनर्जन्म क्यों कहा जाता है?

A: जब आत्मा देह-अभिमान छोड़ती है, तभी वह अपने सच्चे स्वरूप “मैं आत्मा हूँ” में स्थित होती है।
उदाहरण: जैसे बच्चा पुराने कपड़े छोड़कर नया जीवन शुरू करता है, वैसे ही आत्मा चीर-हरण के बाद नया पवित्र जीवन शुरू करती है।


Q6: बाबा का चीर-हरण से क्या तात्पर्य है?

A:Murli – 7 Aug 2023: “मैं तुम्हारा रक्षक हूँ। तुम्हारा चीर-हरण करके आत्म-स्मृति देता हूँ।”
अर्थात – बाबा आत्मा को देह के बंधन से मुक्त कर, शिव बाबा की याद में पवित्र जीवन जीने का अवसर देते हैं।

डिस्क्लेमर

इस वीडियो में प्रस्तुत सभी विचार, व्याख्याएँ और उदाहरण ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्वविद्यालय के आध्यात्मिक ज्ञान पर आधारित हैं। इनका उद्देश्य किसी धार्मिक भावना को ठेस पहुँचाना, किसी ग्रंथ, परंपरा या देवता का अपमान करना नहीं है। यहाँ बताई गई व्याख्या का मकसद प्राचीन कथाओं के गूढ़ आध्यात्मिक अर्थ को स्पष्ट करना है, ताकि हम उनके वास्तविक, पवित्र और प्रेरणादायक संदेश को जीवन में अपना सकें।

#BrahmaKumaris #ShriKrishna #CheerHaran #Gopiyan #BhagwatKatha #GeetaGyaan #SpiritualMeaning #MurliPoints #BKDrSurenderSharma #OmShantiGyan #DehAbhiman #Pavitrata #SangamYug #GodlyKnowledge

#ब्रह्माकुमारी #श्रीकृष्ण #चीरहरण #गोपियां #भागवतकथा #गीताज्ञान #आध्यात्मिक अर्थ #मुरलीबिंदु #बीकेडॉसुरेंद्रशर्मा #ओमशांतिज्ञान #देहअभिमान #पवित्रता #संगमयुग #ईश्वरीय ज्ञान