एडवान्स पार्टी का जन्म, संगमयुगाी शरीर {23}
( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)
“एडवांस पार्टी का जन्म कैसे होता है? | 23वाँ पॉइंट | सूक्ष्म वतन के अनुभव और संगम युगी पहचान | Murli 19 March 2000”
“एडवांस पार्टी का संगम युगी जन्म: एक दिव्य रहस्य”
मुख्य बिंदु 1: एडवांस पार्टी का जन्म कब और कैसे होता है?
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बाबा ने स्पष्ट कहा: एडवांस पार्टी का जन्म संगम युगी शरीर में ही होता है।
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यह कोई साधारण जन्म नहीं होता; आत्मा नीचे आकर नया शरीर धारण कर लेती है, पर उसे स्वयं इसकी जानकारी नहीं होती।
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बाबा ने यह रहस्य 19 मार्च 2000 की मुरली में प्रकट किया है।
मुख्य बिंदु 2: सूक्ष्म वतन में आत्माओं का अनुभव क्या होता है?
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जब आत्माएं वतन में जाती हैं, तो वे अपने संगम युगी पुराने स्वरूप में ही इमर्ज होती हैं।
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नीचे (भौतिक दुनिया) का रूप उन्हें याद नहीं रहता।
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यह एक स्वप्नवत अनुभव होता है — जैसे हम सपने में कुछ करते हैं, पर बाद में याद नहीं रहता।
मुख्य बिंदु 3: दादी प्रकाशमणि का अनुभव — “गर्भ महल” की याद
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गुलज़ार दादी ने पूछा: “आपको गर्भ में कैसा लगता है?”
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बाबा ने ब्रह्मा बाबा से दादी को इमर्ज कराया — तब दादी ने कहा:
“मुझे कोई बदबू या तकलीफ नहीं होती — यह गर्भ महल है।”
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जैसे ही बाबा ने कहा कि अब वह भूल जाएगी — दादी भूल गई।
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इससे सिद्ध होता है कि ड्रामा के अनुसार आत्मा को दिशा तो याद रहती है, पर अनुभव नहीं।
मुख्य बिंदु 4: आत्मा ऊपर से दिशा लेकर आती है, पर उसे याद नहीं रहता
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आत्मा वतन से जो भी डायरेक्शन लेकर आती है, वह उसके कर्म में स्वतः प्रकट होते हैं।
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उसे यह याद नहीं रहता कि वह ऊपर गई थी या किसने दिशा दी।
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यह है ईश्वरीय योजना का कमाल — जहां आत्मा को अपने रोल की समझ जागृति में नहीं, कर्म में होती है।
मुख्य बिंदु 5: वतन में सभी संगम युगी स्वरूप में मिलते हैं
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जब होली का प्रोग्राम हुआ और सभी आत्माएं वतन में एकत्र हुईं —
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बापदादा ने सभी को उनके संगम युगी शरीर में इमर्ज किया।
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एक-दो में बहुत मिलन हुआ — जैसे पुराने दोस्त मिलते हैं।
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संगम युग की बातें जैसे पुनः याद आ गईं — और आत्माएं आनंद, उल्लास, और खुशी में डूब गईं।
मुख्य बिंदु 6: संगम युगी पहचान कैसे होती है?
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जब आत्मा ऊपर जाती है, तो उसे केवल अवस्था का बोध होता है — कि वह दिव्य है, प्रकाशमयी है।
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परंतु नीचे जन्म लेने पर उसे “मैं कौन हूँ?” इसका बोध नहीं रहता।
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यह स्थिति तब तक रहती है जब तक कि योग, ज्ञान और सेवाएं उसे पुनः आत्म-ज्ञान में लाती हैं।
निष्कर्ष:
एडवांस पार्टी की आत्माएं दिव्य आदेश लेकर आती हैं, परंतु ड्रामा अनुसार उन्हें याद नहीं रहता।
फिर भी, उनके कर्म और भावना में वह ईश्वरीय दिशा प्रकट होती है।
बाबा ने इस रहस्य को अनेक बार मुरली और संदेशों में खोला है — और आज हम उसका 23वाँ बिंदु पढ़कर, अनुभव कर रहे हैं।
प्रश्नोत्तर रूप में प्रस्तुति
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“एडवांस पार्टी का जन्म कैसे होता है? | 23वाँ पॉइंट | सूक्ष्म वतन के अनुभव और संगम युगी पहचान | Murli 19 March 2000”
🎙️ भाषण शीर्षक:
“एडवांस पार्टी का संगम युगी जन्म: एक दिव्य रहस्य”
❓प्रश्न 1:एडवांस पार्टी का जन्म कब और कैसे होता है?
उत्तर:बाबा ने स्पष्ट कहा है कि एडवांस पार्टी का जन्म संगम युगी शरीर में ही होता है। यह कोई साधारण जन्म नहीं होता, बल्कि आत्मा नीचे आकर नया शरीर धारण कर लेती है, परंतु उसे स्वयं इसकी जानकारी नहीं होती। यह एक गुप्त व रहस्यमयी प्रक्रिया है, जिसे बाबा ने 19 मार्च 2000 की मुरली में स्पष्ट किया।
❓प्रश्न 2:क्या आत्मा को अपने नीचे के रूप का ज्ञान रहता है जब वह वतन में जाती है?
उत्तर:नहीं, आत्मा जब वतन में जाती है, तो वह अपने पुराने संगम युगी स्वरूप में इमर्ज होती है, पर उसे नीचे के शरीर, नाम, स्थान आदि की स्मृति नहीं रहती। यह अनुभव एक स्वप्नवत अवस्था के समान होता है — जैसे हम कोई सपना देख आते हैं, और जागने के बाद भूल जाते हैं।
❓प्रश्न 3:दादी प्रकाशमणि के गर्भ अनुभव से हमें क्या समझ में आता है?
उत्तर:जब गुलज़ार दादी ने पूछा कि “आपको गर्भ में कैसा लगता है?” तो बाबा ने दादी प्रकाशमणि को इमर्ज कराया। उन्होंने कहा:
“कोई तकलीफ नहीं होती, कोई बदबू नहीं आती — यह गर्भ महल है।”
पर जैसे ही बाबा ने कहा कि अब यह भूल जाएगी — वह भूल गईं। इससे सिद्ध होता है कि आत्मा को ऊपर से दिशा मिलती है, लेकिन स्मृति नहीं रहती — क्योंकि यह ड्रामा की व्यवस्था है।
❓प्रश्न 4:जब आत्मा वतन से नीचे आती है तो क्या उसे ऊपर की बातें याद रहती हैं?
उत्तर:नहीं, आत्मा को यह याद नहीं रहता कि वह ऊपर गई थी या किससे दिशा ली थी। लेकिन जो भी आदेश वह ऊपर से लेती है, वे उसके कर्म और प्रवृत्ति में स्वचालित रूप से प्रकट होते हैं। यही ईश्वरीय योजना का चमत्कार है — जहां आत्मा बिना याद के भी कार्य सही करती है।
❓प्रश्न 5:क्या आत्माएं वतन में संगम युगी पहचान के साथ मिलती हैं?
उत्तर:हाँ, जब वतन में सभी आत्माएं एकत्र होती हैं (जैसे होली के प्रोग्राम में), तब बापदादा सभी को उनके संगम युगी शरीर में इमर्ज करते हैं। आत्माएं एक-दूसरे से मिलन मनाती हैं, पुरानी बातें याद आने लगती हैं, और एक-दूसरे से उल्लासपूर्वक अनुभव साझा करती हैं।
❓प्रश्न 6:क्या आत्मा को संगम युगी पहचान स्थायी रूप से रहती है?
उत्तर:नहीं, संगम युगी पहचान स्थायी नहीं रहती जब तक आत्मा स्वयं पुरुषार्थ, योग, और ज्ञान से उस पहचान को पुनः जाग्रत नहीं करती। जब आत्मा नीचे आती है, तो उसे सिर्फ अपनी दिव्य अवस्था का बोध रहता है, पर “मैं कौन हूँ, क्या सेवा है, कौन सा शरीर है” — यह स्मृति धीरे-धीरे पुनः प्राप्त होती है।
निष्कर्ष:एडवांस पार्टी की आत्माएं एक विशेष दिव्य कार्य हेतु जन्म लेती हैं। वे वतन से आदेश लेकर आती हैं, पर ड्रामा अनुसार उन्हें उसकी स्मृति नहीं रहती। फिर भी, वह आदेश उनके कर्म में उजागर होता है। यह ईश्वरीय योजना का चमत्कार है — जो बाबा ने अनेक मुरलियों में प्रकट किया, और आज हमने उसका 23वाँ पॉइंट अनुभव किया।
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