(08)How does one attain the power of assimilation through Sahaja Raja Yoga?

(08)सहज राजयोग से समाने की शत्कि कैसे प्राप्त हाेती है?

( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

YouTube player

सहज राज योग के लाभ – आठवीं शक्ति: समाने की शक्ति
(By BK Dr Surender Sharma – Om Shanti Gyan)


 ओम शांति – परिचय

सहज राजयोग से हमें अनेक शक्तियाँ प्राप्त होती हैं – उनमें से एक दिव्य शक्ति है “समाने की शक्ति”।
बापदादा ने इसे सच्चे योगी की निशानी बताया है:

“सच्चा योगी वह है जो बात को लंबा न बनाए। जो बात को समा सके, वही सच्चा योग बलवान।”

आज की दुनिया में आत्माएं बातें फैलाती हैं, सोचती रहती हैं, विश्लेषण करती हैं – लेकिन एक राजयोगी आत्मा उस बात को समा लेती है, समाप्त कर देती है।


 समाने की शक्ति क्या है?

“समाना” का अर्थ है:

  • किसी भी अनुभव, आलोचना, चोट, परिस्थिति या विचार को

  • बिना प्रतिक्रिया, बिना विस्तार के,

  • अंदर समा लेना।

जैसे समुद्र नदियों का सारा कचरा अपने में समा लेता है —
वैसे ही एक शक्तिशाली आत्मा हर बात को शांति से आत्मा में समा लेती है।


 सहज राजयोग से यह शक्ति कैसे आती है?

1. मौन की शक्ति से

  • जब आत्मा मौन में रहती है,

  • तो विचारों की रफ्तार धीमी हो जाती है,

  • छोटी से छोटी बात को भी समा लेती है।

2. आत्मा की गहराई में जाकर सार पकड़ना

  • जब आत्मा “सार” समझती है, तो बात को लंबा नहीं खींचती,

  • संक्षेप में आत्मसात कर लेती है।

3. बाबा से शक्ति लेना

  • बाबा की याद से बुद्धि स्थिर होती है,

  • मन-मंथन गहरा होता है,

  • तब आत्मा व्यर्थ संकल्पों को तुरंत समा लेती है।

अव्यक्त मुरली (21 मार्च 1975):
“जो बच्चे बात को विस्तार नहीं देते, सिर्फ सार पकड़ते हैं — वही बाप के सच्चे सहारे हैं।”


 समाने की शक्ति किन रूपों में उपयोगी है?

 1. ज्ञान में समाना

  • मुरली केवल सुनना नहीं —

  • जैसे दूध में शक्कर घुलती है, वैसे ही मुरली आत्मा में समा जाए।

2. बातों को समाना

  • अगर कोई आलोचना करे, कुछ उल्टा बोले —

  • तो उसे सोचते रहना नहीं —

  • “बाबा, यह ड्रामा है। मैं शांत हूं।”

  • यही सच्चा योग बल है।

 3. परिस्थितियों को समाना

  • कोई भी संकट, समस्या आए —

  • उसे आत्मा में समा लेना।

  • “ठीक है, ये भी ड्रामा का पार्ट है।”

साकार मुरली (जुलाई 2022):
“समाने की शक्ति उसी में आती है जो स्थिर बुद्धि वाला है।”


 व्यवहारिक उदाहरण

उदहारण 1:किसी ने आपको टोक दिया या उल्टा बोल दिया।
साधारण आत्मा सोचती रहेगी:

“इसने मुझे ऐसा क्यों कहा? ये गलत है…”
राजयोगी आत्मा कहेगी:
“ठीक है बाबा, ड्रामा है, मैं शांत हूं।”
और उस बात को समा लेगी।

उदहारण 2:कोई परिस्थिति अचानक विकट हो जाए, जैसे अपमान या असफलता।
राजयोगी कहेगा:

“यह मेरा कर्म था।
बाबा मेरे साथ है।
मैं शांत हूं।”
और फिर उस स्थिति को आत्मा में समा लेता है।

समाने की शक्ति कोई साधारण शक्ति नहीं है — यह आत्मा की महानता है।
बाबा बार-बार कहते हैं —

“बच्चे, सच्चा योग वही है जिसमें कोई बात बुद्धि में बार-बार न चले।”
जो आत्मा हर बात को समा लेती है — वही दुनिया में सच्ची शांति की स्थापना कर सकती है।

सहज राज योग के लाभ – आठवीं शक्ति: समाने की शक्ति”
(By BK Dr Surender Sharma – Om Shanti Gyan)


 ओम शांति – परिचय

प्रश्न 1:सहज राजयोग से आत्मा को कौन-कौन सी शक्तियाँ प्राप्त होती हैं?

उत्तर:सहज राजयोग से आत्मा को अनेक दिव्य शक्तियाँ प्राप्त होती हैं — जैसे सहन शक्ति, निर्णय शक्ति, सामना करने की शक्ति, और समाने की शक्ति। ये आत्मा को स्थितप्रज्ञ और सहज योगी बनाती हैं।


 समाने की शक्ति क्या है?

प्रश्न 2:“समाने की शक्ति” का अर्थ क्या है?

उत्तर:समाना का अर्थ है — किसी भी निंदा, आलोचना, चोट, परिस्थिति या विचार को बिना प्रतिक्रिया, बिना विस्तार के, आत्मा में शांति से समा लेना। जैसे समुद्र नदियों का कचरा समा लेता है, वैसे ही योगी आत्मा हर बात को अंतर्मन में शांत कर लेती है।

प्रश्न 3:बापदादा ने सच्चे योगी की कौन-सी पहचान बताई है?

उत्तर:बापदादा कहते हैं – “सच्चा योगी वह है जो बात को लंबा न बनाए। जो बात को समा सके, वही सच्चा योग बलवान है।”


 सहज राजयोग से समाने की शक्ति कैसे आती है?

प्रश्न 4:मौन की शक्ति समाने में कैसे मदद करती है?

उत्तर:जब आत्मा मौन में रहती है तो विचारों की रफ्तार धीमी हो जाती है। छोटी-से-छोटी बात भी आत्मा शांति से समा लेती है — बिना प्रतिक्रिया के।

प्रश्न 5:“सार पकड़ने” का क्या अर्थ है और इसका क्या लाभ है?

उत्तर:सार पकड़ने का अर्थ है – बात के मर्म को समझना। जो आत्मा सार पकड़ती है, वो बात को खींचती नहीं, बढ़ाती नहीं — संक्षिप्त रूप से आत्मसात कर लेती है।

प्रश्न 6:बाबा की याद से समाने की शक्ति कैसे आती है?

उत्तर:जब आत्मा बाबा को याद करती है, तो बुद्धि स्थिर होती है, मन शक्तिशाली बनता है। इससे आत्मा व्यर्थ संकल्पों को समेट लेती है और बात को तुरंत समा लेती है।


 समाने की शक्ति किन रूपों में उपयोगी है?

प्रश्न 7:ज्ञान में “समाने” का क्या अर्थ है?

उत्तर:ज्ञान को केवल सुनना नहीं — लेकिन उसे आत्मा में ऐसे समाना जैसे दूध में शक्कर घुल जाती है। मुरली आत्मा में समा जाए, यही सच्चा योग है।

प्रश्न 8:अगर कोई उल्टा बोल दे या आलोचना करे, तो “समाने” का प्रयोग कैसे करें?

उत्तर:बुद्धिमान आत्मा सोचती नहीं — बस कहती है: “ठीक है बाबा, यह ड्रामा है, मैं शांत हूं।” इससे मन शांति में स्थिर रहता है, और बात वहीं समाप्त हो जाती है।

प्रश्न 9:परिस्थितियों को समाने का क्या तरीका है?

उत्तर:हर परिस्थिति को यह सोचकर आत्मा में समा लेना कि — “यह भी ड्रामा का पार्ट है। बाबा मेरे साथ है।” इससे घबराहट, अशांति और प्रतिक्रिया खत्म हो जाती है।


 व्यवहारिक उदाहरण

प्रश्न 10:कोई अगर गुस्से में टोक दे, तो आत्मा को कैसे प्रतिक्रिया देनी चाहिए?

उत्तर:राजयोगी आत्मा सोचती नहीं, प्रतिक्रिया नहीं देती। बस मन में कहती है:
“यह उसकी मनोवृत्ति है। बाबा, मैं शांत हूं। यह भी ड्रामा है।”
और बात वहीं समाप्त हो जाती है।

प्रश्न 11:अगर कोई परिस्थिति अपमानजनक हो, तो समाने की शक्ति कैसे काम आती है?

उत्तर:राजयोगी आत्मा कहती है – “यह मेरा कर्म था। बाबा मेरे साथ है। यह भी पार्ट है।” इससे आत्मा संतुलन में रहती है और स्थिति को आत्मसात कर लेती है।

प्रश्न 12:समाने की शक्ति क्यों आत्मा की महानता कहलाती है?

उत्तर:क्योंकि यह शक्ति बुद्धि को हल्का, मन को शांत और जीवन को दिव्य बना देती है। बाबा कहते हैं – “जो आत्मा बात को समा लेती है — वही दुनिया में सच्ची शांति की स्थापना कर सकती है।”


YouTube Title Suggestion:

सहज राज योग की आठवीं शक्ति: समाने की शक्ति | How to Merge Everything Through Rajyog | BK Dr Surender Sharma

सहज राजयोग, समाने की शक्ति, राजयोग मेडिटेशन, ब्रह्मा कुमारी ज्ञान, BK Dr Surender Sharma, Om Shanti Gyan, आठवीं शक्ति, आत्मा की शक्ति, मौन की शक्ति, आलोचना सहना, मानसिक शांति, सच्चा योगी, सच्चा योग बल, सहज योग की शक्तियाँ, ड्रामा दर्शन, शक्तिशाली आत्मा, ब्रह्मा बाबा की मुरली, अव्यक्त मुरली, राजयोगी जीवन, बातों को समाना, स्थितिप्रज्ञता, आत्मा में समाना, BK Shivani, ब्रह्मा कुमारी आध्यात्मिक ज्ञान, परमात्मा की याद, राजयोग और व्यवहार, मन की स्थिरता, मुरली सार, आध्यात्मिक शक्तियाँ, दिव्य गुण,

Sahaj Rajyoga, power of assimilation, Rajyoga meditation, Brahma Kumari knowledge, BK Dr Surender Sharma, Om Shanti Gyan, eighth power, power of soul, power of silence, tolerating criticism, mental peace, true yogi, true yoga power, powers of Sahaj Yoga, Drama Darshan, powerful soul, Brahma Baba’s Murli, Avyakt Murli, Rajyogi life, assimilating things, Sthitprajnata, assimilating in the soul, BK Shivani, Brahma Kumari spiritual knowledge, remembrance of God, Rajyoga and behavior, stability of mind, Murli essence, spiritual powers, divine qualities,