Avyakt Murli-08/16-01-1982

(08)”मेरा बाबा आ गया’-यह आवाज बुलन्द करने के लिए चारों ओर फरिश्ते रूप में छा जाओ”

( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

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‘मेरा बाबा आ गया’ – अब हर दिशा में फरिश्तों का उजियारा हो

ओम् शांति।
आज हम एक ऐसी अव्यक्त मिलन-मुरली पर चिंतन कर रहे हैं जिसमें बापदादा सिर्फ पढ़ाने नहीं, मिलन मनाने के लिए आये हैं।
मुरली की तिथि है — 16 जनवरी 1982, और इसमें गूँज रही है एक अलौकिक पुकार —
“मेरा बाबा आ गया”


 1. बापदादा: गॉडली फ्रैंड बनकर बच्चों से मिलन में

आज बापदादा गॉड, गॉडली फ्रैंड बनकर बच्चों से मिलने आये।
एक ऐसा मित्र, जो सभी संकल्पों का साथी हो, जिसके साथ दिल की हर बात कही जा सके।
बाप कहते हैं —

“जब मैंने कहा, मेरा बच्चा, तो तुम्हारे लिए कहना सहज है — मेरा बाबा।”

यह “मेरा” शब्द 21 जन्मों के अटूट संबंध का आधार बन जाता है।


 2. ग्लोबल ब्राह्मण आत्माओं की सुंदर सभा

बापदादा ने आज के दिवस पर विश्वभर से आए बच्चों को देखा —
जापान की डॉल्स, फ्रांस, ब्राज़ील, मैक्सिको, अमेरिका, लंदन, जर्मनी, दुबई, मलेशिया, कनाडा, न्यूजीलैंड, नैरोबी…
हर देश से आई आत्माएं बापदादा के गुलदस्ते के शोभनीय फूल बन गईं।

बापदादा ने कहा —

“देश और धर्म के घूंघट में होते हुए भी, ‘माई बाबा’ की सच्ची पुकार सबको जोड़ रही है।”


3. हर कोने में गूंजे – ‘हमारा बाबा आ गया’

बापदादा ने भविष्य का दृश्य भी दिखाया:
जब मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारे से एक ही आवाज़ उठेगी —
“हमारा बाबा आ गया!”

उस समय आप सभी आत्माएं फरिश्ता रूप में दुनिया पर ऐसे छा जायेंगी जैसे बादल।
हर दिशा से सिर्फ दिव्यता झलकेगी।

“चारों ओर फरिश्ते ही फरिश्ते नजर आएंगे।”


 4. सेवा के मैदान में विश्वभर की ब्राह्मण सेनाएँ

अमेरिका – शक्ति सेना का लश्कर हर कोने में सक्रिय।
जर्मनी – आत्मिक बॉम्ब की रोशनी फैलाने वाले।
दुबई – छिपे हुए ब्राह्मण जो अब बाहर आएंगे।
ग्याना – वीआईपी आत्माएं भी वारिस क्वालिटी की।
न्यूज़ीलैंड, मलेशिया, पोलैंड – सेवा के छोटे स्थान, लेकिन महान परिणाम।

बापदादा ने सभी की विशेषताओं के गीत गाये। कहा –

“आपके अंदर सभी सोल समायी हुई हैं, आप अकेले नहीं हो।”


 5. फरिश्ते बन जाने की तैयारी का आह्वान

बाबा का संदेश स्पष्ट है —
अब समय आ गया है जब आपको सिर्फ सेवा नहीं, फरिश्ता स्टेज पर स्थित होकर साक्षात्कार कराना है

“कल्प-कल्प के निश्चित फरिश्ते आप ही हो। आपके सिवाय और कौन हैं?”

थोड़ा-थोड़ा हिलना अब बंद होना चाहिए।
अब समय है संकल्प की बुलंदी और फरिश्ते बन दुनिया को रोशनी देने का।


 6. बापदादा की विशेष गिफ्ट – दो अमूल्य शब्द

आज बापदादा सभी बच्चों से गिफ्ट ले रहे हैं —
सिर्फ दो शब्द:
“सदा क्लीयर और केयरफुल”
 क्लीयर रहेंगे तो डिप्रेशन नहीं आयेगा।
 केयरफुल रहेंगे तो चियरफुल रहेंगे।
 बापदादा की त्रिमूर्ति बिंदी की गिफ्ट को तिजोरी में सहेज कर रखना।


समापन: अब आवाज़ गूंजे — ‘मेरा बाबा आ गया’

अब वह समय दूर नहीं जब हर आत्मा यही गाएगी:
“माया चली गई, हम मायाजीत बन गये।”
“हमारा बाबा आ गया।”

आइए, हम सभी इस आवाज़ को बुलन्द करें –
सच्ची प्रीत, फरिश्ता स्टेज, और सेवा के सशक्त संकल्पों से।

ओम् शांति।

मेरा बाबा आ गया’ – अब हर दिशा में फरिश्तों का उजियारा हो

प्रश्नोत्तरी (Q&A) आधारित मंथन | अव्यक्त मुरली – 16 जनवरी 1982


प्रश्न 1:बापदादा आज किस रूप में आए और क्यों?

उत्तर:आज बापदादा गॉडली फ्रेंड बनकर बच्चों से मिलने आए। वे आज सुनाने नहीं, बल्कि मिलन मनाने आए।
उन्होंने कहा —

“जब मैंने कहा, मेरा बच्चा, तो तुम्हारे लिए कहना सहज है — मेरा बाबा।”


प्रश्न 2:“मेरा बाबा” इस संकल्प का क्या महत्व है?

उत्तर:“मेरा बाबा” यह शब्द 21 जन्मों तक अटूट संबंध जोड़ने का आधार बन जाता है।
यह संकल्प आत्मा को अधिकारी स्थिति में स्थित कर देता है।


प्रश्न 3:बापदादा ने ग्लोबल बच्चों को कैसे देखा?

उत्तर:बापदादा ने जापान, अमेरिका, जर्मनी, ब्राज़ील, लंदन, कनाडा आदि से आए बच्चों को एक शोभायमान गुलदस्ते के फूल के रूप में देखा।
उन्होंने कहा —

“देश और धर्म के घूंघट में होते हुए भी, ‘माई बाबा’ की सच्ची पुकार सबको जोड़ रही है।”


प्रश्न 4:भविष्य में कैसी आवाज़ गूंजेगी, और किस स्थिति में होंगे ब्राह्मण आत्माएं?

उत्तर:भविष्य में मन्दिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारे से एक ही आवाज़ गूंजेगी —

हमारा बाबा आ गया।
उस समय ब्राह्मण आत्माएं फरिश्ते रूप में चारों ओर छा जायेंगी, जैसे बादल। हर दिशा से दिव्यता झलकेगी।


प्रश्न 5:विश्व की ब्राह्मण सेनाओं की विशेषताएं क्या हैं?


उत्तर:

  • अमेरिका: शक्ति सेना हर कोने में सक्रिय।

  • जर्मनी: आत्मिक बॉम्ब द्वारा रोशनी फैलाना।

  • दुबई: छिपे ब्राह्मण आत्माओं का प्रकट होना।

  • ग्याना: VIP होते हुए भी वारिस क्वालिटी।

  • न्यूज़ीलैंड, मलेशिया: छोटा स्थान, पर महान सेवा।


प्रश्न 6:फरिश्ता बनने की सच्ची तैयारी क्या है?

उत्तर:अब समय है सिर्फ सेवा नहीं, बल्कि फरिश्ता स्टेज पर स्थित होकर साक्षात्कार कराने का।
बाबा ने कहा —

“कल्प-कल्प के निश्चित फरिश्ते आप ही हो।”


प्रश्न 7:बापदादा ने बच्चों से कौन-सी दो अमूल्य बातें गिफ्ट के रूप में मांगी?

उत्तर:बापदादा ने कहा:
 दो गिफ्ट दो —

  1. सदा क्लीयर रहो (मन व संबंधों में)

  2. सदा केयरफुल रहो (संकल्प, बोल, कर्म में)
    तभी आत्मा सदा चियरफुल रह सकती है।


प्रश्न 8:इस मुरली का सार क्या है?

उत्तर:“अब हर दिशा में फरिश्तों का उजियारा हो।”
हर ब्राह्मण आत्मा को फरिश्ता बनकर, बापदादा की आवाज़ —
“मेरा बाबा आ गया” — को बुलन्द करना है।
सच्ची प्रीत, सच्चा योग, और सेवाभाव से यह सम्भव है।

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