(प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)
नवरात्रि का असली रहस्य:-(08)महालक्ष्मी जगतंबा और दुर्गा क्या सच में उन्होंने असुरों को मारा?
महालक्ष्मी जगतंबा और दुर्गा – क्या सच में उन्होंने असुरों को मारा? | महिषासुर वध का असली रहस्य
भाषण
1. प्रस्तावना
ओम् शान्ति।
नवरात्रि के अवसर पर हर जगह देवी के चित्र और मूर्तियां सजाई जाती हैं।
विशेषकर महालक्ष्मी जगदंबा और दुर्गा को महिषासुर का वध करते हुए दिखाया जाता है।
लेकिन प्रश्न उठता है –
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क्या यह वास्तव में हुआ था?
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क्या देवी का जन्म सचमुच देवताओं के तेज से हुआ?
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क्या अरबों की सेना रणभूमि में खड़ी थी?
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क्या किसी के श्वासों से योद्धा उत्पन्न हो सकते हैं?
2. शास्त्रों की अद्भुत कथाएं
दुर्गा सप्तशती में वर्णन है कि ब्रह्मा, विष्णु और शंकर के तेज से एक देवी प्रकट हुई।
देवी ने असुरों की करोड़ों सेना से युद्ध किया।
कथा में लिखा है कि देवी के श्वासों से हजारों योद्धा उत्पन्न होते।
अंत में देवी ने महिषासुर का वध किया,
जो कभी भैंसा, कभी शेर, कभी हाथी का रूप धारण करता था।
आज भी यह कथा मूर्तियों और चित्रों में दिखाई जाती है।
3. तार्किक दृष्टि से विचार
अब प्रश्न है –
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क्या वास्तव में करोड़ों सैनिक एक ही रणभूमि में ठहर सकते हैं?
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क्या किसी के श्वासों से योद्धा निकल सकते हैं?
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क्या कोई प्राणी बार-बार रूप बदल सकता है – अभी भैंसा, अभी शेर, अभी हाथी?
यदि हम इसे तार्किक रूप से देखें, तो यह स्पष्ट है कि यह घटना वास्तविक नहीं, बल्कि रूपक कथा है।
4. वास्तविक अर्थ
देवी का अर्थ है – वह आत्मा जो ईश्वर के ज्ञान और योगबल से विकारों पर विजय प्राप्त करती है।
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असुर का अर्थ – काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, ईर्ष्या, आलस्य।
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महिषासुर – भैंसा अर्थात जड़ बुद्धि, आलस्य और अज्ञान का प्रतीक।
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दैवी शक्ति – आत्मा जो राजयोग से जागृत होकर विकारों का नाश करती है।
5. मुरली से प्रमाण
22 सितम्बर 2023 की मुरली:
“तुम ब्रह्मा कुमार–कुमारियां हो, जो माया रूपी राक्षस का विनाश करती हो।
तुम्हारी ही महिमा बाद में शास्त्रों में शक्तियों के रूप में लिखी जाती है।”
इसका अर्थ है कि संगमयुग पर शिवबाबा के बच्चे ही योगबल से राक्षसी संस्कारों का अंत करते हैं।
6. उदाहरण
जिस प्रकार अंधकार को मिटाने के लिए दीपक जलाना पड़ता है,
उसी प्रकार अज्ञान और विकार रूपी असुर को समाप्त करने के लिए ज्ञान का दीप और योगबल आवश्यक है।
जब आत्मा विकारों को समाप्त करती है, तभी वह जगदंबा या महालक्ष्मी कही जाती है।
7. निष्कर्ष – असली देवी कौन?
देवी कोई तलवार से लड़ने वाली योद्धा नहीं, बल्कि विकार-विनाशक, ज्ञान-योगिनी आत्मा है।
नवरात्रि में शक्तियों की पूजा वास्तव में उस स्मृति का प्रतीक है कि
कैसे संगमयुग पर आत्माएं ईश्वर से शक्ति लेकर खुद को और दूसरों को विकारमुक्त बनाती हैं।
महालक्ष्मी जगतंबा और दुर्गा – क्या सच में उन्होंने असुरों को मारा? | महिषासुर वध का असली रहस्य
प्रश्न–उत्तर
Q1. क्या महालक्ष्मी जगदंबा या दुर्गा ने सचमुच असुरों को मारा था?
Answer: नहीं, यह कोई ऐतिहासिक युद्ध नहीं था। यह कथा प्रतीकात्मक है, जो आत्मा और विकारों के बीच के संघर्ष को दर्शाती है।
Q2. शास्त्रों में देवी के जन्म की कथा कैसे वर्णित है?
Answer: दुर्गा सप्तशती में वर्णन है कि ब्रह्मा, विष्णु और शंकर के तेज से एक देवी प्रकट हुई, जिसने असुरों की करोड़ों सेना से युद्ध किया और महिषासुर का वध किया।
Q3. क्या यह कथा तार्किक दृष्टि से संभव है?
Answer: यदि हम सोचें – क्या करोड़ों सैनिक एक रणभूमि में आ सकते हैं? क्या किसी के श्वासों से योद्धा उत्पन्न हो सकते हैं? क्या कोई असुर बार-बार रूप बदल सकता है?
👉 इन प्रश्नों से स्पष्ट है कि यह कथा रूपक है, वास्तविक घटना नहीं।
Q4. असुर का वास्तविक अर्थ क्या है?
Answer: असुर का अर्थ है – काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, ईर्ष्या और आलस्य जैसे विकार।
Q5. महिषासुर किसका प्रतीक है?
Answer: महिषासुर भैंसा का प्रतीक है, जिसका अर्थ है – जड़ बुद्धि, आलस्य और अज्ञान।
Q6. देवी का आध्यात्मिक अर्थ क्या है?
Answer: देवी वास्तव में वह आत्मा है, जो ईश्वर के ज्ञान और राजयोग की शक्ति से विकारों पर विजय प्राप्त करती है।
Q7. मुरली में इसका प्रमाण कहाँ मिलता है?
Answer: 22 सितम्बर 2023 की मुरली में बाबा ने कहा –
“तुम ब्रह्मा कुमार–कुमारियां हो जो माया रूपी राक्षस का विनाश करती हो। तुम्हारी ही महिमा बाद में शास्त्रों में शक्तियों के रूप में लिखी जाती है।”
Q8. उदाहरण से इसे कैसे समझा सकते हैं?
Answer: जिस प्रकार अंधकार को मिटाने के लिए दीपक जलाना पड़ता है, उसी प्रकार अज्ञान रूपी असुर को समाप्त करने के लिए ज्ञान का दीप और योगबल आवश्यक है।
Q9. असली देवी कौन है?
Answer: असली देवी कोई तलवार से युद्ध करने वाली योद्धा नहीं, बल्कि वह आत्मा है, जो ईश्वर की याद और ज्ञान से विकारों का नाश करती है।
नवरात्रि में शक्तियों की पूजा इसी स्मृति का प्रतीक है।
Disclaimer: (डिस्क्लेमर) यह वीडियो/लेख धार्मिक ग्रंथों और आध्यात्मिक दृष्टिकोण का विश्लेषण प्रस्तुत करता है। हमारा उद्देश्य किसी देवी-देवता, धर्म, परंपरा या आस्था का अपमान करना नहीं है। यह सामग्री केवल ज्ञान-वर्धन, आत्मिक जागृति और चिंतन के लिए है। दर्शक अपने विवेक से इसे समझें और अपनाएँ। महालक्ष्मी जगतंबा और दुर्गा – क्या सच में उन्होंने असुरों का वध किया?
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