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3-3“Is every person responsible for his own actions?

October 3, 2025October 4, 2025omshantibk07@gmail.com

BK बेसिक कोर्स मुस्लिम भाई बहनों के लिए-3-3/”क्या हर इंसान अपने कर्मों का जिम्मेदार है?

(प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

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मुस्लिम भाई–बहनों के लिए ब्रह्मा कुमारी की जानकारी

 क्या हर इंसान अपने कर्मों का जिम्मेदार है?


1. प्रस्तावना

हर इंसान यह सवाल करता है –
 क्या मैं अपने कर्मों का मालिक हूँ या अल्लाह, परमात्मा पहले से सब तय कर देते हैं?
 अगर मैंने गलती की तो क्या उसका हिसाब कोई और चुकाएगा?

यह आज की गहन चर्चा का विषय है।


2. कर्म और हिसाब–किताब

जैसे संसार में हर काम का परिणाम मिलता है, वैसे ही हर कर्म का फल भी निश्चित है।

  • कर्म मैं करूंगा

  • उसका फल भी मुझे ही मिलेगा

  • कोई और उसका बोझ नहीं उठा सकता


3. कुरान का दृष्टिकोण

कुरान (सुरह अनआम, छ 164) कहता है:

“कोई बोझ उठाने वाला दूसरे का बोझ नहीं उठाएगा।
हर इंसान वही पाएगा जो उसने कमाया है।”

 मतलब – अच्छे काम का अच्छा फल और गलत काम का गलत फल।
 पिता, भाई, बेटा या पत्नी – कोई भी मेरे किए हुए कर्म का हिसाब नहीं देगा।
 आत्मा ने जो कर्म किया है, उसी को उसका फल भोगना है।


4. ब्रह्मा कुमारी ज्ञान का दृष्टिकोण

 बीके ज्ञान कहता है:

  • आत्मा अपने कर्मों की पूरी मालिक है।

  • परमात्मा मार्गदर्शन और ज्ञान देता है, लेकिन कर्म का चुनाव आत्मा करती है।

  • सुख और दुख का जिम्मा आत्मा के अपने कर्मों पर है।


5. मुरली के आधार पर समझें

साकार मुरली 7 अक्टूबर 2025

“बच्चे, मैं तुम्हारे कर्म नहीं करता।
मैं तो केवल ज्ञान देता हूँ।
तुम जो कर्म करते हो उसका फल तुम्हें ही भोगना पड़ता है।”

साकार मुरली 4 अक्टूबर 2025

“हर आत्मा अपने कर्मों की जिम्मेदार है।
बाप तो सिर्फ रास्ता बताता है,
कर्म का फल आत्मा को ही मिलना है।”

साकार मुरली 8 अक्टूबर 2025

“कर्म लेखा आत्मा की अपनी बही है।
कोई और उस हिसाब को नहीं चुकाएगा।
जिसने गलत किया है, उसी को चुकाना है।”


6. उदाहरण से समझें

(क) किसान और बीज

  • किसान जैसा बीज बोता है वैसी ही फसल काटता है।

  • अच्छे बीज = अच्छी फसल

  • खराब बीज = खराब फसल
     इंसान भी अपने कर्म बोता है और उसी का फल पाता है।

(ख) परीक्षा और विद्यार्थी

  • अध्यापक केवल किताब और मार्गदर्शन देता है।

  • लेकिन परीक्षा में कौन सा उत्तर लिखना है – यह विद्यार्थी पर है।
     उसी तरह परमात्मा मार्ग दिखाता है, कर्म आत्मा करती है।


7. निष्कर्ष

  • हर इंसान अपने कर्मों का पूरी तरह जिम्मेदार है।

  • परमात्मा केवल मार्गदर्शक है, ज़बरदस्ती करने वाला नहीं।

  • पाप–पुण्य का हिसाब आत्मा के साथ है।
     इसलिए समझदारी यही है कि अच्छे कर्म करें और जीवन को सफल बनाएं।

मुस्लिम भाई-बहनों के लिए ब्रह्मा कुमारी की जानकारी

आज का विषय: क्या हर इंसान अपने कर्मों का जिम्मेदार है?


 प्रश्न 1: क्या इंसान अपने कर्मों का मालिक है या उसके कर्म पहले से तय हैं?

 उत्तर:
हर इंसान अपने कर्मों का मालिक है।

  • कर्म मैं करूंगा, उसका फल मुझे ही मिलेगा।

  • न पिता, न बेटा, न पत्नी मेरे कर्म का बोझ उठा सकते हैं।
     यह आत्मा के कर्म हैं, शरीर तो केवल एक साधन है।


 प्रश्न 2: कुरान इस विषय पर क्या कहती है?

 उत्तर:
कुरान में लिखा है –
“कोई बोझ उठाने वाला दूसरे का बोझ नहीं उठाएगा। हर इंसान वही पाएगा जो उसने कमाया है।” (सुरह अनआम 6:164)

इसका अर्थ है:

  • अच्छे कर्म = अच्छा फल।

  • बुरे कर्म = बुरा फल।
    हर इंसान अपने कर्मों का खुद जिम्मेदार है।


 प्रश्न 3: ब्रह्मा कुमारी ज्ञान का दृष्टिकोण क्या है?

 उत्तर:

  • आत्मा अपने कर्म की मालिक है।

  • परमात्मा केवल मार्गदर्शन देता है, कर्म करने का चुनाव आत्मा स्वयं करती है।

  • सुख और दुख का जिम्मा आत्मा का अपना है।


 प्रश्न 4: मुरली में क्या कहा गया है?

 उत्तर (तिथि अनुसार):

  • 7 अक्टूबर 2025 – “बच्चे, मैं तुम्हारे कर्म नहीं करता। मैं तो ज्ञान देता हूं। तुम जो कर्म करते हो, उसका फल तुम्हें ही भोगना पड़ेगा।”

  • 4 अक्टूबर 2025 – “हर आत्मा अपने कर्मों की जिम्मेदार है। बाप तो केवल रास्ता बताता है, कर्म का फल आत्मा को ही मिलना है।”

  • 8 अक्टूबर 2025 – “कर्म लेखा वही आत्मा की अपनी बही है। कोई और उस हिसाब को नहीं चुकाएगा। जिसनें खराब किया है, उसी को चुकाना है।”


 प्रश्न 5: इसे उदाहरण से कैसे समझ सकते हैं?

 उत्तर:

 किसान और बीज

  • किसान जैसा बीज बोएगा, वैसी ही फसल काटेगा।

  • अच्छे बीज = अच्छी फसल।

  • खराब बीज = खराब फसल।
     वैसे ही इंसान अपने कर्म बोता है और उसी का फल पाता है।

 परीक्षा और विद्यार्थी

  • अध्यापक किताब और मार्गदर्शन देता है।

  • लेकिन परीक्षा में कौन सा उत्तर लिखना है – यह विद्यार्थी की जिम्मेदारी है।
     परमात्मा मार्ग दिखाता है, पर कर्म आत्मा करती है।


 प्रश्न 6: अंतिम निष्कर्ष क्या है?

 उत्तर:

  • हर इंसान अपने कर्मों का पूरी तरह जिम्मेदार है।

  • परमात्मा मार्गदर्शक है, ज़बरदस्ती करने वाला नहीं।

  • पाप और पुण्य का हिसाब आत्मा के साथ ही जुड़ा है।

 इसलिए अभी से शुद्ध संकल्प, मीठी वाणी और अच्छे कर्म करना ही सच्चा धर्म है।

Disclaimer

यह वीडियो किसी भी धर्म, पंथ या समुदाय की आस्था को ठेस पहुँचाने के लिए नहीं है।
इसका उद्देश्य केवल ज्ञान–वृद्धि और आध्यात्मिक जागृति है।
कुरान और ब्रह्मा कुमारी ज्ञान को मिलाकर यह बताया गया है कि – हर इंसान अपने कर्मों का जिम्मेदार है।

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