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(03)”What are ghosts? Spirits, energy and the mystery of fear.”

October 24, 2025October 27, 2025omshantibk07@gmail.com

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भूत ,प्रेत:-(03)”प्रेत क्या होते हैं? आत्मा, ऊर्जा और डर का रहस्य।

(प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)


अध्याय: भूत और प्रेत – आत्मा, ऊर्जा और डर का रहस्य

1. भूत और प्रेत में अंतर

  • सामान्य समझ: अक्सर लोग भूत और प्रेत को एक ही समझ लेते हैं।

  • आध्यात्मिक दृष्टि: दोनों आत्मा ही हैं, केवल कार्मिक अकाउंट और अवस्थाओं में अंतर है।

मुरली नोट:
18 अक्टूबर 2019: “भूत वे हैं जो शरीर छोड़ने के बाद भी आसक्ति में रहते हैं। प्रेत वे हैं जो विकारों की जंजीरों में फंस जाते हैं।”

उदाहरण:

  • किसी आत्मा का किसी घर, व्यक्ति या स्थान से अटैचमेंट → भूत।

  • किसी आत्मा का क्रोध, वासना या अन्य विकारों में फंसा रहना → प्रेत।


2. भूत की विशेषताएँ

  • सीमित जगह या व्यक्ति से जुड़ा हुआ।

  • सिर्फ उसी व्यक्ति या वस्तु को प्रभावित करता है।

  • कभी-कभी शरीर में प्रवेश कर परेशान करता है।

उदाहरण:

  • कोई घर जहां बार-बार दुर्घटना या भय के अनुभव हों → भूतिया घर।

  • व्यक्ति जो अपने घर के प्रति अटैचमेंट में मृत्यु के बाद भी लौटता है → भूत।


3. प्रेत की विशेषताएँ

  • कोई विशेष जगह या व्यक्ति से सीमित नहीं।

  • अपने विकारों के अनुसार कई आत्माओं को प्रभावित कर सकता है।

  • मुख्य विकार: वासना, क्रोध, लोभ।

मुरली नोट:
27 अक्टूबर 2018: “शरीर छोड़ने के बाद भी मन में विकार है, तो आत्मा शांति नहीं पाती।”

उदाहरण:

  • क्रोधी या वासना में फंसी आत्मा कई स्थानों पर जाकर दु:ख देती है।

  • लोभी आत्मा चोरी या लालच के माध्यम से नकारात्मक प्रभाव डालती है।


4. क्या प्रेत केवल रात में दिखाई देते हैं?

  • ज्ञान का दृष्टिकोण: ऊर्जा का कोई समय नहीं होता।

  • मन की धारणा: अंधकार में डर बढ़ने से प्रेत जैसी अनुभूति होती है।

मुरली नोट:
3 सितंबर 2021: “अंधकार में मन के संकल्प बढ़ जाते हैं। ज्ञान का दीप जलाओ तो कोई नकारात्मक शक्ति टिक नहीं सकती।”

उदाहरण:

  • बिजली बंद होते ही बच्चा अपनी परछाई से डरता है → मन का भ्रम, प्रेत नहीं।


5. प्रेत और भूत की शांति कैसे होती है?

  • सत्य ज्ञान और योग से मुक्ति।

  • प्रकाश और स्मृति का अनुभव कराना।

मुरली नोट:
4 नवंबर 2017: “मैं आत्माओं को मुक्ति और जीवन मुक्ति दोनों देने के लिए आया हूं। बच्चों का कार्य है सबको शांति का संदेश देना।”
25 अक्टूबर 2021: “योग का प्रकाश हर अंधकार को मिटा देता है।”

उदाहरण:

  • बीके सेंटर में शांत वातावरण में आत्मिक ऊर्जा स्थिर होती है।

  • शिव बाबा से योग लगाना → सच्चा शांति पाठ।


6. क्या प्रेत इंसानों को नुकसान पहुंचा सकते हैं?

  • कोई आत्मा सीधे नुकसान नहीं करती।

  • केवल कार्मिक अकाउंट के अनुसार अनुभव देती है।

मुरली नोट:
11 सितंबर 2020: “जिसके अंदर डर है, उस पर माया का प्रभाव होता है। ज्ञानवान आत्मा के पास कोई भी नकारात्मक शक्ति टिकती नहीं।”

उदाहरण:

  • भय से पहले ही बीमारी की चिंता करना → रोग बढ़ जाता है।

  • डर बढ़ने से प्रेत जैसी अनुभूति → मन का भ्रम।


7. आत्मा का सच्चा रहस्य

  • प्रेत कोई बाहरी शक्ति नहीं।

  • अपूर्ण चेतना वाली आत्मा ही प्रेत/भूत कहलाती है।

  • ज्ञान और शिव बाबा का योग → आत्मा को दिव्य ज्योति में बदलता है।

समापन संदेश:

प्रेत और भूत केवल आत्मा की अपूर्ण चेतना हैं। ज्ञान और योग से यह चेतना फिर से पूर्ण, स्वतंत्र और दिव्य बन सकती है।

Q1. भूत और प्रेत में मुख्य अंतर क्या है?

A:

  • भूत वह आत्मा है जो शरीर छोड़ने के बाद भी किसी व्यक्ति, स्थान या वस्तु से जुड़ी रहती है (Attachment)।

  • प्रेत वह आत्मा है जो क्रोध, वासना, लोभ, प्रतिशोध या अन्य विकारों की जंजीरों में फंसी रहती है।

  • मुरली (18 अक्टूबर 2019): “भूत वे हैं जो देह छोड़ने के बाद भी आसक्ति में हैं। प्रेत वे हैं जो विकारों के बंधन में हैं।”

उदाहरण:

  • कोई आत्मा अपने घर से जुड़ी रह जाए → भूत।

  • आत्मा क्रोध या वासना की भावना में अटकी रहे → प्रेत।


Q2. भूत की क्या विशेषताएं होती हैं?

A:

  • किसी एक जगह, परिवार या व्यक्ति से आसक्ति।

  • वही क्षेत्र या व्यक्ति उनके प्रभाव को अधिक महसूस करता है।

  • कभी-कभी किसी के शरीर में प्रवेश कर अस्थिरता या डर पैदा करते हैं।

उदाहरण:

  • एक पुराना घर जहां बार-बार अजीब घटनाएं हों → भूतिया घर।

  • कोई व्यक्ति मृत्यु के बाद अपने घर लौटता रहे → भूत की अवस्था।


Q3. प्रेत की क्या विशेषताएं होती हैं?

A:

  • वे किसी एक जगह तक सीमित नहीं होते।

  • उनका आधार स्थान नहीं, बल्कि विकार होते हैं – जैसे क्रोध, वासना, लोभ।

  • उनकी ऊर्जा कई व्यक्तियों को प्रभावित कर सकती है।

  • मुरली (27 अक्टूबर 2018): “आत्मा अगर विकारों में फंसी रहे तो शांति नहीं पाती।”

उदाहरण:

  • क्रोधी आत्मा वातावरण में तनाव और झगड़े की ऊर्जा फैलाती है।

  • वासना में बंधी आत्मा मानसिक अशांति को बढ़ाती है।


Q4. क्या प्रेत या भूत केवल रात में ही दिखाई देते हैं?

A:

  • नहीं। ऊर्जा का कोई समय नहीं होता।

  • रात के अंधकार में मन अधिक डरता है, इसलिए भ्रम पैदा होता है।

  • मुरली (3 सितंबर 2021): “अंधकार में मन के संकल्प बढ़ जाते हैं। ज्ञान का दीप जलाओ, तो कोई भी नकारात्मक शक्ति टिक नहीं सकती।”

उदाहरण:

  • बिजली जाने पर बच्चा अपनी ही परछाई को देख डर जाता है – यह प्रेत नहीं, मन का भ्रम है।


Q5. क्या प्रेत किसी को नुकसान पहुंचा सकते हैं?

A:

  • कोई आत्मा किसी को नुकसान नहीं पहुंचाती जब तक हम डर, नकारात्मकता या कमजोर संकल्प में न आ जाएं।

  • मुरली (11 सितंबर 2020): “जिसके अंदर डर है उस पर माया का प्रभाव होता है।”

उदाहरण:

  • बीमारी से पहले ही डर जाना और उसे बढ़ा लेना – यह शरीर नहीं, मन की कमज़ोरी है।

  • डर प्रेत को नहीं बुलाता, बल्कि अपनी ऊर्जा को कमजोर करता है।


Q6. भटकती आत्मा या प्रेत को शांति कैसे मिलती है?

A:

  • ज्ञान, ईश्वर की याद (योग) और प्रकाश से आत्मा स्थिर होती है।

  • शिव बाबा आत्माओं को मुक्ति और जीवन-मुक्ति देने आए हैं।

  • मुरली (4 नवंबर 2017): “तुम्हारा कार्य है सब आत्माओं को शांति का संदेश देना।”

उदाहरण:

  • बीके सेंटर का वातावरण – शांत, दिव्य, कंपनयुक्त – आत्मिक ऊर्जा को स्थिर करता है।

  • यदि आत्मा को ईश्वर की याद, प्रकाश और शुभ संकल्प भेजे जाएं तो वह मुक्त हो सकती है।


Q7. क्या प्रेत कोई शक्तिशाली जीव (Entity) है या केवल ऊर्जा?

A:

  • यह कोई अलग जीव नहीं, बल्कि आत्मा की अपूर्ण अवस्था (Incomplete Consciousness) है।

  • जब आत्मा देह छोड़ने के बाद भी संकल्पों, भावनाओं या विकारों में उलझी रहे, तो वह प्रेत कहलाती है।


 समापन संदेश

प्रेत या भूत कोई डराने वाली बाहरी शक्ति नहीं हैं।
वह आत्मा की अपूर्ण चेतना है – जो या तो अटैचमेंट (भूत) में है या विकारों (प्रेत) में फंसी है।
ज्ञान + योग = आत्मा को स्थिर, शांत और मुक्त कर देता है।
ईश्वर को याद करो, डर को नहीं।

डिस्क्लेमर:

यह वीडियो आध्यात्मिक ज्ञान और ब्रह्माकुमारी मुरली शिक्षाओं पर आधारित है। इसमें दिखाए गए विषय केवल आत्मिक चेतना और ज्ञान के संदर्भ में हैं। यह किसी भी भौतिक या भयजनक अनुभव की पुष्टि नहीं करता।

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