S-B:-(18)मम्मा जगदंबा जब ब्रह्मा की ईव बनी — जब क्या बनी? ब्रह्मा की ईव बनी।
(प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)
अध्याय: मम्मा जगदंबा – जब ब्रह्मा की ईव बनी
1. “ईव” का असली अर्थ – जगत की मां
शब्द “Eve” का हिब्रू में अर्थ है — “Mother of All Living Beings”
और अंग्रेजी में अर्थ है — Kumari या Virgin (कन्या)।
उदाहरण:
जैसे “Eve-teasing” शब्द का प्रयोग लड़कियों के संदर्भ में होता है — अर्थात Eve = Girl or Kumari।
इसीलिए “ईव” का अर्थ हुआ — कन्या जो सारे जगत की मां बनती है।
ब्रह्मा से ईव का प्रकट होना यह दर्शाता है कि —
एक वृद्ध पुरुष से एक कुमारी कन्या (नई शक्ति) का प्रादुर्भाव हुआ,
जो आगे चलकर सारे जगत की मां – जगदंबा बनी।
2. ब्रह्मा की ईव — जब बनी जगदंबा
“जब ब्रह्मा की ईव बनी” — इसका गहरा आध्यात्मिक अर्थ है।
यह कोई देह या शारीरिक संबंध नहीं, बल्कि संस्कारों का संयुक्त कार्य है।
मम्मा, ब्रह्मा की “आध्यात्मिक शक्ति” के रूप में प्रकट हुईं —
जो माताओं की हेड बनीं, जिनके द्वारा सृष्टि की पालना हुई।
3. शिव–ब्रह्मा–मम्मा : सृष्टि के तीन आधार
साकार मुरली 18 अप्रैल 1969:
“शिव बाबा बीज हैं, ब्रह्मा तना है, और सरस्वती आदि शक्ति है — जो माताओं की हेड है।”
तीन मुख्य तत्व:
-
शिव बाबा – बीज, सृष्टि के रचयिता
-
ब्रह्मा बाबा – तना, सृष्टि का माध्यम
-
मम्मा जगदंबा सरस्वती – शक्ति स्वरूपा, सृष्टि की पालना करने वाली
उदाहरण:
जैसे वृक्ष का बीज, तना और शाखाएँ मिलकर सम्पूर्ण पेड़ बनाते हैं,
वैसे ही शिव–ब्रह्मा–मम्मा तीनों मिलकर सृष्टि चक्र को स्थिर करते हैं।
4. ब्रह्मा ही आदम और वही ईव — मुरली रहस्य
मुरली दिनांक: 24 फरवरी 1969
“ब्रह्मा ही आदम है और वही ईव भी है।”
इस वाक्य का गूढ़ अर्थ —
ब्रह्मा बाबा ही पहली आत्मा (Adam) हैं और उनमें से पहली शक्ति (Eve) का प्रादुर्भाव हुआ —
जो मम्मा जगदंबा के रूप में अभिव्यक्त हुईं।
आध्यात्मिक अर्थ:
-
Adam = पहला आत्मिक पुरुष तत्व
-
Eve = पहली आत्मिक शक्ति तत्व
दोनों ही एक ही आत्मा के दो रूप हैं —
आरंभ में एक आत्मा पिता और माता — दोनों कार्य करती है।
पर जब सृष्टि विस्तार लेती है, तो वही शक्ति रूप बन जाती है — “मम्मा जगदंबा।”
5. मम्मा – ब्रह्मा की आत्मिक शक्ति का विस्तार
मम्मा कोई शारीरिक पुत्री या सहचारी नहीं,
बल्कि ब्रह्मा की आत्मिक शक्ति का Feminine Expansion हैं।
शिव और ब्रह्मा के संयुक्त संस्कारों से जगदंबा सरस्वती प्रकट हुईं,
और फिर ब्रह्मा और मम्मा के संयुक्त संस्कारों से सृष्टि की पालना हुई।
Murli Note (18 अप्रैल 1969):
“शिव बाप, ब्रह्मा मां — दोनों ने जगत अंबा सरस्वती को अपनाया।”
6. “संयुक्त संस्कारों” का रहस्य
सृष्टि का कार्य किसी शारीरिक मिलन से नहीं,
बल्कि संस्कारों के संयुक्त कार्य से होता है।
आध्यात्मिक परिभाषा:
“संयुक्त संस्कार” = आत्मा के गुणों और संस्कारों का संगम।
जैसे विवाह में गुणों का मिलान होता है,
वैसे ही यहां आत्मिक गुणों का मेल हुआ —
शिव का ज्ञान–संस्कार, ब्रह्मा का माध्यमत्व संस्कार,
और मम्मा का शक्ति–पालना संस्कार —
इन तीनों के संयुक्त से नई सृष्टि का पोषण हुआ।
7. ब्रह्मा – पिता, मम्मा – माता : पारिवारिक भूमिका
शुरुआत में ब्रह्मा बाबा ही मां और बाप दोनों बने —
क्योंकि परिवार छोटा था।
जब परिवार बड़ा हुआ, तो जिम्मेवारी विभाजित हुई —
-
ब्रह्मा बने सृष्टि पिता
-
मम्मा जगदंबा बनीं सृष्टि माता
उदाहरण:
जैसे घर में माता और पिता दोनों की जिम्मेवारी मिलकर बच्चों का निर्माण और पालन करते हैं,
वैसे ही ब्रह्मा और मम्मा मिलकर नई दुनिया की आत्माओं की पालना करते हैं।
8. मम्मा सरस्वती – माताओं की हेड
मुरली 18 अप्रैल 1969
“सरस्वती आदि शक्ति है, जो माताओं की हेड है।”
इसका अर्थ है —
मम्मा के माध्यम से परमात्मा ने स्त्री शक्ति को उच्च स्थान दिया।
मम्मा ने माताओं को आत्मिक शक्ति की पहचान कराई,
और यही कारण है कि आज ब्रह्माकुमारीज़ संस्था में माताएँ आगे हैं।
उदाहरण:
जैसे कोई दीपक दो ज्योतियों से प्रज्वलित हो —
एक ब्रह्मा की और एक मम्मा की —
तो वह सम्पूर्ण जगत को आलोकित करता है।
9. ईव का आध्यात्मिक अर्थ
“ईव” का अर्थ केवल पहली स्त्री नहीं, बल्कि —
पहली शक्ति — जो पालना और संस्कार निर्माण का कार्य करे।
इसलिए मम्मा को कहा गया —
“जगत अंबा — World Mother”
“आदि शक्ति — The First Power”
“सरस्वती — ज्ञान की देवी”
10. सारांश – आदि शक्ति का दिव्य रहस्य
🔹 शिव – सृजनकर्ता (Creator)
🔹 ब्रह्मा – माध्यम (Channel)
🔹 मम्मा – पालक शक्ति (Sustainer)
जब आत्मा में यह तीनों तत्व एक साथ कार्य करते हैं —
ज्ञान (शिव), माध्यम (ब्रह्मा), शक्ति (मम्मा) —
तो सृष्टि और जीवन दोनों संतुलित बनते हैं।
संदेश:
मम्मा केवल “ईव” नहीं,
बल्कि जगत की मां, आदि शक्ति, ब्रह्मा की दिव्य आत्मिक सहयोगिनी हैं —
जिनके माध्यम से सृष्टि की पालना और शिक्षा का कार्य चलता है।
Disclaimer:
यह वीडियो ब्रह्माकुमारीज़ की मुरली, ज्ञान और आध्यात्मिक गहराई पर आधारित एक spiritual interpretation है।
इसका उद्देश्य केवल आध्यात्मिक समझ बढ़ाना है, न कि किसी धार्मिक मान्यता या ऐतिहासिक व्यक्ति की तुलना करना।
स्रोत: ब्रह्माकुमारीज़ की साकार और अव्यक्त मुरलियाँ।
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