T.L.P 81 “Everyone’s subtle body in the subtle world or only Brahma Baba’s?

T.L.P 81 “सूक्ष्म वतन में सभी के सूक्ष्म शरीर या केवल ब्रह्मा बाबा का?

( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

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आज का पदम – एक विशेष मंथन

“आज का मंथन करने योग्य विषय है —
‘क्या सूक्ष्म वतन में सभी आत्माओं के सूक्ष्म शरीर होते हैं या केवल ब्रह्मा बाबा के?’
यह प्रश्न न केवल जिज्ञासु मन को आंदोलित करता है, बल्कि हमें मुरलियों के गहन ज्ञान में प्रवेश करने के लिए प्रेरित करता है।
तो आइए, इस विषय का चिंतन करें और बाबा के वचनों से इसका उत्तर खोजें।”


🪔 1. सूक्ष्म वतन क्या है?

  • मुरलियों के अनुसार सूक्ष्म वतन कोई भौतिक स्थान नहीं, बल्कि एक दिव्य स्थिति है।

  • यह भौतिक संसार से परे, प्रकाश और शांति से भरा एक ऐसा आयाम है, जहाँ स्थूलता का नामोनिशान नहीं।

  • यह पवित्र और शुद्ध आत्माओं का क्षेत्र है, जहाँ विचार और संकल्प के आधार पर सृष्टि रची जाती है।


👁️‍🗨️ 2. लेखक के अनुसार – संकल्प का सूक्ष्म वतन

  • जैसा हम संकल्प करते हैं, वैसा ही हम सूक्ष्म वतन में अनुभव करते हैं।

  • हमारा स्वयं का सूक्ष्म वतन हमारे विचारों, अनुभवों, और आत्मिक स्थिति के अनुसार बनता है।

  • इसे ही आज की भाषा में विज़ुअलाइज़ेशन भी कहा जाता है।


👑 3. ब्रह्मा बाबा और उनका सूक्ष्म शरीर

  • मुरलियों में बाबा ने स्पष्ट किया है कि ब्रह्मा बाबा ने अपने स्थूल शरीर का त्याग करने के बाद भी ज्ञान सेवा जारी रखी।

  • इसलिए उनका सूक्ष्म शरीर है जो सूक्ष्म वतन में कार्यरत है।

  • वह आत्मा विशेष रूप से संगम युग में ब्रह्मा के द्वारा सर्व आत्माओं की सेवा कर रही है।


4. क्या सभी आत्माओं के सूक्ष्म शरीर होते हैं?

  • विवेक कहता है कि अगर ब्रह्मा बाबा का सूक्ष्म शरीर है, तो शायद अन्य आत्माओं का भी हो।

  • लेकिन बाबा की मुरलियाँ कहती हैं कि सभी आत्माएं अपने मूल रूप में बिंदु स्वरूप में रहती हैं।

  • सूक्ष्म शरीर केवल विशेष आत्माओं के लिए होता है, जिनका ड्रामा में विशेष पार्ट है।


📜 5. मुरली संकेत – कौन कर सकता है अनुभव?

  • “ब्रह्मा बाबा सूक्ष्म वतन में रहकर सेवा करते हैं।”

  • “बाकी आत्माएं बिंदु रूप में रहती हैं।”

  • “सूक्ष्म वतन का अनुभव करना, एक विशेष योगबल और पवित्रता की माँग करता है।”

  • “सभी आत्माएं वहाँ नहीं जा सकतीं, और न ही अपनी इच्छा से।”


🌀 6. संक्रमण काल में सूक्ष्म वतन की भूमिका

  • संगम युग वह विशेष काल है, जब सूक्ष्म जगत का अनुभव और भूमिका दोनों चरम पर होते हैं।

  • लेकिन यह अनुभव हर आत्मा का नहीं होता

  • केवल वही आत्माएं जो साफ बुद्धि, पवित्र और सेवा योग्य होती हैं, उन्हें बाबा द्वारा वहाँ ले जाया जाता है।


🧘‍♀️ 7. निष्कर्ष: क्या हमारे भी सूक्ष्म शरीर होते हैं?

  • नहीं, सभी आत्माओं के सूक्ष्म शरीर नहीं होते।

  • ब्रह्मा बाबा का सूक्ष्म शरीर विशेष सेवा के कारण है।

  • बाकी आत्माएं संकल्पों द्वारा सूक्ष्म वतन का अनुभव कर सकती हैं, लेकिन वे वहाँ वास्तव में नहीं होतीं।

  • हमारा सूक्ष्म वतन संकल्पमय होता है, लेकिन वह कोई बना हुआ स्थान नहीं होता।

  • बाबा कहते हैं –
    तुम इस दुनिया को ही सूक्ष्म वतन बनाओ।


🔚 अंतिम संदेश

  • जब हम इस भौतिक संसार में रहते हुए भी न्यारे और प्यारे बनते हैं,

  • जब हमारी बुद्धि इस शरीर और संबंधों से परे चली जाती है,

  • तब हम अपने संकल्पों से सूक्ष्म वतन का अनुभव करते हैं।

  • यह अनुभव बाबा की कृपा से ही संभव है – पवित्रता, योग और सेवा के माध्यम से।


🌸 Om Shanti।
आपका क्या अनुभव है इस विषय पर?
क्या आपने कभी सूक्ष्म वतन को महसूस किया है?
कमेंट में अपने विचार जरूर साझा करें।

1. प्रश्न: सूक्ष्म वतन क्या है और वहां क्या होता है?
उत्तर: सूक्ष्म वतन भौतिक संसार से परे एक दिव्य और सूक्ष्म ऊर्जा से भरपूर स्थान है, जहां केवल दिव्य प्रकाश और सूक्ष्म ऊर्जा का अनुभव होता है। यह एक शुद्ध और दिव्य क्षेत्र है जो स्थूल जगत से बिल्कुल अलग है। इस स्थान का अनुभव विशेष आत्माओं के लिए होता है, जिनकी भूमिका विशेष रूप से ड्रामा में निर्धारित होती है।


2. प्रश्न: क्या केवल ब्रह्मा बाबा का सूक्ष्म शरीर सूक्ष्म वतन में है?
उत्तर: हां, ब्रह्मा बाबा का सूक्ष्म शरीर सूक्ष्म वतन में कार्यरत है क्योंकि उन्होंने अपने स्थूल शरीर का त्याग करने के बाद भी ज्ञान और सेवा का कार्य जारी रखा। वे सूक्ष्म वतन में रहते हुए अपनी सेवा का कार्य कर रहे हैं, जो उनकी विशेष भूमिका का हिस्सा है।


3. प्रश्न: क्या अन्य आत्माओं के भी सूक्ष्म शरीर होते हैं?
उत्तर: नहीं, अन्य आत्माओं के सूक्ष्म शरीर नहीं होते। सभी आत्माएं अपने मूल स्वरूप में बिंदु रूप में रहती हैं। सूक्ष्म शरीर केवल उन्हीं आत्माओं के पास होता है जिनका ड्रामा में विशेष पार्ट है, जैसे ब्रह्मा बाबा का।


4. प्रश्न: सूक्ष्म वतन का अनुभव कौन कर सकता है?
उत्तर: केवल पवित्र आत्माएं ही सूक्ष्म वतन का अनुभव कर सकती हैं। इसका अनुभव करने के लिए विशेष शक्ति और पवित्रता की आवश्यकता होती है। किसी आत्मा को सूक्ष्म वतन का अनुभव बाबा की मर्जी से ही होता है, न कि अपनी इच्छानुसार।


5. प्रश्न: क्या हर आत्मा अपना सूक्ष्म वतन बना सकती है?
उत्तर: नहीं, हर आत्मा का अपना सूक्ष्म वतन नहीं होता। सूक्ष्म वतन केवल संकल्प की दुनिया है, जिसे आत्मा अपनी कल्पनाओं और अनुभवों के माध्यम से बनाती है। ब्रह्मा बाबा का सूक्ष्म वतन उनकी विशेष भूमिका के कारण सक्रिय है, लेकिन अन्य आत्माओं का ऐसा कोई स्थायी सूक्ष्म वतन नहीं होता।


6. प्रश्न: ब्रह्मा बाबा के सूक्ष्म वतन का क्या महत्व है?
उत्तर: ब्रह्मा बाबा का सूक्ष्म वतन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्होंने संसार में ज्ञान और सेवा का कार्य निरंतर जारी रखा। यह उनका विशेष कार्य और भूमिका है, जो उन्हें सूक्ष्म वतन में सक्रिय रखता है, जबकि अन्य आत्माएं बिंदु स्वरूप में रहती हैं।


7. प्रश्न: क्या हम अपनी मर्जी से सूक्ष्म वतन में जा सकते हैं?
उत्तर: नहीं, हम अपनी मर्जी से सूक्ष्म वतन में नहीं जा सकते। यह केवल बाबा की इच्छा और पवित्रता पर निर्भर करता है। सूक्ष्म वतन का अनुभव केवल पवित्र आत्माओं को ही होता है और इसे एक विशेष शक्ति के साथ अनुभव किया जा सकता है।


8. प्रश्न: क्या सूक्ष्म वतन का कोई निश्चित स्थान है?
उत्तर: नहीं, सूक्ष्म वतन का कोई स्थिर स्थान नहीं है। यह एक मानसिक और दिव्य स्थिति है जिसे आत्मा अपने संकल्पों और अनुभवों के आधार पर महसूस करती है। ब्रह्मा बाबा का सूक्ष्म वतन उनकी विशेष भूमिका के कारण अलग है, लेकिन यह स्थान कोई भौतिक स्थान नहीं है।


9. प्रश्न: बाबा ने सूक्ष्म वतन के बारे में क्या कहा है?
उत्तर: बाबा ने कहा है कि सूक्ष्म वतन केवल संकल्प की दुनिया है और इसका कोई स्थाई अस्तित्व नहीं है। यह वह स्थान है जहां आत्माएं अपनी विशेष भूमिका निभाती हैं और इसे केवल पवित्रता से ही अनुभव किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि सूक्ष्म वतन को केवल वह आत्माएं अनुभव कर सकती हैं जिनकी भूमिका विशेष है।


10. प्रश्न: सूक्ष्म वतन का अस्तित्व किसे समझ में आता है?
उत्तर: सूक्ष्म वतन का अस्तित्व केवल उन आत्माओं को समझ में आता है जो पवित्र और दिव्य स्थिति में होती हैं। ये आत्माएं बाबा की मर्जी से सूक्ष्म वतन का अनुभव कर सकती हैं, और अन्य आत्माएं इसका अनुभव नहीं कर सकतीं।


निष्कर्ष:
सूक्ष्म वतन एक दिव्य और सूक्ष्म जगत है जो केवल पवित्र आत्माओं के लिए उपलब्ध है। ब्रह्मा बाबा का सूक्ष्म शरीर सूक्ष्म वतन में सक्रिय है, लेकिन अन्य आत्माओं के पास सूक्ष्म शरीर नहीं होता। यह समझना आवश्यक है कि सूक्ष्म वतन का अनुभव केवल बाबा की मर्जी और आत्मा की पवित्रता पर निर्भर करता है।

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