God and His Laws {4} The Encounter of God”

“परमात्मा और उनके नियम”

(प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं) 

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प्रस्तावना

नमस्कार!
आज हम एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा कर रहे हैं — “परमात्मा सर्वधर्म मान्य”
यह चौथा विषय है हमारी श्रंखला में, और यह हमारी आत्मा को गहरी समझ देगा कि परमात्मा कौन है और कैसे सभी धर्म उन्हें स्वीकार करते हैं।


1. परमात्मा — सभी धर्मों द्वारा मान्य

परमात्मा वही है जिसे सभी धर्म स्वीकार करें।
यदि कोई सत्ता है जिसे कुछ धर्म नहीं मानते, तो वह परमात्मा नहीं हो सकती।
परमात्मा एक है, सभी धर्मों का पिता एक है — इसलिए सभी धर्म उसे अपने-अपने नाम से पुकारते हैं, पर मान्यता एक ही है: “परमात्मा एक है।”


2. परमात्मा का एक ही परिचय

जब परमात्मा एक है, तो उसका परिचय भी एक होना चाहिए।
चाहे ‘गॉड’, ‘ईश्वर’, ‘परमात्मा’ कहा जाए, अभिप्राय वही है — एक सर्वोच्च ज्योति स्वरूप सत्ता।


3. वेदों में परमात्मा — “ओम्”

सबसे पहले वेदों में परमात्मा को “ओम्” कहा गया है।
‘ओम्’ का अर्थ है — ज्योति
इसीलिए हम पूजा में दीपक जलाते हैं — आत्मा भी ज्योति है और परमात्मा भी ज्योति है।
यह प्रमाण है कि परमात्मा अदृश्य प्रकाश का स्वरूप है।


4. गुरु नानक जी का सन्देश — “एक ओंकार”

गुरु नानक देव जी ने कहा — “एक ओंकार”
अर्थात परमात्मा एक ही है — नूर का आकार।
उनकी वाणी में भी आता है —
“एक नूर ते सब जग उपजा, कौन भले कौन मंदे”
यानि सारा संसार उसी एक दिव्य ज्योति से उत्पन्न हुआ है।


5. क्राइस्ट का सन्देश — “God is Light”

ईसा मसीह (क्राइस्ट) ने भी यही कहा —
“God is Light.”
चर्च में मोमबत्ती जलाने की परंपरा इसी का प्रतीक है — कि परमात्मा एक दिव्य प्रकाश है, कोई भौतिक रोशनी नहीं।


6. परमात्मा के कार्य — G.O.D

क्राइस्ट ने भी परमात्मा के कार्य तीन शब्दों में बताए:

  • G for Generator (सृष्टि रचने वाला)

  • O for Operator (पालन करने वाला)

  • D for Destroyer (संहार करने वाला)

जिस प्रकार ‘ओम्’ में ‘आ’, ‘ऊ’, ‘म’ हैं — वैसे ही क्राइस्ट ने भी परमात्मा के त्रिकालीन कार्य समझाए।


7. अन्य धर्मों में परमात्मा की पहचान

जैन मंदिरों और बौद्ध मंदिरों में भी अखंड ज्योति जलाई जाती है।
ध्यान मुद्रा में बैठे साधु, आंखें ऊपर की ओर — दर्शाते हैं कि परमात्मा श्रेष्ठ और ऊंचे स्थान पर स्थित है।


8. इस्लाम में परमात्मा — “खुदा एक नूर है”

मुसलमान भाई मक्का में ‘संग-ए-अस्वद’ का सम्मान करते हैं —
लेकिन खुदा को नूर (अदृश्य दिव्य प्रकाश) कहा गया है।
कुरान में लिखा है —
“खुदा एक नूर है।”

यह नूर कोई साधारण रोशनी नहीं है — न सूर्य, न चंद्रमा, न बिजली की लाइट —
बल्कि एक ऐसी दिव्य ज्योति है जो इस भौतिक दुनिया में अदृश्य है और अद्वितीय है।

प्रश्न: आज का विषय क्या है?
उत्तर: आज का विषय है — “परमात्मा सर्वधर्म मान्य।”


1. परमात्मा — सभी धर्मों द्वारा मान्य

प्रश्न: परमात्मा की सबसे पहली पहचान क्या है?
उत्तर: परमात्मा वही है जिसे सभी धर्म स्वीकार करें।

प्रश्न: क्या परमात्मा अनेक हो सकते हैं?
उत्तर: नहीं, परमात्मा एक ही है — सभी आत्माओं का पिता।


2. परमात्मा का एक ही परिचय

प्रश्न: परमात्मा को भिन्न-भिन्न धर्मों में किस प्रकार पुकारा जाता है?
उत्तर: परमात्मा को ‘गॉड’, ‘ईश्वर’, ‘परमात्मा’ आदि नामों से पुकारा जाता है, परन्तु अभिप्राय एक ही है — सर्वोच्च ज्योति।


3. वेदों में परमात्मा — “ओम्”

प्रश्न: वेदों में परमात्मा को किस शब्द से व्यक्त किया गया है?
उत्तर: वेदों में परमात्मा को “ओम्” कहा गया है।

प्रश्न: ‘ओम्’ का क्या अर्थ है?
उत्तर: ‘ओम्’ का अर्थ है — ज्योति, दिव्य प्रकाश।


4. गुरु नानक जी का सन्देश — “एक ओंकार”

प्रश्न: गुरु नानक देव जी ने परमात्मा के लिए कौन सा शब्द प्रयोग किया?
उत्तर: गुरु नानक जी ने परमात्मा को “एक ओंकार” कहा।

प्रश्न: “एक नूर ते सब जग उपजा” का क्या अर्थ है?
उत्तर: इसका अर्थ है कि सारा संसार एक ही परम ज्योति से उत्पन्न हुआ है।


5. क्राइस्ट का सन्देश — “God is Light”

प्रश्न: क्राइस्ट ने परमात्मा के स्वरूप को कैसे व्यक्त किया?
उत्तर: क्राइस्ट ने कहा — “God is Light”, अर्थात परमात्मा दिव्य प्रकाश है।

प्रश्न: चर्च में मोमबत्ती जलाने का क्या अर्थ है?
उत्तर: यह परमात्मा के दिव्य प्रकाश का प्रतीक है।


6. परमात्मा के कार्य — G.O.D

प्रश्न: ‘G.O.D’ का क्या अर्थ है?
उत्तर:

  • G = Generator (सृष्टि रचने वाला)

  • O = Operator (पालन करने वाला)

  • D = Destroyer (संहार करने वाला)

प्रश्न: ‘ओम्’ और ‘G.O.D’ में क्या समानता है?
उत्तर: दोनों परमात्मा के त्रिकालीन कार्यों को दर्शाते हैं।


7. अन्य धर्मों में परमात्मा की पहचान

प्रश्न: जैन और बौद्ध मंदिरों में परमात्मा की पहचान कैसे होती है?
उत्तर: वहां अखंड ज्योति जलाई जाती है और साधु ध्यान मुद्रा में परमात्मा की ओर (ऊपर) ध्यान केंद्रित करते हैं।


8. इस्लाम में परमात्मा — “खुदा एक नूर है”

प्रश्न: इस्लाम में खुदा को किस रूप में वर्णित किया गया है?
उत्तर: इस्लाम में खुदा को ‘एक नूर’ यानी दिव्य प्रकाश बताया गया है।

प्रश्न: इस दिव्य नूर की विशेषता क्या है?
उत्तर: यह नूर भौतिक दुनिया की किसी भी रोशनी जैसा नहीं है — वह अदृश्य और अद्वितीय है।


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