Avyakt Murli”18 जनवरी 1969 (10)

Short Questions & Answers Are given below (लघु प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं) (संदेश 10)

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आज जब मैं वतन में गई तो ऐसे लगा जैसे कोई सूर्य के नजदीक जाए तो सूर्य की गर्मा- इस या सकाश तेज आती है, ऐसे ही आज वतन में जैसे ही आगे बढ़ते गये तो ऐसे अनुभव हुआ जैसे कोई भट्टी के आगे जाते हैं। आज बाबा लाल-लाल लाईट में जैसे अव्यक्त फीचर में दिखाई दे रहे थे और सूर्य के समान किरणें निकल रही थी। क्या देखा कि नीचे बहुत बड़ी सभा है। ऐसी सभा साकार रीति में ब्राह्मणों की कभी नहीं थी – सभी ब्राह्मणों पर वह किरणें जा रही थी। और मैं भी वतन में गई तो देखा मेरे पर भी वह किरणों की लाइट माइट आ रही है। कुछ समय बाद – मैं बाबा से उसी रूप में मिली और कहा कि बाबा मैं भोग लेकर आई हूँ। बाबा भोग स्वीकार करते हुए सिखला रहे थे कि खाते समय कैसे लाइट माइट की स्थिति में रहना है। फिर मैंने बाबा से पूछा कि बच्चों को याद-प्यार तो देंगे ना। इस पर बाबा ने कहा कि स्नेह का रूप तो बहुत देखा लेकिन स्नेह के साथ शक्ति रूप की स्थिति जो बाबा बच्चों की बनाने चाहते हैं, वह अभी तक कम है। तो आज बाबा स्नेह के साथ शक्ति भर रहे थे। और कहा इसी से ही सर्विस में सफलता होगी। बाबा ने सन्देश भी यह दिया कि सिर्फ स्नेह नहीं लेकिन साथ में शक्ति भी भरनी है। जो बाबा ने खुद दृश्य में दिखाया कि बच्चों को इस सृष्टि को लाइट-माइट की किरणें देनी है। इतने दिन बाबा का स्नेह के रूप से मिलन था लेकिन आज स्नेह के साथ लाइट-माइट का रूप था तो मैं उसे लेने में ही तत्पर हो गई और वापस साकार वतन में आ गई।

Title: “स्नेह और शक्ति का संगम: बाबा का संदेश”

Questions and Answers:

  1. प्रश्न: वतन में जाते समय कैसा अनुभव हुआ?
    • उत्तर: जैसे सूर्य के नजदीक जाने पर उसकी गर्मी और तेज़ किरणें महसूस होती हैं, वैसे ही वतन में जाते समय भी तेज़ लाइट का अनुभव हुआ, जैसे भट्टी के पास जाना।
  2. प्रश्न: वतन में बाबा को किस रूप में देखा गया?
    • उत्तर: बाबा लाल-लाल लाईट में अव्यक्त फीचर में दिखाई दे रहे थे और सूर्य के समान किरणें निकल रही थीं।
  3. प्रश्न: वतन में क्या देखा गया?
    • उत्तर: एक बड़ी सभा थी, जिसमें सभी ब्राह्मणों पर किरणों की लाइट माइट जा रही थी। मुझे भी वह लाइट माइट महसूस हो रही थी।
  4. प्रश्न: बाबा ने भोग स्वीकार करते समय क्या सिखाया?
    • उत्तर: बाबा ने बताया कि खाते समय लाइट-माइट की स्थिति में कैसे रहना है।
  5. प्रश्न: बाबा ने बच्चों के लिए क्या संदेश दिया?
    • उत्तर: बाबा ने कहा कि स्नेह के साथ-साथ शक्ति भी भरनी चाहिए। स्नेह के रूप में सफलता मिलेगी, लेकिन शक्ति के साथ यह सर्विस में और अधिक सफलता दिलाएगी।
  6. प्रश्न: बाबा का स्नेह और शक्ति का रूप किस तरह था?
    • उत्तर: बाबा का रूप स्नेह और शक्ति का संगम था, जिसमें वह बच्चों को लाइट-माइट की किरणें दे रहे थे, और बच्चों को अपनी शक्ति से भर रहे थे।

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