Avyakta Murli-(27)

अव्यक्त मुरली-(27)24-04-1983 रूहानी पर्सनालिटी, वाणी पर्सनालिटी।

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(प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

अव्यक्त मुरली-27

रूहानी

पर्सनैलिटी

रिवाइज: 24-04-1983

आज बापदादा विश्व की सर्व आत्माओं प्रति प्रत्यक्ष जीवन का प्रमाण देने वाले बच्चों से मिलने आये हैं। कुमार सो ब्रह्माकुमार, तपस्वी कुमार, राजऋषि कुमार, सर्व त्याग से भाग्य प्राप्त करने वाले कुमार ऐसी श्रेष्ठ आत्माओं का आज विशेष संगठन है। कुमार जीवन शक्तिशाली जीवन गाई जाती है। लेकिन ब्रह्माकुमार डबल शक्तिशाली कुमार हैं। एक तो शारीरिक शक्ति, दूसरी आत्मिक शक्ति। साधारण कुमार शारीरिक शक्ति वा विनाशी आक्यूपेशन की शक्ति वाले हैं। ब्रह्माकुमार अविनाशी ऊंचे ते ऊंचे मास्टर सर्वशक्तिवान के आक्यूपेशन के शक्तिशाली हैं। आत्मा पवित्रता की शक्ति से जो चाहे वह कर सकती है। ब्रह्माकुमारों का संगठन विश्व परिवर्तक संगठन है। सभी अपने को ऐसे शक्तिशाली समझते हो? अपने को पवित्रता का जन्म-सिद्ध अधिकार प्राप्त किया हुआ अधिकारी आत्मा समझते हो? ब्रह्माकुमार का अर्थ ही है पवित्र कुमार। ब्रह्मा बाप ने दिव्य जन्म देते पवित्र भव, योगी भवयही वरदान दिया। ब्रह्मा बाप ने जन्मते ही बड़ी माँ के रूप में पवित्रता के प्यार से पालना की। माँ के रूप से सदा पवित्र बनो, योगी बनो, श्रेष्ठ बनो, बाप समान बनो, विशेष आत्मा बनो, सर्वगुण मूर्त बनो, ज्ञान मूर्त बनो, सुख शान्ति स्वरूप बनो, हर रोज़ यह लोरी दी। बाप के याद की गोदी में पालना किया। सदा खुशियों के झूले में झुलाया। ऐसे मात-पिता के श्रेष्ठ बच्चे ब्रह्माकुमार वा कुमारी हैं। ऐसा स्मृति का समर्थ नशा रहता है? ब्रह्माकुमार के विशेष जीवन के महत्व को सदा याद रखते हो? सिर्फ नामधारी ब्रह्माकुमार तो नहीं? अपने आपको श्रेष्ठ जीवनधारी ब्रह्माकुमार समझते हो? सदा यह याद रहता है कि विश्व की विशाल स्टेज पर पार्ट बजाने वाले विशेष पार्टधारी हैं? वा सिर्फ घर में वा सेवाकेन्द्र पर वा दफ्तर में पार्ट बजाने वाले हैं? हर कर्म करते विश्व की आत्मायें हमें देख रही हैं, यह स्मृति में रहता है? विश्व की आत्मायें जिस नज़र से आप सबको देखती हैं – यही विशेष पार्टधारी अर्थात् हीरो पार्टधारी हैं, उसी प्रमाण हर कर्म करते रहते हो? वा यह याद रहता है कि साधारण रूप से आपस में बोल रहे हैं, चल रहे हैं?

 

ब्रह्माकुमार का अर्थ ही है – सदा प्युरिटी की पर्सनैलिटी और रॉयल्टी में रहना। यही प्युरिटी की पर्सनैलिटी विश्व की आत्माओं को प्युरिटी की तरफ आकर्षित करेगी। और यही प्युरिटी की रॉयल्टी धर्मराजपुरी की रॉयल्टी देने से छुड़ायेगी। रॉयल्टी के दोनों ही अर्थ होते हैं। इसी रॉयल्टी के अनुसार भविष्य रॉयल फैमिली में आ सकेंगे। तो चेक करो ऐसी रॉयल्टी और पर्सनैलिटी जीवन में अपनाई है? यूथ ग्रुप पर्सनैलिटी को ज्यादा बनाती है ना! तो अपनी रूहानी पर्सनैलिटी अविनाशी पर्सनैलिटी अपनाई है? जो भी देखे हरेक ब्रह्माकुमार और कुमारी से यह पर्सनैलिटी अनुभव करे। शरीर की पर्सनैलिटी वह तो आत्माओं को देहभान में लाती है और प्युरिटी की पर्सनैलिटी देही-अभिमानी बनाए बाप के समीप लाती है। तो विशेष कुमार ग्रुप को अब क्या सेवा करनी है? एक तो अपने जीवन परिवर्तन द्वारा आत्माओं की सेवा, अपने जीवन के द्वारा आत्माओं को जीयदान देना। स्व-परिवर्तन द्वारा औरों को परिवर्तन करना। अनुभव कराओ कि ब्रह्माकुमार अर्थात् वृत्ति, दृष्टि, कृति और वाणी परिवर्तन। साथ-साथ प्युरिटी की पर्सनैलिटी, रूहानी रॉयल्टी का अनुभव कराओ। आते ही, मिलते ही इस पर्सनैलिटी की ओर आकर्षित हों। सदा बाप का परिचय देने वाले वा बाप का साक्षात्कार कराने वाले रूहानी दर्पण बन जाओ। जिस चित्र और चरित्र से सर्व को बाप ही दिखाई दे। किसने बनाया? बनाने वाला सदा दिखाई दे। जब भी कोई वण्डरफुल वस्तु को देखते हैं वा वण्डरफुल परिवर्तन देखते हैं तो सबके मन से, मुख से यही आवाज़ निकलता है कि किसने बनाई वा यह परिवर्तन कैसे हुआ! किस द्वारा हुआ! यह तो जानते हो ना। इतना बड़ा परिवर्तन जो कौड़ी से हीरा बन जाए तो सबके मन में बनाने वाला स्वत: ही याद आयेगा। कुमार ग्रुप भाग-दौड़ बहुत करता है। सेवा में भी बहुत भाग दौड़ करते हो ना! लेकिन सेवा के क्षेत्र में भाग दौड़ करते बैलेन्स रखते हो? स्व सेवा और सर्व की सेवा दोनों का बैलेन्स सदा रहता है? बैलेन्स नहीं होगा तो सेवा की भाग दौड़ में माया भी बुद्धि की भाग दौड़ करा देती है।

 

बैलेन्स से कमाल होती है। बैलेन्स रखने वाले का परिणाम सेवा में भी कमाल होगी। नहीं तो बाहरमुखता के कारण कमाल के बजाए अपने वा दूसरों के भाव-स्वभाव की धमाल में आ जाते हो। तो सदा सर्व की सेवा के साथ-साथ पहले स्व सेवा आवश्यक है। यह बैलेन्स सदा स्व में और सेवा में उन्नति को प्राप्त कराता रहेगा। कुमार तो बहुत कमाल कर सकते हैं। कुमार जीवन के परिवर्तन का प्रभाव जितना दुनिया पर पड़ेगा उतना बड़ों का नहीं। कुमार ग्रुप गवर्मेन्ट को भी अपने परिवर्तन द्वारा प्रभु परिचय दे सकते हो। गवर्मेन्ट को भी जगा सकते हो, लेकिन वह परीक्षा लेंगे। ऐसे ही नहीं मानेंगे। तो ऐसे कुमार तैयार हैं? गुप्त सी.आई.डी. आपके पेपर लेंगे कि कहाँ तक विकारों पर विजयी बने हैं? आप सबके नाम गवर्मेन्ट में भेजें? 500 कुमार भी कोई कम थोड़ेही हैं। सबने लेजर में अपना नाम और एड्रेस भरा है ना। तो आपकी लिस्ट भेजें? सभी सोच रहे हैं पता नहीं कौन से सी.आई.डी. आयेंगे! जान बूझ कर क्रोध दिलायेंगे। पेपर तो प्रैक्टिकल लेंगे ना! प्रैक्टिकल पेपर देने लिए तैयार हो? बापदादा के पास सबका हाँ और ना फिल्म की रीति से भर जाता है। यह लक्ष्य रखो कि ऐसा रूहानी आत्मिक शक्तिशाली यूथ ग्रुप बनावें जो विश्व को चैलेन्ज करे कि हम रूहानी यूथ ग्रुप विश्व शान्ति की स्थापना के कार्य में सदा सहयोगी हैं। और इसी सहयोग द्वारा विश्व परिवर्तन करके दिखायेंगे। समझा, क्या करना है। ऐसा पक्का ग्रुप हो। ऐसे नहीं आज चैलेन्ज करे और कल स्वयं ही चेन्ज हो जाएं। तो ऐसा संगठन तैयार करो। मैजारटी नये-नये कुमार हैं। लेकिन लास्ट सो फास्ट जाकर दिखाओ। बैलेन्स की कमाल से विश्व को कमाल दिखाओ। अच्छा।

ऐसे सदा स्व परिवर्तन द्वारा सर्व का परिवर्तन करने वाले, अपने जन्म-सिद्ध वरदान वा अधिकार, ‘योगी भव, पवित्र भवको सदा जीवन में अनुभव कराने वाले, सदा प्युरिटी की पर्सनैलिटी द्वारा अन्य आत्माओं को बाप तरफ आकर्षित कराने वाले, अविनाशी आक्यूपेशन के नशे में रहने वाले, मात पिता की श्रेष्ठ पालना का परिवर्तन द्वारा रिटर्न देने वाले ऐसे रूहानी रॉयल्टी वाली विशेष आत्माओं को बापदादा का यादप्यार और नमस्ते।

 

पार्टियों के साथ:-

1- सदा अपने को डबल लाइट अर्थात् सर्व बन्धनों से मुक्त हल्के समझते हो? हल्के-पन की निशानी क्या है? हल्का सदा उड़ता रहेगा। बोझ नीचे ले आता है। सदा स्वयं को बाप के हवाले करने वाले सदा हल्के रहेंगे। अपनी जिम्मेवारी बाप को दे दो अर्थात् अपना बोझ बाप को दे दो तो स्वयं हल्के हो जायेंगे। बुद्धि से सरेण्डर हो जाओ। अगर बुद्धि से सरेण्डर होंगे तो और कोई बात बुद्धि में नहीं आयेगी। बस सब कुछ बाप का है, सब कुछ बाप में है तो और कुछ रहा ही नहीं। जब रहा ही नहीं तो बुद्धि कहाँ जायेगी, कोई पुरानी गली, पुराने रास्ते रह तो नहीं गये हैं! बस एक बाप, एक ही याद का रास्ता, इसी रास्ते से मंजिल पर पहुँचो।

2- सदा खुशी के झूले में झूलने वाले हो ना। कितना बढ़िया झूला बापदादा से प्राप्त हुआ है। यह झूला कभी टूट तो नहीं जाता। याद और सेवा की दोनों रस्सियाँ टाइट हैं तो झूला सदा ही एकरस रहता है। नहीं तो एक रस्सी ढीली, एक टाइट तो झूला हिलता रहेगा। झूला हिलेगा तो झूलने वाला गिरेगा। अगर दोनों रस्सियाँ मज़बूत हैं तो झूलने में मनोरंजन होगा। अगर गिरे तो मनोरंजन के बजाए दु:ख हो जायेगा। तो याद और सेवा दोनों रस्सियाँ समान रहें, फिर देखो ब्राह्मण जीवन का कितना आनंद अनुभव करते हो। सर्वशक्तिवान बाप का साथ है, खुशियों का झूला है और चाहिए ही क्या।

रूहानी पर्सनैलिटी और डबल शक्तिशाली जीवन

(अव्यक्ष मुरली – 06 सितम्बर 1983)


 प्रस्तावना

आज बापदादा विश्व की आत्माओं को प्रत्यक्ष जीवन का प्रमाण देने वाले ब्रह्माकुमारों और कुमारी आत्माओं से मिलन कर रहे हैं। विशेष रूप से कुमार जीवन को सर्वश्रेष्ठ, तपस्वी और राजऋषि जीवन बताया गया है।


1. ब्रह्माकुमार जीवन का विशेष अर्थ

  • साधारण कुमार → केवल शारीरिक शक्ति और विनाशी व्यवसाय से शक्तिशाली।

  • ब्रह्माकुमार → डबल शक्ति वाले।

    • एक: शारीरिक शक्ति।

    • दूसरा: आत्मिक शक्ति।

उदाहरण:
जैसे किसी सैनिक के पास हथियार हों लेकिन आत्म-विश्वास न हो तो जीत संभव नहीं। उसी प्रकार ब्रह्माकुमार आत्मा पवित्रता की शक्ति से सब कुछ कर सकती है।


2. जन्मसिद्ध वरदान: “पवित्र भव, योगी भव”

  • ब्रह्मा बाप ने दिव्य जन्म के साथ ही यही वरदान दिया।

  • बड़ी माँ के रूप में सदा पवित्रता की पालना दी।

  • रोज़ाना लोरी: “प्यारे बच्चे, पवित्र बनो, योगी बनो, श्रेष्ठ बनो, बाप समान बनो।”

उदाहरण:
जैसे माँ बच्चों को प्यार से सुलाती है, वैसे ही ब्रह्मा बाप ने हम सबको याद और पवित्रता की गोदी में झुलाया।


3. ब्रह्माकुमार की पर्सनैलिटी और रॉयल्टी

  • ब्रह्माकुमार = सदा प्युरिटी की पर्सनैलिटी और रॉयल्टी।

  • यह पर्सनैलिटी आत्माओं को देही-अभिमानी बनाती है और परमपिता से जोड़ती है।

  • भविष्य की रॉयल फैमिली में प्रवेश भी इसी पवित्रता की रॉयल्टी से संभव है।

चेकिंग पॉइंट:
क्या मेरी वाणी, वृत्ति, दृष्टि और कृति से दूसरों को बाप का अनुभव हो रहा है?


4. विशेष सेवा: परिवर्तन द्वारा परिवर्तन

  • आत्माओं की सेवा केवल बोलने से नहीं, जीवन परिवर्तन द्वारा।

  • ब्रह्माकुमार = चलती-फिरती प्रेरणा, जिससे मिलने मात्र से आकर्षण हो।

उदाहरण:
जब कोई वंडरफुल वस्तु देखते हैं तो मन से यही निकलता है: “यह किसने बनाई?” उसी प्रकार जब आत्मा कौड़ी से हीरा बनती है तो सबका ध्यान परमात्मा की ओर जाता है।


5. बैलेन्स की शक्ति

  • सेवा में बहुत भाग-दौड़ करते हो, पर साथ में स्व-सेवा भी ज़रूरी है।

  • अगर बैलेन्स नहीं होगा तो बाहरमुखता बढ़ेगी और धमाल होगा।

  • बैलेन्स से ही सेवा में कमाल होता है।

परीक्षा:
गुप्त “सी.आई.डी.” पेपर लेंगे – विकारों पर विजयी बने या नहीं?
→ क्रोध, आलस्य, मोह जैसे पेपर प्रैक्टिकल में पास करने होंगे।


6. रूहानी यूथ ग्रुप की जिम्मेदारी

  • ऐसा संगठन तैयार करो जो विश्व को चुनौती दे सके:
    “हम रूहानी यूथ ग्रुप विश्व शांति की स्थापना के कार्य में सदा सहयोगी हैं।”

  • आज चैलेंज करके कल बदल जाना नहीं – पक्का, स्थिर, संतुलित रहना।


7. पार्टियों के साथ विशेष शिक्षा

(1) डबल लाइट जीवन

  • बोझ बाप को सौंप दो।

  • बुद्धि से सरेण्डर = केवल एक बाप की याद में स्थिर।

(2) खुशी का झूला

  • झूले की दो रस्सियाँ: याद और सेवा।

  • दोनों बराबर हों तो झूला सदा स्थिर रहेगा।

  • अगर एक ढीली हो गई तो गिरने का डर है।


 निष्कर्ष

सच्चे ब्रह्माकुमार वे हैं जो –

  • पवित्रता और योग के वरदान को जीवन में उतारते हैं।

  • अपनी रूहानी पर्सनैलिटी और रॉयल्टी से आत्माओं को आकर्षित करते हैं।

  • बैलेन्स द्वारा कमाल करते हैं।

  • और विश्व परिवर्तन के हीरो पार्टधारी बनते हैं।

प्रश्न 1: ब्रह्माकुमार जीवन का विशेष अर्थ क्या है?

उत्तर:
साधारण कुमार केवल शारीरिक शक्ति और विनाशी व्यवसाय से शक्तिशाली होते हैं।
ब्रह्माकुमार डबल शक्ति वाले होते हैं –

  • शारीरिक शक्ति

  • आत्मिक शक्ति

उदाहरण:
जैसे किसी सैनिक के पास हथियार हों लेकिन आत्म-विश्वास न हो तो जीत संभव नहीं। उसी प्रकार ब्रह्माकुमार आत्मा पवित्रता की शक्ति से सब कुछ कर सकती है।


प्रश्न 2: जन्मसिद्ध वरदान “पवित्र भव, योगी भव” का महत्व क्या है?

उत्तर:
ब्रह्मा बाप ने दिव्य जन्म के साथ ही यह वरदान दिया।
बड़ी माँ के रूप में सदा पवित्रता की पालना की और रोज़ाना लोरी दी –
“प्यारे बच्चे, पवित्र बनो, योगी बनो, श्रेष्ठ बनो, बाप समान बनो।”

उदाहरण:
जैसे माँ अपने बच्चों को प्यार से सुलाती है, वैसे ही ब्रह्मा बाप ने हमें याद और पवित्रता की गोदी में झुलाया।


प्रश्न 3: ब्रह्माकुमार की पर्सनैलिटी और रॉयल्टी क्या है?

उत्तर:
ब्रह्माकुमार = सदा प्युरिटी की पर्सनैलिटी और रॉयल्टी।

  • यह पर्सनैलिटी आत्माओं को देही-अभिमानी बनाती है और परमपिता से जोड़ती है।

  • भविष्य की रॉयल फैमिली में प्रवेश भी इसी पवित्रता की रॉयल्टी से संभव है।

चेकिंग पॉइंट:
क्या मेरी वाणी, वृत्ति, दृष्टि और कृति से दूसरों को बाप का अनुभव हो रहा है?


प्रश्न 4: विशेष सेवा का तरीका क्या है?

उत्तर:
आत्माओं की सेवा केवल बोलने से नहीं, जीवन परिवर्तन द्वारा करनी चाहिए।
ब्रह्माकुमार = चलती-फिरती प्रेरणा, जिससे मिलने मात्र से आकर्षण हो।

उदाहरण:
जब कोई वंडरफुल वस्तु देखते हैं तो मन से यही निकलता है: “यह किसने बनाई?”
ठीक उसी प्रकार, जब आत्मा कौड़ी से हीरा बनती है, तो सबका ध्यान परमात्मा की ओर जाता है।


प्रश्न 5: बैलेन्स क्यों महत्वपूर्ण है?

उत्तर:

  • सेवा में भाग-दौड़ के साथ स्व-सेवा भी ज़रूरी है।

  • यदि बैलेन्स न होगा तो बाहरमुखता बढ़ेगी और धमाल होगा।

  • बैलेन्स से ही सेवा में कमाल होता है।

परीक्षा:
गुप्त “सी.आई.डी.” पेपर लेंगे – विकारों पर विजयी बने या नहीं?
→ क्रोध, आलस्य, मोह जैसे पेपर प्रैक्टिकल में पास करने होंगे।


प्रश्न 6: रूहानी यूथ ग्रुप की जिम्मेदारी क्या है?

उत्तर:

  • ऐसा संगठन तैयार करना जो विश्व को चुनौती दे सके:
    “हम रूहानी यूथ ग्रुप विश्व शांति की स्थापना के कार्य में सदा सहयोगी हैं।”

  • स्थिर, पक्का और संतुलित रहना ज़रूरी है।


प्रश्न 7: पार्टियों के साथ विशेष शिक्षा क्या है?

उत्तर:

(1) डबल लाइट जीवन

  • अपना बोझ बाप को सौंपो।

  • बुद्धि से सरेण्डर = केवल बाप की याद में स्थिर रहना।

(2) खुशी का झूला

  • झूले की दो रस्सियाँ: याद और सेवा

  • दोनों बराबर हों तो झूला स्थिर रहेगा।

  • अगर एक ढीली हो गई तो गिरने का डर है।


प्रश्न 8: निष्कर्ष – सच्चे ब्रह्माकुमार कौन हैं?

उत्तर:

  • पवित्रता और योग के वरदान को जीवन में उतारते हैं।

  • अपनी रूहानी पर्सनैलिटी और रॉयल्टी से आत्माओं को आकर्षित करते हैं।

  • बैलेन्स द्वारा कमाल करते हैं।

  • और विश्व परिवर्तन के हीरो पार्टधारी बनते हैं।

  • Disclaimer:यह वीडियो ब्रह्माकुमारीज की आध्यात्मिक मुरली पर आधारित अध्ययन और मनन है। इसका उद्देश्य केवल आत्मिक उत्थान, प्रेरणा और ईश्वरीय संदेश को सरल भाषा में प्रस्तुत करना है। यह आधिकारिक ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान का प्रतिनिधित्व नहीं करता।
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