Avyakta Murli”26-06-1970

Short Questions & Answers Are given below (लघु प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं) 

YouTube player

“कामधेनु का अर्थ” 

अपने को साक्षात्कार मूर्त समझती हो? मूर्ति के पास किसलिए जाते हैं? अपने मन की कामनाओं की पूर्ति के लिए । ऐसे साक्षात्कार मूर्त बने हो जो कोई आत्मा में किसी भी प्रकार की कामनाएं हों, उनकी पूर्ति कर सको । अल्पकाल की कामनाएं नहीं, सदाकाल की कामनाएं पूरी कर सकती हो? कामधेनु माताओं को कहा जाता है ना । कामधेनु का अर्थ ही है – सर्व की मनोकामनाएं पूरी करनेवाली । जिसकी अपनी सर्व कामनाएं पूरी होंगी, वही औरों की कामनाएं पूरी कर सकेंगी । सदैव यही लक्ष्य रखो कि हमको सर्व की कामनाएं पूर्ण करनेवाली मूर्ति बनना है । सर्व की इच्छाएं पूर्ण करने वाले स्वयं इच्छा मात्रं अविद्या होंगे । ऐसा अभ्यास करना है । प्राप्ति स्वरुप बनने से औरों को प्राप्ति करा सकते हो । तो सदैव अपने को दाता अथवा महादानी समझना है । महाज्ञानी बनने के बाद महादानी का कर्तव्य चलता है । महाज्ञानी की परख महादानी बनने से होती है । सैर करना अच्छा लगता है । जिन्हों को सैर करने की आदत होती है, वह सदैव सैर करते हैं । यहाँ भी ऐसे है । जितना स्वयं सैर करेंगे उतना औरों को भी बुद्धियोग से सैर कराएँगे । आप लोगों से साक्षात्कार होना है । जैसे साकार रूप के सामने आने से हरेक को भावना अनुसार साक्षात्कार वा अनुभव होता था । ऐसे आप लोगों द्वारा भी सेकंड बाई सेकंड अनेक अनुभव वा साक्षात्कार होंगे । ऐसे दर्शनीय मूर्त वा साक्षात्कार मूर्त तब बनेंगे जब अव्यक्त आकृति रूप दिखायेंगे । कोई भी सामने आये तो उसे शरीर न दिखाई दे लेकिन सूक्ष्मवतन में प्रकाशमय रूप दिखाई दे । सिर्फ मस्तक की लाइट नहीं लेकिन सारे शरीर द्वारा लाइट के साक्षात्कार होंगे । जब लाइट ही लाइट देखेंगे तो स्वयं भी लाइट रूप हो जायेंगे ।

कामधेनु का अर्थ

प्रश्न 1: कामधेनु किसे कहा जाता है?
उत्तर: कामधेनु उन माताओं को कहा जाता है जो सर्व की मनोकामनाएँ पूर्ण करनेवाली होती हैं।

प्रश्न 2: कोई अपनी मनोकामनाएँ कैसे पूर्ण कर सकता है?
उत्तर: अपनी सभी इच्छाओं से मुक्त होकर ही कोई दूसरों की कामनाएँ पूर्ण कर सकता है।

प्रश्न 3: महाज्ञानी बनने के बाद कौन-सा कर्तव्य निभाना होता है?
उत्तर: महाज्ञानी बनने के बाद महादानी बनने का कर्तव्य निभाना होता है।

प्रश्न 4: साक्षात्कार मूर्त कौन होता है?
उत्तर: वह जो अपनी उपस्थिति मात्र से दूसरों को दिव्य अनुभूति कराए।

प्रश्न 5: लाइट रूप कैसे बन सकते हैं?
उत्तर: जब आत्मा सूक्ष्मवतन में प्रकाशमय रूप को धारण करती है, तब लाइट रूप बन सकती है।

कामधेनु, आध्यात्मिकता, मनोकामना पूर्ति, साक्षात्कार मूर्त, महादानी, महाज्ञानी, आत्मा का प्रकाश, सूक्ष्मवतन, दिव्य अनुभूति, बुद्धियोग, आत्मा का साक्षात्कार, दाता भाव, आत्मिक शक्ति, आध्यात्मिक अभ्यास, अलौकिक अनुभव, लाइट रूप, सिद्धि, आत्मा और परमात्मा, आध्यात्मिक लक्ष्य, ब्रह्मज्ञान, दिव्यता

Kamdhenu, spirituality, wish fulfillment, realization image, great donor, great knowledgeable, light of soul, subtle world, divine experience, Buddhiyoga, realization of soul, donor feeling, spiritual power, spiritual practice, supernatural experience, light form, siddhi, soul and god, spiritual goal, Brahmagyan, divinity