Can the age of Yugas be millions of years? A sensible analysis

(33)क्या युगों की आयु लाखों वर्ष हो सकती है? एक विवेकपूर्ण विवेचन

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( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

“शास्त्र बनाम वास्तविकता: क्या युग सचमुच लाखों वर्ष के होते हैं?”


 एक पुरानी धारणा पर प्रश्न

हम सबने सुना है —

  • कलियुग = 4,32,000 वर्ष

  • द्वापर = 8,64,000 वर्ष

  • त्रेता = 12,96,000 वर्ष

  • सतयुग = 17,28,000 वर्ष

लेकिन क्या यह यथार्थ हो सकता है?

क्या कोई मनुष्य लाखों वर्षों तक जीवित रह सकता है?

आज हम इस भ्रांति को स्पष्ट करेंगे — शास्त्र, इतिहास और ब्रह्माकुमारी मुरली ज्ञान के माध्यम से।


1. परशुराम और श्रीराम का युग – क्या था समय अंतर?

वायु पुराण कहता है:

  • “परशुराम 19वें त्रेता युग में हुए।”

  • “श्रीराम 24वें त्रेतायुग में।”

अब यदि एक त्रेता = 12,96,000 वर्ष माना जाए, तो
19वें से 24वें तक = लगभग 2,50,000 वर्ष का अंतर!

प्रश्न: क्या परशुराम इतने वर्षों तक जीवित रह सकते हैं?

उत्तर:  नहीं! यह असंभव है।

रामायण में परशुराम-श्रीराम संवाद इसी त्रेता में हुआ था।
लाखों वर्ष की आयु मनुष्य के लिए कल्पना मात्र है।


2. श्रीकृष्ण और व्यास जी – क्या उनकी आयु 1 लाख वर्ष थी?

महाभारत (शांतिपर्व 348/21) में कहा गया:
“श्रीकृष्ण द्वापर और कलियुग की संधि पर जन्मे।”

तो यदि द्वापर और कलि मिलाकर 1,08,000 वर्ष मान लें,
तो क्या श्रीकृष्ण इतने वर्ष जीवित रहे?

उत्तर:  नहीं।
भीष्म, व्यास और श्रीकृष्ण — एक ही पीढ़ी में थे।
यह विरोधाभास लाखों वर्ष के भ्रम के कारण पैदा होता है।


3. वायु पुराण में यथार्थ युग गणना का संकेत

वायु पुराण (32/58-68):

  • सतयुग – 4000 वर्ष

  • त्रेता – 3000 वर्ष

  • द्वापर – 2000 वर्ष

  • कलियुग – 1000 वर्ष

और स्पष्ट किया गया:
 “यह गणना मनुष्यों के वर्षों में है, न कि दिव्य वर्षों में।”

फिर भ्रम कैसे हुआ?

बाद में कुछ विद्वानों ने इन्हें 360 से गुणा कर दिया —
यही सबसे बड़ा कालगणनात्मक घोटाला है।


4. मुरली की पुष्टि – लाखों वर्ष वाली युग कल्पना गलत है

Murli 5 फरवरी 1993:
“कल्प 5000 वर्ष का है… लाखों वर्ष कहने से सच्चा इतिहास बिगड़ गया है।”

Murli 12 मई 1991:
“चारों युग 1250-1250 वर्ष के हैं।”

Murli 21 अगस्त 1990:
“बाप कहते हैं – अब सच्ची बात जानो। युगों की लाखों वर्ष की आयु नहीं होती।”

 मुरली स्पष्ट करती है कि
कल्प = 5000 वर्ष
हर युग = 1250 वर्ष
और यह चक्र नित्य दोहराता है।


5. ब्रह्माकुमारी ज्ञान से – तार्किक युग समयरेखा

युग अवधि (वर्षों में)
सतयुग 1250
त्रेता 1250
द्वापर 1250
कलियुग 1250

इस अनुसार:

  • श्रीराम और परशुराम त्रेता अंत में

  • श्रीकृष्ण द्वापर अंत में

  • व्यास द्वापर के अंतिम काल में

अब कोई विरोध नहीं बचता। सब घटनाएं तार्किक हो जाती हैं।


6. निष्कर्ष: सत्य इतिहास कैसे जानें?

 शास्त्रों को श्रद्धा के साथ तर्क की कसौटी पर परखें
 मुरली ज्ञान को अनुभव और युक्ति से अपनाएं
 दिव्य वर्षों के मिथक को छोड़ें

तब ही हम:

  • सत्य इतिहास समझ पाएंगे

  • श्रीराम, श्रीकृष्ण जैसे चरित्रों को सही कालक्रम में देख पाएंगे

  • और भगवान शिव के संगमयुगी अवतरण को पहचान पाएंगे

प्रश्न 1:क्या सतयुग, त्रेता, द्वापर और कलियुग सचमुच लाखों वर्षों तक चलते हैं, जैसा शास्त्रों में लिखा है?
उत्तर:नहीं। यह लाखों वर्षों की युग कल्पना बाद में बनी हुई है। वायु पुराण और ब्रह्माकुमारी मुरली ज्ञान के अनुसार, यह भ्रांति 360 से गुणा करके “दिव्य वर्ष” गिनने के कारण उत्पन्न हुई है। वास्तव में हर युग 1250 वर्षों का होता है।


प्रश्न 2:क्या परशुराम 2.5 लाख वर्षों तक जीवित रहे ताकि श्रीराम से भेंट कर सकें?
उत्तर:नहीं। यह असम्भव है। वायु पुराण में परशुराम को 19वें त्रेतायुग और श्रीराम को 24वें त्रेता में बताया गया है। यदि एक त्रेता 12,96,000 वर्ष मानें, तो उनके बीच 2.5 लाख वर्षों का अंतर आता है, जो मानवी आयु से परे है। इससे सिद्ध होता है कि युगों की यह गणना अतार्किक है।


प्रश्न 3:क्या श्रीकृष्ण और व्यास जी की आयु 1 लाख वर्ष से अधिक रही होगी?
उत्तर:नहीं। महाभारत (शांतिपर्व 348/21) कहता है श्रीकृष्ण द्वापर और कलियुग की संधि पर जन्मे। यदि द्वापर और कलि को लाखों वर्षों का मानें तो श्रीकृष्ण की आयु हजारों वर्षों की होनी चाहिए — जो असंभव है। व्यास और भीष्म भी उसी युग के व्यक्ति थे। अत: युगों की दीर्घ आयु कल्पना गलत है।


प्रश्न 4:क्या वायु पुराण में युगों की अवधि स्पष्ट की गई है?
उत्तर:हाँ। वायु पुराण (32/58-68) के अनुसार:

  • सतयुग = 4000 वर्ष

  • त्रेता = 3000 वर्ष

  • द्वापर = 2000 वर्ष

  • कलियुग = 1000 वर्ष
    और स्पष्ट कहा गया कि ये “मनुष्यों के वर्ष” हैं, न कि “दिव्य वर्ष”।
    भ्रांति तब हुई जब इन्हें 360 से गुणा कर दिया गया।


प्रश्न 5:क्या ब्रह्माकुमारी मुरली ज्ञान युगों की यथार्थ अवधि बताता है?
उत्तर:हाँ। अनेक मुरलियों में स्पष्ट कहा गया है:

  • कल्प = 5000 वर्ष

  • हर युग = 1250 वर्ष
    Murli 05-02-1993: “लाखों वर्ष कहने से सच्चा इतिहास बिगड़ गया है।”
    Murli 12-05-1991: “सभी युग बराबर हैं – 1250-1250 वर्ष।”
    Murli 21-08-1990: “युगों की लाखों वर्ष की आयु नहीं होती।”


प्रश्न 6:ब्रह्माकुमारी ज्ञान के अनुसार युग चक्र की सही गणना क्या है?
उत्तर:

युग अवधि (वर्षों में)
सतयुग 1250
त्रेता 1250
द्वापर 1250
कलियुग 1250
  • परशुराम और श्रीराम एक ही त्रेता युग के अंत में आते हैं।

  • श्रीकृष्ण द्वापर के अंत और कलि के आरंभ में।

  • व्यास भी उसी युग के अंत में आते हैं।

अब सब घटनाएं तार्किक हो जाती हैं – कोई विरोध नहीं बचता।


प्रश्न 7:सत्य इतिहास और सच्चे चरित्रों को समझने के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर:हमें चाहिए कि:

  • शास्त्रों को श्रद्धा से पढ़ें पर तर्क की कसौटी पर परखें

  • मुरली ज्ञान को अनुभव व युक्ति से अपनाएं

  • दिव्य वर्षों के 360x भ्रम को छोड़ें

तभी हम भगवान शिव के संगमयुगी अवतरण को, श्रीकृष्ण और श्रीराम के वास्तविक इतिहास को सही संदर्भ में समझ पाएंगे।

Disclaimer (अस्वीकृति):

यह वीडियो प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा प्राप्त आध्यात्मिक ज्ञान, ब्रह्मा बाबा की मूल मुरलियों, और पुरातन ग्रंथों जैसे वायु पुराण, महाभारत आदि के अध्ययन पर आधारित है। हमारा उद्देश्य श्रद्धा और तर्क के संतुलन से दर्शकों को सत्य इतिहास और यथार्थ युग-चक्र से अवगत कराना है। यह किसी भी धार्मिक भावना को ठेस पहुँचाने के लिए नहीं है, बल्कि सत्य को प्रेमपूर्वक प्रस्तुत करने का प्रयास है।

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