आत्मा चेतन और प्रकृति जड़ क्यों?
आत्मा चेतन और प्रकृति जड़ क्यों?(Why is the soul conscious and nature inert?)
Short Questions & Answers Are given below (लघु प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)
आत्मा और शरीर का भेद
आत्मा को चेतन कहा जाता है, जबकि शरीर को प्रकृति या जड़ माना जाता है। यदि आत्मा शरीर से निकल जाती है, तो शरीर निर्जीव हो जाता है। बिना आत्मा के, शरीर की कोई चेतना या सक्रियता नहीं होती।
इच्छाओं का स्थान
चेतना में इच्छाएं होती हैं। आत्मा में यह इच्छाएं होती हैं कि “मुझे यह करना है,” “यहां जाना है,” या “यह काम नहीं करना है।” जबकि जड़ वस्तुओं में कोई इच्छा नहीं होती। उदाहरण के लिए, पेड़ या बीज में स्वाभाविक इच्छाएं नहीं होतीं; वे केवल बाहरी कारकों पर निर्भर करते हैं।
विचार की प्रक्रिया
आत्मा में विचार होते हैं, जबकि जड़ में नहीं। जब आत्मा शरीर में आती है, तो उसे ठंड या गर्मी का अनुभव होता है। ऐसे में वह विचार करती है कि उसे इस शरीर को किस दिशा में ले जाना है।
प्रयास और अनुभव
आत्मा अपने अनुभवों के आधार पर परिवर्तन करती है। जब आत्मा अपने लिए प्रयास करती है, तो यह शरीर की सुविधाओं के लिए होता है। पेड़-पौधों का प्रयास भिन्न होता है, क्योंकि वे अपने वातावरण के प्रति प्रतिक्रिया देते हैं, लेकिन उनमें स्वायत्तता नहीं होती।
निष्कर्ष
इस प्रकार, यदि किसी वस्तु में इच्छाएं, विचार, प्रयास और अनुभव होते हैं, तो हम उसे संजीव मान सकते हैं। यदि इनमें से कोई भी तत्व न हो, तो वह निर्जीव है। आत्मा की चेतना और प्रकृति की जड़ता के बीच का यह भेद हमें जीवन के गहरे अर्थों को समझने में मदद करता है।
आत्मा चेतन और प्रकृति जड़ क्यों?: प्रश्न और उत्तर
प्रश्न 1: आत्मा और शरीर में क्या अंतर है?
उत्तर: आत्मा को चेतन कहा जाता है, जबकि शरीर को प्रकृति या जड़ माना जाता है।
प्रश्न 2: आत्मा के बिना शरीर की स्थिति क्या होती है?
उत्तर: यदि आत्मा शरीर से निकल जाती है, तो शरीर निर्जीव हो जाता है।
प्रश्न 3: आत्मा में क्या होती हैं इच्छाएं?
उत्तर: आत्मा में इच्छाएं होती हैं, जैसे “मुझे यह करना है” या “यहां जाना है,” जबकि जड़ वस्तुओं में कोई इच्छा नहीं होती।
प्रश्न 4: जड़ वस्तुओं का व्यवहार कैसा होता है?
उत्तर: जड़ वस्तुएं जैसे पेड़ या बीज, स्वाभाविक इच्छाओं के बिना केवल बाहरी कारकों पर निर्भर होती हैं।
प्रश्न 5: आत्मा में विचार कैसे काम करते हैं?
उत्तर: आत्मा में विचार होते हैं, जिससे वह शरीर में अनुभव किए गए ठंड या गर्मी के आधार पर निर्णय लेती है।
प्रश्न 6: आत्मा के अनुभवों का क्या महत्व है?
उत्तर: आत्मा अपने अनुभवों के आधार पर परिवर्तन करती है और अपने लिए प्रयास करती है, जो शरीर की सुविधाओं के लिए होता है।
प्रश्न 7: पेड़-पौधों का प्रयास कैसे भिन्न होता है?
उत्तर: पेड़-पौधे अपने वातावरण के प्रति प्रतिक्रिया देते हैं, लेकिन उनमें स्वायत्तता नहीं होती।
प्रश्न 8: किसी वस्तु को संजीव कैसे माना जा सकता है?
उत्तर: यदि किसी वस्तु में इच्छाएं, विचार, प्रयास, और अनुभव होते हैं, तो हम उसे संजीव मान सकते हैं।
प्रश्न 9: यदि इनमें से कोई तत्व न हो तो क्या होगा?
उत्तर: यदि इनमें से कोई भी तत्व न हो, तो वह निर्जीव है।
प्रश्न 10: आत्मा की चेतना और प्रकृति की जड़ता का भेद क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: यह भेद हमें जीवन के गहरे अर्थों को समझने में मदद करता है।