Divine Health/(05)

दिव्य स्वास्थय/(05)उपवास (Autophagy)कैसे काम करती है ?

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“यह उपवास या ऑटोफेगी कैसे काम करता है? – शरीर की खुद की सफाई का विज्ञान”


स्पीच – ऑटोफेगी और उपवास का रहस्य

1. परिचय: ऑटोफेगी और शरीर की सफाई

दोस्तों, आज हम बात करेंगे एक बहुत ही रोचक विषय पर – ऑटोफेगी और उपवास
ऑटोफेगी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें हमारा शरीर खुद को साफ करता है।

हमारे शरीर में हर रोज नई कोशिकाएं बनती हैं और पुरानी कोशिकाएं खत्म होती हैं।
लेकिन जब ये पुरानी कोशिकाएं सही तरीके से बाहर नहीं निकलतीं, तब बीमारियां शुरू होती हैं।

2. शरीर अपने आप को कैसे साफ करता है?

शरीर में सफाई के कई रास्ते हैं:

  • पसीने के माध्यम से

  • मल और मूत्र के माध्यम से

  • उल्टी, कान, नाक, आंखों से

हमारे शरीर पर रोम और छिद्र बने हैं, इन्हें हम “नौ द्वार” भी कह सकते हैं। यही शरीर के प्राकृतिक निकासी रास्ते हैं।

लेकिन अगर पुरानी कोशिकाएं कहीं भी नहीं निकलती, तो बीमारियां बनती हैं।

यहां आता है ऑटोफेगी का काम – यह शरीर के अंदर स्वशुद्धि की प्रक्रिया है।
यानी शरीर खुद ही अपनी सफाई करता है।


3. ऑटोफेगी क्या है?

ऑटोफेगी का अर्थ है – “अपने आप को खाना।”

  • ऑटो = स्वयं

  • फेगी = खाना

सरल भाषा में, ऑटोफेगी वह प्रक्रिया है जिसमें शरीर की कोशिकाएं अपनी ही गंदगी और क्षतिग्रस्त हिस्सों को खाकर नई कोशिकाएं बनाती हैं।


4. उपवास और ऑटोफेगी का संबंध

ऑटोफेगी तभी काम करती है जब शरीर को खाना नहीं मिलता।

  • जब हम लंबे समय तक उपवास करते हैं, जैसे 12 से 16 घंटे, शरीर को बाहर से ऊर्जा नहीं मिलती।

  • ब्रेन आदेश देता है – “भूख मत लगाओ, सफाई जरूरी है।”

  • शरीर पानी पीकर हाइड्रेटेड रहता है, और अपनी अंदरूनी सफाई शुरू कर देता है।

यदि हम लगातार खाते रहते हैं, तो पुरानी कोशिकाएं जमा होती रहती हैं, मोटापा और थकान बढ़ती है।


5. ऑटोफेगी की प्रक्रिया – Step by Step

स्टेप 1: उपवास या भोजन ना मिलने की स्थिति

  • 12-16 घंटे का उपवास शरीर को ऊर्जा बाहर से नहीं देता।

स्टेप 2: शरीर की अंदरूनी सफाई

  • शरीर पुरानी, क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को खाकर नई कोशिकाएं बनाता है।

  • यह प्राकृतिक डिटॉक्स है जो शरीर को स्वस्थ, ऊर्जावान और नया बनाता है।


6. उपवास में क्या करना चाहिए?

  • केवल पानी पीना चाहिए।

  • यदि आवश्यकता हो, तो हल्का नमक-चीनी का घोल या जूस लिया जा सकता है।

  • जब तक शरीर को भूख महसूस नहीं होती, खिलाने की जरूरत नहीं।

यानी, शरीर अपनी सफाई खुद करता है। हम बस उसे हाइड्रेटेड रखें।


7. निष्कर्ष

दोस्तों, ऑटोफेगी एक प्राकृतिक और शक्तिशाली प्रक्रिया है।

  • यह शरीर को साफ, स्वस्थ और ऊर्जावान बनाती है।

  • उपवास के माध्यम से हम इसे सक्रिय कर सकते हैं।

  • यह विज्ञान हमें बताता है कि हमारा शरीर खुद ही अपनी फैक्ट्री है, जो पुरानी कोशिकाओं को हटाकर नई बनाता है।

तो अगली बार जब आप उपवास या हल्का भोजन करना चुनें, जान लें कि आप अपनी कोशिकाओं की खुद की सफाई में मदद कर रहे हैं।

“यह उपवास या ऑटोफेगी कैसे काम करता है? – शरीर की खुद की सफाई का विज्ञान”


प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1: ऑटोफेगी क्या है?
उत्तर: ऑटोफेगी एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमें शरीर अपनी पुरानी और क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को खाकर नई कोशिकाएं बनाता है। सरल भाषा में, ऑटो = स्वयं और फेगी = खाना। यानी, शरीर अपने आप को “खाकर” खुद को साफ और नया बनाता है।


प्रश्न 2: हमारे शरीर में सफाई के कौन-कौन से रास्ते हैं?
उत्तर: शरीर कई तरीकों से खुद को साफ करता है:

  • पसीने के माध्यम से

  • मल और मूत्र के माध्यम से

  • उल्टी, कान, नाक और आंखों से

  • शरीर पर बने रोम और छिद्र (नौ द्वार) से

अगर ये रास्ते बंद हो जाएँ या पुरानी कोशिकाएं नहीं निकलें, तो बीमारियां शुरू हो जाती हैं।


प्रश्न 3: ऑटोफेगी और उपवास का क्या संबंध है?
उत्तर: ऑटोफेगी तब शुरू होती है जब शरीर को बाहर से खाना नहीं मिलता। उपवास (12-16 घंटे) के दौरान शरीर ऊर्जा बाहर से नहीं लेता। ब्रेन आदेश देता है – “भूख मत लगाओ, सफाई जरूरी है।” पानी पीकर शरीर अपनी अंदरूनी सफाई शुरू कर देता है।


प्रश्न 4: अगर हम लगातार खाते रहें तो क्या होगा?
उत्तर: यदि हम लगातार खाते रहते हैं, तो पुरानी कोशिकाएं शरीर में जमा होती रहती हैं। इससे मोटापा बढ़ता है और शरीर थका हुआ महसूस करता है। ऑटोफेगी नहीं हो पाती और प्राकृतिक सफाई रुक जाती है।


प्रश्न 5: ऑटोफेगी की प्रक्रिया कैसे होती है? (Step by Step)
उत्तर:

  • स्टेप 1: उपवास या भोजन ना मिलने की स्थिति। शरीर को 12-16 घंटे तक बाहर से ऊर्जा नहीं मिलती।

  • स्टेप 2: शरीर अपनी अंदरूनी सफाई शुरू करता है। पुरानी और क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को खाकर नई कोशिकाएं बनाता है। यह एक प्राकृतिक डिटॉक्स है जो शरीर को स्वस्थ, ऊर्जावान और नया बनाता है।


प्रश्न 6: उपवास के दौरान क्या करना चाहिए?
उत्तर:

  • केवल पानी पीना चाहिए।

  • जरूरत होने पर हल्का नमक-चीनी का घोल या जूस लिया जा सकता है।

  • जब तक शरीर भूख महसूस न करे, उसे खाने की जरूरत नहीं।

  • इसका उद्देश्य केवल शरीर को हाइड्रेटेड रखना और ऑटोफेगी को सक्रिय करना है।


प्रश्न 7: ऑटोफेगी और उपवास का निष्कर्ष क्या है?
उत्तर: ऑटोफेगी एक प्राकृतिक और शक्तिशाली प्रक्रिया है जो शरीर को साफ, स्वस्थ और ऊर्जावान बनाती है। उपवास इसके लिए एक सक्रिय साधन है। इसका मतलब है कि हमारा शरीर खुद एक फैक्ट्री की तरह काम करता है – पुरानी कोशिकाओं को हटाकर नई बनाता है।

Disclaimer: यह वीडियो BK Dr Surender Sharma – Om Shanti Gyan चैनल के लिए बनाया गया है, जो आधिकारिक ब्रह्मा कुमारियों (BK) मुरली ज्ञान को YouTube-Friendly स्वरूप में प्रस्तुत करता है। हम इस वीडियो में BKWSU की मुरली का मूल संदेश, भावार्थ और आध्यात्मिक शिक्षा सरल भाषा और उदाहरणों के साथ साझा करते हैं। वीडियो में प्रस्तुत सभी Murli अंश दिनांक 14-08-2025 के अनुसार हैं और आधिकारिक BKWSU स्त्रोत से लिए गए हैं। कृपया ध्यान दें — यह वीडियो BKWSU की आधिकारिक मुरली का विकल्प नहीं है, बल्कि इसका पूरक और सरल व्याख्या है। © BKWSU – सर्वाधिकार सुरक्षित।

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