साइंस की अति बनाम साइलेंस की अति
( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)
साइंस बनाम साइलेंस – एक आध्यात्मिक विवेचन
दो शक्तियों का द्वंद्व – साइंस बनाम साइलेंस
ओम् शांति।
आज का विषय है – साइंस बनाम साइलेंस।
और विशेष रूप से – साइंस की अति बनाम साइलेंस की अति।
आज का युग इन दोनों की चरम सीमाओं पर पहुँच चुका है।
साइंस की अति क्या है?
“अति के बाद अंत होता है।”
साइंस ने अपने ही विनाश के सारे साधन तैयार कर दिए हैं।
साइंस की ऊँचाइयाँ:
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अंतरिक्ष की यात्रा
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रोबोट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
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मोबाइल, इंटरनेट, गाड़ियाँ, औषधियाँ
परंतु उसी के साथ:
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परमाणु बम – विज्ञान की देन, पर लाखों जाने गईं।
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सोशल मीडिया – जो जोड़ने के लिए था, आज मानसिक अशांति का कारण बन गया।
जब विज्ञान मानव सेवा से हटकर नियंत्रण और विनाश का कारण बनता है – तब वह अति कहलाता है।
साइलेंस की अति क्या है?
क्या हर समय चुप रहना ही साइलेंस है?
साइलेंस मतलब सिर्फ ज़ुबान का नहीं – मन का मौन भी ज़रूरी है।
पर जब साइलेंस बन जाए:
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निष्क्रियता – कुछ न सोचें, न करें
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पलायन – जीवन से भागना
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नकारात्मकता – क्रोध, द्वेष भीतर दबाना
तो वह भी एक अति बन जाती है।
उदाहरण:
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बुरा कार्य देखकर भी मौन रह जाना
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योग के नाम पर बैठना, पर मन में अशांति होना
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बाबा रूम में बैठकर नेगेटिव संकल्पों में उलझे रहना
तो समाधान क्या है? संतुलन की कला
साइंस और साइलेंस – इनका संतुलन कौन सिखा सकता है?
उत्तर है – परमपिता परमात्मा शिव।
Murli Wisdom: परमात्मा का उत्तर
26 मार्च 2024 की मुरली:
“साइंस भी तुम्हारे राजयोग के सामने कुछ नहीं है।
तुम तो साइलेंस की शक्ति से आत्मा का संशोधन कर रहे हो।”
22 जुलाई 2023 की मुरली:
“साइंस से बाहरी विकास होता है,
पर साइलेंस से आंतरिक उत्थान।
दोनों का संगम, संगम युग पर होता है।”
राजयोग – दोनों शक्तियों का संतुलन
आज परमात्मा स्वयं सिखा रहे हैं –
कैसे साइलेंस की शक्ति से मन को शुद्ध करें।
कैसे विज्ञान को सेवा और कल्याण का माध्यम बनाएं।
ब्रह्मा कुमारीज़ में इसका अभ्यास:
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4 बजे की अमृतवेला में योग और साइलेंस
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दिनभर की विचार यात्रा
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रात्रि को मनन और स्व-अनुभव
यह आत्मा को बैलेंस में रखते हैं।
दिव्यता की कुंजी – संतुलन
ना विज्ञान को छोड़ना है,
ना मौन को अपनाकर पलायन करना है।
दोनों को परमात्मा द्वारा सिखाए गए राजयोग से संतुलित करना है।
आमंत्रण: साइलेंस की शक्ति को जानें
क्या आप साइलेंस की सच्ची शक्ति को जानना चाहते हैं,
जो साइंस से भी ऊपर है?
तो आइए –
ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में,
जहाँ परमात्मा स्वयं सिखा रहे हैं —
साइंस और साइलेंस का सम्यक अर्थ।
सम्यक अर्थ क्या है?
समय के अनुसार,
विज्ञान को किस रूप में अपनाएं,
साइलेंस को किस भाव से धारण करें —
यही है सम्यक विवेक।
साइंस बनाम साइलेंस – एक आध्यात्मिक विवेचन
प्रश्नोत्तर (Questions & Answers)
प्रश्न 1: आज का युग किन दो अतियों से जूझ रहा है?
उत्तर:आज का युग दो चरम सीमाओं से जूझ रहा है –
साइंस की अति और साइलेंस की अति।
दोनों शक्तियाँ, जब संतुलन से बाहर हो जाती हैं, तो विनाश और पलायन का कारण बनती हैं।
प्रश्न 2: साइंस की अति किसे कहा जाता है?
उत्तर:जब विज्ञान मानव सेवा की दिशा से हटकर नियंत्रण और विनाश का साधन बन जाता है, तो वह साइंस की अति कहलाता है।
उदाहरण:
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परमाणु बम – विज्ञान की देन, पर लाखों जाने गईं।
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सोशल मीडिया – जोड़ने के लिए था, आज मानसिक अशांति का कारण बन गया।
प्रश्न 3: साइंस ने क्या–क्या उपलब्धियाँ दी हैं?
उत्तर:विज्ञान ने हमें:
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अंतरिक्ष यात्रा
-
रोबोट, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
-
मोबाइल, इंटरनेट, वाहन, औषधियाँ
जैसे अद्भुत साधन दिए हैं।
प्रश्न 4: क्या साइलेंस का अर्थ केवल चुप रहना है?
उत्तर:नहीं, साइलेंस का अर्थ केवल ज़ुबान का मौन नहीं है,
बल्कि मन का मौन भी ज़रूरी है।
सच्चा साइलेंस तब है जब मन शांत, शुद्ध और ईश्वर से जुड़ा हो।
प्रश्न 5: साइलेंस की अति क्या होती है?
उत्तर:जब साइलेंस बन जाए:
-
निष्क्रियता – कोई रचनात्मक विचार नहीं
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पलायन – जीवन से भागना
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नकारात्मकता – भीतर क्रोध, द्वेष दबाना
तो यह साइलेंस की अति कहलाती है।
प्रश्न 6: साइलेंस की अति के कुछ उदाहरण क्या हैं?
उत्तर:
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बुराई देखकर भी मौन रह जाना
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योग के नाम पर चुप बैठना, पर भीतर विकार छिपे होना
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बाबा रूम में बैठकर भी नेगेटिव सोचों से भर जाना
प्रश्न 7: साइंस और साइलेंस के बीच संतुलन कौन सिखा सकता है?
उत्तर:परमपिता परमात्मा शिव ही हमें साइंस और साइलेंस के बीच संतुलन सिखा सकते हैं।
वे हमें राजयोग द्वारा जीवन का सही संतुलन और दिशा सिखाते हैं।
प्रश्न 8: मुरली में इस विषय पर क्या कहा गया है?
उत्तर:26 मार्च 2024 की मुरली:
“साइंस भी तुम्हारे राजयोग के सामने कुछ नहीं है। तुम साइलेंस की शक्ति से आत्मा का संशोधन कर रहे हो।”
22 जुलाई 2023 की मुरली:
“साइंस से बाहरी विकास होता है, साइलेंस से आंतरिक उत्थान। दोनों का संगम संगम युग पर होता है।”
प्रश्न 9: ब्रह्मा कुमारीज़ संस्थान में इस संतुलन का अभ्यास कैसे किया जाता है?
उत्तर:
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4 बजे की अमृतवेला में योग व साइलेंस
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दिन भर की सकारात्मक विचार यात्रा
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रात्रि को स्व-मनन और ईश्वरीय संकल्प
इनसे आत्मा बैलेंस में रहती है।
प्रश्न 10: दिव्यता प्राप्त करने की कुंजी क्या है?
उत्तर:साइंस और साइलेंस का संतुलन ही दिव्यता की कुंजी है।
ना तो विज्ञान को छोड़ना है,
ना ही साइलेंस को अपनाकर पलायन करना है।
बल्कि परमात्मा द्वारा सिखाए गए राजयोग से इन दोनों को संतुलित करना है।
प्रश्न 11: सम्यक अर्थ क्या होता है?
उत्तर:सम्यक अर्थ मतलब समय के अनुसार,
-
विज्ञान को किस रूप में अपनाएं
-
साइलेंस को किस भाव से धारण करें
यह विवेक ही सच्चा संतुलन सिखाता है।
प्रश्न 12: क्या हम साइलेंस की सच्ची शक्ति को जान सकते हैं?
उत्तर:हाँ, ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में आकर आप साइलेंस की सच्ची शक्ति को जान सकते हैं,
जो साइंस से भी ऊँची है।
यहाँ परमात्मा स्वयं आकर हमें संतुलन का सम्यक मार्ग दिखाते हैं।
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