Garuda Purana/Brahma Kumari Gyan (11) Karma and its results: attainment of vaginas and diseases

गरुड़ पुराण/ब्रह्मकुमारी ज्ञान(11)कर्म और उसके परिणाम:योनियों एवं रोगों की प्राप्ति

( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

YouTube player

“कर्म और उसका फल: योनियों और रोगों की रहस्यमयी कहानी | पापों से मिलने वाले दण्ड का गूढ़ ज्ञान”


भूमिका: कर्म का रहस्य और अगला जन्म

ओम् शांति।

आज हम एक गहन और जटिल विषय पर आत्मिक दृष्टिकोण से मनन करेंगे –
“कर्म और उसके परिणाम – योनियाँ एवं रोग कैसे मिलते हैं?”

गरुड़ पुराण में वर्णित यह ज्ञान केवल भय दिखाने के लिए नहीं, बल्कि आत्मा को जागरूक करने के लिए है।
भगवान ने स्वयं गरुड़जी के प्रश्नों का उत्तर देकर स्पष्ट किया कि हर कर्म का फल निश्चित है
चाहे वह इस जन्म में मिले या अगले जन्म में।


1. पापों के कारण मिलने वाले रोग – मानसिक और शारीरिक परिणाम

PBKIVV के अनुसार, आत्मा को शारीरिक यातना नहीं होती, परंतु कर्मों के प्रभाव से मन और शरीर पर असर अवश्य होता है।
भगवान ने स्पष्ट बताया:

ब्रह्महत्या – क्षय रोग (टीबी)
गाय की हत्या – मूर्खता और कुबड़ापन
कन्या वध – कोढ़ रोग
गुरु पत्नी से सम्बन्ध – चर्म रोग
मांस भक्षण – शरीर लाल, असंतुलित तत्त्व
मद्यपान – दाँत काले
गुरु का अपमान – मिरगी (अपस्मार)
झूठ बोलना – हकलाना
झूठ सुनना – बहरापन

 यह सब दिखाता है कि पाप का प्रभाव सिर्फ आत्मा पर नहीं, शरीर के माध्यम से भी व्यक्त होता है।


2. कुछ विशेष पाप और उनके विशिष्ट परिणाम

भगवान ने गरुड़जी को बताया:
मांस बेचने वाला – दुर्भाग्यशाली जन्म
रत्न चुराने वाला – नीच जाति
सोना चुराने वाला – नख रोग
गुरु की सेवा न करने वाला – गधा
दान का वचन देकर न देने वाला – सियार
गुरु का अपमान – ब्रह्मराक्षस
माता-पिता व गुरु से द्वेष – गर्भ में ही बार-बार मृत्यु

 यह दिखाता है कि कर्म न केवल आत्मा की यात्रा बदलते हैं, बल्कि योनि और संस्कार भी।


3. विभिन्न पापों से मिलने वाली योनियाँ – प्रतीकात्मक दृष्टि से

आइए देखें कुछ पापों के प्रतीकात्मक परिणाम:

पाप कर्म अगला जन्म / योनि
बिना दान किए मिष्टान्न खाना गलगंड रोगी
मांस चुराना गिद्ध
नमक चुराना चींटी
शहद चुराना मधुमक्खी
जूता, कपास, घास चुराना भेड़
गुरु पत्नी की इच्छा गिरगिट
राजा की पत्नी से सम्बन्ध ऊँट
मित्र की पत्नी से सम्बन्ध गधा
मृत्यु भोज खाना कुत्ता
संध्या वंदन न करना बगुला
योग्य को विद्या न देना बैल

 यह आत्मा के संस्कारों और मानसिक प्रवृत्तियों का प्रतीक है।


4. विशिष्ट दुष्कर्मों से जन्म का चक्र

ब्रह्महत्या – गधा, ऊँट, भैंस
शराब पीना – कुत्ता, भेड़िया, सियार
गुरु पत्नी से सम्बन्ध – घास, लता
स्त्री अपहरण / ब्राह्मण धन हरण – ब्रह्मराक्षस

यह सिखाता है कि जो आत्मा नियम, मर्यादा और धर्म का उल्लंघन करती है, वह अपने ही कर्मों के जाल में उलझ जाती है।


5. PBKIVV की दृष्टि से – ये सब प्रतीकात्मक हैं

PBKIVV स्पष्ट करता है कि:

आत्मा को मृत्यु के बाद कोई भौतिक पीड़ा नहीं होती।
 रोग और योनि – ये आत्मा की मानसिक अवस्था, संस्कार और कर्मों का प्रतीकात्मक प्रतिबिंब हैं।
 पाप के संस्कार आत्मा को नकारात्मक ऊर्जा, असंतुलन और अशांति में ले जाते हैं।


6. समाधान – आत्मा की उन्नति का मार्ग

PBKIVV बताता है कि किसी भी पाप से मुक्ति का मार्ग है:

राजयोग ध्यान – आत्मा और परमात्मा का संबंध पुनः स्थापित करना
सकारात्मक सोच और आत्मनिरीक्षण
सत्कर्म, सेवा और दया
ज्ञानयुक्त जीवन – जो चेतना से कर्म करे

 यही है कर्म बन्धनों से मुक्ति का वास्तविक उपाय।


निष्कर्ष: कर्म करें सोचकर, फल मिलेगा निश्चित

 जो जैसा करेगा, वैसा भरेगा।
 हर कर्म का संस्कार आत्मा में अंकित होता है।
 अच्छे कर्म – अगले जन्म का आधार और वर्तमान जीवन की शांति।
 पाप – रोग, दुख और जन्मों की उलझनें।
 परंतु सुधार संभव है – जब आत्मा ज्ञान और योग के मार्ग को अपनाती है।

कर्म और उसके परिणाम: योनियों एवं रोगों की प्राप्ति — प्रश्नोत्तर


 प्रश्न 1: ब्रह्महत्या करने वाले को कौन-सा रोग प्राप्त होता है?

 उत्तर: ब्रह्महत्या करने वाला क्षयरोग (टी.बी.) से पीड़ित होता है।


 प्रश्न 2: गाय की हत्या करने वाले को क्या दंड मिलता है?

 उत्तर: गाय की हत्या करने वाला मूर्ख और कुबड़ा होता है।


 प्रश्न 3: कन्या हत्या करने वाले का अगला जन्म या रोग क्या होता है?

 उत्तर: कन्या हत्या करने वाला कोढ़ (कुष्ठ) रोग से पीड़ित होता है।


 प्रश्न 4: गुरु पत्नी से व्यभिचार करने वाले को कौन-सा रोग होता है?

 उत्तर: ऐसा व्यक्ति चर्मरोग (त्वचा रोग) से ग्रसित होता है।


 प्रश्न 5: मांस खाने और मद्यपान करने वालों का शरीर कैसा हो जाता है?

 उत्तर:

  • मांस खाने वाले का शरीर लाल हो जाता है।

  • मद्यपान करने वाले के दाँत काले हो जाते हैं।


 प्रश्न 6: गुरु का अपमान करने वाले को कौन-सा रोग होता है?

उत्तर: गुरु का अपमान करने वाला मिरगी (अपस्मार) से पीड़ित होता है।


 प्रश्न 7: झूठ बोलने और झूठ सुनने वालों को क्या दंड मिलता है?

 उत्तर:

  • झूठ बोलने वाला हकलाता है।

  • झूठ सुनने वाला बहरा हो जाता है।


 प्रश्न 8: मांस बेचने और खाने वाले का क्या परिणाम होता है?

 उत्तर:

  • मांस बेचने वाला दुर्भाग्यशाली होता है।

  • मांस खाने वाला रोगी होता है।


 प्रश्न 9: गुरु की सेवा न करने वाले का अगला जन्म क्या होता है?

 उत्तर: ऐसा व्यक्ति अगले जन्म में गधा बनता है।


 प्रश्न 10: माता-पिता और गुरु से द्वेष करने वाले को क्या परिणाम मिलता है?

 उत्तर: वह हजारों जन्मों तक गर्भ में ही नष्ट होता रहता है, जन्म नहीं पा पाता।


 प्रश्न 11: बिना दान किए स्वयं मिष्टान्न खाने वाला क्या बनता है?

 उत्तर: वह अगले जन्म में गलगंड (गला रोग) से पीड़ित होता है।


 प्रश्न 12: निम्न चोरियों के क्या परिणाम होते हैं?

 उत्तर:

  • मांस चुराने वाला — गिद्ध बनता है।

  • नमक चुराने वाला — चींटी बनता है।

  • शहद चुराने वाला — मधुमक्खी बनता है।

  • जूते, घास, कपास चुराने वाला — भेड़ बनता है।


 प्रश्न 13: गुरु पत्नी की इच्छा रखने वाला क्या बनता है?

 उत्तर: वह गिरगिट बनता है।


 प्रश्न 14: राजा या मित्र की पत्नी से संबंध रखने वाले का परिणाम?

 उत्तर:

  • राजा की पत्नी से संबंध रखने वाला — ऊँट बनता है।

  • मित्र की पत्नी से संबंध रखने वाला — गधा बनता है।


 प्रश्न 15: गायत्री मंत्र और संध्या वंदन न करने वाला क्या बनता है?

 उत्तर: वह बगुला बनता है।


 प्रश्न 16: गुरु का अपमान करने वाला क्या बनता है?

 उत्तर: वह ब्रह्मराक्षस बनता है।


 प्रश्न 17: ब्रह्महत्या, शराब पीना और गुरु पत्नी से संबंध रखने का परिणाम क्या होता है?

 उत्तर:

  • ब्रह्महत्या करने वाला — गधा, ऊँट और भैंस बनता है।

  • शराब पीने वाला — भेड़िया, कुत्ता और सियार बनता है।

  • गुरु पत्नी से संबंध रखने वाला — घास, झाड़ी और लता बनता है।


 प्रश्न 18: भगवान ने कर्मों के विषय में क्या स्पष्ट किया?

 उत्तर: भगवान ने कहा कि जैसा कर्म प्राणी करता है, वैसा ही उसे अगला जन्म प्राप्त होता है। पवित्रता, सत्य और धर्म ही जीवन का सच्चा मार्ग है।

कर्म और उसके परिणाम,योनियों की प्राप्ति,पाप और दंड,भविष्य और कर्म,गरुड़ पुराण ज्ञान,कर्म और रोग,पापों के फल,पुनर्जन्म का रहस्य,पाप से मिलने वाले रोग,कर्म का सिद्धांत,हिंदू धर्म कर्म फल,पाप और जन्म चक्र,अगला जन्म कैसे तय होता है,पाप से योनियों की प्राप्ति,कर्म और अध्यात्म,धार्मिक ज्ञान,कर्म का फल,सनातन धर्म ज्ञान,पाप कर्मों का दंड,कर्म योग,कर्म विज्ञान,

Karma and its results, attainment of species, sin and punishment, future and karma, Garuda Purana knowledge, karma and diseases, results of sins, the mystery of rebirth, diseases caused by sins, principle of karma, Hindu religion karma results, sin and birth cycle, how is the next birth decided, attainment of species due to sin, karma and spirituality, religious knowledge, results of karma, Sanatan Dharma knowledge, punishment for sinful deeds, Karma Yoga, Karma science,