Introduction to BK Doctor Surendra Sharma/बीके डॉक्टर सुरेंद्र शर्मा का परिचय
नाम: बी के डॉ सुरेन्द्र शर्मा
जन्म तिथि 2 अक्टूबर 1959
पिता का नाम श्री वासवेद शर्मा
माता का नाम श्रीमती शकुन्तला देवी
हाई स्कूल की परीक्षा राजकीय उच्च विद्यालय, फिरोजपुर झिरका, जिला गुड़गांव से सन् 1975 में पास की।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से सन् 1977 में “प्रभाकर” की परीक्षा पास की।
औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग, हरियाणा द्वारा आर्टस एण्ड क्राफ्ट टीचर ट्रेनिंग” सन् 1979 में पास की।
इन्टर की परीक्षा सन् 1979 में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड भोपाल से पास की।
बी.ए. की परीक्षा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से सन् 1981 में पास की।
बी. ए. आर्टस अतिरिक्त विषय के रूप में एम. डी. यू. रोहतक से सन् 1983 में पास की।
हिन्दी साहित्य सम्मेलन काठबाव से आयुर्वेद रत्तन की परीक्षा 1984 में पास की।
24 जनवरी, 1984 को टी. जी. टी. ड्राईम के पद पर राजकीय उच्चतर माध्यमिक बाल विद्यालय, पालम (एकलेव (बाग वाले स्कूल) में आपकी नियुक्ति हुई।
राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर से एम. ए. (हिन्दी) की उपाधि सन 1984 में प्राप्त की।
18 अप्रैल, 1986 को श्रीमती सुपमा शर्मा के साथ विवाहिक जीवन को आरम्भ किया। आपकी को पुत्रियां है।
बड़ी बेटी ईशा शर्मा ने एम. बी. ए. किया, मल्टीनेशनल कम्पनी (सोफ्टवेयर वन में सेवा करते हुए, अमित त्यागी, जो बी. सी. ए. व एम. बी. ए. करके मल्टीनेशनल कम्पनी (एफ सी.(एम. देवल साल्यूशन्स) में सेवायत ऊसके साथ सुखी विवाहिक जीवन व्यतीत कर रही है। है। इनका एक पुत्र है व्योम।
छोटी बेटी ज्योति शर्मा ने सी. ए. और एम. बी. ए. कर के कलाईन्ट एसोसिएट कम्पनी में सेवा कन्रते द्वार मल्टीनेशनल कम्पनी (मिनीव्सो) में कार्यरत रोहित कुमार इन्टीरियर डिज़ाइनर के साथ सुखी विवाहित जीवन व्यतीत कर रही है। इनकी एक पुत्री है रूही।
आप सबसे बड़े हैं, आप 3 भाई व 5 बहने हैं सभी अपने पारिवरिक जीवन में सुखी है।
12 अगस्त, 1995 से 26 जुलाई, 1996 तक राजकीय सह-शिक्षा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय विजय एन्क्लेव में सेवा करके, 27 जुलाई 1996 से इसी विद्यालय में आज तक सेवाएं वे रहे हैं।
जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर से 2009 में एम. ए. आर्टस एवं पेन्टिंग की उपाधि प्राप्त की।
दिव्यांग बच्चों की सेवा को देखते हुए शिक्षा विभाग न विशेष प्रशिक्षण के लिये आपको चुना। आपने सन् 2010 में इन्दिरा गांधी ओपन विश्वविद्यालय से Foundation Course On Education Of Children With Disabilities पास की।
अन्नामलाई विश्वविद्यालय से 2011 में एम. एस. सी. (वेल्यू एज्युकेशन एण्ड सप्रीच्युलदीफर्स्ट डिविजन विक डिस्टिंक्शन से पास की।
आपकी बाल्यकाल से भक्ति भावना और पूर्व जन्मों की भक्ति का फल बेने के लिये, 1990 में स्वयं परमपिता परमात्मा ने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा, सर्व धर्म की आत्माओं को, अपने एक ही परमपिता परमात्मा से मिलाने व अधिकार दिलाने की सेवा के लिये चुना।
अब आपके जीवन का एक मात्र यही लक्ष्य है कि हर आत्मा को अनुभव कराना है कि ईश्वर एक, विश्व एक परिवार है।
31 अक्टूबर, 2019 को सेवा निवृति हो कर ईश्वरीय सेवा पर उपस्थित हैं।