(P-1) हर आत्मा हर काम करते हुए पिछला बराबर कर रही है नया बना रही है
( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)
हर आत्मा का कर्म-चक्र – 5000 वर्षों के बराबरी और पुनरावृत्ति का दिव्य रहस्य
प्रस्तावना:
“भाइयों और बहनों, क्या आपने कभी यह सोचा है कि जो कुछ आज हम कर रहे हैं, वो पहले भी हो चुका है… और आगे भी होगा?”
आज हम जानेंगे एक गहरा आध्यात्मिक रहस्य — हर आत्मा का कर्म-चक्र, जो 5000 वर्षों बाद सटीक रूप से दोहराता है, और कैसे हर आत्मा हर क्षण पिछले कर्मों को बराबर करते हुए अगले कर्मों की रचना कर रही है।
1. हर आत्मा का कर्म-चक्र: सटीक और वैज्ञानिक
हर आत्मा इस 5000 वर्षों के नाटक की एक स्थायी अभिनेता है।
इस चक्र में आत्मा बार-बार वही कर्म, वही दृश्य, वही परिस्थितियाँ दोहराती है — बिल्कुल उसी सटीकता से।
मुरली रिफरेंस:
“यह है पाँच हजार वर्ष का नाटक, जो बिल्कुल अकॉर्डिंग टू ड्रामा रिपीट होता है। इसमें एक सेकण्ड का भी फर्क नहीं पड़ सकता।”
— साकार मुरली 27-06-2023
उदाहरण:
जैसे एक सीडी को आप दोबारा चलाते हैं, तो वही आवाज़, वही शब्द, उसी क्रम से आते हैं।
वैसे ही यह 5000 वर्ष की जीवन-सीडी भी रिपीट होती है।
2. हर कर्म: पिछला बराबर, नया निर्माण
हम जो भी कर रहे हैं, वह केवल वर्तमान नहीं — वह पिछले जन्मों का फल भी है और भविष्य की नींव भी।
मुरली रिफरेंस:
“हर आत्मा अपने कर्मों का हिसाब बराबर करती है। हर आत्मा का पार्ट ड्रामा में फिक्स है।”
— साकार मुरली 18-02-2024
स्पष्टीकरण:
जब कोई आत्मा सेवा कर रही है, तपस्या कर रही है, या कोई गलती कर रही है — वह दो कार्य साथ-साथ कर रही है:
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पिछले कर्मों का हिसाब बराबर कर रही है
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अगले 5000 वर्षों के लिए कर्म की स्क्रिप्ट बना रही है
3. 5000 वर्षों की सटीक पुनरावृत्ति
यह नाटक कोई काल्पनिक नहीं, बल्कि पूर्व-निर्धारित और परफेक्ट टाइमिंग के साथ है।
मुरली रिफरेंस:
“इस ड्रामा का रील बिलकुल नपातुला है। कोई भी परिवर्तन नहीं हो सकता।”
— साकार मुरली 01-05-2024
उदाहरण:
अगर आज आप आध्यात्मिक ज्ञान ले रहे हैं, तो आपने यह 5000 वर्ष पहले भी लिया था।
यदि आज कोई आत्मा आपका सहायक बन रहा है, तो वह 5000 वर्ष पहले भी बना था।
4. आत्मा का भाग्य: पुराने कर्मों को बराबर करना
हम अतीत को बदल नहीं सकते, परंतु हम उसका हिसाब बराबर जरूर कर सकते हैं।
सिद्धांत:
“हर आत्मा को अपने कर्मों का भुगतान इस जन्म में, और इसी चक्र में करना ही है।”
मुरली रिफरेंस:
“हर आत्मा अपने-अपने कर्मों के अनुसार इस ड्रामा में भाग्य बनाती है और वही भाग्य रिपीट होता है।”
— साकार मुरली 08-03-2023
5. चेतावनी और प्रेरणा: अगले जन्म के लिए आज तैयार हो जाओ
आप आज जो सोचते हैं, बोलते हैं, करते हैं — वही आपकी कल की रचना बन जाती है।
यह बहुत गहरा नियम है।
यथार्थ उदाहरण:
कोई आत्मा तपस्या करते हुए 5000 वर्ष पहले तपस्वी बनी, इसलिए आज भी वही शक्ति अनुभव करती है।
जो आत्मा बंधन में रही, आज भी वैसी परिस्थितियाँ आ रही हैं — क्योंकि कर्मों की पुनरावृत्ति हो रही है।
निष्कर्ष: जीवन एक पवित्र पुनरावृत्ति है
हम सब 5000 वर्षों के नाटक के भागीदार हैं।
हर आत्मा हर क्षण अपने कर्मों का हिसाब बराबर करते हुए, नए कर्मों की रचना कर रही है।
मुरली सार:
“ड्रामा में जो हुआ है, वही होता है, वही होगा। कर्मों का हिसाब-पुर्जा आत्मा पर रिकॉर्ड है।”
— साकार मुरली 14-04-2024
आओ, अब हम समझदारी से कर्म करें
ताकि हमारे अगले 5000 वर्षों में हम वही शांति, सुख और सिद्धि दोबारा अनुभव करें।
क्योंकि —
“हर आत्मा हर काम करते हुए पिछला बराबर कर रही है, और नया बना रही है!”