(P-1) Every soul, while doing every task, is equalling the previous one and creating something new.

(P-1) हर आत्मा हर काम करते हुए पिछला बराबर कर रही है नया बना रही है

( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

YouTube player

 हर आत्मा का कर्म-चक्र – 5000 वर्षों के बराबरी और पुनरावृत्ति का दिव्य रहस्य

प्रस्तावना:
“भाइयों और बहनों, क्या आपने कभी यह सोचा है कि जो कुछ आज हम कर रहे हैं, वो पहले भी हो चुका है… और आगे भी होगा?”
आज हम जानेंगे एक गहरा आध्यात्मिक रहस्य — हर आत्मा का कर्म-चक्र, जो 5000 वर्षों बाद सटीक रूप से दोहराता है, और कैसे हर आत्मा हर क्षण पिछले कर्मों को बराबर करते हुए अगले कर्मों की रचना कर रही है।

1. हर आत्मा का कर्म-चक्र: सटीक और वैज्ञानिक

हर आत्मा इस 5000 वर्षों के नाटक की एक स्थायी अभिनेता है।
इस चक्र में आत्मा बार-बार वही कर्म, वही दृश्य, वही परिस्थितियाँ दोहराती है — बिल्कुल उसी सटीकता से।

मुरली रिफरेंस:
“यह है पाँच हजार वर्ष का नाटक, जो बिल्कुल अकॉर्डिंग टू ड्रामा रिपीट होता है। इसमें एक सेकण्ड का भी फर्क नहीं पड़ सकता।”
साकार मुरली 27-06-2023

उदाहरण:
जैसे एक सीडी को आप दोबारा चलाते हैं, तो वही आवाज़, वही शब्द, उसी क्रम से आते हैं।
वैसे ही यह 5000 वर्ष की जीवन-सीडी भी रिपीट होती है।

2. हर कर्म: पिछला बराबर, नया निर्माण

हम जो भी कर रहे हैं, वह केवल वर्तमान नहीं — वह पिछले जन्मों का फल भी है और भविष्य की नींव भी।

मुरली रिफरेंस:
“हर आत्मा अपने कर्मों का हिसाब बराबर करती है। हर आत्मा का पार्ट ड्रामा में फिक्स है।”
साकार मुरली 18-02-2024

स्पष्टीकरण:
जब कोई आत्मा सेवा कर रही है, तपस्या कर रही है, या कोई गलती कर रही है — वह दो कार्य साथ-साथ कर रही है:

  1. पिछले कर्मों का हिसाब बराबर कर रही है

  2. अगले 5000 वर्षों के लिए कर्म की स्क्रिप्ट बना रही है

3. 5000 वर्षों की सटीक पुनरावृत्ति

यह नाटक कोई काल्पनिक नहीं, बल्कि पूर्व-निर्धारित और परफेक्ट टाइमिंग के साथ है।

मुरली रिफरेंस:
“इस ड्रामा का रील बिलकुल नपातुला है। कोई भी परिवर्तन नहीं हो सकता।”
साकार मुरली 01-05-2024

उदाहरण:
अगर आज आप आध्यात्मिक ज्ञान ले रहे हैं, तो आपने यह 5000 वर्ष पहले भी लिया था।
यदि आज कोई आत्मा आपका सहायक बन रहा है, तो वह 5000 वर्ष पहले भी बना था।

4. आत्मा का भाग्य: पुराने कर्मों को बराबर करना

हम अतीत को बदल नहीं सकते, परंतु हम उसका हिसाब बराबर जरूर कर सकते हैं।

सिद्धांत:
“हर आत्मा को अपने कर्मों का भुगतान इस जन्म में, और इसी चक्र में करना ही है।”

मुरली रिफरेंस:
“हर आत्मा अपने-अपने कर्मों के अनुसार इस ड्रामा में भाग्य बनाती है और वही भाग्य रिपीट होता है।”
साकार मुरली 08-03-2023

5. चेतावनी और प्रेरणा: अगले जन्म के लिए आज तैयार हो जाओ

आप आज जो सोचते हैं, बोलते हैं, करते हैं — वही आपकी कल की रचना बन जाती है।
यह बहुत गहरा नियम है।

यथार्थ उदाहरण:
 कोई आत्मा तपस्या करते हुए 5000 वर्ष पहले तपस्वी बनी, इसलिए आज भी वही शक्ति अनुभव करती है।
 जो आत्मा बंधन में रही, आज भी वैसी परिस्थितियाँ आ रही हैं — क्योंकि कर्मों की पुनरावृत्ति हो रही है।

निष्कर्ष: जीवन एक पवित्र पुनरावृत्ति है

हम सब 5000 वर्षों के नाटक के भागीदार हैं।
हर आत्मा हर क्षण अपने कर्मों का हिसाब बराबर करते हुए, नए कर्मों की रचना कर रही है।

मुरली सार:
“ड्रामा में जो हुआ है, वही होता है, वही होगा। कर्मों का हिसाब-पुर्जा आत्मा पर रिकॉर्ड है।”
साकार मुरली 14-04-2024

आओ, अब हम समझदारी से कर्म करें

ताकि हमारे अगले 5000 वर्षों में हम वही शांति, सुख और सिद्धि दोबारा अनुभव करें।

क्योंकि —
“हर आत्मा हर काम करते हुए पिछला बराबर कर रही है, और नया बना रही है!”

प्रश्न 1:क्या है “हर आत्मा का कर्म चक्र”?
उत्तर:हर आत्मा का कर्म चक्र एक ऐसा अदृश्य और सटीक चक्र है, जिसमें हर आत्मा अपने हर कर्म के माध्यम से पिछले कर्मों को बराबर करती है और साथ ही आने वाले कर्मों का निर्माण भी करती है। यह चक्र 5000 वर्षों का होता है, जो लगातार रिपीट होता है।

प्रश्न 2:क्या हम अपने पिछले कर्मों को बदल सकते हैं?
उत्तर:नहीं, हम अपने पिछले कर्मों को नहीं बदल सकते, लेकिन हम उन्हें बराबर जरूर कर सकते हैं। हमारा वर्तमान कर्म हमारे पिछले कर्मों का परिणाम है और भविष्य में किए गए कर्मों का कारण बनेगा।

प्रश्न 3:5000 वर्षों का कर्म चक्र कैसे काम करता है?
उत्तर:5000 वर्षों का यह चक्र आत्मा के कर्मों का सटीक हिसाब रखता है। हर कर्म एक बार पूरी सटीकता से होता है और फिर अगले 5000 वर्षों में वही कर्म पुनः घटित होता है। यह चक्र पूर्व-निर्धारित है और कभी नहीं रुकता।

प्रश्न 4:क्या यह संभव है कि हर आत्मा का कर्म चक्र एक जैसा हो?
उत्तर:हां, हर आत्मा का कर्म चक्र एक जैसा होता है, क्योंकि यह चक्र हर आत्मा के कर्मों की सटीकता और समय के अनुसार सटीक रूप से निर्धारित होता है। हर कर्म, हर भावना, और हर घटना उसी सटीकता से घटित होती है।

प्रश्न 5:5000 साल के बाद हमारे कर्मों का क्या होता है?
उत्तर:5000 वर्षों के बाद हमारे सभी कर्मों का हिसाब बराबर हो जाता है और वही कर्म अगले 5000 वर्षों में फिर से घटित होते हैं। यह पुनरावृत्ति निरंतर होती रहती है, जिससे हर आत्मा अपने कर्मों का हिसाब बराबर करती है और नए कर्मों का निर्माण करती है।

प्रश्न 6:कर्मों की पुनरावृत्ति का क्या महत्व है?
उत्तर:कर्मों की पुनरावृत्ति का महत्व यह है कि हम अपने पिछले कर्मों को बराबर करते हुए अपने भविष्य को तय कर रहे हैं। यह चक्र आत्मा के लिए अनिवार्य है, क्योंकि इससे हम अपने कर्मों का सटीक हिसाब रखते हुए आत्मिक प्रगति कर सकते हैं।

प्रश्न 7:हमारा आज का कर्म हमारे भविष्य को कैसे प्रभावित करता है?
उत्तर:हमारा आज का कर्म हमारे भविष्य को पूरी तरह से प्रभावित करता है, क्योंकि हर कर्म 5000 वर्षों के चक्र में सटीक रूप से रिपीट होता है। यदि हम अच्छे कर्म करते हैं, तो हम अगले 5000 वर्षों में सुख का अनुभव करेंगे, लेकिन गलत कर्म के परिणाम हमें अगले जीवन में भुगतने पड़ सकते हैं।

प्रश्न 8:हम अपने कर्मों को सही दिशा में कैसे लगा सकते हैं?
उत्तर:हमें अपने कर्मों को सही दिशा में लगाने के लिए श्रेष्ठ संकल्प, पवित्र दृष्टि, और सेवा भाव से काम करना चाहिए। इससे हम अगले जीवन में सुख और शांति का अनुभव कर सकेंगे और हमारी आत्मा का चक्र सही दिशा में चलेगा।

प्रश्न 9:क्या इस कर्म चक्र से हमारी आत्मा का भाग्य तय होता है?
उत्तर:जी हां, इस कर्म चक्र से हमारी आत्मा का भाग्य तय होता है। हर कर्म का हिसाब 5000 वर्षों में बराबर होता है, और हम पिछले कर्मों को बराबर करते हुए आने वाले कर्मों का निर्माण करते हैं। यही हमारी आत्मा का भाग्य है।

प्रश्न 10:क्या हमें अपने कर्मों पर विशेष ध्यान देना चाहिए?
उत्तर:हां, हमें अपने कर्मों पर विशेष ध्यान देना चाहिए क्योंकि हर कर्म का प्रभाव हमारी आत्मा के चक्र पर पड़ता है। हम जो कर्म आज करेंगे, वही हमारे भविष्य को तय करेगा। इसलिए हमें सच्चे सुख और शांति के लिए अपने कर्मों को श्रेष्ठ बनाना चाहिए।

हर आत्मा का कर्म चक्र, 5000 वर्षों का कर्म चक्र, कर्मों की निरंतरता, कर्मों का हिसाब, पुनरावृत्ति का रहस्य, आत्मा का कर्म चक्र, आत्मा का भाग्य, पिछले कर्मों को बराबर करना, आने वाले कर्मों का निर्माण, 5000 वर्षों का चक्र, कर्म और पुनरावृत्ति, कर्म की सटीकता, कर्मों का परफेक्ट टाइमिंग, आत्मिक प्रगति, समझदारी से कर्म करना, अच्छे कर्म और सुख, कर्मों का प्रभाव, कर्मों का हिसाब, भविष्य निर्माण, कर्मों का सही दिशा में उपयोग, 5000 साल के चक्र, कर्म और आत्मा की यात्रा,

Karma cycle of every soul, 5000 years karma cycle, continuity of karmas, accounting of karmas, mystery of recurrence, karma cycle of soul, fate of soul, equalizing past karmas, creation of future karmas, 5000 years cycle, karma and recurrence, accuracy of karma, perfect timing of karmas, soul progress, doing karma wisely, good karma and happiness, effect of karmas, accounting of karmas, creation of future, use of karmas in right direction, 5000 years cycle, karma and journey of soul,