Pratyaksha-Padma(155)Science vs. Knowledge: World transformation through resolutions

प्रत्यक्षता-पदम(155)विज्ञान बनाम ज्ञान संकल्पों से विश्व परिवर्तन

( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

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विज्ञान बनाम ज्ञान संकल्पों से विश्व परिवर्तन!

“जब विज्ञान विनाश की सामग्री तैयार कर सकता है, तो ज्ञान की शक्ति भी गोल्डन युग का वायुमंडल बना सकती है!”

विज्ञान की शक्ति और ज्ञान की शक्ति

कौन अधिक प्रभावशाली?

🔬 विज्ञान की शक्ति ने विनाश की सामग्री इतनी तीव्र बनाई है कि कुछ ही क्षणों में पूरा विश्व समाप्त हो सकता है।

रिफाइंड तकनीक और शक्तिशाली हथियारों ने विनाश को सरल और त्वरित बना दिया है।

🌎 लेकिन याद रखो जब विज्ञान इतनी तीव्रता से विनाश की सामग्री बना सकता है, तो ज्ञान की शक्ति उससे भी तीव्र गति सेस्वर्णिम दुनिया की स्थापना कर सकती है!

गोल्डन युग का वायुमंडल तैयार करो!

🌍 आज दुनिया भय और चिंता की चादर ओढ़े हुए है।

💀 अभी मनुष्य आत्माएँ भय के कारण अर्धमृत अवस्था में हैं, जैसे मौत की शैया पर सोई हुईहों।

अब हमें इस संसार को खुशी की लहर का ऑक्सीजन देना है!

🔆 जब आपके संकल्पों में गोल्डन दुनिया की छवि बसेगी, तभी यह प्रत्यक्ष होगी।

🔆 आपके दोनों नयनों में हर समय गोल्डन दुनिया और दिव्यता का स्वीटहोम दिखना चाहिए।

🔆 तभी संकल्पों की शक्ति से नया वायुमंडल निर्मित होगा, और सृष्टि का श्रेष्ठ भविष्य प्रकट होगा।

असम्भव को सम्भव बनाने का रहस्य!

🔹 जो आज असम्भव लगता है, वह कल सहज सम्भव होगा।

🔹 हर विघ्न और हर चुनौती, जो आज बाधा लगती है, वह खेल बन जाएगी।

🔹 ड्रामा हमें चुनौतियाँ भी देता है और अन्त में सफलता भी दिलाता है।

🌟 अब हमें यह अनुभव बढ़ाते रहना है कि कैसे असम्भव सहज सम्भव होता है।

🌟 हर परीक्षा एक अनुभव है, हर विघ्न एक नए ज्ञान का द्वार खोलता है।

अब स्थापना हुई कि हुई!

🌍 सदा यह याद रखो कि जब दुनिया के लिए अकल्याण का समय है, तब हमारे लिए यह कल्याण का समय है!

🌍 दुनिया को केवल विनाश दिखता है, लेकिन हमें विनाश के साथ-साथ स्वर्णिम दुनिया की स्थापना भी दिखती है।

🌍 इसलिए, सदा अपने दिल में यह श्रेष्ठ संकल्प इमर्ज करो स्थापना हुई कि हुई!”

🚀 अब संकल्पों की शक्ति से विश्व परिवर्तन का समय आ चुका है। अपनी शक्तियों को जागृत करो और स्वर्णिम युग की प्रत्यक्षता के लिए संकल्पित हो जाओ! 🚀

🛕 विज्ञान बनाम ज्ञान: संकल्पों से विश्व परिवर्तन!

Q1: विज्ञान और ज्ञान की शक्ति में क्या अंतर है?
A1: विज्ञान की शक्ति भौतिक उन्नति और विनाश की सामग्री तैयार करने में सक्षम है, जबकि ज्ञान की शक्ति आत्मा को जागृत कर स्वर्णिम दुनिया की स्थापना कर सकती है।

Q2: यदि विज्ञान विनाश की सामग्री तैयार कर सकता है, तो क्या ज्ञान भी उतनी ही तीव्रता से निर्माण कर सकता है?
A2: हां, विज्ञान की शक्ति जितनी तेजी से विनाश ला सकती है, ज्ञान की शक्ति उससे भी तीव्र गति से स्वर्णिम युग का वायुमंडल बना सकती है, क्योंकि संकल्पों की शक्ति सबसे सूक्ष्म और प्रभावशाली होती है।

Q3: वर्तमान समय में मनुष्यों की मानसिक स्थिति कैसी है?
A3: आज दुनिया भय और चिंता की चादर ओढ़े हुए है। मनुष्य आत्माएँ अर्धमृत अवस्था में हैं, जैसे वे मौत की शैया पर सोई हुई हों।

Q4: हम इस भय और चिंता के वातावरण को कैसे बदल सकते हैं?
A4: हमें संकल्पों की शक्ति से गोल्डन युग का वायुमंडल तैयार करना होगा। जब हमारे संकल्पों में दिव्यता और श्रेष्ठता बसेगी, तभी यह संसार में भी प्रत्यक्ष होगी।

Q5: संकल्पों की शक्ति से विश्व परिवर्तन कैसे होगा?
A5: जब हम हर समय अपने नयनों में गोल्डन युग और दिव्यता की छवि बनाए रखेंगे, तो संकल्पों की ऊर्जा से नए वायुमंडल का निर्माण होगा और सृष्टि का श्रेष्ठ भविष्य प्रकट होगा।

Q6: असंभव को संभव बनाने का रहस्य क्या है?
A6: जो आज असंभव लगता है, वह कल सहज संभव होगा। हर चुनौती हमें आगे बढ़ने का अवसर देती है, और ड्रामा हमें विघ्नों के साथ-साथ सफलता भी दिलाता है।

Q7: हमें विश्व परिवर्तन के लिए क्या संकल्प रखना चाहिए?
A7: हमें सदा यह संकल्प इमर्ज रखना चाहिए – “स्थापना हुई कि हुई!” क्योंकि जब दुनिया विनाश की ओर देख रही है, तब हमें स्वर्णिम दुनिया की स्थापना को देखना और उसे साकार करना है।

Q8: अभी हमें क्या करना चाहिए?
A8: अब संकल्पों की शक्ति से विश्व परिवर्तन का समय आ चुका है। हमें अपनी आंतरिक शक्तियों को जागृत करना है और स्वर्णिम युग की प्रत्यक्षता के लिए संकल्पित हो जाना है! 🚀

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