Ravana Rajya vs Ram Rajya (28) Why did Ram Rajya not come after independence

रावण राज्य बनाम रामराज्य (28) आजादी के बाद रामराज्य क्यों नहीं आया

( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

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शीर्षक: आज़ादी के बाद रामराज्य क्यों नहीं आया?
गांधीजी का सपना बनाम हकीकत – रामराज्य का अधूरा सपना: ईश्वर ने सच्चाई बताई
(प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय के आध्यात्मिक ज्ञान पर आधारित)


1. गांधीजी का महान सपना

महात्मा गांधी के हृदय में एक दिव्य आकांक्षा थी – एक ऐसे भारत की कल्पना, जहाँ रामराज्य हो।
जहाँ धर्म, सत्य, अहिंसा और प्रेम के मूल्यों पर समाज का संचालन हो।

उन्होंने अपने जीवन को भारत को अंग्रेज़ी शासन से मुक्त कराने में समर्पित कर दिया।
उनका विश्वास था कि आज़ादी के बाद भारत में आत्मिक, नैतिक और सामाजिक रूप से एक आदर्श राज्य स्थापित होगा।

लेकिन प्रश्न यह है:
क्या गांधीजी का वह सपना पूरा हुआ?
क्या आज़ादी के बाद भारत में वह दिव्य रामराज्य आया?


2. दुखद सच्चाई: रामराज्य नहीं, रावणराज्य आया

वास्तविकता यह है कि:

  • भारत को भले ही विदेशी शासन से मुक्ति मिल गई हो,

  • परंतु आत्मा को 5 आंतरिक शासकों – काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार – से आज़ादी नहीं मिली।

आज भारत में:

  • भ्रष्टाचार बढ़ा है,

  • नफरत फैली है,

  • धर्मों में द्वेष है,

  • और मनुष्यता खो गई है।

यह रामराज्य नहीं, रावणराज्य है – जहाँ दुर्गुणों का शासन है।


3. स्वतंत्रता के बाद की अव्यवस्थित दुनिया

आज हम एक ऐसी दुनिया में जी रहे हैं जहाँ:

  • राजनीतिक अस्थिरता,

  • आर्थिक असमानता,

  • धार्मिक उग्रता,

  • सांस्कृतिक विभाजन
    हर स्तर पर दिखाई देता है।

हर कोई अपने स्वार्थ की लड़ाई लड़ रहा है।

  • धर्मों में बँटवारा,

  • भाषाओं के नाम पर झगड़े,

  • जातियों में विद्वेष –
    यह किस प्रकार का रामराज्य है?

मानव की बुद्धि तमोप्रधान हो गई है।
सत्य और नैतिकता की बात अब आदर्श बन चुकी है, व्यवहार नहीं।


4. भगवान द्वारा बताया गया सच्चा रामराज्य – सतयुग

ईश्वर ने हमें जिस सच्चे रामराज्य की झलक दी है, वह सतयुग है – स्वर्ण युग।

उस रामराज्य की विशेषताएँ:

  • एक धर्म – आदि सनातन देवी-देवता धर्म

  • एक वैश्विक संस्कृति

  • कोई सीमाएँ नहीं

  • कोई जाति, धर्म, भाषा का भेद नहीं

  • कोई संघर्ष नहीं, कोई युद्ध नहीं

प्रकृति भी सेवा में होती है

  • वर्षा समय पर होती है

  • फसलें स्वतः उगती हैं

  • पर्यावरण शुद्ध होता है

वह राज राजनीति से नहीं चलता –
वह धर्म आधारित ईश्वरीय शासन होता है।


5. गांधीजी का सपना अधूरा क्यों रह गया?

गांधीजी ने सच्चे रामराज्य का सपना देखा था।
उनकी भावना सच्ची थी, पर ज्ञान अधूरा था।

उन्होंने समझा कि राजनीतिक स्वतंत्रता से रामराज्य आ जाएगा,
परंतु रामराज्य का मूल आधार है – आत्मिक शुद्धता और गुणों की राज्य व्यवस्था।

ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय ज्ञान के अनुसार:
रामराज्य बाहर की सत्ता से नहीं आता – यह भीतर की विजय से आता है।

और यह कार्य अब परमात्मा स्वयं कर रहे हैं –
संगम युग में आकर राजयोग के द्वारा आत्माओं को जाग्रत करके।


6. निष्कर्ष: अब है आत्मा की आज़ादी का समय

प्रिय आत्म स्वरूप भाईयों और बहनों,

अब समय है उस सच्चे रामराज्य को पुनः लाने का –
पर वह आएगा राजनीति या आंदोलन से नहीं,
बल्कि स्मृति, पवित्रता, योग और आत्म-चेतना से।

भगवान स्वयं अब इस पावन कार्य के निमित्त ब्रह्माकुमारियों के माध्यम से कार्य कर रहे हैं।

आओ हम उनके इस कार्य में सहभागी बनें,
और एक बार फिर भारत भूमि पर रामराज्य की स्थापना करें।

प्रश्नः-1. गांधीजी रामराज्य की कल्पना क्यों करते थे?

उत्तर:गांधीजी ने रामराज्य की कल्पना एक ऐसे भारत के रूप में की थी जहाँ सत्य, अहिंसा, धर्म, शांति और समानता का राज्य हो। वे चाहते थे कि भारत केवल राजनीतिक रूप से नहीं, बल्कि नैतिक और आध्यात्मिक रूप से भी स्वतंत्र बने।

प्रश्नः-2. क्या भारत में स्वतंत्रता के बाद रामराज्य आया?

उत्तर:नहीं। स्वतंत्रता के बाद भी भारत में दुख, भ्रष्टाचार, हिंसा, और असमानता बनी रही। गांधीजी का सपना अधूरा रह गया क्योंकि केवल राजनीतिक आज़ादी मिली, आत्मिक और नैतिक आज़ादी नहीं।

प्रश्नः-3. रामराज्य क्यों नहीं आ सका जबकि विदेशी शासन से मुक्ति मिल गई?

उत्तर:क्योंकि हम पाँच आंतरिक शत्रुओं – वासना, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार – से मुक्त नहीं हो सके। जब तक रावणराज्य (विकारों का राज्य) चलता रहेगा, तब तक रामराज्य संभव नहीं।

प्रश्नः-4. आज की दुनिया की स्थिति क्या दर्शाती है?

उत्तर:आज की दुनिया विभाजन, अशांति, हिंसा और स्वार्थ से भरी हुई है। जाति, धर्म, भाषा और भूमि के नाम पर संघर्ष हो रहे हैं, जो दर्शाते हैं कि हम रामराज्य से बहुत दूर हैं।

प्रश्नः-5. भगवान द्वारा बताए गए रामराज्य और आज के भारत में क्या अंतर है?

उत्तर:भगवान के अनुसार, सच्चा रामराज्य सतयुग में होता है जहाँ एक धर्म, एक भाषा और एकता होती है। वहाँ न राजनीति होती है, न भ्रष्टाचार, न संघर्ष। प्रकृति भी दिव्य व्यवस्था का पालन करती है। यह पूर्ण शांति और आनंद का राज्य होता है।

प्रश्नः-6. गांधीजी का सपना अधूरा क्यों रह गया?

उत्तर:क्योंकि उन्हें यह आध्यात्मिक समझ नहीं थी कि रामराज्य केवल राजनीतिक व्यवस्था से नहीं, बल्कि आत्मा की शुद्धता और ईश्वरीय मार्गदर्शन से आता है।

प्रश्नः-7. सच्चा रामराज्य कैसे स्थापित होता है?

उत्तर:ब्रह्माकुमारी ज्ञान के अनुसार, रामराज्य का आधार है – आत्मा की पवित्रता, विकारों पर विजय और ईश्वर के निर्देशानुसार जीवन। यह केवल संगम युग में भगवान के मार्गदर्शन से ही संभव है।

प्रश्नः-8. आज भगवान क्या कार्य कर रहे हैं?

उत्तर:आज संगम युग पर भगवान स्वयं अवतरित होकर हमें आत्म-स्मृति और राजयोग का ज्ञान दे रहे हैं। वे आत्मा को विकारों से मुक्त कर रहे हैं ताकि रामराज्य की स्थापना हो सके।

प्रश्नः-9. सच्ची आज़ादी क्या है?

उत्तर:सच्ची आज़ादी केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि आत्मिक होती है – जब आत्मा विकारों, भय, और दुख से मुक्त हो जाए और अपने मूल स्वरूप – शांति, प्रेम और आनंद – में स्थित हो जाए।

प्रश्नः-10. हमें क्या करना चाहिए?

उत्तर:हमें अब भगवान के कार्य में सहयोगी बनना चाहिए – आत्मचेतना, पवित्रता और स्मृति के द्वारा अपने अंदर के रावण को समाप्त करके सच्चे रामराज्य की स्थापना में भागीदार बनना चाहिए।

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