Satya Yuga (28) “The Golden Age where everything is new and perfect”

सतयुग-(28)”सतयुग जहां हर चीज नई और परफेक्ट होती है”

( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

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सतयुग जहाँ हर चीज़ नई और परफेक्ट होती है

सतयुग में सब नई चीजें होंगी। लाइट आदि भी जैसे नैचुरल रहती है साइंस की नई-नई इन्वेन्शन यहाँ निकालते रहते हैं। वहाँ फिर यही काम में आती है,

हर महल में हेलीकाप्टर खड़े होंगे, बटन दबाया यह चला। कोई तकलीफ नहीं। वहाँ सब फुलप्रूफ होते हैं,

कभी मशीन आदि खराब नहीं हो सकती। सेकण्ड में स्कूल में वा घूमने-फिरने पहुँच जाते हैं।

  1. सतयुग:नई दुनिया,नई चीज़ें सतयुग को “नई दुनिया” कहा जाता है वहाँ सबकुछ नया होता है,

 वातावरण नया,

मनुष्य शरीर नया,

और हर वस्तु दिव्य और परिष्कृत।

वहाँ की प्रकृति और विज्ञान भी पवित्र और सतोप्रधान होता है।

  1. नैचुरल लाइट और दिव्य तकनीक का संगम

वहाँ की रोशनी आर्टिफिशियल नहीं होती, बल्कि नैचुरल और दिव्य होती है।

सूरज की किरणें वहां केवल गर्मी नहीं, आरामदायक प्रकाश और शीतल ऊर्जा देती हैं

बिजली, पंखे, बल्ब जैसे साधन वहाँ प्राकृतिक और ऊर्जा से भरपूर होते हैं।

विज्ञान वहाँ प्रकृति के अनुकूल चलता है, न कि उसके विरोध में।

  1. हर महल में हेलीकॉप्टर:यात्रा के दिव्य साधन

सतयुग के महलों में आज के हेलीकॉप्टर जैसे लेकिन और भी दिव्य और सहज साधन होते हैं।

 हर महल में एक दिव्य यंत्र होगा,एक बटन दबाते ही वह उड़ने लगता है,

 और आप सेकंडों में अपने गंतव्य तक पहुँच जाते हैं चाहे स्कूल हो या बगीचा।

यह साधन कोई प्रदूषण नहीं फैलाते, शोर नहीं करते और पूरी तरह फुलप्रूफ होते हैं।

  1. फुलप्रूफ मशीनें: कभी खराब नहीं होती सतयुग की मशीनें और उपकरण:

 कभी खराब नहीं होते,न ही उनका रख-रखाव करना पड़ता है,न ही रिपेयर की ज़रूरत पड़ती है।

 विज्ञान और प्रकृति के बीच की इतनी सुंदर युक्ति वर्तमान युग की कल्पना से परे है।

  1. स्कूल और भ्रमण सेकिंडों की बात वहाँ के बच्चों को स्कूल जाने में बस कुछ ही सेकिंड लगते हैं।

कोई ट्रैफिक नहीं,कोई देरी नहीं,कोई परेशानी नहीं।

 🌈 वहाँ की शिक्षा भी ऐसी होती है जिससे आत्मा और बुद्धि दोनों उज्जवल और दिव्य बनते हैं।

  1. विज्ञानऔर योग का मिलन सतयुग का विज्ञान आज के विज्ञान जैसा सीमित और अशुद्ध नहीं होता।

वहाँ का विज्ञान योगयुक्त और पवित्र होता है।

 वहाँ विज्ञान का उद्देश्य सुख देना होता है, न कि केवल सुविधा देना।

विज्ञान का उपयोग वहाँ आत्मा की सेवा और प्रकृति की मर्यादा में होता है।अंतिम प्रेरणा

“सतयुग कोईकल्पना नहीं, बल्कि आत्मा का सच्चा घर है।

आज परमात्मा हमें फिर से उस नई दुनिया के लिए तैयार कर रहे हैं जहाँ हर चीज़ नई होगी, जहाँ हर पल आनंदमय होगा,

जहाँ विज्ञान भी योगयुक्त होगा और जीवन दिव्यता से भरा होगा।”

सतयुग: जहाँ हर चीज़ नई और परफेक्ट होती है | Brahma Kumaris Q&A Series


❓प्रश्न 1: सतयुग को “नई दुनिया” क्यों कहा जाता है?

✅ उत्तर: सतयुग को “नई दुनिया” इसलिए कहा जाता है क्योंकि वहाँ सबकुछ नया होता है — मनुष्य का शरीर, वातावरण, रिश्ते, वस्त्र, भवन, विज्ञान और प्रकृति सब कुछ। वहाँ हर चीज़ दिव्य, शुद्ध और सतोप्रधान होती है, जो आत्मा के वास्तविक स्वरूप के अनुरूप होती है।


❓प्रश्न 2: सतयुग में प्रकाश कैसा होता है? क्या वहां भी बिजली होती है?

✅ उत्तर: सतयुग में रोशनी नैचुरल और दिव्य होती है। सूर्य की किरणें केवल गर्मी नहीं देतीं, बल्कि शीतल, सजीव ऊर्जा और सुखद प्रकाश प्रदान करती हैं। वहां की दिव्य तकनीक और विज्ञान प्रकृति के अनुरूप होते हैं, न कि उसके विरोध में।


❓प्रश्न 3: क्या सतयुग में भी यात्रा के साधन होते हैं?

✅ उत्तर: हाँ, सतयुग में यात्रा के दिव्य साधन होते हैं। हर महल में एक दिव्य यंत्र होता है जो हेलीकॉप्टर की तरह कार्य करता है। एक बटन दबाते ही वह उड़कर आपको स्कूल, बगीचे या अन्य जगह पर सेकंडों में पहुँचा देता है — बिना शोर, बिना प्रदूषण, और बिना किसी रुकावट के।


❓प्रश्न 4: सतयुग की मशीनें क्या कभी खराब होती हैं?

✅ उत्तर: नहीं, सतयुग की मशीनें पूरी तरह फुलप्रूफ होती हैं। वे कभी खराब नहीं होतीं, न ही उन्हें रिपेयर या मेंटेनेंस की ज़रूरत होती है। वहाँ की हर तकनीक दिव्य, सटीक और योगबल से युक्त होती है।


❓प्रश्न 5: बच्चों की शिक्षा प्रणाली सतयुग में कैसी होती है?

✅ उत्तर: सतयुग की शिक्षा आत्मा और बुद्धि दोनों को दिव्यता और उज्ज्वलता प्रदान करती है। बच्चे कुछ ही सेकंड में स्कूल पहुँच जाते हैं। वहाँ न ट्रैफिक होता है, न देर, और न किसी प्रकार की परेशानी। शिक्षा का उद्देश्य आत्मा के गुणों को जाग्रत करना होता है।


❓प्रश्न 6: क्या सतयुग का विज्ञान आज के विज्ञान से अलग है?

✅ उत्तर: बिल्कुल! सतयुग का विज्ञान आज के विज्ञान से बहुत ऊँचा है क्योंकि वह योगयुक्त होता है — आत्मा की पवित्रता और प्रकृति की मर्यादा का ध्यान रखते हुए सुखद अनुभव देने वाला होता है। वहाँ विज्ञान आत्मा की सेवा करता है, न कि केवल सुविधा या मनोरंजन।

🕊️ अंतिम प्रेरणा:

“सतयुग कोई कल्पना नहीं, बल्कि आत्मा का सच्चा और मूल स्थान है। आज परमात्मा हमें योग और श्रीमत के माध्यम से फिर से उस नई, सुंदर और दिव्य दुनिया के लिए तैयार कर रहे हैं।”

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