When and how will the flame of destruction occur (10) – Do not fix the date of world transformation, but fix the time of your own transformation

विनाश ज्वाला कबऔर कैसे होगी(10)-विश्व परिवर्तन की डेट नहीं, स्वयं के परिवर्तन की घड़ी निश्चित करो

( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

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विश्व परिवर्तन की डेट नहीं, स्वयं के परिवर्तन की घड़ी निश्चित करो!

“स्वयं को सम्पन्न करो – विश्व परिवर्तन स्वतः सम्पन्न होगा!”

परिवर्तन की घड़ी आपके हाथ में है!

🔔 विश्व परिवर्तन की डेट सोचने की आवश्यकता नहीं है।

🔥 अपने स्वयं के परिवर्तन की घड़ी निश्चित करें, क्योंकि आप ही विश्व परिवर्तन की घड़ी हैं!

  सम्पूर्णता का सूर्य उदय होना

🌅 जब सम्पूर्णता का सूर्य उदय होगा, तब अंधकार स्वतः समाप्त हो जाएगा!

🌍 यह बेहद की रात समाप्त होने के संकेत हैं, तो स्वयं से पूछो – अब कितना समय शेष है?

स्थापना को सम्पन्न बनाओ, तो परिवर्तन हुआ ही पड़ा है!

🔹 यदि सभी ब्राह्मण आत्माएं विश्व परिवर्तन की डेट सोचने के बजाय, स्थापना के कार्य को सम्पन्न करने के एक ही दृढ़ संकल्प में स्थित हो जाएं, तो परिवर्तन निश्चित है!

⚡ संकल्प करें – “स्वयं को सम्पूर्ण और सम्पन्न बनाऊंगा, तब विश्व परिवर्तन स्वतः सम्पन्न होगा!”

 🔱 अब वह समय आ गया है – स्वयं को अंतिम स्टेज में ले जाने का, विश्व को नई सृष्टि में प्रवेश कराने का!

विश्व परिवर्तन की डेट नहीं, स्वयं के परिवर्तन की घड़ी निश्चित करो!

प्रश्नोत्तर (Questions & Answers) पर स्वयं का परिवर्तन और सृष्टि परिवर्तन

प्रश्न 1: क्या विश्व परिवर्तन की कोई निश्चित तिथि है?
उत्तर: नहीं, विश्व परिवर्तन की कोई निश्चित तिथि नहीं है। परिवर्तन तब होगा जब आत्माएँ स्वयं को सम्पूर्णता की स्थिति में ले आएँगी। परिवर्तन की घड़ी हमारे स्वयं के परिवर्तन पर निर्भर करती है।

प्रश्न 2: स्वयं के परिवर्तन की घड़ी निश्चित करने का क्या अर्थ है?
उत्तर: इसका अर्थ है कि हमें अपनी आत्मा को पवित्रता, शक्ति, और सम्पूर्णता की अंतिम अवस्था में पहुँचाना होगा। जब हम स्वयं को परिवर्तन के योग्य बना लेंगे, तो विश्व परिवर्तन स्वतः ही हो जाएगा।

प्रश्न 3: सम्पूर्णता का सूर्य उदय होने से क्या तात्पर्य है?
उत्तर: जब आत्माएँ पूर्ण और सम्पूर्ण बन जाती हैं, तो उनका दिव्य प्रकाश पूरे विश्व में फैलता है। इससे अज्ञान, असत्य और अधर्म का अंधकार स्वतः समाप्त हो जाता है, और सत्य युग की स्थापना का कार्य सम्पन्न हो जाता है।

प्रश्न 4: ब्राह्मण आत्माओं का मुख्य कर्तव्य इस समय क्या होना चाहिए?
उत्तर: ब्राह्मण आत्माओं को विश्व परिवर्तन की तिथि सोचने के बजाय, स्वयं को सम्पूर्ण बनाने और स्थापना के कार्य को पूर्ण करने पर ध्यान देना चाहिए। जब यह कार्य सम्पन्न होगा, तो परिवर्तन भी निश्चित हो जाएगा।

प्रश्न 5: क्या विश्व परिवर्तन बिना आत्मिक परिवर्तन के संभव है?
उत्तर: नहीं, जब तक आत्माएँ स्वयं को शक्तिशाली, सम्पूर्ण, और सतोप्रधान नहीं बनातीं, तब तक विश्व परिवर्तन संभव नहीं है। हमारा स्वयं का परिवर्तन ही सृष्टि परिवर्तन का आधार है।

प्रश्न 6: इस समय आत्माओं को कौन सा संकल्प लेना चाहिए?
उत्तर: इस समय हमें यह दृढ़ संकल्प लेना चाहिए – “स्वयं को सम्पूर्ण और सम्पन्न बनाऊँगा, तब विश्व परिवर्तन स्वतः सम्पन्न होगा!” हमें स्वयं को अंतिम स्टेज में ले जाकर, विश्व को नई सृष्टि में प्रवेश कराने का कर्तव्य निभाना है।

🚀 अब समय आ गया है – स्वयं को परिवर्तन की अंतिम स्थिति में पहुँचाने का और विश्व को स्वर्णिम युग में ले जाने का! 🌍✨

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