Why is Shri Krishna called (Shyam) black and (handsome) fair?

श्री कृष्ण को (श्याम) काला और (सुंदर) गोरा क्यों कहते हैं?

( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

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“कृष्ण श्याम सुंदर क्यों कहलाते हैं? | श्रीकृष्ण का रहस्य | श्रीकृष्ण = ब्रह्मा बाबा?”


1. प्रश्न: श्रीकृष्ण श्याम भी क्यों कहे जाते हैं और सुंदर भी क्यों?

क्या आपने कभी सोचा –
श्री कृष्ण को कोई गौरवर्ण सुंदर कहता है,
तो कोई कहता है श्यामवर्ण काला

ऐसा क्यों?

भारतवर्ष में श्रीकृष्ण को सुंदर, गोरे, आकर्षक देवता के रूप में पूजा जाता है।
परन्तु अनेक चित्रों में वे श्याम वर्ण के भी दिखाए जाते हैं।

ये विरोध क्यों?
इसके पीछे गहरा आध्यात्मिक रहस्य छिपा है।


2. रूपों का भेद: कृष्ण और श्रीकृष्ण

  • श्याम रूप = 84वें जन्म में पतित अवस्था – प्रजापिता ब्रह्मा का तपस्वी रूप

  • सुंदर गोरा रूप = सतयुग का प्रथम जन्म – श्रीकृष्ण, 16 कला संपूर्ण देवता

कृष्ण = ब्रह्मा बाबा (अंतिम जन्म, वृद्ध, तपस्वी)
श्रीकृष्ण = वही आत्मा जब सतयुग में जन्म लेती है


 3. कालिया नाग की कथा – प्रतीकात्मक अर्थ

कहानी तो सुनी होगी –
जब श्रीकृष्ण ने कालिया नाग के फण पर नृत्य किया।
लेकिन इसका अर्थ?

  • गेंद = आत्मा

  • जमुना नदी = पतित शरीर (काली देह)

  • सांप = पाँच विकार (काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार)

आत्मा जब विकारी शरीर में जाती है,
तो श्याम हो जाती है – यानी पतित।
जब वही आत्मा योग के द्वारा विकारों पर विजय प्राप्त करती है,
तो फिर से सुंदर गोरी बन जाती है – श्रीकृष्ण!


 4. योग अग्नि से परिवर्तन

कैसे बनते हैं श्याम से सुंदर?
उत्तर: सहज राजयोग

परमात्मा शिव सिखाते हैं –
“मनुष्य से देवता” बनने की कला।

ब्रह्मा बाबा, जो श्याम रूप में थे,
योग और ज्ञान से फिर श्रीकृष्ण बनते हैं


 5. गीता का रहस्य: भगवान कौन?

गीता में दो प्रकार के बोल मिलते हैं:

  • मेरी शरण में जा”

  • “उसकी कृपा से तू मुक्ति पाएगा”

‘मैं’ कौन है? – परमात्मा शिव
‘उस’ कौन है? – माध्यम ब्रह्मा बाबा

मुरली (18 जनवरी 1970):
“यह जो साकार ब्रह्मा है,
इसी में परमात्मा प्रवेश करते हैं,
और सारा ज्ञान सुनाते हैं।”


 6. अर्जुन कौन?

‘अर्जुन’ कोई बाहरी योद्धा नहीं।
अर्जुन = जो ज्ञान को अर्जित करे,
जो भक्ति से ज्ञान की ओर बढ़े,
जो निद्रा को जीतकर पावन बने।

ब्राह्मण आत्मा – ब्रह्मा बाबा = सच्चा अर्जुन।


 7. निष्कर्ष: श्याम से सुंदर – एक आत्मा की यात्रा

एक ही आत्मा जब पतित होती है,
तो वह श्याम रूप (ब्रह्मा) कहलाती है।

जब वही आत्मा परमात्मा शिव से ज्ञान पाकर
योग के बल से विकारों पर विजय पाती है,
तो वही बनती है श्रीकृष्ण – सुंदर, 16 कला संपूर्ण।

“कृष्ण श्याम सुंदर क्यों कहलाते हैं? | श्रीकृष्ण का रहस्य | श्रीकृष्ण = ब्रह्मा बाबा?”


 प्रश्न 1: श्रीकृष्ण को कहीं श्याम (काला) और कहीं सुंदर (गौरा) क्यों कहा जाता है?

उत्तर:यह द्वैत श्रीकृष्ण की दो अवस्थाओं का संकेत है –

  • श्याम रूप दर्शाता है उस आत्मा की 84वें जन्म की पतित अवस्था, जब वही आत्मा ब्रह्मा बाबा के रूप में तपस्या कर रही होती है।

  • सुंदर गोरा रूप दर्शाता है सतयुग में उसका पहला जन्म – जब वह श्रीकृष्ण के रूप में जन्म लेकर 16 कला संपूर्ण देवता होता है।
    यह एक ही आत्मा की यात्रा है – पतित से पावन बनने की।


प्रश्न 2: क्या कृष्ण और श्रीकृष्ण अलग-अलग हैं?

उत्तर:कृष्ण और श्रीकृष्ण अलग व्यक्ति नहीं, बल्कि एक ही आत्मा के दो रूप हैं।

  • जब वह आत्मा अंतिम जन्म में तपस्वी बनती है, तो ब्रह्मा बाबा कहलाती है।

  • जब वह आत्मा सतयुग के पहले जन्म में देवता बनती है, तो श्रीकृष्ण कहलाती है।
    इसलिए कृष्ण = ब्रह्मा बाबा, और श्रीकृष्ण = वही आत्मा का पावन रूप।


 प्रश्न 3: कालिया नाग की कथा का आध्यात्मिक अर्थ क्या है?

उत्तर:यह कहानी प्रतीकात्मक है:

  • गेंद = आत्मा

  • जमुना नदी = पतित शरीर (काली देह)

  • कालिया नाग = पाँच विकार (काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार)
    जब आत्मा इन विकारों में फँसती है तो श्याम रूप में आ जाती है।
    जब श्रीकृष्ण (आत्मा) इन विकारों को जीतता है, तो वह विजयी और सुंदर बन जाता है।


 प्रश्न 4: श्याम आत्मा सुंदर कैसे बनती है?

उत्तर:सहज राजयोग और परमात्मा शिव के ज्ञान द्वारा।
ब्रह्मा बाबा, जो श्याम अवस्था में थे, योग और ज्ञान से पवित्र बनते हैं और फिर वही आत्मा सतयुग में श्रीकृष्ण बनती है।
इसे ही कहते हैं – मनुष्य से देवता बनने की यात्रा


 प्रश्न 5: गीता में ‘मैं’ कौन है और ‘उसकी कृपा’ कौन देता है?

उत्तर:

  • गीता में “मेरी शरण में आ” कहने वाला है – परमात्मा शिव

  • “उसकी कृपा से तू मुक्ति पाएगा” – इसका संकेत है माध्यम ब्रह्मा बाबा
    मुरली (18 जनवरी 1970) में स्पष्ट कहा:
    “यह जो साकार ब्रह्मा है, इसी में परमात्मा प्रवेश करते हैं, और सारा ज्ञान सुनाते हैं।”


 प्रश्न 6: अर्जुन कौन है?

उत्तर:अर्जुन कोई बाहरी योद्धा नहीं, बल्कि हर वह आत्मा है जो:

  • ज्ञान को अर्जित करती है,

  • भक्ति से ज्ञान की ओर बढ़ती है,

  • और योग से पावन बनती है।
    ब्रह्मा बाबा ही वह मुख्य अर्जुन हैं, जिनसे यह ज्ञान यात्रा शुरू होती है।


 प्रश्न 7: निष्कर्ष – श्रीकृष्ण का रहस्य क्या है?

उत्तर:एक ही आत्मा, जब विकारी अवस्था में होती है, तो वह श्याम कहलाती है (ब्रह्मा बाबा)।
जब वही आत्मा योग और ज्ञान द्वारा विकारों से मुक्त होती है, तो वही आत्मा सुंदर श्रीकृष्ण बनती है।
यही है आत्मा की “श्याम से सुंदर” बनने की सच्ची यात्रा।

डिस्क्लेमर (Disclaimer):

यह वीडियो ब्रह्मा कुमारीज के आध्यात्मिक ज्ञान एवं मूल्यों पर आधारित है। इसमें प्रस्तुत विचार और व्याख्याएं शास्त्रों, मुरली पॉइंट्स और राजयोग साधना पर आधारित आध्यात्मिक दृष्टिकोण से दिए गए हैं। यह किसी धार्मिक भावना को ठेस पहुँचाने के लिए नहीं है, बल्कि आत्मा की यात्रा और श्रीकृष्ण के गूढ़ रहस्य को आध्यात्मिक दृष्टि से समझाने का प्रयास है। दर्शकों से निवेदन है कि इसे खुले मन और ज्ञान की भावना से देखें।

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